बस भीड़ से एकदम पैक थी। पैसेंजर एक दूसरे के बदन से एकदम सटे थे। किसी को भी हिलने की जगह नहीं थी। सबरीना भी उस भीड़ में बुरी तरह फंसी थी। उसकी सहेली ने उसे बुलाया था। शौहर घर ना होने से वो आज अपनी सहेली के पास जाने निकली थी। जब भी उसे या उसकी सहेली को ऐसा वक्त मिलता तो वो एक दूसरे के घर एक रात आती-जाती थी जिससे उनका वक्त पास हो। सहेली ने नया फ्लैट लिया था और आज पहली बार वो अपनी सहेली के नये घर जा रही थी। दिखने में सबरीना बेहद खूबसूरत और सैक्सी थी और उसकी फिगर भी एकदम मस्त थी। आज ४२ की होने के बाद और शादी के इक्किस साल के बाद भी वो एकदम ३०-३२ की लग रही थी। आम तौर पे इस उम्र में औरतें शादी और बच्चे होने के बाद मोटी हो जाती है पर सबरीना ने अपनी सेहत का काफी ध्यान रखते हुए ज़रा भी चर्बी चढ़ने नहीं दी अपने जिस्म पे। उसकी ५’४” की लंबाई पे ३६-२८-३६ का जिस्म बहुत अच्छा दिखता था। कंधों तक बाल, टाइट कसी साड़ी या चूड़ीदार सलवार कमीज़ और हल्का सा मेक-अप उसे भीड़ में अलग दिखाता था। सबरीना के जिस्म का सबसे आकर्षक हिस्सा था उसकी गाँड। जब वो ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहन कर चलती तो उसकी वो गाँड ठुमकती थी। टाइट गाँड होने से ठुमकने में एक मदहोशी थी। टाइट साड़ी या कसी हुई चूड़ीदार सलवार और ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहनने से उसकी वो गाँड और नज़र में भरती। आज सबरीना ने एक क्रीम कलर की नेट की साड़ी पहनी थी। क्रीम स्लीवलेस ब्लाऊज़ और सिर्फ़ मोतियों की माला थी। पैरों में गहरे ब्राऊन कलर के चार इंच ऊँची ऐड़ी की सैंडल थे। भीड़ की वजह से पसीना चू रहा था और वो कॉटन की साड़ी पसीने से कमर और पेट पे चिपकी थी। पसीने से ब्लाऊज़ भी तरबतर होने से उसमें से सबरीना की ब्रा दिखायी दे रही थी। ऊपर हैंडल पकड़ने से उसके ब्लाऊज़ के अंदर की ब्लैक ब्रा और उनमें दबे मम्मों की रूपरेखा साफ़ दिखायी दे रही थी।
सिटी बस में १-२ ही लाईट जल रही थी। उस भीड़ में बाकी मर्दों में विक्की भी था और इत्तफ़ाक से वो एकदम सबरीना के पीछे खड़ा था। विक्की एक २५-२६ साल का मर्द था। भीड़ में छेड़-छाड़ करने का उसका कोई इरादा ना था पर बार-बार पीछे के धक्कों से वो आगे वाली औरत से टकरा जाता था। उस औरत ने जब १-२ बार मुड़ के ज़रा नाराज़गी से उसे देखा तो उसने सोचा कि मैं जानबूझ के कुछ नहीं कर रहा तो भी ये औरत क्यों बिगड़ रही है मुझ पे? वो उस औरत को पीछे से देखने लगा। उस औरत की टाइट साड़ी में लिपटी गाँड, पसीने से गीली कमर, ब्लाऊज़ से दिख रही ब्रा और बगलों से दिखते ब्रा में छिपे गोल मम्मे देख के उसकी पैंट में हलचल होने लगी। विक्की ने सोचा कि कुछ किया नहीं तो भी ये औरत नाराज़गी दिखा रही है तो कुछ करके इसकी नाराज़गी लेना अच्छा है। यही सोचते हुए विक्की ने पीछे खड़े होते हुए हल्के से उस औरत की गाँड को छूते हुए खुद बोला, “उफ्फ साली कितनी भीड़ और गर्मी है, कितने लोग भरे हैं बस में... और ये बस भी कितनी धीरे चल रही है।”
इस बार गुस्सा होने के बजाय सबरीना को लगा जैसे उसकी ही गलती है और वो थोड़ी नरमी से मुस्कुराते हुए बोली, “ओह आय एम सॉरी, भीड़ की वजह से मैंने आपको गुस्से से देखा।” उस औरत की बात सुन के विक्की ने भी कहा, “नहीं-नहीं कोई बात नहीं, पर खड़े रहने तक की जगह नहीं है इस भीड़ में।” इतने में पीछे से भीड़ ने फिर धक्का मारा और विक्की पीछे से सबरीना के जिस्म से पूरा चिपक गया। विक्की भीड़ को पीछे धक्का दते हुए बोला, “सॉरी मैडम लेकिन क्या करूँ? पीछे से इतनी भीड़ का धक्का आता है और आपसे टकरा जाता हूँ, आय एम सॉरी।” सबरीना समझी कि विक्की सच कह रहा है, इसलिये वो भी बेबस हो कर मुस्कुराते हुए कुछ नहीं बोली।
विक्की को पीछे से उस औरत के पसीने से गीले ब्लाऊज़ से उसकी ब्लैक ब्रा दिखायी दी। पूरा पसीना पीठ पे था, पसीने की बूँदें बालों से टपक के पीछे और आगे से ब्लाऊज़ गीला कर रही थी। सहारे के लिये हाथ ऊपर होने से उसकी चूंची दिख रही थी। अब विक्की ज़रा बिंदास होकर उस औरत के पीछे चिपक के गरम साँसें उसकी गर्दन पे छोड़ने लगा। सबरीना उस आदमी की साँसों से और उसके तने हुए लंड का स्पर्श अपनी गाँड पे महसूस करके मचली ज़रूर, पर पीछे मुड़ के उसकी और नाराज़गी से देखते हुए अपनी नाखुशी जतायी कि उसकी हरकतें उसे पसंद नहीं। विक्की ने उसकी नज़र को पढ़ा पर ध्यान ना देते हुए, पीछे से उसे और दबाके अपना हाथ हल्के से उसके पसीने से गीले नंगे पेट पे रखते हुए बोला, “साला कितनी आबादी बढ़ गयी है देश की, ठीक से सफ़र भी नहीं कर सकते। ना जाने लोगों को इतने बच्चे पैदा करने का वक्त कैसे मिलता है।”
अपने पेट पे उस आदमी का हाथ पाके सबरीना को कैसा तो लगा। उस मर्द का हाथ हटाने की उसके पास जगह भी नहीं थी इसलिये वो थोड़ा आगे होते हुए हल्की आवाज़ में बोली, “देश की आबादी और लोग क्या-क्या करते हैं... ये जाने दो आप! आप थोड़े पीछे खड़े रहो।” अब विक्की पीछे हटने वाला नहीं था। वो भी थोड़ा आगे खिसकते हुए फिर उसके पसीने से गीले पेट को उँगली से मसलते हुए बोला, “अरे भाभी कैसे पीछे जाऊँ, देखो पीछे कितनी भीड़ है, आप तो सिर्फ़ पीछे से दब रही हो, मैं तो आगे आपसे और पीछे भीड़ से दबा हूँ... बोलो क्या करूँ?” सबरीना पीछे हो कर थोड़ा उस आदमी के नज़दीक आके उसके पैर पे अपना ऊँची ऐड़ी का सैंडल रख के दबे होंठों से बोली, “अपना हाथ हटाओ।” जैसे उसने कुछ सुन ही नहीं हो, विक्की अपना हाथ और रगड़ के पीछे से उससे चिपकते हुए बोला, “यार सबको क्या इसी बस से आना था! भाभी सॉरी... आपको तकलीफ हो रही है पर क्या करूँ?” फिर हल्की आवाज़ में सबरीना के कान के पास आके विक्की बोला, “अरे भीड़ है तो ये सब चलता है।” उस आदमी की बात से सबरीना समझ गयी कि ये भीड़ का पूरा फायदा लेने वाला है और अब वो पीछे हटने वाला नहीं। इसलिये जैसे तैसे करके अपने आपको आराम देने की कोशिश करते हुए वो बोली, “कबीर मोहल्ला और कितनी दूर है पता नहीं, ये बस भी कैसे धीरे चल रही है। इससे तो अच्छा होता कि मैं रिक्शा ले लेती तो इस भीड़ से तो नहीं जाना पड़ता।”
विक्की ने सोचा कि इज़्ज़त की वजह से ये औरत कुछ नहीं बोल सकेगी। अपने हाथ से उसका पेट मसलते हुए, गरम साँसें गर्दन पे छोड़ते हुए और गाँड पे हल्के से लंड रगड़ते हुए वो बोला, “कबीर मोहल्ला अब २० मिनट में आयेगा, भाभीजी! आपका तो फिर भी ठीक है... मुझे तो गाँधी नगर जाना है, आपके स्टॉप से ३० मिनट आगे। आपके उतरने के बाद मुझे आधा घंटा इस भीड़ में आपके बिना गुजारना है।” सबरीना को भी पूरा एहसास हुआ कि वो आदमी इस भीड़ का फायदा उठा रहा है और वो कुछ नहीं कह सकती। बेबस हो कर अब कोई विरोध किये बिना अपना जिस्म ढीला छोड़ते हुए वो बोली, “वैसे ये कबीर मोहल्ला इलाका कैसा है? वहाँ से मुझे जामिया नगर जाना है।” विक्की अब बिंदास उस औरत को मसल रहा था। उस औरत की नाभि में अँगुली डालते हुए वो बोला, “मोहल्ला तो अच्छा है लेकिन लोग हरामी हैं। ज़रा संभल के जाना, बहुत गुंडे रहते हैं वहाँ, खूब छेड़ते हैं बेटियों और औरतों को... अपने रिक्शा से ही जाना ठीक था।” हाथ अब उसके बूब्स के नीचे तक लाके और १-२ बार उसकी गर्दन हल्के से चूमते हुए विक्की आगे बोला, “भाभी तुम आरम से खड़ी रहो... पीछे भीड़ बढ़ भी गयी तो तुमको तकलीफ नहीं होने दूँगा। तुम्हारा नाम क्या है भाभी, मैं विक्की हूँ।”
सबरीना के पास अब आगे जाने की जगह नहीं थी इसलिये वो अब विक्की की हरकतों का मज़ा लते हुए कोई विरोध नहीं कर रही थी। पर वो एक बात का ख्याल रख रही थी कि कोई ये देखे नहीं। इसलिये जब विक्की ने उसकी नाभि में उँगली डाली तो उसने सहारे का हाथ निकाल के अपना पल्लू पूरा सीने पे ओढ़ते हुए कहा, “ओह थैंक यू। मेरा नाम सबरीना खान है। जामिया नगर जाने का कोई दूसरा रास्ता है क्या? आप मुझे पहुँचायेंगे वहाँ? आप साथ रहेंगे तो वो गुंडे मुझे तंग भी नहीं करेंगे।” इशारे से सबरीना विक्की को अपने साथ आने के लिये बोल रही थी... ये विक्की समझ गया और सबरीना के पल्लू ओढ़ने से ये भी समझ गया कि ये औरत मस्ती चाहती है। वो समझा कि ये साली सबरीना बेगम को मज़ा आ रहा है, कुछ बोल ही नहीं रही है, देखें कब तक विरोध नहीं करती। विक्की ने पल्लू के नीचे से अपना हाथ सबरीना के मम्मों पे रखते हुए कहा, “दूसरा रास्ता बड़ा दूर का है, तुम चाहो तो मैं छोड़ूंगा तुमको जामिया नगर, मैं मर्द हूँ, मेरे साथ कबीर मोहल्ले से आओगी तो कोई नहीं छेड़ेगा तुमको। तेरे लिये इतना तो ज़रूर करूँगा मैं सबरीना।” इस भीड़ में अपने मम्मों पे हाथ पाके सबरीना ज़रा घबड़ा गयी और सिर पीछे करके दबे होंठों से विक्की से बोली, “शुक्रिया विक्की... पर तेरा इरादा क्या है? भीड़ का इतना भी फायदा लेने का... ऐसे? मैं कुछ बोलती नहीं... इसलिये ये मत समझो कि मुझे कुछ पता नहीं है, पहले पीछे से सट गये मुझसे, फिर पेट रगड़ा और अब सीने तक पहुँच गये। इरादा क्या है बता तो सही?”
विक्की ने मुस्कुराते हुए कहा, “ऐसा ही कुछ समझो सबरीना, अब तुम लग रही हो इतनी मस्त कि रहा नहीं गया... पहले दिल में कुछ नहीं था पर छूने के बाद अब सब करने का इरादा है, अब तक पिछवाड़ा और पेट सहलाते हुए हाथ अब सीने तक पहुँचा है पर अभी नीचे जाना बाकी है, बोल तेरा इरादा क्या है? तू भी तो मज़ा ले रही है, बोल तू क्या चाहती है?” विक्की का हाथ अब सबरीना के ब्लाऊज़ के हुक पे आ गया। सबरीना समझी कि विक्की ब्लाऊज़ खोलना चाहता है, इसलिये उसने झट से मुड़ कर विक्की का हाथ वहाँ से खिसका दिया पर ऐसा करने से विक्की का हाथ उसके पूरे कड़क मम्मों को छू गया। विक्की को देखते हुए उसने कहा, “हुम्म छोड़ो उसे, जहाँ जितना करना है उतना ही करना। तुम लोगों कि यही तकलीफ है, थोड़ी ढील दी कि पूरा हाथ पकड़ लेते हो। ये लो मेरा स्टैंड आया। तुम चलते हो क्या मेरे साथ... मुझे जामिया नगर छोड़ने विक्की?” सबरीना ने आखिरी शब्द आँख मारते हुए कहे। विक्की सबरीना के हाथ को पकड़ के बोला, “अब तेरी जैसी गरम माल मिले तो रहा नहीं जाता, इसलिये तेरा ब्लाऊज़ खोलने लगा था। तेरे साथ आऊँगा सबरीना लेकिन मेरे वक्त की क्या कीमत देगी तू?” विक्की ने सबरीना का हाथ कुछ ऐसे पकड़ा कि वो हाथ उसके लंड तो छू गया।
लंड को छूने से सबरीना ज़रा चमकी। वो अब चाहने लगी थी कि इस मर्द के साथ थोड़ा वक्त बिताऊँ। वो भी गरम हो गयी थी। मुस्कुरा कर वो बोली, “अरे पहले बस से उतर तो सही, मुझे ठीक से पहुँचाया तो अच्छी कीमत दूँगी तेरे वक्त की। देख बस रुकेगी अब... मैं उतर रही हूँ... तुझे कुछ चाहिये इससे ज्यादा तो तू भी उतर नीचे मेरे साथ।” सबरीना का स्टॉप आया और वो झट से आगे जाके बस से उतरने लगी। सबरीना का जवाब सुन के विक्की खुश हो कर उसके पीछे उतरा और ज़रा आगे तक दोनों साथ-साथ चलने लगे।
विक्की सबरीना को लेके चलने लगा। सबरीना ने जानबूझ के अपना पल्लू ऐसे रखा जिससे विक्की को बगल से उसके मम्मों का तगड़ा नज़ारा दिखे और उसके मम्मों के बीच की गली साफ़ दिखायी दे। आगे काफी सुनसान गली में पूरा अंधेरा था। विक्की सबरीना की कमर में हाथ डालके कमर मसलते हुए बोला, “जामिया नगर में इतनी रात क्या काम है तेरा? किसको मिलने जा रही है तू इतनी रात सबरीना।” घबड़ाते हुए सबरीना विक्की का हाथ कमर से हटाते हुए बोली, “विक्की हाथ हटा कमर से, पता नहीं चलता यहाँ रासते में कितने लोग आते जाते हैं। मैं जामिया नगर अपनी सहेली के घर जा रही हूँ।” विक्की ने हाथ फिर सबरीना की कमर में डाल के उसे अपने से सटते हुए कहा, “सबरीना जैसा अच्छा तेरा नाम है वैसा अच्छा तेरा रूप है। सुन सबरीना इस अंधेरे में किसी को कुछ नहीं दिखता, वैसे भी इस वक्त कोई भी आता जाता नहीं यहाँ से... इसलिये तो डरना नहीं बिल्कुल।” ये कहते हुए विक्की अपने दूसरे हाथ को सबरीना के नंगे पेट पे रखते हुए बोला, “इस वक्त सहेली के घर क्या काम निकाला तूने?”
किसी के देखने के डर से सबरीना जल्दी-जल्दी विक्की के आगे चलते हुए सड़क से ज़रा उतर के सुनसान जगह में एक पेड़ के पीछे जाके खड़ी हो गयी। तेज़ चलने से उसकी साँसें तेज़ हो गयी थीं जिससे उसका सीना ऊपर नीचे हो रहा था और पल्लू तकरीबन पूरा-पूरा ढल गया था। जैसे ही विक्की उसके सामने आया तो वो बोली, “उफ्फ ओहह, तुम क्या कर रहे थे सड़क पे ऐसे? कोई देखेगा तो क्या सोचेगा? आज मेरी सहेली ने मुझे उसके नये घर बुलाया था, इसलिये मैं उसके घर जा रही हूँ।” विक्की सबरीना के सामने खड़ा हो कर सबरीना का बिना पल्लू का उछलता हुआ सीना देखते हुए एक हाथ से ब्लाऊज़ पर से मम्मे मसलते हुए और दूसरे हाथ से उसका पेट सहलाता हुआ बोला, “यहाँ कौन देखने आता है कि कौन मर्द कौनसी औरत के साथ क्या कर रहा है? अब वैसे भी कोई हमें देखे तो क्या होगा? वो भी वही करेगा जो मैं कर रहा हूँ तेरे साथ, है ना? या तो ये सोचेगा कि हम मियाँ बीवी हैं और घर में मस्ती करने को नहीं मिलती... इसलिये यहाँ आये हैं जवानी का मज़ा लने।” सबरीना अब कोई भी ऐतराज़ किये बिना विक्की को अपने जिस्म को मसलने देते हुए बोली, “हाय रब्बा कितना बेशरम है तू, बाप रे कैसी गंदी बात करता है? मैं उम्र में तुझसे पंद्रह-बीस साल बड़ी हूँ। वैसे भी हम मियाँ-बीवी तो बच्चों के सोने के बाद ही करते हैं ये सब... अगर बहुत रात हो जाये तो खेलते भी नहीं ये खेल कईं दिनों तक।”
सबरीना का ढला पल्लू किनारे हटा के विक्की झुकके उसके मम्मों के बीच में मुँह से मसलते और ब्लाऊज़ से मम्मों को हल्के से काटते हुए बोला, “अब तेरी जैसी गरम औरत इतनी बिंदास होगी तो शर्म क्यों जान? बस में भी कितनी मस्ती से मसलवा रही थी जान... वैसे रात को देर हो जाये तो मस्ती नहीं करता तेरा शौहर तो तुझे बुरा नहीं लगता सबरीना?” जब विक्की झुकके उसके मम्मों को चूमने लगा तो सबरीना अपने सीने को और ऊँचा उठा के उसके मुँह पे दबाते हुए बोली, “उम्म्म्म्म मैं बिंदास लगी तुझे... वो कैसे ये तो पता नहीं... बस में ऐतराज़ करती तो मेरी ही बे-इज़्ज़ती होती ना?”
सबरीना की चूचियाँ जीभ से चाटते हुए विक्की सबरीना की साड़ी पेटिकोट से निकालने लगा। सबरीना का ज्यादा से ज्यादा क्लीवेज चाटते हुए विक्की ने अपना मुँह सबरीना के ब्लाऊज़ में घुसाया जिससे सबरीना के ब्लाऊज़ का एक हुक टूट गया और सबरीना का ज्यादा क्लीवेज नंगा हो गया। मम्मों को नीचे से ऊपर दबाते हुए विक्की सबरीना का सीना चाटते हुए बोला, “वैसे जान माना कि बस में ऐतराज़ करती तो तेरी बे-इज़्ज़ती होती... पर ये सच बता कि क्या तुझे ऐतराज़ करना था जब मैं तेरे जिस्म से खेल रहा था बस में?”
