समीर गुस्से में बोला, "तुझे कितनी बार कहा है दीपक, मेरे साथ होते हुए किसी लड़की के साथ ऐसी बकवास हरकत मत किया कर!"
दीपक ने तैश में आकर जवाब दिया, "तू होता कौन है मुझे रोकने वाला? मेरी मर्जी, मैं जो चाहे करूंगा, जिसे चाहूं छेड़ूंगा, क्या वो तेरी बहन लगती है?"
समीर ने थोड़ी देर के लिए शांति बनाई और फिर कहा, "नहीं, मेरी बहन नहीं लगती वो, लेकिन किसी की तो लगती है न। मैं तेरा दोस्त हूं यार, तुझे मेरी बात माननी चाहिए, मेरी भलाई ही सोच रहा हूं।"
दीपक ने चिढ़कर कहा, "भाड़ में जाए तेरी दोस्ती! और भाड़ में जाए तेरा सब कुछ!" यह कहकर दीपक वहां से चला गया। समीर उसे वहां से जाते हुए बस देखता रह गया।
राहुल, जो समीर का अच्छा दोस्त था, पास आया और बोला, "यार समीर, तू क्यों उसकी वजह से अपना दिमाग खराब करता है? आज तेरा क्रिकेट ट्रायल है, उसपर ध्यान दे, अपने सपनों के बारे में सोच।"
समीर ने गहरी सांस ली और कहा, "तुम सही कह रहे हो यार, उम्मीद है कि आज मेरे सपनों को पंख लग जाएंगे।"
राहुल ने आत्मविश्वास से कहा, "बिल्कुल, तू इतना अच्छा क्रिकेट खेलता है, तू ज़रूर सेलेक्ट होगा और बहुत जल्दी इंडिया के लिए खेलेगा।"
समीर थोड़ी उदासी के साथ बोला, "तुम जानते हो राहुल, मेरे पेरेंट्स कभी नहीं चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं। वो हमेशा कहते थे कि खेलों में कोई भविष्य नहीं है, पढ़ाई करो, पढ़-लिखकर कुछ बन जाओ। लेकिन वो ये कभी नहीं समझ पाए कि हर कोई आइंस्टाइन नहीं होता। कुछ लोग क्रिकेट में रुचि रखते हैं, कुछ को संगीत में, कुछ को और किसी चीज में। पेरेंट्स को बच्चों को वो करने देना चाहिए जो उन्हें पसंद हो, ताकि वही उनका असली टैलेंट बाहर ला सके। लेकिन मेरे पेरेंट्स ने कभी ये नहीं समझा। आज वो इस दुनिया में नहीं हैं, फिर भी पता नहीं क्यों उनकी बातें मेरे दिमाग में घूम रही हैं।"
राहुल ने उसे ढांढस बंधाया, "तू चिंता मत कर, बस अपने खेल पर ध्यान दे, तेरा सेलेक्शन पक्का है।"
समीर ने थोड़ी मायूसी से कहा, "लेकिन यार, मेरे पास न तो सफेद ड्रेस है और न ही क्रिकेट किट। एक सफेद ड्रेस खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं मेरे पास।"
राहुल ने उसे उत्साहित करते हुए कहा, "देख समीर, क्रिकेट सफेद कपड़ों में ही खेला जाए, ये जरूरी नहीं है। जिसमे टैलेंट होता है, पैसा कभी उसकी राह में रुकावट नहीं बनता।"
समीर ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, "भगवान करे, तेरी बात सच हो जाए, दोस्त।"
" नही, नही, पहले जा के सफेद ड्रेस ले के आओ और किट ले के आओ, उसके बाद ही तुम्हे ट्राइयल दिए जाने की पर्मिशन मिलेगी " कोच ने कहा.
" प्लीज़ सर, ये बहुत अच्छा खेलता है, इसे बस एक मौके की ज़रूरत है " राहुल ने कहा.
" एक बार कह दिया नही, तो नही, हमारे भी कुछ रूल्स है " कोच ने कहा.
कोच की ये बात सुनकर समीर हंस दिया.
बोला," चल राहुल, मैने पहले ही कहा था कि यहाँ मेरा कुछ नही होने वाला "
" आए लड़के, मैने कोई जोक मारा है, किस बात की हँसी आ रही है तुम्हे "
" कुछ नही सर, एक नयी बात पता चली आज मुझे, इसलिए खुश हो रहा था कि जनरल नालेज मे बढ़ोतरी हो गयी "
" अच्छा, ऐसी क्या नयी बात पता चली तुझे, ज़रा मैं भी तो सुनूँ "
" यही सर, कि जिसके पास सफेद ड्रेस नही है, उसे क्रिकेट खेलना नही आता "
" क्या बकवास कर रहे हो तुम "
" सही तो कह रहा हूँ सर, सारे गली-मोहल्लो मे बच्चे खेलते है, कोई सफेद ड्रेस पहनकर नही खेलता, और कोई उन्हे बाध्य नही करता सफेद ड्रेस पहनने के लिए सर, पता है क्यूँ, क्योंकि वहाँ उन बच्चो का टॅलेंट देखा जाता है, उनके कपड़े नही, अधनंगे, फटे-पुराने कपड़ो के साथ भी बच्चे क्रिकेट खेलते है सर, क्योंकि ये गेम हमारे खून मे मिला हुआ है, इसे खेले बिना हम रह नही सकते, और आप लोग सिर्फ़ कपड़ो की वजह से ना जाने कितने टॅलेंटेड लोगो को बाहर बैठा देते है, इंडिया के ग्रेट्स भी ग़रीबी से ही उठकर आए थे सर, उनके पास भी कभी कपड़े नही हुआ करते थे, सिर्फ़ एक मौके की बात होती है सर, सिर्फ़ एक मौके की, वो एक मौका जिसे मिल जाता है, वो दुनिया को दिखा पाता है कि उसके पास क्या है, भगवान ने उसे क्या गिफ्ट देके भेजा है, और मेरे जैसे लोग, सारी जिंदगी सिर्फ़ उस एक मौके की तलाश मे गुज़ार देते है सर, सिर्फ़ उस एक मौके की तलाश मे "
इतना बोलकर राहुल और समीर वापिस जाने के लिए मूड गये.
कोच के चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि कुछ सोच रहा हो, फिर अचानक बोला," आए लड़के, इधर आओ "
कोच की आवाज़ सुनकर राहुल और समीर वापिस मुड़े.
" क्या नाम बताया था तुमने अपना " कोच ने पूछा.
" समीर " समीर बोला.
" क्या करते हो, मेरा मतलब बॅटिंग, बोलिंग, कीपिंग या ऑल-रआउंडर हो "
" ऑल-रआउंडर हूँ सर "
" हूँ, ठीक है, एक मौका दिया तुझे, मेरे कॅंप का बेस्ट बॅट्समेन तेरी बॉल्स को फेस करेगा, अगर तूने उसे 12 बॉल्स मे आउट कर दिया, तो तेरा सेलेक्षन पक्का, मंजूर है "
" बिल्कुल सर, मुझे क्या प्राब्लम हो सकती है " समीर की आँखो मे चमक आ गयी थी, वही हाल राहुल का भी था.
" ठीक है, आ जाओ मैदान मे " कोच ने कहा.
बिल्कुल ऐसी ही आवाज़ हुई थी जब समीर ने पहली ही बॉल पर बॅट्समेन की मिड्ल स्टंप उखाड़ दी थी, इंस्विंगिंग डेलिवरी थी, आगे पिच की हुई, तकरीबन 140 की पेस पे, बॅट्समेन कवर ड्राइव खेलने गया, बॅट और पॅड के बीच मे गॅप बना और लेट स्विंग की वजह से बॅट्स्मन गच्चा खा गया और बोल्ड.
कोच काफ़ी इंप्रेस हुआ समीर से, और इस तरह समीर का सेलेक्षन हो गया.
फिर हुआ डिस्ट्रिक्ट लेवेल का टूर्नमेंट, और उसमे समीर ने कमाल ही कर दिया, बॅट से भी और बोल से भी, इतना ही नही टूर्नमेंट की सभी टीम्स मे से वन ऑफ दा बेस्ट फीलडरर्स भी उसे कहा गया कॉमेंटेटर्स के द्वारा.
जल्द ही उसका रणजी टीम मे सेलेक्षन हो गया और वहाँ से उसने पीछे मुड़कर नही देखा, वैसे भी इंडियन टीम को एक सीमिंग ऑरआउंडर की ज़रूरत थी और समीर उसमे बिल्कुल फिट बैठता था, अपने पहले ट्राइयल के सिर्फ़ एक साल बाद ही समीर इंडियन क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम का हिस्सा था.
और फिर वो घड़ी भी आ गयी जब उसने डेब्यू किया, कॅप्टन से कॅप लेकर उसे ऐसा लगा जैसे कि उसने पूरी दुनिया जीत ली हो, इतनी खुशी उसे आजतक नही हुई थी.
इतनी जल्दी सफलता उसे मिली थी जिसकी उसने कभी कल्पना भी नही की थी, क्रिटिक्स भी उसे इंडिया के लिए 'नेक्स्ट बिग थिंग' बता रहे थे, और उसने भी उन्हे निराश नही किया, अपने पहले ही मॅच मे पहले बॅटिंग करते हुवे इंडिया ने 309 रन बनाए जिसमे समीर ने ताबड़तोड़ 75 रन्स की पारी खेली सिर्फ़ 35 बॉल्स मे, रही-सही कसर उसकी 10-3-25-6 की बोलिंग फिगर्स ने पूरी कर दी.