विक्की सबरीना की साड़ी निकालने लगा तो सबरीना उसे थोड़ा दूर करके अपने साड़ी पकड़ती हुई बोली, “अरे इतनी जल्दी क्या है जो विराने में तू सीधे पेटिकोट पे आ गया? पहले अच्छे से गरम तो कर। उफ्फ देख तूने मेरा हुक तोड़ दिया... अब मैं क्या करूँ? विक्की बस में तुझसे अगर ऐतराज़ करना होता तो तुझे इतना खेलने देती क्या मैं? मेरा शौहर रात को आके देखता है कि बेटियाँ सोयी नहीं तो बिना कुछ किये जाके सीधे खर्राटे लगाने लगता है।” विक्की अपनी जीभ सबरीना के क्लीवेज पे घुमाके पेटिकोट के नीचे हाथ डाल के एक हाथ से उसकी नंगी टाँगें सहलाते हुए और दूसरे हाथ से मम्मे ज़रा ज़ोर से मसलते हुए बोला, “जल्दी तो नहीं रानी, बस तेरा गरम और गोरा जिस्म नंगा देखने की ख्वाहिश है और कुछ नहीं। अरे हुक टूटा तो क्या हुआ? जब यहाँ से जायेगी तो क्या पल्लू नहीं लेगी सीने पे जान तू? उम्म बड़ा गरम माल है तू। मुझे ये समझ में नहीं आता कि ऊपर वाला तेरी जैसी गरम माल को इतना ठंडा शौहर क्यों देता है। या शादी को इतने साल हो गये... इसलिये शौहर को दिलचस्पी नहीं रहती अपनी सैक्सी बीवी में।”
सबरीना अपना सीना और तान के विक्की का सिर पकड़ के अपने मम्मों पे दबाते हुए बोली, “अरे अब तेरे पास हूँ तो नंगी करेगा ही ना, इतनी जल्दबाज़ी मत कर, या तूने किसी और को वक्त दे रखा है? अरे पल्लू तो डालूँगी पर उसके नीचे से खुला हुक लोगों को मुफ़्त का तमाशा दिखायेगा... उसका क्या? रहा मेरी किस्मत का सवाल तो तू तो ऐसे बोल रहा है कि हर खूबसूरत औरत का शौहर ऐसा होता है। असल में मेरा शौहर काम की वजह से थकता है नहीं तो दो बच्चे कैसे पैदा करती मैं उसके साथ? आहह सुन इतना बेरहम मत बन, आराम से हौले-हौले मसल मेरा सीना।”
आधी खुली साड़ी, घुटनों तक ऊपर आये पेटिकोट और हुक टूटे ब्लाऊज़ में सबरीना को एक बार देख के विक्की उसे नीचे बिठा के उसकी गोद में सिर रख के लेटते हुए और हल्के-हल्के उसके मम्मे मसलते हुए बोला, “मैंने किसी को वक्त नहीं दिया जान... पर सोचा तुझे जल्दी होगी जाने की, वैसे जल्दी नहीं होगी तो रात भर रखुँगा तुझे। तेरी जैसी गरम औरत का सीना हर दिन थोड़ी लोगों को देखने को मिलता है, एक दिन फ़्री में दिखाया तो क्या जायेगा तेरा? अब जो दो लड़कियाँ हैं... वो तेरी हैं पर उनका बाप कौन है रानी? तेरे चूतिया शौहर की ही निशानी हैं वो दोनों या किसी और की? तेरी जैसी गरम औरत को बेरहमी से ही मसलना चाहिये जिससे तुम और गरम हो कर चुदवाती हो, तेरी जैसी औरतों को खूब जानता हूँ मैं सबरीना।”
नीचे बैठने से सबरीना का पेटिकोट खराब हो गया। वो उठना चाहती थी लेकिन तब तक विक्की उसकी गोद में लेट गया था। विक्की के बालों में हाथ घुमाते हुए वो बोली, “अरे ये क्या विक्की, ये नीचे क्यों बिठा दिया? मेरी साड़ी पूरी खराब हो जायेगी, वैसे ही पसीने से भीगी थी... अब उसपे मिट्टी लगेगी। उम्म बस ऐसे ही मसल हौले-हौले मेरे मम्मे, आहह बहुत मज़ा आता है। क्या तू ऐसे ही अपनी बीवी को भी मसलता है? तो उसे रोज़ जन्नत नसीब होती होगी? अरे मेरा सीना हर किसी को दिखाने के लिये थोड़ी है। हाँ ये बात और है कि तेरे जैसे लोग चोरी छिपे देख लेते होंगे। वैसे मेरा सीना कड़क है इसलिये तो तूने मुझे देखा ना...? रही बात मेरे बच्चों की तो विक्की वो दोनों मेरे शौहर के ही बच्चे हैं। मेरे शौहर ने ही मुझे अम्मी बनाया... इतनी ताकत है उसमें... भले आज वो पहले जैसा हर दिन मस्ती नहीं करता मेरे साथ।” ये सब बोलने के बाद सबरीना ने मोबाइल से अपनी सहेली को फोन करके बताया कि वो किसी काम में फंसी है... इसलिये उसे आने में देर होगी, लेकिन वो आयेगी ज़रूर।
फोन पे हुई सबरीना की बात सुन के विक्की खुश हुआ और सबरीना को झुकाके उसके मम्मे बारी-बारी चूमते हुए विक्की बोला, “ये अच्छा किया तूने कि सहेली से कहा कि तुझे देर होने वाली है। अब फ़ुर्सत से तुझे चोदुँगा रानी, तेरी जैसी मुसल्ली औरत को मस्ती से चोदना चाहिये... तब पूरा मज़ा मिलेगा। सबरीना साड़ी खराब हुई तो क्या... तेरी चूत को तो मज़ा मिलेगा ना?” विक्की मुड़कर पेटिकोट के ऊपर से चूत चूमते हुए बोला। “मेरी शादी नहीं हुई अब तक इसलिये तेरी जैसी गरम औरतों को ढूँढता हूँ। तुम मुसल्ली औरतें बहुत शर्मिली होती हो…. बुर्के में रहती हो लेकिन चुदवाने की इच्छा बहुत होती है... इसलिये जब मेरे जैसे मर्द के हाथ आ जाती हो तो ना-ना करते दिल खोल के चुदवाती हो।”
फिर वो ब्लाऊज़ के ऊपर से किस करते हुए बोला, “सबरीना रानी! जैसे तेरे ये मम्मे हैं... वो देखके तो किसी की भी नियत खराब होगी जान, और उससे पहले तो तेरी मस्त गोल गाँड देखके मेरी नज़र तुझपे आ गयी। तुम औरतें ये ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहन कर खूब अच्छा करती हो... इससे तुम्हारी गाँड और उभर जाती है। क्या ये सच है कि तेरे शौहर ने ही तुझे चोद के वो बच्चे पैदा किये... सबरीना?”
विक्की से तारीफ और बातें सुन के सबरीना को अच्छा भी लगा और शर्म भी आयी। विक्की द्वारा मम्मे और चूत चूमने से मस्त हो कर सबरीना ने अपनी ब्लाऊज़ के हुक खोले और विक्की को अपने सीने का पूरा मुआयना करवाती हुई वो बोली, “हुम्म्म्म उम्म्म प्लीज़ और चूस... और चूस मेरे मम्मे और मसल भी उनको विक्की। तू सच बोलता है, मेरी जैसी गरम मुसलमान औरत तेरे जैसे मर्द के हाथ आये तो पहले शर्माती है पर फिर दिल खोलके मज़ा लूटने देती है। विक्की तू पहला मर्द नहीं जो मेरा कसा जिस्म देखके मेरे पीछे पड़ा पर पिछले कईं सालों में तू वो पहला मर्द है जिसे मैंने पूरी लिफ़्ट दी है। शादी से पहले मैंने भी कई लंड लिये हैं। पर विक्की इतनी भी गाली मत दे मेरे शौहर को और उसे इतना भी निकम्मा मत समझ। मेरी दोनों बेटियों का बाप मेरा शौहर ही है विक्की।”
सबरीना की ब्रा में भरे मम्मों को देख के विक्की चकाचौंध हो गया क्योंकि वो बड़े और कसे हुए मम्मे सबरीना की ब्रा में भी नहीं समा रहे थे। उस टाइट ब्रा में कसे सबरीना के मम्मे देखके पागल जैसे उनको चूसने, मसलने और हल्के-हल्के काटते हुए विक्की बोला, “आहह साली क्या मस्त चूचियाँ हैं, तेरा वो चूतिया शौहर ज्यादा चोदता या ज्यादा मसलता नहीं क्या तुझे... जो इतना मस्त जिस्म है तेरा अब तक? साली तू एकदम गरम माल है जान, खूब मज़ा आयेगा तुझे चोदने में। क्यों गाली नहीं दूँ तेरे चूतिया शौहर को? साला घर में इतना गरम माल छुपाके रखता है, गाँडू कभी मिला मुझे तो उसकी गाँड मारूँगा।” सबरीना के मम्मों से खेलते हुए विक्की ने सबरीना का हाथ पकड़ के अपने लौड़े पे लाके रखा।
विक्की की गंदी बातें और चूत छूने से सबरीना की चूत और गरम हो गयी। विक्की के लंड पे हाथ जाते ही सबरीना को करंट सा लगा और उसके निप्पल काफी कड़क हो गये। विक्की का मुँह अपने मम्मे पे दबाते हुए वो बोली, “आहह... आहह ओहहह अल्लाह हाँ... और चूस... और चूस ले इनको... बहुत बेताब हूँ मैं राजा। मेरे शौहर ने बहुत मसले हैं मेरे मम्मे, शादी से पहले भी मसलता था जब हम मिलते थे, अब मेरे मम्मों के साइज़ से तो अंदाज़ा लगा कि कितना मसलता था मुझे वो। बाप रे...! तेरे सामान की लंबाई और चौड़ाई तो काफी है, शादी क्यों नहीं की अब तक? ऐसे सामान वाले के नीचे कोई भी औरत सोने को तैयार हो कर पूरी-पूरी रात मज़ा ले ऐसे सामान का।”
विक्की ने सबरीना की ब्रा खोल के उसके कड़क निप्पल देखे तो बेताबी से उनको मसलते हुए और फिर एक-एक को चूसते हुए बोला, “सामान क्यों बोलती है साली? क्या है इसका नाम? साली तेरे उस चूतिया शौहर का लंड सामान होगा... मेरा तो लौड़ा है लौड़ा... समझी? सिर्फ़ पैंट के ऊपर से छू कर क्या बोलती है, ज़िप खोल के बाहर निकाल के देख कैसा है मेरा लंड सबरीना! बहनचोद... इसे क्या मसलना बोलते हैं? गाँडू में ताकत है या नहीं? अब मम्मे मैं मसलूँगा... तब देख कैसे चींख-चींख के उछलेगी तू। साली शादी की तो एक ही चूत चोदने को मिलेगी लेकिन नहीं की तो तेरी जैसी मस्त गरम चूत मिलेगी... और तू इस लौड़े से चुदवाके तेरी सहेलियों को भी सुलायेगी मेरे नीचे... है ना?”
विक्की की ज़िप खोल कर सबरीना ने अपने दोनों पैर घुटनों में मोड़ लिये जिससे उसकी साड़ी जाँघों से ऊपर खिंच गयी और विक्की को उसकी चूत दिखायी दी क्योंकि सबरीना ने पेटिकोट के नीचे पैंटी ही नहीं पहनी थी। झटके से विक्की की पैंट खोल के सबरीना ने अपने हाथ से उसका लंड निकाला। काले साँप जैसे सख्त गरम लंड को देख कर वो खुश हुई। लंड के आजू बाजू में घनी झाँटें देख कर उसमें अपनी अँगुलियाँ घुमाती हुई वो बोली, “ओहह वॉओ! क्या मस्त लंड है तेरा विक्की। लंड बोलने में ज़रा शर्म आती थी इसलिये मैंने सामान बोला। सुन विक्की तेरा ये लंड का मज़ा सहेलियों में क्यों बाँटू? तेरा ये लंड तो मैं ही पूरा खाऊँगी और खाके थक गयी तो फिर किसी सहेली को दूँगी... मेरी सहेलियों को चोदना है तो मेरी मिन्नतें करनी पड़ेंगी... विक्की।”
सबरीना कि नंगी गीली चूत देख कर उस पे हाथ रख कर मसलते हुए सबरीना की साड़ी कमर तक उठा कर वैसे ही लेटे-लेटे उसकी चूत के पास आके उसकी चूत पे जीभ फेरने के बाद विक्की बोला, “अब अंजान मर्द से चुदवाने वाली है तो लौड़ा बोलने में कैसी शरम जान? एक हाथ से लंड सहला और दूसरे से मेरी गोटियाँ। साली आज तुझे जन्नत की सैर करवाऊँगा। मिन्नतें तो क्या मेरी जान... मैं तो तेरा गुलाम हूँ... चाहे तो मुझे अपनी सैंडल की नोक पे रख... कहेगी तो तेरे सैंडलों के तलवे तक चाटूँगा अगर मुझे अपनी सहेलियों की चूत दिलवायेगी तो... वैसे तेरी बेटियों की उम्र क्या है सबरीना? मेरा लंड तुझे इतना अच्छा लगा है तो देख आज तुझे कितना मज़ा दूँगा, वैसे मेरा लंड इतना अच्छा क्यों लगा तुझे सबरीना जान?”
अपनी चिकनी चूत पे पहले विक्की का हाथ और फिर चूत को चाटने से सबरीना को अच्छा लगा। वो अपनी चूत हल्के से विक्की के मुँह पे दबा कर अपनी उँगली पे विक्की के लौड़े का रस लेके बोली, “अब तेरा हाथ मम्मों पे पड़ा तो ये लगा मुझे कि मसलना किसको कहते हैं और मर्द का हाथ कैसा होता है। मेरा शौहर आज तक मम्मे मसलता था पर उसमें वो बेरहमी नहीं थी जो तू दिखा रहा है। विक्की एक बात माननी पड़ेगी तुझे कि उसके दबाने या ना दबाने की वजह से मेरे मम्मे आज भी ढीले नहीं हैं और तने हुए हैं... जिससे मुझ में अपने आप कॉनफीडेंस आता है और दूसरी औरतों की तरह पुश-अप ब्रा नहीं पहननी पड़ती है। देख तो सही तेरा लंड कैसा फुँफकार रहा है मेरे मम्मे देख कर... मानो मम्मे देखे ही ना हो... तू मेरे सैंडलों के तलवे चाटने की बात तो कर रहा है... साले... सोच ले... मैं भी बहुत कुत्ती औरत हूँ... सच में चटवाऊँगी अपने सैंडलों के तलवे... फिर मत कहना।”
सबरीना की चूत चाट कर उसके मम्मे मसलते हुए विक्की सबरीना की उँगली उसके मुँह में घुसाते हुए बोला, “साली ले मेरे लौड़े का पानी चाट ले... वो तेरे लिये ही है, अभी उँगली पे पानी लिया है फिर पूरा लंड तेरे मुँह में डालना है जान। साली तूने खुद को मेंटेंड रखा है जान, जिससे आज भी तू ३०-३२ साल की ही लगती है। ऐसा मस्त जिस्म तो नयी-नयी शादी हुई लड़कियों का ही होता है सबरीना। पर आज तेरे इस वेल-मेंटेंड मुसलमान जिस्म की चूत, गाँड, मुँह और मम्मों का भोंसड़ा बनाके रखुँगा समझी? बहनचोद इतना चोदुँगा तुझे कि तुझ में उठने का दम ही नहीं रहेगा। सबरीना बहनचोद तेरी जैसी गरम औरत आज तक मेरे लौड़े ने नहीं देखी... इसलिये ऐसे फुँफकार रहा है... मुझे पता है कि तू बहूत कुत्ती औरत है पर मैं भी ज़ुबान का पक्का हूँ... कहे तो मैं अभी तेरी सैंडल के तलवे अपनी जीभ से चाट दूँ।”
विक्की की जीभ के बार-बार चूत चाटने से एक सरसराहट सबरीना के जिस्म में दौड़ी। अपने होंठ काटते हुए सबरीना विक्की का मुँह जोर से अपनी चूत पे दबाते हुए बोली, “उम्म्म हाँ और चाटो राजा। बड़ा मज़ा आ रहा है तुझसे चूत चटवाने में। अरे ऐसा लौड़ा मैंने अपनी ज़िंदगी में पहली बार देखा, मूसल जैसा है... मानो किसी जानवर का हो। और जब जानवर चूदाई करता है तब चूत, गाँड, मुँह और मम्मों का तो भोंसड़ा बनता ही है और मुझे भी वैसा ही चाहिये। विक्की तुझे जैसे चोदना है वैसे चोद मेरा ये जिस्म... तू मेरे सैंडलों के तलवे चाटने को तैयार है तो मैं भी कम नहीं... आज ये मुसल्ली सबरीना सब करेगी तेरे लिये... क्योंकि मुझे आज पूरा मज़ा चाहिये तेरे जैसे मर्द से।”
सबरीना की कमर में दोनों हाथ डाल कर उसकी चूत बेताबी से चाटते हुए पूरी जीभ चूत में घुसा के विक्की चाटने लगा। अच्छे से चूत चाट कर फिर बेरहमी से सबरीना के मम्मे मसलते हुए वो बोला, “मज़ा आ रहा है ना रानी? कभी किसी मर्द ने ऐसे चाटी थी तेरी चूत जान? पहले तो तेरी चूत जीभ से चोदुँगा और फिर मैं जानवर जैसे उसमें लंड डाल कर कुतिया बनाके चोदुँगा। बहनचोद तेरी जैसी सब औरतों ने यही कहा है मुझसे कि मेरे जैसा लंड देखा नहीं है उन्होंने। कितनों को चोद के भोंसड़ा बना चुका हूँ मैं... आज तेरी बारी है। सुन सबरीना आज रात भर तुझे चोदुँगा, तेरी सहेली गयी भाड में। आज तुझे उसके घर जाने नहीं दूँगा, अभी यहाँ चोद कर फिर मेरे घर ले जाऊँगा समझी? बहनचोद साली तुझे बच्चों के बारे में पूछा तो जवाब क्यों नहीं देती हरामी।” गुस्से से विक्की ने सबरीना के मम्मे ज़ोर से दबाये।
गालियाँ और बेरहमी से चूत मसलने से सबरीना को बड़ा अच्छा लग रहा था। पहली बार एक जानवर जैसे मर्द से मस्ती करने में उसे मज़ा आ रहा था। विक्की की गोटियाँ मसलते हुए वो बोली, “आहहहह और चाट मेरी चूत और ऐसे ही मसल डाल मेरे मम्मे विक्की। आज तक शौहर ने इस तरह कभी मसला नहीं मेरा जिस्म और चूत भी चाटी नहीं उसने। मेरे बदन से खूब खेलके फिर डाल अपना जानवर जैसा लंड मेरी चूत में। मैं भी बेताबी से तुझ से एक जंगली जैसी चुदवाने को तड़प रही हूँ। कईं बार अपनी चूत को केले से चोदते हुए गधे के लंड का तसव्वुर करती हूँ... तेरा लंड भी कम नहीं है... चाहे जो हो जाये आज... चाहे मेरी चूत फटे, मुँह सूजे, मम्मों से खून निकले या गाँड फटे, मैं तेरा लौड़ा आज ले लूँगी और पूरी तरह से लूँगी। तू तो ऐसा बोल रहा है जैसे तूने बहुत चूतों को चोदा है, तेरी स्टाइल से और तेरे अंदाज़ से ये भी मानना ही पड़ेगा पर मैं घर जाके नहीं चुदवाऊँगी, मुझे यहीं चुदना है। घर तो अब आना जाना रहेगा ही... वो फिर कभी। तू तो मेरी बेटियों के बारे में मेरे पीछे ही पड़ गया है। मेरी बेटियाँ हैं... ये सुन के तेरी आँखों में चमक क्यों आ जाती है विक्की?”
विक्की खड़ा हो कर नंगा हुआ और फिर सबरीना को भी खड़ी करके उसका पेटिकोट और साड़ी निकाल के उसको सिर्फ़ ब्लाऊज़ में खड़ी किया। दोनों हाथों से सबरीना का ब्लाऊज़ वो खिंच के उतारने लगा जिससे ब्लाऊज़ फट गया। सबरीना की ब्रा उतार के उसको पूरी नंगी कर दिया। अब वो सिर्फ ब्राऊन कलर के ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहने विक्की के सामने खड़ी थी। सबरीना की चूत में दो उँगली डाल के उसके मम्मे मसलते हुए विक्की बोला, “साली मुझे मालूम है तेरी जैसी रंडी गरम मुसलमान औरत को कैसे बेरहमी से गालियों और मार के साथ चोदना चाहिये। तेरी जैसी रईस औरत को काफी पसंद है जानवर जैसे चुदवाना। बहनचोद वैसे तो बुर्का पहन कर बहुत शरीफ बन कर रहती हो पर हमारे सामने एकदम राँड बन जाती हो तुम। तेरी बेटियों की बात सुन के मेरी आँखों में इसलिये चमक आयी क्योंकि मुझे तो कमसिन लड़कियाँ भी बड़ी पसंद हैं। तेरी जैसी गरम मुल्लनी औरतों की जवान बेटियाँ भी गरम होती हैं और उनको चोदने में बड़ा मज़ा आता है। बहनचोद... तेरी कमसिन बेटियाँ हैं... ये सुन के लौड़े में और गरमी भर गयी, मादरचोद... उनकी उम्र और नाम तो बता।”
अपनी कमर आगे पीछे करके सबरीना विक्की से चूत में उँगली करवाती हुई उसका लंड मसलते हुए बोली, “देख विक्की, तू गालियाँ दे या जो कुछ भी करे... मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं, पर मार नहीं खाऊँगी। देख मैं बाकी औरतों जैसी नहीं हूँ। अब तुझसे चुदवाना है तो पूरा दिल खोल के चुदवा लूँगी, उसमें मेरा ब्लाऊज़ फटे या बाकी कपड़े गंदे हों तो भी कोई बात नहीं, मैं कुछ नहीं कहूँगी पर साले अब मेरी चूत को बराबार सहला, मुझे बहुत मज़ा आता है जब तू ऊपर से सहलाते हुए चूत में उँगली करता है तो। अरे तेरा ऐसा मूसल जैसा लंड मैं छोड़ने वाली नहीं हूँ, तू जैसे चाहेगा वैसे चुदवा लूँगी आज तुझसे। मेरी बेटियाँ हैं और वो जुड़वां हैं पर तुझे क्या दिलचस्पी है उनमें ये तो बता? एक का नाम समीना और दूसरी का ज़हरा है।”
सबरीना की वो हल्की अकड़ देख के विक्की ने गुस्से से उसकी चूचियाँ बड़ी बेरहमी से मसलीं और निप्पल काटते हुए तीन अँगुलियाँ ज़ोर से चूत में घुसा दीं जिससे सबरीना को बड़ा दर्द हुआ पर फिर भी सबरीना ने उससे और लिपट के आहें भरीं। अपना लंड सबरीना के हाथ में दे कर और उसके निप्पलों से खेलते हुए विक्की बोला, “तेरी माँ की चूत साली, मुझे मत सिखा कि क्या करूँ हिजाबी रंडी। मैं जैसे चाहुँगा तुझे चोदुँगा, जितना चहुँगा मारूँगा समझी? तेरी जैसी रंडी चूत को मार के चोदने से तुम हमेशा हमारे हमारे लंड की गुलाम रहती हो। मेरे सामने ज्यादा अकड़ना नहीं समझी? मैंने प्यार से तेरे सैंडल के तलवे छाटने की बात कही तो तू ज्यादा ही अकड़ने लगी...” सबरीना को एक झापड़ मार कर सबरीना की चिकनी चूत सहलाते हुए विक्की ने नीचे बैठ कर उसको चाट कर कहा, “मुझे मालूम है तेरी जैसी गरम चूत मेरा तगड़ा लंड कभी नहीं छोड़ेगी लेकिन साली तुझे चोदने की कीमत चाहिये मुझे... और कीमत है तेरी वो दो जुड़वां बेटियाँ, आहहहहहह नाम भी क्या सैक्सी हैं उनके, समीना और ज़हरा, उम्र क्या है तेरी उन बेटियों की सबरीना?”
विक्की के झापड़ से सबरीना के गाल पे लाल निशान आ गया। उसके बाल बिखर के चेहरे पे आ गये। उसने अपने बाल संवारे और उसका विक्की को दबाने का जोश कुछ ठंडा पड़ गया। जिस तरह विक्की उसकी चूत चाट रहा था उससे सबरीना मदहोश हो कर विक्की का सिर चूत पे दबाते हुई बोली, “आहहह चोद जैसे मर्ज़ी आये वैसे चोद। आज तू चाहे कुछ भी कर ले लेकिन ऐसा मस्त लौड़ा जाने नहीं दूँगी मैं। तू जी भरके गालियाँ दे... मार मुझे लेकिन जानवर बनाके चोद भी मुझे.. विक्की! पर बदले में तू भी मेरी गालियाँ सुनने और मेरी मार खाने के लिये तैयार रह... मुझे भी चुदाई के वक्त वहशियानपन करना अच्छा लगता है... विक्की तू मेरी जैसी औरत को रंडी क्यों बोलता है? शौहर के अलावा मैं कई साल बाद किसी अजनबी से चुदवा रही हूँ... इसलिये रंडी बोलता है क्या मुझे? मेरी उम्र से तू ही अंदाज़ा लगा मेरी बेटियों की उम्र का। नहीं लगा सकता ना अंदाज़ तू? तो सुन दोनों अभी-अभी २० साल की हो गयी हैं।”
विक्की ने सबरीना की चिकनी चूत चाट कर बाहर से पूरी गीली कर दी थी । सबरीना की चूत को अंदर से भी अच्छे से चाट कर विक्की सबरीना के मम्मों को पकड़ कर उनका सहारा ले कर खड़े होते हुए बोला, “देखा मादरचोद मुसल्ली राँड, एक झापड़ से कैसे तुझे तेरी औकात मालूम हुई? ये भी देखा ना तूने कि कैसे एक अंजान मर्द के साथ रासते में चुदवाने के लिये नंगी हुई है तू... इसलिये तेरी जैसी चूदास औरतों को मैं राँड बुलाता हूँ, थोड़ा यहाँ और वहाँ हाथ लगाओ और साली तुम टाँगें फ़ैला कर चुदवाने को तैयार हो जाती हो, है ना सच बात?” सबरीना के मम्मे निचोड़ कर विक्की ने सबरीना को नीचे बिठाया और अपना लंड उसके मुँह पे घुमाते हुए बोला, “चल मादरचोद चूत! अब मेरा लंड चूस अच्छे से, अब देख तुमसे क्या-क्या करवाता हूँ। बहनचोद बीस साल की मुल्लनी कमसिन चूत कभी नहीं चोदी मैंने और तेरे पास दो-दो कमसिन चूत हैं? तेरी माँ की चूत... खूब मज़ा आयेगा तेरी बेटियों को चोदने में, खूब चोदुँगा तुझे और तेरी बेटियों को।”
सबरीना ने विक्की का लंड अपने चेहरे पे घुमा कर उसे ऊपर करके एक बार लंड के नीचे और गोटियों का पसीना चाट लिया। फिर प्यार से लंड को देख कर उसको चूमते हुए बोली, “हाँ हो गयी औकात पता मुझे मेरी विक्की एक झापड़ से। अरे विक्की गाँडू, तेरे जैसा अलबेला मर्द हो या कोई और मर्द हो, इतना गरम करोगे तो बर्फ जैसी कोई भी औरत नंगी हो जाये चुदवाने के लिये और फिर मैं तो खुद इतनी गरम हूँ और अभी जवान हूँ... और ये इतना मस्त लंड देखूँगी तो क्या चुदवाने के लिये टाँगें फ़ैला कर तेरे नीचे नहीं लेटूँगी? तू देख तो... तेरा लंड मेरी नंगी जवानी देख कर कैसा फुँफकार रहा है। मानो इतनी मस्त नंगी औरत देखी ही ना हो। अरे बीस साल की चूत नहीं चोदी तो क्या हुआ? मेरा जिस्म और मेरी चूत भी तो वैसी ही है ना?”
सबरीना के चाटने से विक्की को अच्छा लगा। उसे अब पेशाब आ रहा था। एक बार पेशाब करके फिर सबरीना से लंड चूसवाना उसने बेहतर समझा। विक्की ने सबरीना को ये बताया पर सबरीना उसकी आँखों में आँखें डाल कर देखती हुई उसका लटकता और तना लंड सहलाती रही, मानो वो कुछ कहना चाहती हो पर शर्म से कह नहीं पा रही हो। विक्की ने एक मिनट सबरीना को देखा और फिर उसके दिल की बात समझ गया। अपना लंड सबरीना के मुँह की तरफ करके पेशाब करने लगा। विक्की के पेशाब से सबरीना का मुँह भर गया तो फिर उसकी पेशाब मुँह से हो कर मम्मों को गीला करते हुए और फिर नीचे चूत को गीली करके ज़मीन पे गिरने लगा। अपना लंड फिर सबरीना की माँग पे निशना लगाकर उसमें पेशाब करते हुए विक्की बोला, “तेरी माँ की चूत हरामी राँड, आज तक किसी भी औरत की माँग ऐसे नहीं भरी थी, राँड तुझे पेशाब पिला कर और माँग भर के अब तुझे अपनी छिनाल बनाया है। रही बात गरम करने की तो क्या तूने आज तक अपने मर्द को भी तुझे इतना गरम करते देखा है? तू तो चुदवाने के पहले ही राँड बन गयी है। मादरचोद तेरी जैसे मुल्लनी औरत को मेरे जैसा लौड़ा जब मिलता है तो तुम लाज शरम छोड़के किसी भी जगह नंगी हो कर रंडी होने का सबूत देती हो। तेरी चूत भी काफी मस्त है लेकिन साली बीस साल की लड़की का सील तोड़ना अलग बात है सबरीना... इसी लिये मुझे उनको चोदना है राँड।”
सबरीना जैसा चाहती थी वो विक्की ने समझ कर उसको अपने पेशाब से नहला दिया। उस गरम पेशाब से अपने मम्मे और बदन को नहला कर सबरीना को अच्छा लगा। सबसे अच्छा उसे तब लगा जब विक्की ने उसकी माँग पेशाब से भरी। सबरीना को विक्की का पेशाब अपनी माँग और पूरे बदन पे सोने के पानी जैसा लगा। अपने नंगे जिस्म पे वो पेशाब मलते-मलते हौले-हौले अपने मम्मे दबाते हुए वो बोली, “हुम्म्म हाय, विक्की मादरचोद... कितना अच्छा लगा तेरे पेशाब से नहाने में। तेरे लंड की कसम विक्की भड़वे... ये इतने तने हुए निप्पल मेरे कभी नहीं हुये। आज पहली बार मुझे अपनी सैक्सी इमेज का एहसास हुआ। अरे मेरे जैसी औरत की बात छोड़, किसी भी औरत को ऐसा लंड मिले तो वो मस्त हो जाये और चुदवाये रंडी जैसे।” पेशाब टपकता विक्की का लंड सबरीना अपने मुँह में डाल कर मस्ती से चूसते हुए अपनी चूत और मम्मे सहलाने लगी।
विक्की सबरीना की बात सुन कर खुश हो कर उसका सिर पकड़ कर खड़े-खड़े उसका मुँह चोदते हुए बोला, “तेरी माँ की चूत, कसम से आज तक तेरी जैसी हरामी औरत नहीं देखी जो पेशाब अपने जिस्म पे लगा कर खुद उसे अपने मम्मे और चूत पर मसलते हुए लंड चूसती है। ऐसे ही चूस रंडी, ज़ोर से चूस मेरा लौड़ा और गोटियाँ और ऐसे ही चूसते हुए चूत में उँगली करती रह रानी। मुझे पता है मेरा लंड देख कर किसी भी औरत की चूत गीली होगी रंडी... पर तेरी जैसी छिनाल औरत नंगी हो मेरे सामने तो मैं जानता हूँ कि वो औरत दोनों को खूब मज़ा देगी। अब मेरा ये लंड लेने के बाद अपनी बेटियों को कब सुलायेगी मेरे नीचे ये बता।”
ज़िंदगी में पहली बार इतना काला, मोटा और लंबा लंड देख कर सबरीना खुश हो कर पहले उसे मसलने लगी। फिर विक्की की गोटियाँ सहला कर और उसकी तरफ़ देख कर सबरीना ने जीभ निकाल कर दो-तीन बार लंड चाट लिया। विक्की के चेहरे पे फ़ैली मुस्कुराहट देख कर सबरीना को बड़ा अच्छा लगा और उसने विक्की का लंड मुँह में डाल लिया। विक्की के बड़े लौड़े से सबरीना का मुँह पूरा भर गया। लंड पे मुँह आगे पीछे करते हुए लंड बहुत मस्ती से चूसते हुए सबरीना बोली, “अब मुझे लंड चूसने देगा या नहीं गाँडू? अब मेरी बेटियों के बारे में कुछ मत पूछना जब तक तू मेरी चूत में अपना पानी ना डाले। तब तक तू मेरे और अपने बारे में ही बात करना। उसके बाद मैं तुझे जो चाहे वो बताऊँगी उन दोनों के बारे में। कसम से इतना बड़ा लंड ज़िंदगी में नहीं चूसा। लगता है आज चूत के साथ मेरे होंठ भी सूज जायेंगे तेरा लंड चूसते-चूसते विक्की।”
सबरीना कि बात और चुसवायी अच्छी लगने से विक्की हल्के-हल्के उसका मुँह चोदते हुए और बालों में हाथ फेरते हुए बोला, “ठीक है मादरचोद रंडी, अब पहले तेरी चूत का भोंसड़ा बनाने के बाद ही तेरी कमसिन बेटियों की बात करूँगा। सबरीना रंडी... पहले मेरा लंड और फिर मेरी गोटियाँ और बाद में मेरी गाँड चाट। फिर बाद में तेरी गाँड मारूँगा और फिर चूत। बहनचोद इतना बड़ा लंड देखा नहीं था तो पहले मिलती, खूब चोदता तुझे रंडी। अब देख तेरी गाँड कैसे फाड़ुँगा... पहले अच्छे से चूस कर बड़ा कर मेरा लौड़ा तेरी गाँड फाड़ने के लिये।”
सबरीना खुशी से लंड चूस रही थी। मुठ मारती हुई वो लंड चाट कर मुँह में ले रही थी। चाटने से चेहरे पे आ रहे बालों को विक्की पीछे करके सबरीना को लंड चूसते देख कर सिसकरियाँ भर रहा था। अच्छे से लंड चूसने के बाद सबरीना ने ज़मीन पे लेट कर विक्की के दोनों जाँघों के एक दम नीचे उसके लंड के पास आते हुए उसे अपने मुँह पे बिठाया जिससे उसका लंड पूरा सबरीना की गिरफ़्त में रहे और विक्की की झाँट, गोटियाँ और गाँड का छेद भी एकदम जीभ के पास हो। विक्की की झाँट चाट कर वो बोली, “हाँ और लंबा करूँगी... चाहे जो हो जाये। बहनचोद तुझे तो वक्त का अंदाज़ा भी नहीं होगा कि पूरे दस मिनट से चूस रही हूँ तेरा लंड... देख कितना गीला हुआ है। गोटियाँ क्या चूसूँ, मुझे तो तेरी झाँटों से आती खुशबू में दिलचस्पी है, वही तो है जो मदहोश करती है मुझे... विक्की कुत्ते।” सबरीना की इस अदा पे विक्की खुश हुआ पर उसे और खुशी तब मिली जब उसे अपनी गाँड पर सबरीना की जीभ महसूस हुई। आँखें बन्द करके सबरीना के मम्मे ज़ोर से मसलते हुए वो बोला, “साली तेरा चूसना इतना मस्त है कि इतना वक्त तूने चूसा वो समझा ही नहीं। कसम से तेरे जैसा मस्त लौड़ा आज तक किसी ने नहीं चूसा मेरा। तू सही में मर्द को गरम करना और उसे खुश करना जानती है सबरीना। और फिर ये तेरा गाँड चाटना, उफ्फ्फ, मादरचोद अच्छे से मेरी गाँड चाटेगी तो ऐसे ही तुझे चोदुँगा और हमेशा खुश रखुँगा, चल चोद मेरी गाँड अपनी जीभ से सबरीना।”
सबरीना जीभ गाँड पे घुमा कर चाटने लगी। उसका एक हाथ लंड पे मुठ भी मार रहा था। विक्की मम्मे बड़ी मस्ती से मसल कर उसे और गरम कर रहा था। गाँड के छेद में जीभ घुसेड़ कर वो विक्की को और खुश कर रही थी। गाँड चाटने के बाद उसने लंड के आजु बाजू का इलाका थूक से पूरा का पूरा गीला किया, मानो विक्की के लंड से रस बहने लगा हो। लंड को चेहरे पे घुमती हुई वो बोली, “हाँ और दे मुझे और दे तेरी झाँटें... लंड और गाँड, आज सब चाट डालूँगी मादरचोद। आज मैं पूरे मूड में हूँ, सब कुछ करूँगी। मेरा ये ऐसा नशीला मूड तूने ही बनाया है, अब तू जैसा चाहे वैसे चोद मुझे विक्की। मुझे अच्छे से चोद और जब तक मुझे चोद रहा है... मेरी बेटियों के ख्यालों में खो मत जाना। अरे मेरी बेटियाँ भी मिलेंगी तुझे, उनको मैं ही चुदवाऊँगी तुझसे। वो भले ही बीस साल की हों पर जिस्म २३-२४ जैसा है उनका। खूब चोद मेरी बेटियों को भी विक्की।”
विक्की अब सबरीना पे उल्टा लेट गया। इससे सबरीना को लंड और गाँड चाटने में आसानी हो गयी और सबरीना की चूत और गाँड विक्की के मुँह के पास हो गयी। अपने पैर घुटनों में मोड़ कर विक्की पैरो की अँगुलियों से सबरीना के मम्मे मसलने लगा। अपने खुरदुरे पैरों से सबरीना के चिकने और मुलायम मम्मे बेरहमी से रगड़ते हुए वो बोला, “तेरी माँ की चूत साली... मुझे अपनी बेटियों का लालच देती है छिनाल? साली तू क्या उनकी दलाल है हरामी? बहनचोद मैं तो तेरी बेटियों को वैसे भी चोदुँगा रंडी। लेकिन अब पहले तेरे जिस्म को चोदना है अभी। आहहहहहह हरामी... जीभ से मेरी गाँड चोद, पूरी अंदर डाल अपनी जीभ।”
थोड़ा और नीचे हो कर विक्की की गाँड के दोनों गोलों को अलग करके उसके छेद पे अपनी जीभ रख कर सबरीना पागल बिल्ली की तरह चाटने लगी। उस तीखी गंध से उसे अच्छा लगा तो वो पूरी गाँड पे जीभ फेरते हुए छेद में जीभ घुसा कर चाटने लगी। अपने मुलायम मम्मों पे विक्की के खुरदुरे पैरों से होता खिलवाड़ उसे अच्छा लगा और वो बोली, “हाँ साले... डालती हूँ! पहले झाँटों से तो स्वाद खतम करने दे। मैं बेटियों का लालच नहीं दे रही बल्कि इसमें तो मेरा ही फायदा है, मुझे तेरे जैसे मर्द का मूसल जैसा लंड मिले। विक्की... मैं तो यही चाहुँगी कि मेरी बेटियों को भी अच्छी चूदाई मिले इस लंड से। वैसे वो मेरी बेटियाँ हैं... इसलिए हो सकता है कि वो कॉलेज में लड़कों से चुदवाती हों।”
सबरीना की चूत फ़ैला कर उसमें जीभ डाल कर विक्की चूत को जीभ से चोदने लगा। पूरी जीभ अंदर डाल कर चूत चाटने के बाद अपनी गाँड को चोद रही सबरीना की जीभ का अच्छा एहसास होने पे विक्की बोला, “आआआआहहहहह साआआआआलीईईई क्या गरम जीईईईभभभ है तेरी रंडी, इतनी गरम जीभ आज तक मेरी गाँड पे नहीं लगी, और चाट, चूस अंदर डाल जीभ, राम कसम… आज पहली बार इतना गरम माल मिला है, साली तू रंडी बनने के लायक है, तुझे तो किसी बड़े आदमी की रखैल बनना चाहिये सबरीना। चूस और चोद मेरी गाँड रंडी, आहहहहह।”
विक्की फिर चूत को उँगली से फ़ैला कर चाटने लगा। सबरीना की गाँड को सहला कर वो बीच-बीच में गाँड भी चाटने लगा। फिर अपनी जीभ से चूत को चोदते हुए उसने सबरीना की गाँड में उँगली घुसा डाली। गाँड में उँगली घुसने से सबरीना उचकी। वो भी विक्की की गाँड चाटने लगी मस्ती से। उन दोनों का ये खेल चलता रहा। अपना मुँह विक्की की गाँड से हटा कर सबरीना बोली, “देखो विक्की, हम दोनों ने ये तजुर्बा पहली बार किया है। बहुत मज़ा आ रहा है तेरी गाँड चाटने में और तुझसे अपनी गाँड चाटवाने में। आहह अरे उँगली से क्या गाँड फाड़ेगा गाँडू? मेरी गाँड तेरे लौड़े से फटनी चाहिये। ऊम्म्म्म्म और अंदर अपनी मर्दानी जीभ डाल मेरी गरम मुसल्ली चूत में विक्की कुत्ते। मेरे चोदु भड़वे, जी चाहता है कि आज रात की सुबह ही ना हो, तू ऐसे ही पेलता रहे मुझे रात भर। ओहहह... मेरे मम्मे पे अपने हथौड़े जैसे हाथ से मेहरबानी कर... बहुत दिनों से इनको तेरे जैसे मस्त मर्द ने छुआ और मसला नहीं है।”
सबरीना की बस की मस्ती
Re: सबरीना की बस की मस्ती
विक्की उठ कर सबरीना के सीने पे बैठ गया जिससे अब उसकी गाँड सबरीना के मुँह पे आ गयी। सबरीना विक्की की गाँड फ़ैला कर उसे चाटने लगी और विक्की उसके मम्मों को ज़ोर से मसलते हुए और निप्पलों को खींचते हुए बोला, “अरे बहनचोद रंडी, लौड़े से ही तेरी गाँड फाड़ूँगा रानी पर पहले तेरी गाँड में उँगली करके उसमें मस्ती तो भर दूँ। साली इतनी क्यों उतावली हो रही है तू लंड के लिये? बहनचोद लंड घुसेगा तो देखुँगा कि कितनी मस्ती या दर्द से चुदवाती है तू। वैसे रंडी तेरे मम्मे सही में बड़े शानदार हैं, साली देख कैसे तन कर खड़े हैं तेरे निप्पल। बहनचोद... मम्मे बहुत दिनों से मसले नहीं ना किसी ने, आज देख तेरे मम्मों को कैसे नोच-नोच कर मसलता हूँ रंडी।”
सबरीना में और मस्ती भर गयी मम्मों के मसलने से। विक्की उसके मम्मे मसल रहा था तो वो लंड पकड़ कर विक्की को दिखा कर हिलाती हुई उसकी मुठ मारने लगी जिससे उसमें से काफी रस निकले। एक हाथ से वो पतला सा रस ले कर उसे अपनी चूत पे रगड़ते हुए धीरे-धीरे सबरीना उतावली हो कर विक्की की गाँड चाट रही थी। अब उसे एहसास हो रहा था कि उसकी चूत में लंड नहीं घुसा तो वो बेहद बेकाबू हो जायेगी। अपनी चूत में उँगली डालते हुए वो विक्की से बोली, “उफ्फ बहनचोद, मैं सही में अब उतावली हो गयी हूँ तेरे लंड के लिये। तूने आज जैसे मुझे गरम करके रंडी बनाया है वैसे आज तक मैंने कभी नहीं किया था। तेरे इस दमदार लौड़े से दर्द भी हुआ तो भी अपनी गाँड को मैं चुदवाऊँगी, पर साले मादरचोद... अब चोद डाल मेरी चूत। बहुत तड़प रही है मेरी चूत तेरे लौड़े के लिये। दे मुझे अपना ये लौड़ा और शाँत कर मेरी जवानी।”
अपने नीचे लेटी सबरीना की तड़प देख कर विक्की खुश हुआ। उस रंडी औरत को चूदाई के लिये इतनी बेताब बनी देख कर उसे और तड़पाने के लिये उसके मम्मे और भी बेरहमी से मसलते हुए निप्पल खींच कर उनको मस्ती से मरोड़ते हुए वो बोला, “बहनचोद इतनी क्यों उतावली हो रही है कि लंड पे से मेरा पानी ले कर चूत में डाल रही है रंडी? अरे चूत में तो मेरा लौड़ा घुसेगा... तब मज़ा आयेगा तुझे... वो उँगली निकाल राँड। साली और थोड़ी मेरी गाँड चाट कर जीभ से चोद... उसके बाद तेरी चूत फड़ दूँगा मैं, चल और चाट मेरी गाँड मेरी सबरीना रानी।”
“आहहहह... अब ये आग नहीं सही जाती, जल्दी मेरी चूत में डाल दे अपना मुस्टंडा हिंदू लंड नहीं तो मैं मर जाऊँगी... बहन के लौड़े। एक बार मुझे शाँत कर... फिर तू कहेगा तो रात भर तेरी गाँड चाटूँगी मैं। लेकिन अब सहा नहीं जाता, अब गाँड चाटने को मत बोल, अभी मेरी चूत चोद डाल।” सबरीना उँगली से अपनी चूत चोदते हुए जोश में आकर दूसरे हाथ से विक्की के बाल पकड़ कर उसका सिर झंझोड़ डाला और उसकी छाती में एक मुक्का भी मारा। फिर उसका लंड सहलाने लगी जोश में। यह कहते हुए भी विक्की की गाँड को चूसती रही वो बहुत उतावली हो कर।
विक्की को पहले तो सबरीना के मुक्के और अपने बाल खींचे जाने पर गुस्सा आया पर फिर सबरीना पे रहम खा कर उसने उसकी चूत को झुक कर एक बार पूरी जीभ अंदर डाल के अच्छे से चाट लिया। फिर उसकी टाँगें फ़ैल कर उनमें बैठ के निप्पल खींच कर मम्मे बेरहमी से मसलते हुए बोला, “चल सबरीना रंडी, पहले तेरी चूत फाड़ कर बाद में तेरी गाँड का भोंसड़ा बना दूँगा... चल छिनाल मेरा लंड पकड़ कर अपनी रंडी चूत पे रख और चूत उठा कर मरे लौड़े से लगा। बहनचोद बहुत गरम हो गयी है... लगता है अब तेरी इस गरम मुल्लानी चूत में अपना मूसल लौड़ा डाल के तुझे नहीं चोदा तो तू जल जायेगी अपनी चूत की आग में। मादरचोद कैसे एक अंजान मर्द की गाँड चाट रही है तू साली भड़वी। राम कसम तेरे जैसी गरम माल देखी नहीं आज तक, चल रख मेरा लंड अपनी गरम चूत पे।”
अपना सीना ऊपर करके विक्की के हाथों में अपने मम्मे भर कर सबरीना एक चुदक्कड़ बिल्ली की तरह झट से विक्की का लंड पकड़ कर अपनी चूत पे सटा कर खुद ही अपनी कमर ऊपर नीचे करती हुई लंड अंदर डालने की कोशिश करती हुई बोली, “आआहहहह... उम्म्म अब मुझे चैन मिलेगा भोंसड़ी के..., ले मैंने चूत पे लंड रख दिया, अब तू डाल अपना लौड़ा मेरी गरम चूत में बिंदास हो कर।”
सबरीना ने लंड चूत पे जैसे ही रखा, विक्की ने हल्का धक्का दिया जिससे सबरीना की तंग चूत का मुँह फ़ैला कर लंड की टोपी अंदर घुसी। सबरीना की एक चूंची बेरहमी से मसलते हुए और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़ कर विक्की बोला, “मादरचोद बड़ी चुदासी लगती है तू... रंडी अब देख तेरी चूत की क्या हालत करता हूँ। मादरचोद बड़ा गरम किया है तूने मेरा लंड छिनाल, बड़ी मस्ती से चोदुँगा तेरी चूत हरामी।”
जैसे ही विक्की का हाथ अपने लंड पे गया, सबरीना अपने हाथों से खुद अपनी चूचियाँ मसलती हुई बोली, “उउम्म्म थोड़ा और जोर से मार ना... पूरा लेना है लौड़ा चूत में हरामी। तू दर्द की चिंता मत कर, जितनी बेरहमी से हो सके डाल अपना लौड़ा मेरी चूत में और चोद मुझे।” सबरीना की इस बात पे विक्की ने भी जोश में आकर उसकी कमर में हाथ डाल कर एक ज़ोर दार धक्का दिया जिससे उसका मोटा लंड सबरीना की चूत फैलाते हुए करीब-करीब आधा घुस गया। इतना मोटा लौड़ा घुसने से सबरीना का सीना और माथा पसीने से लथपथ हो गया। दर्द से उसने आँखें बंद करके होंठ दाँतों में दबाये। सबरीना के सीने का पसीना चाट कर विक्की बोला, “तेरी माँ की चूत चोदूँ, साली रंडी, क्या टाइट चूत है तेरी। लगता है तेरे शौहर का लंड ज्यादा बड़ा नहीं है जो मेरा लंड इतना टाइट जा रहा है।”
अपनी कमर हिला कर, पैर फ़ैलाते हुए सबरीना विक्की के लंड का रास्ता और आसान करती हुई, विक्की के चौड़े सीने पे हाथ फेरती हुई बोली, “अरे मेरे शौहर की बात छोड़, तुझे मज़ा आ रहा है ना एक ४२-४३ साल की औरत की इतनी टाइट चूत में लंड डालने में? यार तू अपनी सोच, मेरे बारे में बोल, शौहर का क्या काम है? उसका काम खतम हुआ जब उसने दो बेटियाँ दे दीं, मुझे अब उसका कोई काम नहीं है, साला पाँच मिनट में झड़ जाता है। तेरी कसम विक्की मुझे ये इतना पसीना इक्कीस साल की शादी में कभी नहीं आता था।”
दो-तीन बार लंड आगे पीछे करके विक्की ने फिर ज़ोर से धक्का देके लंड सबरीना की चूत में घुसाया। इस बार पूरा लौड़ा अंदर घुसा तो सबरीना चिल्लाने और तड़पने लगी। अपने मम्मे खुद मसलती हुई वो ज़ोर से आंहें भरने लगी। विक्की बिना रुके लंड चूत में ठेलते और मम्मे मसलते हुए बोला, “मादरचोद उसकी बात तो आती रहेगी ही रंडी, तू मेरा लौड़ा और चूदाई की उससे तुलना करेगी ही ना? अब कैसे बोली कि इक्कीस साल में पहली बार ऐसा पसीना आया... वो भी आधा लंड घुसने से? तेरी माँ को चोदूँ राँड... ये सोच कि पूरा लंड घुसा कर जब जानवर जैसे तुझे चोदुँगा तब तेरा क्या हाल होगा?”