पहले ही मॅच से वो इंडिया की यूथ के दिल-ओ-दिमाग़ पर छा गया.
फिर आया वो लम्हा जिसके लिए हर क्रिकेटर खेलता है, अपनी टीम को वर्ल्ड कप मे रेप्रेज़ेंट करना, वर्ल्ड कप इंडिया मे हो रहा था इसलिए फेवराइट्स इंडिया ही थे, और जैसे-जैसे टूर्नमेंट आगे बढ़ा, सबको लगने लगा कि इंडिया ही जीतेगी, सेमिफाइनाल की हर्डल भी पार कर ली थी इंडिया ने, सिर्फ़ फाइनल बचा था, सेमिफाइनाल जीतने के बाद समीर राहुल के साथ पार्टी करने के लिए गया था.
जब वो पार्टी से लौट रहे थे तो उन्हे रास्ते मे एक गाड़ी मे से किसी लड़की की घुटि-घुटि सी चीख की आवाज़ आई.
उन्होने जाकर देखा तो 5 लोग मिलकर एक लड़की का रेप करने की कोशिश कर रहे थे.
राहुल और समीर ने उस लड़की को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वो 5 थे और इधर सिर्फ़ दो, लेकिन उन्होने हार नही मानी, जब तक उनके शरीर मे ताक़त थी, वो लड़ते रहे, तब तक वहाँ से गुजरती पोलीस की गश्त लगाती जीप ने उन्हे देख लिया और वो 5 वहाँ से भाग गये, समीर और राहुल को हॉस्पिटल मे भरती कराया गया, समीर की 6 हड्डिया टूट गयी थी राहुल की भी एक उंगली फ्रॅक्चर थी और काफ़ी अन्द्रूनि चोटे लगी थी.
उसे ठीक होते-होते काफ़ी दिन लग गये, इंडिया वर्ल्ड कप जीत गया और उसके सभी टीम-मेट्स वर्ल्ड कप लेकर उससे मिलने वहाँ आए.
तभी वहाँ प्रेस कान्फरेन्स भी रखी गयी थी.
प्रेस ने समीर से सवाल किया," आप वर्ल्ड कप फाइनल मे नही खेल पाए, क्या इस बात का आपको मलाल है "
" जी नही, मैं उस लड़की की इज़्ज़त बचा सका, मुझे इस बात की खुशी है, किसी बात का मलाल नही है "
" लेकिन अपनी टीम को वर्ल्ड कप जिताना हर खिलाड़ी का सपना होता है, आपने उस सपने की जगह उस लड़की को ही क्यू चुना "
" देखिए, वर्ल्ड कप 4 साल बाद फिर से आ जाएगा, लेकिन अगर उस लड़की की इज़्ज़त चली जाती, तो वो 4 साल बाद फिर नही आती, इसलिए मैने उस लड़की को बचाना, मेरे वर्ल्ड कप फाइनल मे खलेने से ज़्यादा ज़रूरी समझा "
" कयि लोगो का मानना है कि लड़कियो के छोटे कपड़े पहनने से रेप होते है, और कयि लोग कहते है कि शादी की एज 18 कर दी जाए तो रेप केसस कम हो जाएँगे, आपके हिसाब से इंडिया मे बढ़ते हुए रेप केसस को कैसे रोका जा सकता है "
" रेप होने की वजह लकड़ियो के शॉर्ट कपड़े पहनना या शादी की एज 21 होना नही है, रेप होने की वजह है इंसानो की घटिया मानसिकता, जो सिर्फ़ लड़कियो को इस्तेमाल की वास्तु समझते है, जिस दिन इन लोगो की मानसिकता बदल जाएगी, उस दिन रेप होने अपने आप रुक जाएँगे, ये लोग किसी भी लड़की को छेड़ते है जैसे कि वो इनके बाप की जागीर हो, लेकिन अगर कोई इनकी बेहन को छेड़े तो इनके तन-बदन मे आग लग जाती है, ये क्यो नही सोचते कि ये जिस लड़की को छेड़ रहे है, वो भी तो किसी की बेहन होगी "
" आपकी 6 हड्डिया टूट गयी है, आप काफ़ी दिनो तक क्रिकेट के मैदान से बाहर रहेंगे, इस बारे मे आपको क्या कहना है "
समीर के होंठो पर मुकुराहट उभर आई," अगर मेरी इन टूटी हुई 6 हड्डियो के बदले मे मैं अगर सिर्फ़ 6 लोगो की मानसिकता, उनकी लड़कियो के प्रति घटिया सोच को बदल पाउन्गा, तो इन 6 हड्डियो के टूटने का मुझे कोई मलाल नही है "|
नकारात्मक सोच
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