विक्की का पूरा लौड़ा अंदर घुसने पर सबरीना जोर से ’ओहहह आहहह ऊफ़्फ़्फ़’ चिल्लाने लगी। वो खुद कमर ऊपर करके विक्की के लंड से भिड़ा रही थी। विक्की ने चूत आहिस्ता चोदते हुए सबरीना के होंठों पे अपने होंठ दबा कर मस्ती से मम्मे मसलना शुरू किया। मम्मों से इतना खेलने से वो एकदम लाल हो गये थे। सबरीना विक्की को बाहों में ले कर उसको किस करके बोली, “अरे मैं तुलना करके उससे कहूँगी कि तेरे जैसे असली मर्द कैसे चोदते हैं। तू क्यों बीच में उसे लाता है, तू मेरी और अपनी बात कर ना। आज तुझे मौका मिला है तो कर ले इस जिस्म से अपने दिल की भड़ास पूरी। ऐसा मौका बार-बार नहीं आता कि मेरी जैसे गरम चुदास औरत तेरे जैसे तगड़े चोदू मर्द के नीचे हो। हाँ ये बात और है कि तेरे जैसे मर्दों के गरम करने पर मेरे जैसी औरतें टाँगें फ़ैला देती हैं... लेकिन गरम होने में बहुत वक्त लेती हैं मेरे जैसी औरतें। आहहहहह आँआँ फाड़ दिया मेरी चूत को... गधी की औलाद... भोंसड़ी वाले... चोद.... और डाआआआल अपना लौड़ाआआआ अंदर आआआआ ओओओओआँआँआआआहहहहह।”
“ठीक है राँड अब तेरे हिजड़े शौहर की बात नहीं करूँगा। चोदने तक तेरी बात और उसके बाद तेरी सहेलियों और तेरी कमसिन बेटियों की बात करूँगा। आज रात भर तुझे ऐसे ही खुली हवा में चोदुँगा रंडी की तरह... और कोई भी आये तो मेरे बाद उससे भी तुझे चुदवाऊँगा समझी? तेरी जैसी रंडी औरत को जब-जब मैं चाहता हूँ... अपने नीचे लेता हूँ, तेरी जैसी मुसलमान औरतें नखरे करके और शरमाके चुदवाती हैं इससे हम मर्द बड़े गरम होते हैं। तुम मुसल्लियाँ आराम से गरम होती हो और बेरहमी चुदा के ठंडी होती हो। मादरचोद लगता है ज़िंदगी में पहली बार लंड गया तेरी चूत में जो तू इतना चिल्ला रही है... हरामी ये तो शुरूआत है... अभी तेरी गाँड बाकी है छिनाल।”
जीभ सबरीना के मुँह में घुसा कर उसके मम्मे मसलते हुए विक्की ने अब उसकी चूदाई ज़ोर से शुरू की। सबरीना ने थोड़ा अपने होंठ विक्की के होंठों से अलग किये उसे जवाब देने के लिये और इसलिये उसने अपनी चूंची उसके मुँह में दे दी। विक्की का लंड ज्यादा से ज्यादा चूत में ले कर वो पैर फ़ैला के कमर उठा कर मस्ती से चुदवाने लगी। विक्की का मुँह मम्मे पे दबा कर वो बोली, “ले मेरे मम्मे चूस कर मेरे दर्द को ज़रा तसल्ली दे। विक्की बहनचोद... मैं तो ऐसे चुदवाने को शादी की पहली रात से तड़प रही थी कि खुली हवा में चुदवाऊँ लेकिन मेरा शौहर, साले का लंड खुले में आते ही मानो ठंडा पड़ जाता है। अरे अब शुरूआत ऐसी हो चुकी है तो अंत भी बड़ा ज़ालिम होना चाहिये। मुझे ऐसा लगना चाहिये कि ज़िंदगी में पहली बार चुदी हूँ। सुन विक्की गाँडू... तेरा रस मेरी चूत के एकदम अंदर डालना... मेरी बच्चेदानी पे... तभी मुझे सही में तसल्ली मिलेगी।”
सबरीना के मम्मे पहले बच्चे की तरह चूस कर फिर जोश में आकर दोनों निप्पल बारी-बारी चूस कर, चबाते हुए पूरे लाल कर दिये विक्की ने। नीचे चूत में लंड घुसा-घुसा कर सबरीना को चोदते हुए विक्की ने उसके मम्मे इतने चूसे कि उसके चबाने से सबरीना के मम्मों से हल्का सा खून आ गया जिसे विक्की ने चाट लिया। फिर मम्मे मसलते हुए विक्की बोला, “सबरीना तेरे जैसी गरम माल के साथ ज़िंदगी भर खेलुँगा, तुझे अपनी राँड बना कर रखुँगा, तेरी जैसे गरम चूत आज तक नहीं मिली। सबरीना शादी के इक्कीस साल रेगिस्तान में भटकने के बाद आज तुझे समंदर मिल रहा है, एक असली दमदार लंड से... तेरा शौहर जल्दी झड़ता है... इस लिये मुझे शक है कि वो तेरी बेटियों का बाप नहीं है क्यों? बहनचोद चूदाई के अंत में तू लंड निकाल लेने के भीख माँगेगी... समझी छिनाल? बहनचोद तुझे चोदके फिर माँ बनाऊँगा और अपने बच्चे की सौतेली बहनों को और उसकी माँ को चोदता रहुँगा।”
सबरीना विक्की का चेहरा चूमते हुए हाथ नीचे डाल कर उसकी गोटियाँ मसल कर बोली, “अरे-अरे ये गाली मत दे उसे... उसके साथ शादी के बाद आज पहली बार किसी पराये मर्द का लंड इस चूत को नसीब हुआ है पर शादी से पहले बहुत लंड लिये हैं मैंने अपनी चूत में। आज इस चूत को फाड़ कर अपनी रस की एक भी बूँद मेरी चूत के बाहर ना जाये... ये देखना। अच्छा लेकिन ये तो बता तुझे मुझ जैसी लजीज़ माल तो कई मिली होंगी ना?”
लंड करीब-करीब बाहर निकाल कर फिर बेरहमी से अंदर ठाँसते हुए और मम्मे नोचते मसलते हुए विक्की बोला, “बहनचोद तेरा चूतिया मर्द मिले तो उसकी गाँड मारूँगा, हरामी ने तेरी जैसी गरम चूत इतने दिन मुझसे जो छिपायी। तेरी माँ की चूत... साली तू तो बचपन से मेरी राँड होनी चाहिये थी। तेरी माँ को चोदूँ राँड... अपने कीमती लंड के पानी की एक भी बूँद बाहर नहीं जाने दूँगा। तेरी गरम चूत की कसम... कईं चूतें चोदीं, पर तेरी जैसी माल आज तक नहीं मिली। तेरी जैसी गरम और हर बात में साथ देने वाली चूत नसीब वाले मर्द को ही मिलती है रंडी।”
“तू मेरी चूत चोदता रह... भड़वे। तेरी गाली, मार और लंड मुझे और मस्त बना रहे हैं विक्की। और ज़ोर से चोद मुझे, निकाल ले पूरी भड़ास गाँडू मेरी ये चूत चोद कर।” विक्की के लंड पे शायद भूत सवार था। वो तो बेरहमी से सबरीना को चोद कर उसके मम्मे मसलते हुए दबा रहा था। चूत चोदते हुए उसकी गाँड में उँगली घुसाते हुए उसमें घुमा कर निकाल के सबरीना को चाटने के लिये देते हुए वो बोला, “ये बोल आज के पहले भी मर्दों ने तुझे भीड़ में मसला होगा तो उनसे क्यों नहीं चुदी तू राँड?”
सबरीना विक्की की उँगली शौकिया तौर पे एक रंडी जैसे चाट कर और फिर अपनी एक उँगली उसके लंड के साथ अपनी चूत में डाल कर निकाल के विक्की को चाटने के लिये देते हुए बोली, “अरे कईं लोगों ने मुझे क्या कईं औरतों को मसला है... इसलिये तो हम औरतों को भीड़ में जाना पसंद नहीं। रही बात औरों से मसलवाने कि तो कईं बार मसली गयी हूँ पर किसी में तेरे जितना दम ही नहीं था इसलिये सिर्फ़ मसलने पे ही बात खतम हुई। तू जिस हिसाब से मेरी बात माने बिना भीड़ में ब्लाऊज़ खोलने लगा... तब मैंने फ़ैसला किया कि तुझे अपने साथ आने को कहूँगी।”
सबरीना की उँगली पूरी चाट कर हल्के से चबाते हुए विक्की बोला, “क्या बोलती है? तेरी जैसी गरम रंडी औरत को भीड़ में जाना पसंद नहीं? अरे तेरी जैसी औरत को ही तो मैं भीड़ में ढूँढ कर गरम कर कर चोदता हूँ, तू मेरी ज़िंदगी में बस में मिली वैसे तीसरी चूत है। तूने भीड़ में सामने वाले को आज के पहले कितनी लिफ़्ट दी और वो कहाँ तक आया तेरे साथ?” विक्की अब चूत चोदते हुए सबरीना की गाँड में एक के बाद दूसरी उँगली डालते हुए अब चूत और गाँड एक साथ चोदने लगा। सबरीना पूरी मस्ती में आ कर अपनी कमर उछाल-उछाल कर चुदवाती हुई बोली, “और तेज़ भौंसड़ी के... और तेज़ डाल ना, मज़ा आ रहा है एक साथ चूत और गाँड चुदवाने में। उफ़्फ़्फ़ बड़ा ज़ालिम मर्द है तू... विक्की, और चोद मुझे गाँडू।” सबरीना की गाँड में तीसरी उँगली डाल के घुमाते हुए उसकी चूत को विक्की चोद रहा था। सबरीना की चूत में लंड घुसने की ’थप थप’ की आवाज़ आने लगी और सबरीना की सिसकरियाँ सुनायी देने लगी। विक्की फिर निप्पल खींचते हुए बोला, “ये ले रानी और ले और ले, तेरी माँ की चूत... आज तेरी गाँड और चूत फाड़ दूँगा। बोल तूने कहाँ तक लिफ़्ट दी है मर्दों को जब उन्होंने तेरा जिस्म भीड़ में मसला... सबरीना रानी?”
कमर उछाल-उछाल कर चुदवाने से सबरीना के मम्मे उछल रहे थे और फचक-फचक की आवाज़ आने लगी जब विक्की का लंड उसकी चूत में घुस कर बाहर निकलता क्योंकि दोनो बहुत गीले हुए थे। निप्पल खींचने से सबरीना दर्द और मस्ती से बोली, “आहह आहहह और तेज़ गाँडू, मेरे जिस्म को बेरहमी से मसलते हुए चोद मेरी चूत। विक्की मैंने तेरे से ज्यादा किसी को लिफ़्ट नहीं दी। लिफ़्ट तो बस भीड़ तक ही दी, जो दूसरे मर्दों ने किया, वो भीड़ में वहीं करने दिया पर तेरे सामने नंगी हो कर जैसे चुदवा रही हूँ वैसा मौका किसी भी मर्द को नहीं दिया। एक दो मर्दों ने भीड़ में ही अपना लंड पैंट की ज़िप खोल कर बाहर निकाल कर मेरी सलवार के ऊपर से गाँड पे रगाड़ा भी और मेरी पीठ और सलवार पर अपना वीर्य भी छोड़ा पर मैंने चुदवाया किसी से नहीं”
सबरीना का जोश और बढ़ावा देख कर खुश हो कर विक्की ने सोचा कि साली को सच में आज तक ऐसा लौड़ा नहीं मिला जो ये इतनी उछल कर चुदवा रही है। अब इसको और मज़ा दूँगा। वो सबरीना की कमर पकड़ कर बोला, “सुन रंडी चूत... अब मैं नीचे आऊँगा और तू मेरे ऊपर आ कर मेरे लौड़े से तू चूत चुदवा ले अपनी... समझी रंडी?” सबरीना को बाहों में पकड़ कर घूम कर उसे विक्की अपने ऊपर ले कर बोला, “चल रंडी अब देखता हूँ... कितना दम है तुझ में।” सबरीना के लाल मम्मों को अब और बेरहमी से मसलते हुए और निप्पल खींच कर उसे दर्द और मज़ा देते हुए नीचे से गाँड उठा कर उसके धक्कों का जवाब विक्की देने लगा। इस पोज़िशन में आठ-दस धक्के खाने के बाद सबरीना चूत से लंड निकाल कर घूम के अपनी पीठ विक्की की तरफ कर के लंड अपनी चूत में डाल कर चुदवाने लगी। ऐसा करने से विक्की को अपना लंड सबरीना की चूत से अंदर बाहर होते दिखने लगा। साथ-साथ सबरीना अपने मम्मे खुद दबा कर कईं बार अपनी चूत को सहलाते हुए सिसकरियाँ भरती हुई चुदवाने लगी।
सबरीना के इस स्टाइल और बे-शर्मी से खुश हो कर विक्की उसकी चूत सहलाते हुए अब आराम से उसकी गाँड में भी उँगली करने लगा। बीच में उसके मम्मे भी खींच कर नोचते हुए वो बोला, “बहनचोद तू तो बड़ी मस्त रंडी है, क्या स्टाइल से चुद रही है राँड, ऐसा कभी देखा नहीं छिनाल, और ज़ोर से चुदवा ले रंडी, देखने दे तेरी चूत में कितनी गर्मी है छिनाल। आहहहहह साली और ज़ोर से उछल, लंड तेरी बच्चेदानी पे टकरा रहा है या नहीं रखैल?”
नीचे के धक्कों से सबरीना भी अब अपना पूरा ज़ोर लगा कर उछलने लगी। काफी चूदाई के बाद उसकी चूत में अब सूजन महसूस होने लगी जिसका विक्की को भी एहसास हुआ। ज़ोर से उछलने और हिलने से सबरीना के मम्मे हवा में झूल रहे थे और विक्की उनको बेरहमी से मसल रहा था। अपनी चूत सहलाते हुए सबरीना बोली, “हाँ विक्की... साले! तेरा लंड मेरी बच्चेदानी पे ठोकर दे रहा है। लगता है तेरे लौड़े को मेरी गरम चूत में झड़ कर इस चूदाई की निशानी छोड़नी है। तेरे लौड़े से चुदवाने से मेरी चूत सूज गयी है लेकिन अभी तक दिल नहीं भरा... मेरे चोदू राजा।”
सबरीना के उछलते मम्मे मुठ्ठी में दबाते हुए विक्की बोला, “साली रंडी अब और चोदुँगा तुझे, ये तो नॉर्मल स्टाइल हुई... अभी तुझे कुत्तिया बनाके चोदना है। तेरी जैसी गरम मुसलमान औरत को कुत्तिया बनाके चोदने में बड़ा मज़ा आता है मुझे... सबरीना छिनाल! इससे लंड को ठंडक पहुँचती है मेरे। देख मम्मे कैसे उछल रहे हैं हवा में, मादरचोद मज़ा आ रहा है तुझे चोदने में।”
अब सबरीना की हालत बड़ी खराब होने लगी। इतना दर्द उसे पहले कभी नहीं हुआ था। वो कमर थोड़ी ऊपर करके अब विक्की का पूरा लंड चूत में ना लेते हुए बोली, “हाँ... हाँ... तुझे मज़ा आ रहा है भड़वे! पर मेरी हवा बिगड़ने लगी है तेरे लौड़े से।”
सबरीना की कमर कस कर पकड़ कर चूत में लंड ठेलते हुए विक्की बोला, “तो क्या करूँ? तुझे नीचे ले कर आखिरी धक्के मार के तेरी चूत में अपनी निशानी छोड़ जाऊँ क्या सबरीना रंडी?” सबरीना को अब बोलने की ताकत नहीं रही थी इसलिये वो चिल्लाते हुए बोली, “आह आहहह आहहह ओहहह अल्लाह आहहह ओहहह मेरे मौला ओहहह अल्लाह चूत फट गयी ओहहहहह हाय गाँआँआँडू आहहहहह आहहह होओओओओ अल्लाह।”
जानवर बनके विक्की बिना रहम के उसको चोदते हुए बोला, “फटने दे रंडी, तुझे याद रहेगा कि असली मर्द के लंड से तेरी चूत फटी, ये ले... और ले... और ले साली।” बेरहमी से उसे चोदते हुए और फिर उसे अपने नीचे ले कर विक्की चोदते हुए बोला, “बोल मेरी रंडी बनेगी ना? तेरी बेटियाँ देगी ना मुझे सबरीना?” अब विक्की का लंड पूरा का पूरा सबरीना की बच्चेदानी पर धक्के देने लगा था। अपना सीना विक्की के मुँह पे दबाते हुए सबरीना बोली, “अरे बन गयी हूँ ना अब मैं तेरी रंडी विक्की और हाँ... दूँगी तुझे अपनी बेटियाँ भी। पर क्या मेरी बेटियाँ तुझसे चुदवा सकेंगी, ये तगड़ा लौड़ा उनकी चूत फाड़ नहीं देगा राजा?”
मुँह पे आये सबरीना के मम्मे चूसते हुए और कमर कस के पकड़ कर चोदते हुए विक्की बोला, “नहीं ले सकी मेरा लंड तो चूत फटेगी और क्या होगा? पर असली मर्द से चूत फटने का मज़ा तो मिलेगा ना उनको? नहीं तो ना जाने कौनसे चूतियों से अपनी चूत चुदवाके अपनी जवानी बर्बाद करेंगी वो दोनों।”
सबरीना विक्की के बाल संवारते हुए झड़ने के करीब होने से अपना जिस्म विक्की के बदन से रगड़ते हुए बोली, “ठीक है भोंसड़ी वाले! तुझे मैं अपनी बेटी को चोदने दूँगी में। तूने जो मुझे चोदके मुझ पर मेहरबानी की है उसके लिये तुझे अपनी बेटी जरूर दूँगी।”
विक्की भी झड़ने पे आया था। वो कस कर सबरीना को पकड़ कर उसके निप्पल बेरहमी से चूसते चबाते और चूत चोदते हुए बोला, “मैं भी झड़ने वाला हूँ तेरी गरम चूत में, बहुत मज़ा आया जान, ले और ले रंडी। आहहहहहह ये ले रंडी साली मज़ा आया तुझे चोदने में सबरीना।”
सबरीना जैसे ही झड़ने लगी तो चिल्लाती हुई बोली, “आहहहहह आआआहहहह आँआँआँआँहहहहह मैं तो ओओओओओओ गयीईईईई ऊऊईईईई अल्लाह आहहहह, मुझे कस कर पकड़ विक्की।” सबरीना की उछल कूद से जैसे ही विक्की झड़ने लगा तो सबरीना को कस कर पकड़ कर अपना लंड पूरा अंदर तक घुसाते हुए बोला, “ये ले छीनाआआआआल चूत आहहहहहहह क्क्याआआआआ चूत है तेरीईईईई।” विक्की कस के सबरीना को पकड़ कर लंड का पानी उसकी चूत में छोड़ने लगा। सबरीना को वो गरम पानी अपनी बच्चेदानी पे गिरने का एहसास होने लगा। वो गरम-गरम लावा उसकी चूत में जाके उसकी चूत को ठंडक देने लगा। लंड का पानी चूत को भरने लगा और चूत भरने के बाद काफी वीर्य बाहर आकर सबरीना की जाँघों को गीला करता हुआ नीचे गिरने लगा। विक्की निप्पल चूस कर बोला, “ले जान आआआआआहहहहहह सालीईईईई पूराआआआआ पानी ले रही है तेरी चूत सबरीना छिनाल।”
सबरीना ने विक्की का चेहरा पकड़ कर एक ज़ोरदार चुम्मा उसके होंठों पे सटाया। सबरीना अब भी हाँफ रही थी और संतोष के मारे उसकी आँखें अभी भी बंद थी। पूरा झड़ने के बाद दोनों हाँफ रहे थे। जैसे ही विक्की का लंड चूत से निकला तो ’पॉप’ की आवाज़ हुई और लंड निकालने के बाद चूत में वीर्य बाहर बहने लगा। सबरीना की ब्रा से चूत साफ़ करके विक्की उठ कर घुटनों पे खड़ा हो कर लंड सबरीना के होंठों के पास लाते हुए बोला, “मेरे इस मुस्टंडे लंड को कैसे साफ़ करेगी सबरीना राँड?” लंड सबरीना के होंठों पे घुमाते हुए विक्की आगे बोला, “ले रंडी चाट के साफ़ कर मेरा लंड... छिनाल सबरीना।” सबरीना थकान की वजह से यंत्रवत अपनी जीभ बाहर निकाल कर विक्की का लंड चाटने लगी। विक्की हौले-हौले अपना लंड सबरीना के मुँह में डाल के साफ़ करते हुए बोला, “अच्छे से चूस कर साफ़ कर रंडी, ये तेरे हिजड़े शौहर का लौड़ा नहीं है, तेरे यार का लौड़ा है। ठीक से साफ़ कर इसे।”
सबरीना के पूरा लंड चाट कर साफ़ करने के बाद वो दोनों उसी खुली हवा में थकान से निढाल हो कर लेट गये।
सबरीना में और मस्ती भर गयी मम्मों के मसलने से। विक्की उसके मम्मे मसल रहा था तो वो लंड पकड़ कर विक्की को दिखा कर हिलाती हुई उसकी मुठ मारने लगी जिससे उसमें से काफी रस निकले। एक हाथ से वो पतला सा रस ले कर उसे अपनी चूत पे रगड़ते हुए धीरे-धीरे सबरीना उतावली हो कर विक्की की गाँड चाट रही थी। अब उसे एहसास हो रहा था कि उसकी चूत में लंड नहीं घुसा तो वो बेहद बेकाबू हो जायेगी। अपनी चूत में उँगली डालते हुए वो विक्की से बोली, “उफ्फ बहनचोद, मैं सही में अब उतावली हो गयी हूँ तेरे लंड के लिये। तूने आज जैसे मुझे गरम करके रंडी बनाया है वैसे आज तक मैंने कभी नहीं किया था। तेरे इस दमदार लौड़े से दर्द भी हुआ तो भी अपनी गाँड को मैं चुदवाऊँगी, पर साले मादरचोद... अब चोद डाल मेरी चूत। बहुत तड़प रही है मेरी चूत तेरे लौड़े के लिये। दे मुझे अपना ये लौड़ा और शाँत कर मेरी जवानी।”
अपने नीचे लेटी सबरीना की तड़प देख कर विक्की खुश हुआ। उस रंडी औरत को चूदाई के लिये इतनी बेताब बनी देख कर उसे और तड़पाने के लिये उसके मम्मे और भी बेरहमी से मसलते हुए निप्पल खींच कर उनको मस्ती से मरोड़ते हुए वो बोला, “बहनचोद इतनी क्यों उतावली हो रही है कि लंड पे से मेरा पानी ले कर चूत में डाल रही है रंडी? अरे चूत में तो मेरा लौड़ा घुसेगा... तब मज़ा आयेगा तुझे... वो उँगली निकाल राँड। साली और थोड़ी मेरी गाँड चाट कर जीभ से चोद... उसके बाद तेरी चूत फड़ दूँगा मैं, चल और चाट मेरी गाँड मेरी सबरीना रानी।”
“आहहहह... अब ये आग नहीं सही जाती, जल्दी मेरी चूत में डाल दे अपना मुस्टंडा हिंदू लंड नहीं तो मैं मर जाऊँगी... बहन के लौड़े। एक बार मुझे शाँत कर... फिर तू कहेगा तो रात भर तेरी गाँड चाटूँगी मैं। लेकिन अब सहा नहीं जाता, अब गाँड चाटने को मत बोल, अभी मेरी चूत चोद डाल।” सबरीना उँगली से अपनी चूत चोदते हुए जोश में आकर दूसरे हाथ से विक्की के बाल पकड़ कर उसका सिर झंझोड़ डाला और उसकी छाती में एक मुक्का भी मारा। फिर उसका लंड सहलाने लगी जोश में। यह कहते हुए भी विक्की की गाँड को चूसती रही वो बहुत उतावली हो कर।
विक्की को पहले तो सबरीना के मुक्के और अपने बाल खींचे जाने पर गुस्सा आया पर फिर सबरीना पे रहम खा कर उसने उसकी चूत को झुक कर एक बार पूरी जीभ अंदर डाल के अच्छे से चाट लिया। फिर उसकी टाँगें फ़ैल कर उनमें बैठ के निप्पल खींच कर मम्मे बेरहमी से मसलते हुए बोला, “चल सबरीना रंडी, पहले तेरी चूत फाड़ कर बाद में तेरी गाँड का भोंसड़ा बना दूँगा... चल छिनाल मेरा लंड पकड़ कर अपनी रंडी चूत पे रख और चूत उठा कर मरे लौड़े से लगा। बहनचोद बहुत गरम हो गयी है... लगता है अब तेरी इस गरम मुल्लानी चूत में अपना मूसल लौड़ा डाल के तुझे नहीं चोदा तो तू जल जायेगी अपनी चूत की आग में। मादरचोद कैसे एक अंजान मर्द की गाँड चाट रही है तू साली भड़वी। राम कसम तेरे जैसी गरम माल देखी नहीं आज तक, चल रख मेरा लंड अपनी गरम चूत पे।”
अपना सीना ऊपर करके विक्की के हाथों में अपने मम्मे भर कर सबरीना एक चुदक्कड़ बिल्ली की तरह झट से विक्की का लंड पकड़ कर अपनी चूत पे सटा कर खुद ही अपनी कमर ऊपर नीचे करती हुई लंड अंदर डालने की कोशिश करती हुई बोली, “आआहहहह... उम्म्म अब मुझे चैन मिलेगा भोंसड़ी के..., ले मैंने चूत पे लंड रख दिया, अब तू डाल अपना लौड़ा मेरी गरम चूत में बिंदास हो कर।”
सबरीना ने लंड चूत पे जैसे ही रखा, विक्की ने हल्का धक्का दिया जिससे सबरीना की तंग चूत का मुँह फ़ैला कर लंड की टोपी अंदर घुसी। सबरीना की एक चूंची बेरहमी से मसलते हुए और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़ कर विक्की बोला, “मादरचोद बड़ी चुदासी लगती है तू... रंडी अब देख तेरी चूत की क्या हालत करता हूँ। मादरचोद बड़ा गरम किया है तूने मेरा लंड छिनाल, बड़ी मस्ती से चोदुँगा तेरी चूत हरामी।”
जैसे ही विक्की का हाथ अपने लंड पे गया, सबरीना अपने हाथों से खुद अपनी चूचियाँ मसलती हुई बोली, “उउम्म्म थोड़ा और जोर से मार ना... पूरा लेना है लौड़ा चूत में हरामी। तू दर्द की चिंता मत कर, जितनी बेरहमी से हो सके डाल अपना लौड़ा मेरी चूत में और चोद मुझे।” सबरीना की इस बात पे विक्की ने भी जोश में आकर उसकी कमर में हाथ डाल कर एक ज़ोर दार धक्का दिया जिससे उसका मोटा लंड सबरीना की चूत फैलाते हुए करीब-करीब आधा घुस गया। इतना मोटा लौड़ा घुसने से सबरीना का सीना और माथा पसीने से लथपथ हो गया। दर्द से उसने आँखें बंद करके होंठ दाँतों में दबाये। सबरीना के सीने का पसीना चाट कर विक्की बोला, “तेरी माँ की चूत चोदूँ, साली रंडी, क्या टाइट चूत है तेरी। लगता है तेरे शौहर का लंड ज्यादा बड़ा नहीं है जो मेरा लंड इतना टाइट जा रहा है।”
अपनी कमर हिला कर, पैर फ़ैलाते हुए सबरीना विक्की के लंड का रास्ता और आसान करती हुई, विक्की के चौड़े सीने पे हाथ फेरती हुई बोली, “अरे मेरे शौहर की बात छोड़, तुझे मज़ा आ रहा है ना एक ४२-४३ साल की औरत की इतनी टाइट चूत में लंड डालने में? यार तू अपनी सोच, मेरे बारे में बोल, शौहर का क्या काम है? उसका काम खतम हुआ जब उसने दो बेटियाँ दे दीं, मुझे अब उसका कोई काम नहीं है, साला पाँच मिनट में झड़ जाता है। तेरी कसम विक्की मुझे ये इतना पसीना इक्कीस साल की शादी में कभी नहीं आता था।”
दो-तीन बार लंड आगे पीछे करके विक्की ने फिर ज़ोर से धक्का देके लंड सबरीना की चूत में घुसाया। इस बार पूरा लौड़ा अंदर घुसा तो सबरीना चिल्लाने और तड़पने लगी। अपने मम्मे खुद मसलती हुई वो ज़ोर से आंहें भरने लगी। विक्की बिना रुके लंड चूत में ठेलते और मम्मे मसलते हुए बोला, “मादरचोद उसकी बात तो आती रहेगी ही रंडी, तू मेरा लौड़ा और चूदाई की उससे तुलना करेगी ही ना? अब कैसे बोली कि इक्कीस साल में पहली बार ऐसा पसीना आया... वो भी आधा लंड घुसने से? तेरी माँ को चोदूँ राँड... ये सोच कि पूरा लंड घुसा कर जब जानवर जैसे तुझे चोदुँगा तब तेरा क्या हाल होगा?”
विक्की का पूरा लौड़ा अंदर घुसने पर सबरीना जोर से ’ओहहह आहहह ऊफ़्फ़्फ़’ चिल्लाने लगी। वो खुद कमर ऊपर करके विक्की के लंड से भिड़ा रही थी। विक्की ने चूत आहिस्ता चोदते हुए सबरीना के होंठों पे अपने होंठ दबा कर मस्ती से मम्मे मसलना शुरू किया। मम्मों से इतना खेलने से वो एकदम लाल हो गये थे। सबरीना विक्की को बाहों में ले कर उसको किस करके बोली, “अरे मैं तुलना करके उससे कहूँगी कि तेरे जैसे असली मर्द कैसे चोदते हैं। तू क्यों बीच में उसे लाता है, तू मेरी और अपनी बात कर ना। आज तुझे मौका मिला है तो कर ले इस जिस्म से अपने दिल की भड़ास पूरी। ऐसा मौका बार-बार नहीं आता कि मेरी जैसे गरम चुदास औरत तेरे जैसे तगड़े चोदू मर्द के नीचे हो। हाँ ये बात और है कि तेरे जैसे मर्दों के गरम करने पर मेरे जैसी औरतें टाँगें फ़ैला देती हैं... लेकिन गरम होने में बहुत वक्त लेती हैं मेरे जैसी औरतें। आहहहहह आँआँ फाड़ दिया मेरी चूत को... गधी की औलाद... भोंसड़ी वाले... चोद.... और डाआआआल अपना लौड़ाआआआ अंदर आआआआ ओओओओआँआँआआआहहहहह।”
“ठीक है राँड अब तेरे हिजड़े शौहर की बात नहीं करूँगा। चोदने तक तेरी बात और उसके बाद तेरी सहेलियों और तेरी कमसिन बेटियों की बात करूँगा। आज रात भर तुझे ऐसे ही खुली हवा में चोदुँगा रंडी की तरह... और कोई भी आये तो मेरे बाद उससे भी तुझे चुदवाऊँगा समझी? तेरी जैसी रंडी औरत को जब-जब मैं चाहता हूँ... अपने नीचे लेता हूँ, तेरी जैसी मुसलमान औरतें नखरे करके और शरमाके चुदवाती हैं इससे हम मर्द बड़े गरम होते हैं। तुम मुसल्लियाँ आराम से गरम होती हो और बेरहमी चुदा के ठंडी होती हो। मादरचोद लगता है ज़िंदगी में पहली बार लंड गया तेरी चूत में जो तू इतना चिल्ला रही है... हरामी ये तो शुरूआत है... अभी तेरी गाँड बाकी है छिनाल।”
जीभ सबरीना के मुँह में घुसा कर उसके मम्मे मसलते हुए विक्की ने अब उसकी चूदाई ज़ोर से शुरू की। सबरीना ने थोड़ा अपने होंठ विक्की के होंठों से अलग किये उसे जवाब देने के लिये और इसलिये उसने अपनी चूंची उसके मुँह में दे दी। विक्की का लंड ज्यादा से ज्यादा चूत में ले कर वो पैर फ़ैला के कमर उठा कर मस्ती से चुदवाने लगी। विक्की का मुँह मम्मे पे दबा कर वो बोली, “ले मेरे मम्मे चूस कर मेरे दर्द को ज़रा तसल्ली दे। विक्की बहनचोद... मैं तो ऐसे चुदवाने को शादी की पहली रात से तड़प रही थी कि खुली हवा में चुदवाऊँ लेकिन मेरा शौहर, साले का लंड खुले में आते ही मानो ठंडा पड़ जाता है। अरे अब शुरूआत ऐसी हो चुकी है तो अंत भी बड़ा ज़ालिम होना चाहिये। मुझे ऐसा लगना चाहिये कि ज़िंदगी में पहली बार चुदी हूँ। सुन विक्की गाँडू... तेरा रस मेरी चूत के एकदम अंदर डालना... मेरी बच्चेदानी पे... तभी मुझे सही में तसल्ली मिलेगी।”
सबरीना के मम्मे पहले बच्चे की तरह चूस कर फिर जोश में आकर दोनों निप्पल बारी-बारी चूस कर, चबाते हुए पूरे लाल कर दिये विक्की ने। नीचे चूत में लंड घुसा-घुसा कर सबरीना को चोदते हुए विक्की ने उसके मम्मे इतने चूसे कि उसके चबाने से सबरीना के मम्मों से हल्का सा खून आ गया जिसे विक्की ने चाट लिया। फिर मम्मे मसलते हुए विक्की बोला, “सबरीना तेरे जैसी गरम माल के साथ ज़िंदगी भर खेलुँगा, तुझे अपनी राँड बना कर रखुँगा, तेरी जैसे गरम चूत आज तक नहीं मिली। सबरीना शादी के इक्कीस साल रेगिस्तान में भटकने के बाद आज तुझे समंदर मिल रहा है, एक असली दमदार लंड से... तेरा शौहर जल्दी झड़ता है... इस लिये मुझे शक है कि वो तेरी बेटियों का बाप नहीं है क्यों? बहनचोद चूदाई के अंत में तू लंड निकाल लेने के भीख माँगेगी... समझी छिनाल? बहनचोद तुझे चोदके फिर माँ बनाऊँगा और अपने बच्चे की सौतेली बहनों को और उसकी माँ को चोदता रहुँगा।”
सबरीना विक्की का चेहरा चूमते हुए हाथ नीचे डाल कर उसकी गोटियाँ मसल कर बोली, “अरे-अरे ये गाली मत दे उसे... उसके साथ शादी के बाद आज पहली बार किसी पराये मर्द का लंड इस चूत को नसीब हुआ है पर शादी से पहले बहुत लंड लिये हैं मैंने अपनी चूत में। आज इस चूत को फाड़ कर अपनी रस की एक भी बूँद मेरी चूत के बाहर ना जाये... ये देखना। अच्छा लेकिन ये तो बता तुझे मुझ जैसी लजीज़ माल तो कई मिली होंगी ना?”
लंड करीब-करीब बाहर निकाल कर फिर बेरहमी से अंदर ठाँसते हुए और मम्मे नोचते मसलते हुए विक्की बोला, “बहनचोद तेरा चूतिया मर्द मिले तो उसकी गाँड मारूँगा, हरामी ने तेरी जैसी गरम चूत इतने दिन मुझसे जो छिपायी। तेरी माँ की चूत... साली तू तो बचपन से मेरी राँड होनी चाहिये थी। तेरी माँ को चोदूँ राँड... अपने कीमती लंड के पानी की एक भी बूँद बाहर नहीं जाने दूँगा। तेरी गरम चूत की कसम... कईं चूतें चोदीं, पर तेरी जैसी माल आज तक नहीं मिली। तेरी जैसी गरम और हर बात में साथ देने वाली चूत नसीब वाले मर्द को ही मिलती है रंडी।”
“तू मेरी चूत चोदता रह... भड़वे। तेरी गाली, मार और लंड मुझे और मस्त बना रहे हैं विक्की। और ज़ोर से चोद मुझे, निकाल ले पूरी भड़ास गाँडू मेरी ये चूत चोद कर।” विक्की के लंड पे शायद भूत सवार था। वो तो बेरहमी से सबरीना को चोद कर उसके मम्मे मसलते हुए दबा रहा था। चूत चोदते हुए उसकी गाँड में उँगली घुसाते हुए उसमें घुमा कर निकाल के सबरीना को चाटने के लिये देते हुए वो बोला, “ये बोल आज के पहले भी मर्दों ने तुझे भीड़ में मसला होगा तो उनसे क्यों नहीं चुदी तू राँड?”
सबरीना विक्की की उँगली शौकिया तौर पे एक रंडी जैसे चाट कर और फिर अपनी एक उँगली उसके लंड के साथ अपनी चूत में डाल कर निकाल के विक्की को चाटने के लिये देते हुए बोली, “अरे कईं लोगों ने मुझे क्या कईं औरतों को मसला है... इसलिये तो हम औरतों को भीड़ में जाना पसंद नहीं। रही बात औरों से मसलवाने कि तो कईं बार मसली गयी हूँ पर किसी में तेरे जितना दम ही नहीं था इसलिये सिर्फ़ मसलने पे ही बात खतम हुई। तू जिस हिसाब से मेरी बात माने बिना भीड़ में ब्लाऊज़ खोलने लगा... तब मैंने फ़ैसला किया कि तुझे अपने साथ आने को कहूँगी।”
सबरीना की उँगली पूरी चाट कर हल्के से चबाते हुए विक्की बोला, “क्या बोलती है? तेरी जैसी गरम रंडी औरत को भीड़ में जाना पसंद नहीं? अरे तेरी जैसी औरत को ही तो मैं भीड़ में ढूँढ कर गरम कर कर चोदता हूँ, तू मेरी ज़िंदगी में बस में मिली वैसे तीसरी चूत है। तूने भीड़ में सामने वाले को आज के पहले कितनी लिफ़्ट दी और वो कहाँ तक आया तेरे साथ?” विक्की अब चूत चोदते हुए सबरीना की गाँड में एक के बाद दूसरी उँगली डालते हुए अब चूत और गाँड एक साथ चोदने लगा। सबरीना पूरी मस्ती में आ कर अपनी कमर उछाल-उछाल कर चुदवाती हुई बोली, “और तेज़ भौंसड़ी के... और तेज़ डाल ना, मज़ा आ रहा है एक साथ चूत और गाँड चुदवाने में। उफ़्फ़्फ़ बड़ा ज़ालिम मर्द है तू... विक्की, और चोद मुझे गाँडू।” सबरीना की गाँड में तीसरी उँगली डाल के घुमाते हुए उसकी चूत को विक्की चोद रहा था। सबरीना की चूत में लंड घुसने की ’थप थप’ की आवाज़ आने लगी और सबरीना की सिसकरियाँ सुनायी देने लगी। विक्की फिर निप्पल खींचते हुए बोला, “ये ले रानी और ले और ले, तेरी माँ की चूत... आज तेरी गाँड और चूत फाड़ दूँगा। बोल तूने कहाँ तक लिफ़्ट दी है मर्दों को जब उन्होंने तेरा जिस्म भीड़ में मसला... सबरीना रानी?”
कमर उछाल-उछाल कर चुदवाने से सबरीना के मम्मे उछल रहे थे और फचक-फचक की आवाज़ आने लगी जब विक्की का लंड उसकी चूत में घुस कर बाहर निकलता क्योंकि दोनो बहुत गीले हुए थे। निप्पल खींचने से सबरीना दर्द और मस्ती से बोली, “आहह आहहह और तेज़ गाँडू, मेरे जिस्म को बेरहमी से मसलते हुए चोद मेरी चूत। विक्की मैंने तेरे से ज्यादा किसी को लिफ़्ट नहीं दी। लिफ़्ट तो बस भीड़ तक ही दी, जो दूसरे मर्दों ने किया, वो भीड़ में वहीं करने दिया पर तेरे सामने नंगी हो कर जैसे चुदवा रही हूँ वैसा मौका किसी भी मर्द को नहीं दिया। एक दो मर्दों ने भीड़ में ही अपना लंड पैंट की ज़िप खोल कर बाहर निकाल कर मेरी सलवार के ऊपर से गाँड पे रगाड़ा भी और मेरी पीठ और सलवार पर अपना वीर्य भी छोड़ा पर मैंने चुदवाया किसी से नहीं”
सबरीना का जोश और बढ़ावा देख कर खुश हो कर विक्की ने सोचा कि साली को सच में आज तक ऐसा लौड़ा नहीं मिला जो ये इतनी उछल कर चुदवा रही है। अब इसको और मज़ा दूँगा। वो सबरीना की कमर पकड़ कर बोला, “सुन रंडी चूत... अब मैं नीचे आऊँगा और तू मेरे ऊपर आ कर मेरे लौड़े से तू चूत चुदवा ले अपनी... समझी रंडी?” सबरीना को बाहों में पकड़ कर घूम कर उसे विक्की अपने ऊपर ले कर बोला, “चल रंडी अब देखता हूँ... कितना दम है तुझ में।” सबरीना के लाल मम्मों को अब और बेरहमी से मसलते हुए और निप्पल खींच कर उसे दर्द और मज़ा देते हुए नीचे से गाँड उठा कर उसके धक्कों का जवाब विक्की देने लगा। इस पोज़िशन में आठ-दस धक्के खाने के बाद सबरीना चूत से लंड निकाल कर घूम के अपनी पीठ विक्की की तरफ कर के लंड अपनी चूत में डाल कर चुदवाने लगी। ऐसा करने से विक्की को अपना लंड सबरीना की चूत से अंदर बाहर होते दिखने लगा। साथ-साथ सबरीना अपने मम्मे खुद दबा कर कईं बार अपनी चूत को सहलाते हुए सिसकरियाँ भरती हुई चुदवाने लगी।
सबरीना के इस स्टाइल और बे-शर्मी से खुश हो कर विक्की उसकी चूत सहलाते हुए अब आराम से उसकी गाँड में भी उँगली करने लगा। बीच में उसके मम्मे भी खींच कर नोचते हुए वो बोला, “बहनचोद तू तो बड़ी मस्त रंडी है, क्या स्टाइल से चुद रही है राँड, ऐसा कभी देखा नहीं छिनाल, और ज़ोर से चुदवा ले रंडी, देखने दे तेरी चूत में कितनी गर्मी है छिनाल। आहहहहह साली और ज़ोर से उछल, लंड तेरी बच्चेदानी पे टकरा रहा है या नहीं रखैल?”
नीचे के धक्कों से सबरीना भी अब अपना पूरा ज़ोर लगा कर उछलने लगी। काफी चूदाई के बाद उसकी चूत में अब सूजन महसूस होने लगी जिसका विक्की को भी एहसास हुआ। ज़ोर से उछलने और हिलने से सबरीना के मम्मे हवा में झूल रहे थे और विक्की उनको बेरहमी से मसल रहा था। अपनी चूत सहलाते हुए सबरीना बोली, “हाँ विक्की... साले! तेरा लंड मेरी बच्चेदानी पे ठोकर दे रहा है। लगता है तेरे लौड़े को मेरी गरम चूत में झड़ कर इस चूदाई की निशानी छोड़नी है। तेरे लौड़े से चुदवाने से मेरी चूत सूज गयी है लेकिन अभी तक दिल नहीं भरा... मेरे चोदू राजा।”
सबरीना के उछलते मम्मे मुठ्ठी में दबाते हुए विक्की बोला, “साली रंडी अब और चोदुँगा तुझे, ये तो नॉर्मल स्टाइल हुई... अभी तुझे कुत्तिया बनाके चोदना है। तेरी जैसी गरम मुसलमान औरत को कुत्तिया बनाके चोदने में बड़ा मज़ा आता है मुझे... सबरीना छिनाल! इससे लंड को ठंडक पहुँचती है मेरे। देख मम्मे कैसे उछल रहे हैं हवा में, मादरचोद मज़ा आ रहा है तुझे चोदने में।”
अब सबरीना की हालत बड़ी खराब होने लगी। इतना दर्द उसे पहले कभी नहीं हुआ था। वो कमर थोड़ी ऊपर करके अब विक्की का पूरा लंड चूत में ना लेते हुए बोली, “हाँ... हाँ... तुझे मज़ा आ रहा है भड़वे! पर मेरी हवा बिगड़ने लगी है तेरे लौड़े से।”
सबरीना की कमर कस कर पकड़ कर चूत में लंड ठेलते हुए विक्की बोला, “तो क्या करूँ? तुझे नीचे ले कर आखिरी धक्के मार के तेरी चूत में अपनी निशानी छोड़ जाऊँ क्या सबरीना रंडी?” सबरीना को अब बोलने की ताकत नहीं रही थी इसलिये वो चिल्लाते हुए बोली, “आह आहहह आहहह ओहहह अल्लाह आहहह ओहहह मेरे मौला ओहहह अल्लाह चूत फट गयी ओहहहहह हाय गाँआँआँडू आहहहहह आहहह होओओओओ अल्लाह।”
जानवर बनके विक्की बिना रहम के उसको चोदते हुए बोला, “फटने दे रंडी, तुझे याद रहेगा कि असली मर्द के लंड से तेरी चूत फटी, ये ले... और ले... और ले साली।” बेरहमी से उसे चोदते हुए और फिर उसे अपने नीचे ले कर विक्की चोदते हुए बोला, “बोल मेरी रंडी बनेगी ना? तेरी बेटियाँ देगी ना मुझे सबरीना?” अब विक्की का लंड पूरा का पूरा सबरीना की बच्चेदानी पर धक्के देने लगा था। अपना सीना विक्की के मुँह पे दबाते हुए सबरीना बोली, “अरे बन गयी हूँ ना अब मैं तेरी रंडी विक्की और हाँ... दूँगी तुझे अपनी बेटियाँ भी। पर क्या मेरी बेटियाँ तुझसे चुदवा सकेंगी, ये तगड़ा लौड़ा उनकी चूत फाड़ नहीं देगा राजा?”
मुँह पे आये सबरीना के मम्मे चूसते हुए और कमर कस के पकड़ कर चोदते हुए विक्की बोला, “नहीं ले सकी मेरा लंड तो चूत फटेगी और क्या होगा? पर असली मर्द से चूत फटने का मज़ा तो मिलेगा ना उनको? नहीं तो ना जाने कौनसे चूतियों से अपनी चूत चुदवाके अपनी जवानी बर्बाद करेंगी वो दोनों।”
सबरीना विक्की के बाल संवारते हुए झड़ने के करीब होने से अपना जिस्म विक्की के बदन से रगड़ते हुए बोली, “ठीक है भोंसड़ी वाले! तुझे मैं अपनी बेटी को चोदने दूँगी में। तूने जो मुझे चोदके मुझ पर मेहरबानी की है उसके लिये तुझे अपनी बेटी जरूर दूँगी।”
विक्की भी झड़ने पे आया था। वो कस कर सबरीना को पकड़ कर उसके निप्पल बेरहमी से चूसते चबाते और चूत चोदते हुए बोला, “मैं भी झड़ने वाला हूँ तेरी गरम चूत में, बहुत मज़ा आया जान, ले और ले रंडी। आहहहहहह ये ले रंडी साली मज़ा आया तुझे चोदने में सबरीना।”
सबरीना जैसे ही झड़ने लगी तो चिल्लाती हुई बोली, “आहहहहह आआआहहहह आँआँआँआँहहहहह मैं तो ओओओओओओ गयीईईईई ऊऊईईईई अल्लाह आहहहह, मुझे कस कर पकड़ विक्की।” सबरीना की उछल कूद से जैसे ही विक्की झड़ने लगा तो सबरीना को कस कर पकड़ कर अपना लंड पूरा अंदर तक घुसाते हुए बोला, “ये ले छीनाआआआआल चूत आहहहहहहह क्क्याआआआआ चूत है तेरीईईईई।” विक्की कस के सबरीना को पकड़ कर लंड का पानी उसकी चूत में छोड़ने लगा। सबरीना को वो गरम पानी अपनी बच्चेदानी पे गिरने का एहसास होने लगा। वो गरम-गरम लावा उसकी चूत में जाके उसकी चूत को ठंडक देने लगा। लंड का पानी चूत को भरने लगा और चूत भरने के बाद काफी वीर्य बाहर आकर सबरीना की जाँघों को गीला करता हुआ नीचे गिरने लगा। विक्की निप्पल चूस कर बोला, “ले जान आआआआआहहहहहह सालीईईईई पूराआआआआ पानी ले रही है तेरी चूत सबरीना छिनाल।”
सबरीना ने विक्की का चेहरा पकड़ कर एक ज़ोरदार चुम्मा उसके होंठों पे सटाया। सबरीना अब भी हाँफ रही थी और संतोष के मारे उसकी आँखें अभी भी बंद थी। पूरा झड़ने के बाद दोनों हाँफ रहे थे। जैसे ही विक्की का लंड चूत से निकला तो ’पॉप’ की आवाज़ हुई और लंड निकालने के बाद चूत में वीर्य बाहर बहने लगा। सबरीना की ब्रा से चूत साफ़ करके विक्की उठ कर घुटनों पे खड़ा हो कर लंड सबरीना के होंठों के पास लाते हुए बोला, “मेरे इस मुस्टंडे लंड को कैसे साफ़ करेगी सबरीना राँड?” लंड सबरीना के होंठों पे घुमाते हुए विक्की आगे बोला, “ले रंडी चाट के साफ़ कर मेरा लंड... छिनाल सबरीना।” सबरीना थकान की वजह से यंत्रवत अपनी जीभ बाहर निकाल कर विक्की का लंड चाटने लगी। विक्की हौले-हौले अपना लंड सबरीना के मुँह में डाल के साफ़ करते हुए बोला, “अच्छे से चूस कर साफ़ कर रंडी, ये तेरे हिजड़े शौहर का लौड़ा नहीं है, तेरे यार का लौड़ा है। ठीक से साफ़ कर इसे।”
सबरीना के पूरा लंड चाट कर साफ़ करने के बाद वो दोनों उसी खुली हवा में थकान से निढाल हो कर लेट गये।
Re: सबरीना की बस की मस्ती
उस रात विक्की से चुदवाने के बाद सबरीना सहेली के घर जाने की बजाय वापस अपने घर गयी। उन फटे और गंदे कपड़ों में सहेली के घर जाती तो सहेली को पक्का शक हो जाता। फटे ब्लाउज़ में बिना ब्रा के सीने को गंदी साड़ी में लपेट कर, साड़ी बिना पेटीकोट के पैंटी पर बाँध कर वो घर आयी। विक्की सबरीना को घर तक छोड़ने गया था। सबरीना की बेटी सो रही थीं इसलिये उसे कुछ तकलीफ नहीं हुई घर में।
६-७ दिन के बाद वो विक्की से मिलने उसके घर गयी। चुदाई के बाद जब वो विक्की की बांहों में पड़ी थी तो विक्की ने उसकी बेटियों के बारे में पूछा। मुस्कुराते हुए सबरीना बोली, “तू मेरी बेटियों के बारे में जानने के लिये बेताब है... यह मैं जानती हूँ विक्की... तो सुन, मेरी एक बेटी हॉस्टल में पढ़ती है और दूसरी घर में रहती है। ज़हरा इंजीनियरिंग में है और समीना बी.कॉम कर रही है। मैंने तुझसे वादा किया था तो अब निभाने का वक्त आया है। बोल कैसे करना चाहता है तू चुदाई का खेल मेरी समीना के साथ?”
विक्की ने प्लैन पहले ही सोच कर रखा था। सबरीना के मम्मों से खेलते हुए वो बोला, “चल कोई बात नहीं, सिर्फ़ समीना भी मिली तो कोई गम नहीं, मौका मिला तो ज़हरा को भी चोदुँगा। सुन सबरीना तू एक काम कर, अपने घर में मुझे तू अपने मायके का फैमली फ्रेंड बना कर रख। २-३ दिन में घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व कर के प्लैन बनाऊँगा।”
सबरीना ने विक्की की यह बात मानी और कुछ ही दिनों में विक्की को अपने घर में मुँह बोला भाई बना के ले आयी। सबरीना के शौहर और बेटी ने सबरीना की बात मान कर विक्की का स्वागत किया। समीना को देखके ही विक्की का लंड उठने लगा। वो बीस साल की जवान लड़की एक दम उसकी माँ पर गयी थी। वहीं रंग, वहीं चेहरा, वहीं आँखें, वैसा ही गठीला जिस्म, बत्तीस के कड़क मम्मे, पतली कमर और गोल गाँड। सलवार कमीज़ और ऊँची हील की सैंडल में समीना का वो रूप देख कर विक्की उसे देखता ही रह गया। विक्की ने नोटिस किया कि समीना उसको अजीब नज़र से देख रही थी। उस नज़र से विक्की समझ गया कि समीना को अपनी जवानी का एहसास है और वो भी मर्द का साथ चाहती है।
इन दिनों में विक्की ने देखा कि समीना उसे कई बार ध्यान से देखती थी। वो जब वक्त मिले तब विक्की से बात करने बैठ जाती। विक्की भी यही चाहता था और वो भी दिल खोल कर समीना से बातें करता था। बात करते वक्त वो समीना का पूरा जिस्म निहारता और समीना भी बिना कोई डर या शरम के उसके सामने बैठ कर बात करती थी। प्लैन के मुताबिक विक्की ने घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व किया। सबरीना का शौहर सुबह जा कर रात में ही आता था और समीना का दोपहर का कॉलेज होता था इसलिये वो सुबह घर में ही रहती थी। यह सब देख कर विक्की ने प्लैन बनाया और सबरीना को बताया। विक्की का प्लैन सुन कर सबरीना खुश हुई और प्लैन के मुताबिक चलने का वादा किया। उन ५-६ दिनों में विक्की रोज़ दोपहर को सबरीना को चोदता था। समीना के कॉलेज जाने के बाद शाम तक यह मस्ती चलती रहती थी। विक्की ने सबरीना को शराब पीने की भी आदत डाल दी। शराब पी कर सबरीना नशे में और भी मादकता से चुदवाती थी।
दूसरे ही दिन सुबह शौहर के काम पर जाने के बाद जब समीना नहाने गयी तो सबरीना और विक्की एक दूसरे की बांहों में आ गये। लूँगी के ऊपर से विक्की का लंड पकड़ कर सबरीना ने कहा, “विक्की, आज तुझे मैं अपनी समीना दे रही हूँ। मुझे पता है कि मेरी बेटी गरम है। मुझे कई बार उसके बिस्तर के नीचे खीरा-काकड़ी मिली है। बाथरूम में अभी चूत में उँगली कर रही होगी। तू उसे अब खूब चोद और उसे भी जवानी का मज़ा दे।”
सबरीना को नीचे बिठा कर अपना लंड उसके होंठों पे रख कर विक्की बोला, “तू अब उसकी चिंता मत कर मेरी रंडी, उसे तो खूब मस्ती से चोदुँगा मैं। मुझे पता है तेरी बेटी है तो वो गरम चूत तो होगी है।”
बाथरूम के दरवाजे के बाहर नीचे बैठ कर सबरीना विक्की का लंड चूसने लगी और विक्की की-होल से बाथरूम में समीना को देखने लगा। समीना को नहाते देखने के ख्याल से और सबरीना द्वारा लंड चूसने से वो यह सोच कर गरम हुआ कि, है तो साली बीस साल की पर जिस्म एक भरी हुई औरत जैसा है। विक्की ने यह भी सोचा कि यह भी उसकी माँ जैसी ही गरम और नमकीन होगी बिस्तर में। की-होल से विक्की ने देखा कि कपड़े निकाल कर समीना अपना नंगा जिस्म आइने में देखती हुई सहला रही है। घूम कर अपनी गाँड, सीना और चूत को देख कर समीना उनको सहलाने लगी। विक्की का लंड नंगी समीना को देख कर और गरम हो गया जिसे सबरीना मस्ती से चूस रही थी। कितनी हरामी औरत थी यह सबरीना जो अपने यार को अपनी नंगी बेटी का जिस्म दिखा कर उसका लंड चूस रही थी। अब विक्की ने देखा कि समीना अपने मम्मे मसलते हुए साबून से अपनी चूत को भी सहलाने लगी। ऐसा करते वक्त वो अपनी आँखें बंद कर रही थी और अपने होंठों को अपने दाँतों से दबाती थी। समीना बार-बार अपनी चूत में उँगली भी कर रही थी। उसकी गुलाबी, बिना झाँटों वाली चूत गीली थी। उँगली से वो दाना दबा कर सिसकरियाँ भरती और दूसरे हाथ से मम्मे मसलती हुई आँखें बंद करके मस्ती कर रही थी।
यह सब देख कर विक्की ने सबरीना के मम्मे मसलते हुए उसका मुँह चोदना शुरू किया। उसने सोचा कि यह साली अपनी माँ पर गयी है, गरम माल है, काटे पर आयी है, थोड़ा और गरम करो, इसकी शरम हटाओ तो चुदवाने को तैयार होगी। वैसे भी प्लैन के मुताबिक घर में सिर्फ़ हम दो हैं और उसकी रूम लॉक है जिससे उसे सिर्फ़ टॉवल में ही बाहर आना है। १०-१५ मिनट उस कमसिन जवानी का नंगा नज़ारा देख कर विक्की का लौड़ा एक दम गरम हो गया। अब उसने सबरीना को उठाया और जाने के लिये बोला। सबरीना समीना का रूम लॉक करके कहीं बाहर चली गयी। समीना का रूम बाथरूम के पास ही था, इसलिये वो नहाने जाते वक्त अपने बाकी सब कपड़े बिस्तर पर निकाल कर रख कर सिर्फ़ टॉवल में नहाने गयी थी। जैसे ही समीना का नहाना हुआ और उसने टॉवल लपेट लिया तो विक्की आ कर सोफ़े पर बैठ गया।
समीना जब बाथरूम से टॉवल लपेट कर बाहर आयी तो विक्की को देख कर शर्मा गयी पर फिर हल्की मुस्कुराहट दे कर अपने कमरे के पास गयी। कमरे का दरवाजा लॉक देख कर वो हॉल क्रॉस करके अपनी माँ के बेडरूम की तरफ़ गयी। जब वो विक्की के सामने से गुजरी तब विक्की उसका गीला जिस्म बड़े ध्यान से देखते हुए आँखों में भरने लगा। माँ को बेडरूम में ना पा कर समीना वहीं से चिल्लायी, “अम्मी... ओ... अम्मी मेरे कपड़े तो देना। कहाँ हो तुम अम्मी?”
आँखों के कोने से विक्की समीना को देखने लगा। गीले गोरे जिस्म पर लाल टॉवल लिपटा था, बाल और जिस्म भीगे हुए थे, गोरी टाँगें घुटनों के थोड़े ऊपर तक नंगी नज़र आयी उसे। पूरा हुस्न देख कर विक्की बोला, “क्या हुआ समीना? क्यों इतनी ज़ोर से चिल्ला कर अपनी अम्मी को बुला रही हो तुम?” विक्की को अपना भीगा जिस्म देखते देख कर समीना ज़रा शरमा कर कमरे में जा कर बोली, “अम्मी कहाँ है? उसको कहो ना मेरे रूम में आये।”
विक्की बोला, “अरे सबरीना तो कुछ काम से बाहर गयी है, वो बोली थी की एक घंटे में आऊँगी, तुम को क्या काम है बोलो?” यह सुन कर समीना धीरे से बोली, “ओफ्फ ओह उसको भी इसी वक्त जाना था? अब मेरे कपड़े? क्या करूँ मैं? क्या पूरा घंटा सिर्फ़ यह टॉवल लपेटे रहूँ?” विक्की अब उसके रूम में आ कर समीना को पूरी तरह देखते हुए बोला, “क्या हुआ तेरे कपड़ों को? क्यों परेशान है तू?”
विक्की को अचानक रूम में देख कर समीना पर्दे को अपने आप पर लपेट कर बोली, “ओहह आप क्यों आये यहाँ? मॉम ने आपको चाबियाँ दी हैं मेरे वार्डरोब की?” समीना की अदा पर मुस्कुराते हुए विक्की बोला, “अरे क्या हुआ? अब तेरी अम्मी मुझे चाबियाँ क्यों देगी? आखिर हुआ क्या है जो इतनी परेशान हो गयी है तू?”
“देखो ना... उससे बोला था कि वार्डरोब में से कपड़े निकाल कर जाओ। उसने कपड़े भी नहीं रखे और चाबियाँ भी नहीं हैं। अब क्या मैं ऐसे बैठूँ उसके आने तक?” विक्की ने समीना के माथे पर पसीना देखा। विक्की सबरीना के बिस्तर पे बैठ कर वहाँ पड़ी मैगज़ीन देखते हुए बोला, “अरे हाँ यह तो सही है, पर अब किया भी क्या जा सकता है? अब तेरी अम्मी आने तक तुझे ऐसे ही बैठना पड़ेगा।”
समीना सोच में डूब गयी और उसके हाथ से पर्दा छूट गया। विक्की अब एक दम पास से टॉवल में लिपटी समीना को देखने लगा। टॉवल काफी छोटा था, बड़ी मुश्किल से समीना की जाँघों से शुरू हो कर उसके मम्मों के ऊपर तक आया था। समीना का कमसिन गीला जिस्म, टॉवल के ऊपर से झाँक रहे मम्मे, उसकी गोरी टाँगें, उसका हुस्न देख कर विक्की का लंड लूँगी में उछलने लगा। समीना के सीने पे नज़र गड़ा कर वो बोला, “बोल मैं कैसे मदद करूँ तेरी? वार्डरोब तोड़ डालूँ क्या तेरे लिये?”
समीना को विक्की की बात और नज़र से ख्याल आया कि वो टॉवल में विक्की के सामने खड़ी है पर अब वो बिना झिझक उसी हाल में रूम में घूमते हुए सोचने लगी। कमरे में घूमते वक्त उसकी नज़र विक्की के तने हुए लौड़े पर पड़ी। वो विक्की के लंड की तरफ़ देख कर बोली, “नहीं... नहीं वार्डरोब ना तोड़ो… लेकिन कुछ सोचो ना।” समीना की नज़र अपने लंड पर देख कर अंजान बन कर विक्की अपने पैर थोड़े और खोलते हुए बोला, “एक काम कर सकते हैं अगर तू हाँ बोले तो। चाहे तो मेरी शॉट्र्स और बनियान पहन सकती है तू।” विक्की को अजीब नज़रों से देखते हुए समीना बोली, “क्या आपकी शॉट्र्स और बनियान पहनूँ मैं?”
समीना के पास जा कर विक्की बोला, “हाँ, क्यों? कोई प्रॉब्लम है तुझे? या तुझे इस टॉवल में ही रहना है समीना?” समीना ज़रा सोच कर बोली, “पर... वो मैं... ठीक है दे दो अपनी शॉट्र्स और बनियान मुझे।” समीना का हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले जा कर विक्की ने उसे एक दम छोटा बनियान और छोटी सी शॉट्र्स दी। समीना शॉट्र्स और बनियान देख कर दंग हो गयी। शॉट्र्स पे जगह-जगह दाग लगे थे और बनियान भी बड़ी छोटी साइज़ का था। दोनों कपड़े देख कर समीना बोली, “ये कपड़े? ये शॉट्र्स तो बिकिनी से भी छोटी है, बनियान कितना छोटा और टाइट है।”
विक्की समीना के हाथ से कपड़े ले कर बिस्तर पर फ़ैलाते हुए बोला, “अब हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है, देख कम से कम इससे तेरे बदन पे कपड़े तो होंगे ना? भले ये कपड़े छोटे हैं पर तेरी इस टॉवल से अच्छे हैं, चल वो शॉट्र्स और बनियान पहन ले जल्दी।”
और कोई रास्ता नहीं था तो समीना कपड़े उठाने के लिये झुकी। जैसे ही वो झुकी, उसका टॉवल खुल गया। समीना ने झट से टॉवल से वापस अपना जिस्म ढक लिया पर तब तक उसने विक्की को अपने नंगे जिस्म का पूरा नज़ारा दिखा दिया था। वो टॉवल बाँध कर, कपड़े उठा कर ज़रा शर्माते हुए बोली, “उफ्फ, इस टॉवल को भी अभी गिरना था क्या? पर अब ठीक है... क्या करें? ये कपड़े तो पहनने ही पड़ेंगे... नहीं तो टॉवल बार-बार खुलेगा। लेकिन यह दाग धब्बे कैसे हैं इस शॉट्र्स पर?” समीना के पूरे नंगे जिस्म की झलक देख कर विक्की का लंड और तन गया। होंठों पे जीभ घुमा कर मुस्कुराते हुए वो समीना के पास आ कर टॉवल की गाँठ पक्की करते हुए बोला, “वो दाग काहे के हैं... बाद में बताऊँगा तुझे, पर एक बात अभी सुन, तू बिना कपड़ों के बड़ी मस्त दिखती है, दिल करता है तेरा टॉवल बार-बार निकल जाये ।” विक्की की बात से समीना एक दम फीकी पड़ गयी और शरमा कर अपने रूम में कपड़े लेकर दौड़ गयी। दरवाज़ा बंद करके बिना लॉक किये वो टॉवल निकाल कर विक्की के दिये हुए कपड़े पहनने लगी। सिर्फ़ दो कपड़ों में वो खुद को आइने में देख कर शर्माते हुए फिर बाहर आयी।
समीना को उन कपड़ों में देख कर विक्की खुश हुआ। शॉट्र्स से सिर्फ उसकी गाँड ढकी थी, गोरी टाँगें साफ़ झलक रही थी, बनियान नाभि तक आया था और टाइट होने से मम्मे उभरे हुए दिख रहे थे और समीना के कड़क निप्पल भी विक्की को साफ़ दिख रहे थे। गोल घूम कर समीना का उन तंग कपड़ों में ढका जिस्म देख कर वो बोला, “वाह क्या अच्छी दिखती हो इन कपड़ों में तुम। कसम से... इतनी मस्त लड़की आज तक देखी नहीं मैंने।” समीना बार-बार बनियान नीचे खींचती हुई अपनी नाभि को ढकने की कोशिश कर रही थी।
सोफ़े पे बैठ कर वो बोली, “क्या आप भी ना? कैसी बात करते हो? मुझे शरम आ रही है आपकी बातों से।” समीना के सामने बैठ कर उसका कमसिन जिस्म निहारते हुए विक्की बोला, “समीना अगर तुझे लड़कों ने इस ड्रेस में देखा तो टूट पड़ेंगे तुझ पर, तेरी जैसी मस्त लड़की उन्होंने कभी देखी नहीं होगी और ना देखेंगे। मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ बेटी, ऐसी कमसिन लड़की को इतने तंग कपड़ों में लड़के देखेंगे तो ना जाने क्या करेंगे तेरे बदन के साथ।”
अब और भी शर्माते हुए समीना ने अपनी नाभि छुपाने के लिये बनियान नीचे खींची। पर इससे विक्की को उसका आधे से ज्यादा क्लीवेज दिखने लगा। दुविधा में फंसी समीना बोली, “हुम्म जाने दो ना... आज सुबह से आपको कोई मिला नहीं? ऐसे कपड़े पहन कर क्या कोई लड़की बाहर जायेगी? यह तो आज अम्मी बाहर गयी है... इसलिये मैंने पहने हैं घर में यह कपड़े... नहीं तो मैं कभी नहीं पहनुँगी यह कपड़े।”
विक्की अपनी टाँगें फ़ैला कर अंजान बनते हुए लंड को मसलता हुआ समीना का क्लीवेज देख कर बोला, “अरे समीना तेरी जैसी सैक्सी लड़की कसम से आज तक ना दिखी ना मिली। तेरी बात सच है कि तू बाहर नहीं जायेगी ऐसे कपड़े पहन कर पर घर में जो मर्द हैं वो अपने पर काबू कैसे रख पायेंगे तेरा यह कमसिन जिस्म इन कपड़ों में देख कर समीना?”
समीना ने शरमा कर बनियान अपने सीने पे खींचा जिससे उसकी नाभि नंगी हो गयी। असल में समीना को मर्द का साथ चाहिये था। जबसे उस पर जवानी आयी और जबसे मर्द उसको अजीब नज़रों से देखने लगे थे, तबसे वो मर्दों से अपनी तारीफ सुनने को लालियत हो गयी थी। जब कोई लड़का उस पर फिकरा कसता या भीड़ में कोई उसका बदन छूता तो उसे अच्छा लगता था। वो चुदाई के बारे में सब जानती थी। जब तक ज़हरा यहाँ थी वो दोनों बहनें अक्सर चुदाई की बातें करती थीं पर जबसे ज़हरा हॉस्टल गयी तबसे वो अकेली पड़ गयी थी। अब जबसे विक्की घर में आया था, उसकी नज़रों से समीना समझ गयी थी कि यह मर्द उसे चाहता है। वो भी विक्की पर पहली नज़र में फ़िदा हो गयी थी। इसलिये वो विक्की से खूब बातें करती और आज भी बिंदास हो कर वो सिर्फ़ शॉट्र्स और उस छोटी सी बनियान में उसके सामने बैठी थी। आज विक्की अगर कुछ करना चाहे तो समीना ने फ़ैसला किया था कि वो झूठा नाटक करेगी पर उसे सब करने देगी। आज उसकी अम्मी भी घर में नहीं थी तो उसे कोई डर भी नहीं था। अपनी नंगी टाँगें सहलाती हुई समीना बोली, “क्या आप भी ना? अब जाने दो मेरी बात, आपने इन धब्बों की वजह नहीं बतायी, कैसे लगे यह धब्बे यहाँ?” यह पूछते हुए समीना ने अपनी टाँगें खोल कर उँगली अपनी चूत के ऊपर शॉट्र्स पे लगे धब्बे पे रखी।
विक्की आ कर समीना के पास बैठ गया। समीना के जवाब और हर्कत से वो समझ गया कि समीना शर्माने वाली लड़की नहीं है। वो जवानी में कदम रखती हुई ऐसी लड़की है जो मर्द का साथ चाहती थी। समीना के कंधे पर हाथ रख कर नज़र उसकी चूत और मम्मों पर बारी-बारी घुमाते हुए विक्की बोला, “अरे इतनी क्या जल्दी है बेटा, सब होने के बाद बता दूँगा। मेरी बात का जवाब दे, तुझे ऐसे देख कर घर का यह मर्द अपने आप पे काबू कैसे रख सकता है? ऐसा कसा हुआ गोरा जिस्म इतने कम कपड़ों में देख कर मेरी तो हालत मस्त हो रही है ।”
विक्की के स्पर्श से समीना सिहर गयी। उसे मर्द का स्पर्श तो अच्छा लगा पर शर्माते हुए वो बोली, “क्या आप भी? मैं तो आपसे बहुत छोटी हूँ और आप यह कैसी बात कर रहे हैं मुझसे? यह सब बातें जाने दो, चलो टीवी देखते है हम।” समीना ने रिमोट ले कर टीवी ऑन किया। रिमोट लेने के बहाने समीना और विक्की में लड़ाई शुरू हुई। समीना ने घूम कर रिमोट छुपाया और विक्की पीछे से उसे दबोचते हुए रिमोट लेने की कोशिश करने लगा। समीना ने भी रिमोट नहीं छोड़ा तो विक्की रिमोट लेने के बहाने समीना का जिस्म अपनी बांहों में ले कर दबाने लगा। इससे समीना की गाँड पर उसका लंड रगड़ रहा था। इस खींचा तानी में उसने समीना के सीने पर भी हाथ फिराया। समीना के कड़क मम्मे छू कर विक्की खुश हो कर बोला, “बोला ना टीवी मत लगाओ, हम सिर्फ़ तेरी बात करेंगे। समीना माना मेरी उम्र सिर्फ २६ की है तो तू इतनी भी छोटी नहीं है मुझसे… लगभग हम-उम्र ही हैं हम?”
विक्की का लंड गाँड पे रगड़ने और मम्मे मसलने से समीना एक दम सिहर गयी। अपनी गाँड और मम्मों पे विक्की का कड़क लंड और उसके हाथ उसे अच्छे लगे। वो विक्की की बांहों से छूटने की कोई कोशिश ना करते हुए बोली, “पर हैं तो आप अम्मी के मुँह बोले भाई ना? वो सब जाने दो, देखो अब टीवी ऑन करो नहीं तो मैं आप से नहीं बोलूँगी और रूम में चली जाऊँगी।”
समीना की तरफ़ से कोई विरोध ना पा कर विक्की उसे और कस कर पकड़ कर लंड पर दबाते हुए और दूसरे हाथ से मम्मे मसलते हुए बोला, “हाँ मेरी और तेरी अम्मी की बात जाने दे, अब सिर्फ़ तेरी बात करेंगे हम। तुझे मैंने रूम में जाने दिया तभी तो जायेगी ना तू? वर्ना मेरी बांहों से कैसे निकल कर जा सकती है... बता मुझे? वैसे भी उस बेकार टीवी से अच्छा तो हमारा यह लाइव चैनल है समझी?” समीना को अपने जिस्म से हो रहा यह खिलवाड़ अच्छा लग रहा था। उसने रिमोट साइड में रख दिया पर फिर भी विक्की ने उसे छोड़ा नहीं। उसके मसलने से अब समीना के मम्मे और कड़क हो कर निप्पल भी तन गये। वो बिना कुछ किये बोली, “क्या? लाइव चैनल? वो कौनसा?”
विक्की अब बनियान में हाथ डाल कर समीना के नंगे मम्मे सहलाने लगा। उसके निप्पल आराम से सहलाना और गाँड पे लंड रगड़ना उसने जारी रखा। समीना के नंगे कड़क निप्पल से खेलते हुए विक्की बोला, “लाइव चैनल कौनसा है वो बताऊँगा तुझे समीना, सब्र कर। यह बता कि कितने लड़के तुझ पर मरते हैं? तेरा रूप देख कर मरने वालों की कमी नहीं होगी ना? कोई खास पीछे पड़ा है तेरे?” समीना अब और गरम हो गयी थी। वो जो चाहती थी वो मिल रहा था उसे। विक्की की बांहों में बिना हिले मस्त होती हुई वो बोली, “हाँ एक पूरा ग्रुप है लड़कों का, उसका लीडर है सबीर, सब के सब मुस्टंडे हैं, सबीर, केतन, कैलाश और नईम। पूरा ग्रुप पीछे पड़ा है मेरे और बहुत छेड़ता भी है।”
हल्के से दूसरा मम्मा भी मसलते हुए विक्की बोला, “ओह अच्छा... ४-४ लड़के पीछे पड़े हैं तेरे? वैसे भी तू है इतनी मस्त कि कोई भी तेरे पीछे पडेग़ा। समीना तू दिखती ही है इतनी मस्त है कि कोई भी लड़का तुझ पर मर मिटे। क्या छेड़ते हैं तुझे? उनमें से कोई पसंद है तुझे?” दोनों मम्मे मसलने से समीना बेहद गरम हो गयी पर अब उसे ज़रा शरम भी आ रही थी। विक्की की बांहों से छूटने का नाटक करती हुई वो बोली, “आप मुझे ऐसे मत छूयें। प्लीज़ मुझसे दूर बैठ कर बात करो। शी मुझे नहीं कोई पसंद कोई उन लड़कों में से, सबके सब मवाली जैसे हैं। पता नहीं कॉलेज वालों ने कैसे एडमिशन दिया उनको।”
समीना को और कस कर पकड़ कर एक हाथ मम्मों पे रख के दूसरे हाथ से समीना का नंगा पेट मसलते हुए विक्की बोला, “हा हा... अरे तेरी जैसी मस्त लड़की को छेड़ने के लिये ही एडमिशन लिया होगा उन्होंने। अच्छा यह बता कि क्या छेड़ते हैं तुझे वो लड़के?”
समीना को यह मस्ती अच्छी लगने लगी पर नाटक करते हुए वो झपट के विक्की के चुंगल से खुद को छुड़ा कर अब उसके सामने सोफ़े पे बैठ कर बोली, “जाओ मैं आपसे नहीं बोलती। आप भी उन लड़कों जैसे छेड़ रहे हो, वो लड़के मुँह से छेड़ते हैं और आप हाथ से। वो लोग तो बहुत गंदा-गंदा बोलते हैं, वो सुन कर तो कान का कचरा भी निकल जाये, ऐसा तो कोई बोल ही नहीं सकता।”
विक्की अब कहाँ मानने वाला था। वो उठ के समीना के पास आ कर बैठ कर उसकी गोरी नंगी टाँगों को सहलाते हुए बनियान में बंद मम्मे ऊपर से हल्के से मसलते हुए बोला, “अरे समीना हम मर्दों का काम ही होता है चिकनी मस्त लड़कियों को छेड़ना, अब देख तेरी अम्मी बाहर निकलती है तो कितने ही मर्द उसे छेड़ते हैं और मैं भी बहुत छेड़ता हूँ पर तेरी अम्मी कभी गुस्सा नहीं होती। बोल वो मवाली लड़के क्या छेड़ते हैं तुझे? क्या बोलते हैं तेरी यह गदरायी गोरी जवानी देख कर?”
समीना ने फिर विक्की का हाथ अपने जिस्म से हटाया। उसकी अम्मी को भी ऐसे छेड़ने की बात सुन कर समीना को अजीब फ़ीलिंग आयी। वो जानती थी कि उसकी अम्मी सुंदर है पर यह नहीं पता था कि मर्द उसे भी छेड़ते हैं। विक्की का हाथ हटा कर वो वहीं बैठ कर बोली, “क्या? आप अम्मी को छेड़ते हैं? आपसे तो उम्र में काफी बड़ी हैं अम्मी और आपकी बहन जैसी हैं! आप और दूसरे मर्द अम्मी को क्या छेड़ते हैं?”
विक्की फिर हाथ उसकी जाँघ पे रख कर बनियान के नीचे हाथ डाल कर बोला, “हाँ समीना तेरी अम्मी को बहुत छेड़ा है मैंने इसलिये तेरी अम्मी पहले मुझसे गुस्सा थी लेकिन अब नहीं। तू बता वो लड़के क्या बोलते हैं तुझे, मैं किसी को नहीं बताऊँगा समझी... और उसके बाद तुझे बताऊँगा कि मैं और दूसरे मर्द तेरी अम्मी को कैसे छेड़ते हैं।”
विक्की के हाथ को बिना रोके समीना बोली, “ना..मैं... वो लोग जो बोलते हैं वैसा कभी बोल ही नहीं सकती। आप सोचो वो लोग कैसा बोलते होंगे कि में आपको उनकी बात का एक भी अल्फाज़ नहीं बता सकती। बड़े गंदे और नालायक लड़के हैं वो।” समीना की जाँघ पकड़ कर उसे अपने पास खींच कर उसकी बनियान की नेक से उसके साफ़ दिख रहे मम्मों पे उँगली फेरते हुए विक्की बोला, “अब वो क्या बोलते हैं यह मुझे समझा तो ही मैं कह सकुँगा ना कि वो कितनी गंदी बात करते हैं तेरे बारे में। देख मैं तेरी अम्मी के छोटे भाई जैसा और तेरे दोस्त जैसा हूँ, तू बता मुझे दिल खोल कर वो क्या बोलते हैं तुझे, बिल्कुल शरमा मत मेरी समीना।”
समीना थोड़ी पीछे हटी लेकिन इतना भी नहीं कि विक्की का हाथ उसे छू ना सके। अपनी गोरी जाँघों पे खुद हाथ घुमाते हुए वो बोली, “नहीं ऐसा नहीं…, मैं नहीं बोल सकती। आप तो कह रहे थे कि आप अम्मी को छेड़ते हो... तो आप को तो पता होना ही चाहिये। आप और दूसरे लोग क्या बोल कर छेड़ते हो मेरी अम्मी को?”
विक्की जान गया था कि समीना यह सब चाहती है इसलिये उसे पकड़ कर अपनी गोद में बिठा कर विक्की लंड उसकी गाँड पे रगड़ते हुए बोला, “अरे समीना तेरी अम्मी को तो मैं और दूसरे लोग, ‘क्या माल है? आती क्या आज रात मरे घर? घोड़ा देखना है क्या मेरी पैंट में छुपा हुआ? आती क्या मेरे घोड़े पे सवारी करने? तेरा हॉर्न बजाने दे ना’ ऐसा बोलते थे। तेरी अम्मी तो बिना शर्माये लोगों को देख कर मुस्कुरा देती है... अब तू बोल वो लड़के क्या बोलते हैं तुझे?”
समीना की नंगी गोरी जाँघ मसलते हुए विक्की उसकी गर्दन किस करने लगा। इस बात पे समीना बड़ी मचली। उसका जिस्म मस्ती से भरने लगा। वो एक मादक अँगड़ायी ले कर बोली, “प्लीज़ छोड़ो मुझे, आप क्यों मेरा जिस्म सहला रहे हो। और यह जो आप और दूसरे लोग अम्मी को छेड़ते हो वो तो कुछ भी नहीं, वो लड़के इससे भी गंदा बोलते हैं।”
एक हाथ से समीना की गोरी जाँघें और दूसरे से सीना सहलाते हुए गर्दन किस करते हुए विक्की बोला, “देख समीना, जब तक तू मुझे नहीं बताती कि वो लड़के क्या छेड़ते हैं तुझे, मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा, ऐसे ही तेरा जिस्म सहलाता रहुँगा। तूने अगर मुझे सब बताया तो तेरी अम्मी को लोग और कैसे-कैसे मस्ती से छेड़ते हैं वो तुझे बताऊँगा।”
समीना फिर विक्की से दूर हो कर पास की सोफ़ा कुर्सी पर जाते हुए बोली, “उम्म्म… देखो मैं कहती हूँ मुझे मत छूना। मुझे अजीब सा लगता है आपका छूना। वो लोग बहुत गंदा बोलते हैं मेरे जिस्म के बारे में। वो मुझे देख कर बोलते हैं कि मैं कितनी गोरी हूँ, मेरी मक्खान जैसी टाँगें हैं, टाँगें ऐसी हैं तो जाँघें कैसी होंगी, और अगर जाँघों का यह हाल है तो अंदर की जन्नत तो कैसी होगी। ओह समीना रानी एक बार तेरी उस नंगी जन्नत की सैर करवा दे हमें। एक साथ ४-४ खंबे देंगे तुझे रानी, बोल आती है क्या हमारे साथ। यह सब बोलते हैं वो लड़के। छी, यह सब सुन कर मुझे बहुत शरम आती है।”
विक्की समीना के पास आ कर उसे खड़ी करके फिर मम्मे सहलाने लगा। समीना को उकसाने के लिये जिससे वो खुल कर सब बताये, विक्की बोला, “अरे तो इसमें क्या गंदा बोलते हैं? गोरी टाँगें और जाँघें क्या गंदा है? वैसे भी देख तू गोरी है तो गोरा तो बोलेंगे ही ना? मैंने तेरा बाकी जिस्म देखा है अब बस अंदर की जन्नत देखनी है तेरी। मुझे लगा कुछ और गंदा बोलते हैं जैसे तेरी अम्मी को लोग बोलते हैं, पर यह छेड़ छाड़ का बोलना तो बड़ा आम बोलना है।”
समीना ने फिर विक्की का हाथ अपने जिस्म से हटा कर सोफ़ पे आकर टीवी ऑन किया। टीवी पे अब उदिता गोसवामी और इमरान हशमी का गाना चल रहा था। गाना देखते हुए वो बोली, “नहीं-नहीं, वो लोग दूसरी लड़कियों को तो ऐसे नहीं छेड़ते। कभी भी अगर मैं टी-शर्ट पहन कर जाऊँ तो वो लोग मेरी साइज़ देख कर मेरे पास से गुजरते हुए मेरी ब्रा की साइज़ के बारे में ऊँचे सुर में बातें करते हैं, जैसे कि मेरी ब्रा के साइज़ के बारे में शर्त लगाते हैं और कई बार तो ऐसा बोलते हैं कि इतनी उम्र में इतने बड़े कैसे हो गये, कितनों ने मसला है तुम्हें?”
टीवी पे चल रहा सैक्सी गाना देख कर विक्की और गरम हो गया और अब पीछे से समीना को पकड़ कर वैसे ही किस करते हुए बोला, “तो तूने अपनी ब्रा का साइज़ बताया ना उनको? बेचारे कितने दिन से पूछ रहे हैं ना तेरा साइज़? वैसे समीना तुझे किसी ने मसला है क्या? मतलब तेरे इन मम्मों को मसला है कभी?” बनियान के नीचे हाथ डाल कर मम्मे सहलाते हुए विक्की आगे बोला, “यह बता उन लड़कों में कौनसा लड़का तुझे सबसे ज्यादा पसंद है और कौन सबसे ज्यादा छेड़ता है?”
विक्की का हाथ बनियान से खींचते हुए समीना बोली, “उफ़्फ़्फ़, प्लीज़ हाथ निकालो ना। मुझे उन लड़कों में से कोई पसंद नहीं है... सब के सब मवाली हैं साले पूरा दिन कॉलेज के बाहर सिगरेट या फिर गुटखा खाते रहते हैं। अपनी ब्रा की साइज़ थोड़ी किसी लड़के को बताऊँगी मैं? वो तो सिर्फ़ मेरा शौहर ही जानेगा शादी के बाद और अब मेरी अम्मी जानती है। मैंने तो किसी को नहीं बताया।”
विक्की का हाथ ज़ोर से खींचने के चक्कर में बनियान फट गया और समीना के दोनों मम्मे नंगे हो गये। समीना ने अपना सीना शरम से छुपा लिया। विक्की वैसे ही समीना को गोद में उठा कर उसका नंगा सीना और क्लीवेज किस करते हुए अपने बेडरूम में ले जाते हुए बोला, “क्या समीना, तूने इतना ज़ोर से हाथ खींचा कि बनियान फट गया, अब मैं कल क्या पहनुँगा? मुझे लगता है कि तू झूठ बोल रही है समीना, तुझे उन लड़कों में कोई एक तो पक्का पसंद है जो तू हर दिन उनके ताने सुन कर गुजरती है। वैसे शादी के पहले अम्मी और बाद में शौहर... इन दोनों के बीच में लड़की अपनी ब्रा का साइज़ अपने बॉय फ्रेंड को भी बताती है... समझी समीना?”
विक्की के मुँह से अपना सीना बचाते हुए समीना बोली, “आपको तो बाद में कल पहननी है, मैं अब क्या पहनूँ? क्या अम्मी के आने तक यह फटी बनियान पहनूँ?” समीना को बेड पे लिटा कर उसके हाथ हटा कर विक्की उसके पास लेट कर निप्पल से खेलते हुए बोला, “जाने दे समीना, तू यही फटी बनियान रहने दे, इससे तुझे लगेगा तेरे जिस्म पे कपड़े हैं और मुझे तेरा जिस्म दिखेगा भी। वैसे तूने बताया नहीं कि कितने लड़कों ने तेरा यह जिस्म सहलाया है और तुझे उन लड़कों को अपनी ब्रा का साइज़ बताने में क्यों शरम आती है?”
समीना को पहली बार मर्द के सामने अपना नंगा सीना दिखाने और निप्पल को मर्द से मसलवाने में मज़ा आने लगा था। वो विक्की को रोके बिना बोली, “तो क्या करूँ मैं? उनको सामने से जवाब दूँ? और दूँ भी तो क्या जवाब दूँ? कि मेरी ब्रा का साइज़ ३२ है और ब्रा के कप “बी” के हैं? प्लीज़ आप मेरे जिस्म को मत छूना, मुझे गुदगुदी होती है। और वो मेरे सीने का दाना ऐसे क्यों मसल रहे हो आप? आपने बताया नहीं कि अम्मी को लोग और कैसे-कैसे छेड़ते हैं?”
समीना के हाथ हटा कर उसका सीना पूरा नंगा देख कर विक्की झुक कर बारी-बारी उसके निप्पल खूब अच्छे से चूसते हुए बोला, “अरे वाह, यह अच्छा किया जो तूने कम से कम मुझे तो अपनी ब्रा और कप का साइज़ बता दिया समीना इसे जवानी का खेल बोलते हैं, हम जैसे मर्द तेरी जैसी गरम सैक्सी मस्त लड़की के साथ यह खेल खेल कर सिखाते हैं। बोल कि जब मैं तेरा यह सीने का दाना मतलब निप्पल किस करता हूँ तो अच्छा लगता है ना तुझे? तेरी अम्मी के साथ खेल कर मैंने इस खेल की बहुत प्रैक्टिस की है... तेरी अम्मी तो इस खेल में माहिर है । तेरी अम्मी की बात थोड़े वक्त के बाद बताऊँगा, पहले यह बोल कि कितने लड़कों ने तेरा यह जिस्म छुआ है रानी?”
पहली बार मर्द से निप्पल चुसवाने से समीना बड़ी गरम हो गयी। वो हल्की सिसकरियाँ भरते हुए बोली, “हाँ बड़ा अच्छा लगता है जब आप निप्पल चूसते हो तो...! प्लीज़ पूरा लो ना और पूरा, मेरी पूरी चूचियाँ चाटो ना। आज आप मुझे जवानी का पूरा खेल सिखा देना जैसे मेरी अम्मी को सिखाया है। मेरी चूंची चूसते हुए बता दो कि आपने अम्मी को यह खेल कैसे सिखाया। मुझे उन लड़कों में से कोई भी पसंद नहीं, वैसे उन लड़कों के साथ यह करने का मन कैसे हो? उन गुंडे मवालियों से क्या मुँह लगना? हाँ भीड़ का फायदा ले कर लड़के कभी-कभी मेरा जिस्म सहलाते हैं, मेरा सीना और पिछवाड़ा दबाते हैं और पिछवाड़े पे रगड़ते हैं... बस उतना ही लड़कों से ताल्लुक हुआ है और कुछ नहीं।”
उसकी पूरी चूचियाँ चाट कर और निप्पल चूसते हुए विक्की अब समीना के ऊपर बैठ गया। उसका लंड समीना की चूत पे था और समीना के निप्पल से खेलते हुए वो झूठी कहानी बताने लगा, “ओके समीना... अब सुन... तेरी अम्मी से ये खेल मैंने कैसे सीखा। कुछ साल पहले तेरी अम्मी अपने मायके आयी हुई थी। तब मेरी उम्र उन्नीस-बीस साल थी। जब वो रास्ते से गुजरती थी तो मैं और मेरे दोस्त उसे छेड़ते थे। तेरी अम्मी कभी नाराज़ नहीं होती थी और मुस्कुरा कर निकल जाती थी इसलिये हमारी हिम्मत बढ़ गयी थी। हम उसे देख कर गंदी-गंदी बातें बोलते और इशारे करते। फिर एक दिन ऐसे ही हम चार दोस्त उसे छेड़ रहे थे तो वो हमारे पास आकर खड़ी हो गयी। उसके चेहरे पर गुस्सा था इसलिये हम डर गये। वैसे भी वो उम्र में हमसे काफी बड़ी थी। तेरी अम्मी हमें डाँटते हुए बोली कि “सालों तुम्हें सिर्फ छेड़ना ही आता या हकीकत में भी कुछ करने की औकात है तुम्हारी!...तुम्हारे लौड़ों में दम है तो करके बताओ नहीं तो दफा हो जाओ मादरचोदों!” फिर वो हमें अपने साथ ले गयी और हमारे लौड़े चूसे और हमने भी उसे खूब मसला। अगले २-३ हफ्तों में तेरी अम्मी मौका देख कर हमें रोज़ बुलाती और हम चारों के साथ मज़े करती। पर आज तुझे लंड खिला कर तेरी चूत में घुसा के तुझे जवानी का पूरा खेल सिखाऊँगा।”
विक्की द्वारा अपनी अम्मी के बारे में बतायी बात सुन कर समीना जल्दी से वो फटी बनियान अपने जिस्म पे ओढ़ कर फटी आँखों से विक्की को देखने लगी। उसकी अम्मी ने जिस हिसाब से विक्की और उसके दोस्तों से खुद को मसल्वाया था वो सुन कर उसकी चूत और गीली हो गयी। बनियान को अपने सीने पर लपेटते हुए वो बोली, “क्या बात करते हो? अम्मी तो इतनी शरीफ हैं और और वो ऐसे कैसे कर सकती हैं? मेरी अम्मी किसी के साथ, शी... इतने गंदे ज़लील काम कैसे कर सकती हैं …।”
समीना के हाथ से फटी बनियान खींच कर उसे दूर फेंक कर अब समीना के नंगे मम्मे मसलते हुए विक्की बोला, “इसमें कैसी गंदगि समीना? तेरी माँ अम्मी आईटम थी तब भी और अब भी है, साली अब भी देख कैसे मेंटेंड रखा है उसने अपना जिस्म। एक बात है समीना तेरी अम्मी जैसे लंड आज तक किसी ने नहीं चूसा, क्या मस्ती और लगन से चूसती है सबरीना। अरे अगर वो शादीशुदा नहीं होती और मेरी उम्र की होती तो मैं भगा कर ले जाता उसे और तेरे बाप से भी ज्यादा चोदता रहता उस माल को।”
विक्की अब समीना को खींच कर अपनी गोद में बिठा कर उसके मम्मे मसलने लगा। समीना भी गरम हो कर अपनी गाँड उसके लंड पे दबाने लगी। अपनी अम्मी की बात सुन कर उसे बड़ा अच्छा लग रहा था। इसका मतलब था कि उसकी अम्मी जिसे वो एक अच्छी औरत मानती थी वो तो कई मर्दों से अपना जिस्म मसलवा चुकी थी और कितने ही लंड चूसे थे उसने। समीना को ज़रा भी शक नहीं हुआ कि विक्की झूठ बोल रहा था। अपनी अम्मी की रंगीन करतूत सुन कर समीना और गरम हुई और वो विक्की के गले में हाथ डाल कर विक्की का चेहरा किस करती हुई बोली, “गंदी और ज़लील बात तो है ही ना? कोई औरत या लड़की मस्त लगे तो उसका मतलब यह थोड़े ही है कि तुम्हें उसे छेड़ने लग जाओ… उम्र का तो लिहाज़ करना चाहिये…. और अम्मी ने भी अपनी इज़्ज़त का लिहाज़ किये बिना आप लोगों को लिफ्ट देकर सब कुछ करवाया। अब आप ही देखो ना, आपने कितनी बार मेरी बनियान उतार दी पर अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आप की निक्कर पर यह सब दाग कैसे हैं। वैसे क्या अम्मी का फिग्र वाकय में इतना मस्त है?”
एक हाथ से समीना के मम्मे मसलते हुए और दूसरे हाथ से पहले उसे कस कर अपने लंड पे दबाते हुए विक्की अब समीना की गोरी जाँघें सहलाता हुआ बोला, “समीना जब तेरी अम्मी जैसी गरम औरत हमारे सामने हिरोईन बन कर चलेगी तो हम उसके साथ ऐसे ही छेड़खानी करते हैं... हमें हमेशा तेरी अम्मी जैसे औरत चाहिये होती है… फिर चाहे उम्र में बड़ी हो या छोटी। देख अपनी सब बात होने के बाद तुझे बताऊँगा कि दाग कैसे लगे। तेरी अम्मी की फ़िगर देख अब कितनी अच्छी हुई है, साली के मम्मे और पिछवाड़ा एकदम उभर आया है। वैसे समीना तुने भी अभी तक मुझे खुल कर बताया नहीं कि वो लड़के क्या छेड़ते हैं और कहाँ टच करते हैं तेरा यह जिस्म?”
समीना भी अब गरम हो गयी थी और उसने विक्की का टी-शर्ट उतार दिया। वो विक्की की तरफ़ घूम कर उसकी गोद में बैठ गयी। अब वो दोनो सिर्फ़ शॉट्र्स में थे। उसकी बांहों में समीना बेशर्म हो कर बैठी थी। विक्की का पूरा चेहरा किस करते हुए समीना बोली, “हिरोईन बन कर चले मतलब कैसे चले? मैं कुछ समझी नहीं। फ़िगर अब अच्छी हुई मतलब क्या कुछ साल पहले अम्मी का सीना कैरम जैसा था? खुल कर बताओ ना। देखो मैंने आपको बताया कि वो लोग क्या बोल कर छेड़ते हैं, रही बात कहाँ टच करते हैं... वो तो मैं उनको करने नहीं देती। हाँ कॉलेज से छूटते वक्त वो लोग भीड़ का बहुत फायदा उठाते हैं... आगे पीछे मुझे कवर करके मेरी छाती और मेरी जाँघों को सहलाया करते हैं।”
विक्की अब समीना की चूत पे अपना लंड रगड़ने लगा। उसे लगा नहीं था कि यह कमसिन लड़की इतनी गरम माल होगी। यह तो साली अपनी अम्मी से भी गरम थी। आखिर एक गरम औरत की बेटी भी उसके जैसी गरम ही होगी... यह सोच कर विक्की समीना के कड़क मम्मे ज़रा मस्ती से मसलते हुए बोला, “हिरोईन बन कर मतलब... ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहन कर गाँड ठुमकाते हुए, नाक चढ़ा कर, हम लोगों को चूतिया समझ कर चलती थी...। कैरम बोर्ड नहीं... तेरी अम्मी तब भी मस्त माल थी, सीना काफी उभरा था... अब सीना ज्यादा बड़ा हुआ है पर उसके मम्मों में झुकाव नहीं है ज़रा भी। एक दम टाइट मम्मे हैं साली के और गाँड भी काफी भरी हुई है, लगता है तेरा बाप सबरीना की गाँड में पेलता होगा ज्यादा।। जब तेरी जाँघ और छाती मसलते है वो लड़के तो कैसा लगता है तुझे समीना?”
समीना अब खुद विक्की के लंड पे अपनी चूत रगड़ते हुए बोली, “आपको बहुत मज़ा आता होगा ना माँ को मसलने और उससे मस्ती करने में? लड़कों के सहलाने से तो मुझे अच्छा लगा पर उनका बोलने का ढंग जरा भी नहीं, एक दम जंगली हैं वो लड़के, लड़की को बस हवस की नज़र से देखते हैं। रही बात कि अम्मी और डैड क्या करते होंगे... यह पता नहीं... पर मैंने कहीं पढ़ा है कि प्रेगनेंनसी के बाद लेडीज़ की बैक साईड फ़ूल जाती है और अम्मी को तो टिवन्स हुई थीं... इसलिये उनका पिछवाड़ा इतना बड़ा हुआ होगा।”
समीना की कमर में हाथ डाल कर उसे अपने लंड पे दबाते हुए विक्की अब समीना के मम्मों को मसलते और निप्पलों से खेलते हुए बोला, “मुझे पता है कि प्रेगनेंनसी के बाद औरत की गाँड फूलती है लेकिन गाँड को बार-बार लंड से चोदने से भी गाँड फूलती है जैसे तेरी माँ की फूली है। अगर तेरा बाप नहीं तो मेरी तरह कोई और तेरी मस्त माल सबरीना की गाँड में लंड पेलता होगा, कुत्तिया बना कर चोदता होगा तेरी अम्मी को… वैसे भी सबरीना तो छिनाल है... लंड देखते ही मुँह और चूत में पानी आ जाता है उसकी। अब वो लड़के क्या बोलते हैं वो तूने बताया लेकिन इससे क्या ज्यादा गंदा बोलते हैं जिससे तू उनको जंगली कहती है... यह नहीं बताया, कुछ भी बोलते होंगे मुझे खुल कर बता सब समीना।”
समीना अब विक्की को ज़रा भी रोक नहीं रही थी। वो चाहती थी कि विक्की आज उसे चोद डालें। वो अपनी अम्मी के बारे में इतना गंदा सुनने के बाद और गरम हो गयी थी। अब पूरी बात बताने का फैसला करते हुए वो विक्की का मुँह अपने निप्पल पे दबाती हुई बोली, “वेल... मुझे शरम आती है बोलने में पर फिर भी बताती हूँ। वो लड़के जो बोलते हैं ना वो बहुत गंदा है। मेरे जिस्म के बारे में कहते हैं कि कितनी गोरी और मक्खन जैसी टाँगें हैं, टाँगें ऐसी हैं तो जाँघें कैसी होंगी और अगर जाँघों का यह हाल है तो अंदर की जन्नत तो कैसी होगी? वो यह भी बोलते हैं कि समीना की बहन और अम्मी भी एक दम मस्त हैं, इन तीनों को एक साथ नंगी करके मस्ती करनी चाहिये। वो और बोलते हैं कि समीना की अम्मी सबसे मस्त है, एक साथ उस चुदक्कड़ राँड को चोदना चाहिये, एक आगे से, एक पीछे से और तीसरा उसके मुँह में देना चाहिये। ज़हरा को भी ऐसे ही छेड़ते थे वो और अब वो हॉस्टल गयी तो मुझे अकेली को छेड़ते हैं। वो लड़के लोग तो यह भी कहते हैं कि इस अम्मी और मैं उनके मोहल्ले में जा कर उनके डाँडिया लेकर डाँडिया खेलें। यह सब सुन कर मुझे बहुत शरम आती है... पर यह सब सुन कर मैं गरम भी हो जाती हूँ। कई बार उन्होंने भीड़ में मेरा पूरा जिस्म मसला है, वो चारों एक साथ आगे पीछे और साईड में आते हैं और मेरे जिस्म का जो हिस्स जिसे मिले, वो मसलने लगते हैं। मुझे अच्छा लगता है उनसे मसलवाना इसलिये मैं भी रेज़िस्ट नहीं करती उनको।”
समीना के जवाब से विक्की का लंड और कड़क हो गया तो वो समीना की एक चूंची चूसने और दूसरी को मस्ती से मसलने लगा। समीना का नंगा जिस्म सहलाते हुए वो बोला, “अरे समीना, वो लड़के सच ही तो बोल रहे हैं। तेरी अम्मी और तुम दोनों बहनें हो ही इतनी मस्त कि हम मर्दों का लंड तुम्हें देखते ही खड़ा हो जाये। कसम से मेरी भी अब तमन्ना है कि सबरीना, तुझे और ज़हरा को एक साथ नंगी देखूँ। उफ़्फ़्फ़ बहनचोद साली देख तेरी यह जवानी देख कर मेरा लंड कैसे खड़ा है। यह अच्छी बात है कि चार-चार लड़के एक साथ तुझे मसलते हैं समीना... इससे तू ज्यादा से ज्यादा मर्दों के साथ चुदाई कर सकेगी।” समीना का हाथ अपने लंड पे दबाते हुए विक्की आगे बोला, “ले, तू भी अपनी अम्मी जैसे मेरा लौड़ा सहला। मेरा लंड सहला कर बता कि मेरा डाँडिया कैसा है रानी? खेलेगी इसके साथ? ज़हरा को भी खूब मसलते होंगे ना लड़के? कभी किसी लड़के का डाँडिया छुआ था तूने जान?”
विक्की का गरम लौड़ा सहलाना समीना को बड़ा अच्छा लगा। वो शॉट्र्स के ऊपर से लंड को खूब ज़ोरों से मसलते हुए सिसकरियाँ भरने लगी। विक्की के मुँह में अपनी चूंची और दबाते हुए वो बोली, “ऊँफ्फ़्फ़्फ़ कितना अच्छा लग रहा है आपका डाँडिया मसलने में। सच बोलो मेरे और अम्मी के जिस्म में सबसे अच्छा किसका जिस्म है? वेल... अम्मी के कईंयों के साथ पोस्ट मैरिटल लफड़े है... यह तो मैं मान नहीं सकती। सच बोलूँ तो आपका यह डाँडिया देख कर मुझे मेरी कॉलेज याद आ गयी। जब हम कॉलेज से छूटते थे तब बहुत भीड़ होती थी और यह मुस्टंडे मेरे आगे पीछे होते थे। जो पीछे वाला लड़का होता वो अपना लंड मुझसे सटा के रख कर पूछता था कि कैसा है मेरा लंड समीना? तो मैं भी जवाब देती थी कि बाहर निकाल कर दिखा तो सही... काला है कि गोरा। ऐसे एक बार उन लड़कों ने मुझे और ज़हरा को भीड़ में पकड़ कर वही सवाल किया तो मैंने भी वही जवाब दिया। मेरा जवाब सुन कर शाम को नुक्कड़ के एक कॉर्नर में ले कर उन तीनों ने अपने लौड़े बाहर निकाले। हाय अल्लाह, कितने काले और लंबे थे... उनके लंड मुँह पे गीले भी थे। उन्होंने हमे उनके लंड सहलाने को दिये और उस दिन हमें खूब मसला। मुझे तो बहुत मज़ा आया पर ज़हरा डर गयी थी अब भी यह लड़के मुझे देखते हैं और बुलाते हैं पर मैं कभी-कभी ही जाती हूँ और उनसे अपना जिस्म मसलवाती हूँ। अंकल उन लड़कों के लंड से आपका लंड बड़ा है और गरम भी ज्यादा है।”
समीना की कहानी सुन कर विक्की खुश हुआ। समीना को गोद में उठा कर वो खड़ा हुआ और अपनी शॉट्र्स निकाल दी। अब विक्की मादरजात नंगा था। समीना उसका लौड़ा देखती रही। इतना लंबा, मोटा और टाइट लंड वो पहली बार देख रही थी। विक्की शॉट्र्स के ऊपर से समीना की कमसिन चूत मसलते हुए उसका हाथ अपने लंड पर रख कर बोला, “बहनचोद तू बड़ी मस्त लड़की है, इतना मसलवाया अपना जिस्म उन लड़कों से और अब बता रही है। तेरी अम्मी हम चार दोस्तों के साथ मस्ती करती थी और तू ३ लड़कों के साथ करती है। मज़ा तो खूब मिलता होगा ना तुझे रानी? ज़हरा इतनी से बात से डर गयी? ज्यादा से ज्यादा क्या होता? वो लड़के लोग उसे चोदते ही ना और क्या करते? वैसे भी तू और तेरी बहन जैसी गरम लड़कियाँ हमारी रंडी बनने के लिये पैदा होती हैं, कुछ जल्दी बनती हैं जैसे तेरी अम्मी... कुछ लेट जैसे ज़हरा बनेगी। समीना, सच बोलूँ... जान तो तेरी अम्मी से अच्छी तू है क्योंकि तू कमसिन चूत है, तेरी अम्मी ने ना जाने कितने लंड लिये होंगे पर तू पहला लंड लेने वाली है... वो भी मेरा लंड। उन लड़कों को तूने अच्छा जवाब दिया रानी और यह भी अच्छा हुआ कि उन लड़कों ने तुम बहनों को अपने लौड़े दिखाये। समीना जब वो तेरी गाँड पे लंड रगड़ते या तू हाथ से उनके लंड मसलती तो तुझे इच्छा नहीं होती लंड चूत में लेने की? अपनी जवानी उनके हवाले क्यों नहीं की? अरे तेरी अम्मी के तो शादी बाहर कितने ही लफड़े चलते हैं । जवान लड़कों के लौड़ों की तो दीवानी है तेरी अम्मी! कई बार मैंने तेरी अम्मी को तुम्हारे नौकर के साथ बेडरूम में रंग रलियाँ मनाते देखा है। तेरी अम्मी बड़ी चुदक्कड़ है समझी? साली दारू पी कर मस्त हो कर चुदवाती है। साली समीना तू मेरी जान है, अब देख मैं नंगा हुआ हूँ... क्या तू अपना यह सैक्सी जिस्म नंगा करके नहीं दिखायेगी मुझे जान?”
समीना विक्की का लंड दोनों हाथों से मसलने लगी। विक्की ने उसे मस्त गरम किया था। वैसे भी वो किसी लड़के से चुदवा लेती लेकिन विक्की का लंड देख कर उसे यकीन हुआ कि उन लड़कों में किसी का भी लंड विक्की जितना नहीं था। विक्की का लंड मस्ती से मसलते हुए समीना बोली, “आपने इतनी औरतों को चोदा है तो आप जानते ही हैं कि हर जवान लड़की को अपना जिस्म मसलवाने का दिल करता है, सब चाहती हैं कि कोई उनकी जवानी की तारीफ करते हुए उसके साथ कोई मर्द खेले। आखिर यह जवानी सिर्फ आइने में देखने ले लिये तो है नहीं। मैं लंड तो लूँगी आपका लेकिन अभी थोड़ा रुको। मैं चाहती हूँ कि मेरी पहली चुदाई बड़े आराम से हो, आप मुझे और मैं आपको पूरा गरम करेंगे और बाद में आप मुझे चोदो। मैंने कई बार चाहा कि उन लड़कों में किसी से चुदवा लूँ पर फिर अम्मी और हम बहनों के बारे में वो इतनी गंदी बात करते थे कि मूड ऑफ हो जाता और मैं इरादा बदल देती। उसके बाद मैं कई दिन उनसे नहीं मिलती पर जब जिस्म नहीं मानता तो जा कर उनसे फिर मसलवा लेती हूँ। और वो जो नौकर की बात आप करते हैं... तो वो बड़ा हरामी है। मैं जानती हूँ कि अम्मी उससे चुदवाती है। मैंने भी कईं बार उनको चुदाई करते देखा है। एक बार जब अब्बू ने उनको रंगे हाथ पकड़ा तो अम्मी ने अब्बू को बताया कि नौकर का दिमाग फिरा है और वो ज़रा पागल है। बेचारे अब्बू, अम्मी की बात सच समझ बैठे और इज़्ज़त की वजह से बात दबा दी। इससे अब अम्मी को पूरी आज़ादी मिल गयी और वो अब भी उस नौकर से चुदवाती है।”
६-७ दिन के बाद वो विक्की से मिलने उसके घर गयी। चुदाई के बाद जब वो विक्की की बांहों में पड़ी थी तो विक्की ने उसकी बेटियों के बारे में पूछा। मुस्कुराते हुए सबरीना बोली, “तू मेरी बेटियों के बारे में जानने के लिये बेताब है... यह मैं जानती हूँ विक्की... तो सुन, मेरी एक बेटी हॉस्टल में पढ़ती है और दूसरी घर में रहती है। ज़हरा इंजीनियरिंग में है और समीना बी.कॉम कर रही है। मैंने तुझसे वादा किया था तो अब निभाने का वक्त आया है। बोल कैसे करना चाहता है तू चुदाई का खेल मेरी समीना के साथ?”
विक्की ने प्लैन पहले ही सोच कर रखा था। सबरीना के मम्मों से खेलते हुए वो बोला, “चल कोई बात नहीं, सिर्फ़ समीना भी मिली तो कोई गम नहीं, मौका मिला तो ज़हरा को भी चोदुँगा। सुन सबरीना तू एक काम कर, अपने घर में मुझे तू अपने मायके का फैमली फ्रेंड बना कर रख। २-३ दिन में घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व कर के प्लैन बनाऊँगा।”
सबरीना ने विक्की की यह बात मानी और कुछ ही दिनों में विक्की को अपने घर में मुँह बोला भाई बना के ले आयी। सबरीना के शौहर और बेटी ने सबरीना की बात मान कर विक्की का स्वागत किया। समीना को देखके ही विक्की का लंड उठने लगा। वो बीस साल की जवान लड़की एक दम उसकी माँ पर गयी थी। वहीं रंग, वहीं चेहरा, वहीं आँखें, वैसा ही गठीला जिस्म, बत्तीस के कड़क मम्मे, पतली कमर और गोल गाँड। सलवार कमीज़ और ऊँची हील की सैंडल में समीना का वो रूप देख कर विक्की उसे देखता ही रह गया। विक्की ने नोटिस किया कि समीना उसको अजीब नज़र से देख रही थी। उस नज़र से विक्की समझ गया कि समीना को अपनी जवानी का एहसास है और वो भी मर्द का साथ चाहती है।
इन दिनों में विक्की ने देखा कि समीना उसे कई बार ध्यान से देखती थी। वो जब वक्त मिले तब विक्की से बात करने बैठ जाती। विक्की भी यही चाहता था और वो भी दिल खोल कर समीना से बातें करता था। बात करते वक्त वो समीना का पूरा जिस्म निहारता और समीना भी बिना कोई डर या शरम के उसके सामने बैठ कर बात करती थी। प्लैन के मुताबिक विक्की ने घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व किया। सबरीना का शौहर सुबह जा कर रात में ही आता था और समीना का दोपहर का कॉलेज होता था इसलिये वो सुबह घर में ही रहती थी। यह सब देख कर विक्की ने प्लैन बनाया और सबरीना को बताया। विक्की का प्लैन सुन कर सबरीना खुश हुई और प्लैन के मुताबिक चलने का वादा किया। उन ५-६ दिनों में विक्की रोज़ दोपहर को सबरीना को चोदता था। समीना के कॉलेज जाने के बाद शाम तक यह मस्ती चलती रहती थी। विक्की ने सबरीना को शराब पीने की भी आदत डाल दी। शराब पी कर सबरीना नशे में और भी मादकता से चुदवाती थी।
दूसरे ही दिन सुबह शौहर के काम पर जाने के बाद जब समीना नहाने गयी तो सबरीना और विक्की एक दूसरे की बांहों में आ गये। लूँगी के ऊपर से विक्की का लंड पकड़ कर सबरीना ने कहा, “विक्की, आज तुझे मैं अपनी समीना दे रही हूँ। मुझे पता है कि मेरी बेटी गरम है। मुझे कई बार उसके बिस्तर के नीचे खीरा-काकड़ी मिली है। बाथरूम में अभी चूत में उँगली कर रही होगी। तू उसे अब खूब चोद और उसे भी जवानी का मज़ा दे।”
सबरीना को नीचे बिठा कर अपना लंड उसके होंठों पे रख कर विक्की बोला, “तू अब उसकी चिंता मत कर मेरी रंडी, उसे तो खूब मस्ती से चोदुँगा मैं। मुझे पता है तेरी बेटी है तो वो गरम चूत तो होगी है।”
बाथरूम के दरवाजे के बाहर नीचे बैठ कर सबरीना विक्की का लंड चूसने लगी और विक्की की-होल से बाथरूम में समीना को देखने लगा। समीना को नहाते देखने के ख्याल से और सबरीना द्वारा लंड चूसने से वो यह सोच कर गरम हुआ कि, है तो साली बीस साल की पर जिस्म एक भरी हुई औरत जैसा है। विक्की ने यह भी सोचा कि यह भी उसकी माँ जैसी ही गरम और नमकीन होगी बिस्तर में। की-होल से विक्की ने देखा कि कपड़े निकाल कर समीना अपना नंगा जिस्म आइने में देखती हुई सहला रही है। घूम कर अपनी गाँड, सीना और चूत को देख कर समीना उनको सहलाने लगी। विक्की का लंड नंगी समीना को देख कर और गरम हो गया जिसे सबरीना मस्ती से चूस रही थी। कितनी हरामी औरत थी यह सबरीना जो अपने यार को अपनी नंगी बेटी का जिस्म दिखा कर उसका लंड चूस रही थी। अब विक्की ने देखा कि समीना अपने मम्मे मसलते हुए साबून से अपनी चूत को भी सहलाने लगी। ऐसा करते वक्त वो अपनी आँखें बंद कर रही थी और अपने होंठों को अपने दाँतों से दबाती थी। समीना बार-बार अपनी चूत में उँगली भी कर रही थी। उसकी गुलाबी, बिना झाँटों वाली चूत गीली थी। उँगली से वो दाना दबा कर सिसकरियाँ भरती और दूसरे हाथ से मम्मे मसलती हुई आँखें बंद करके मस्ती कर रही थी।
यह सब देख कर विक्की ने सबरीना के मम्मे मसलते हुए उसका मुँह चोदना शुरू किया। उसने सोचा कि यह साली अपनी माँ पर गयी है, गरम माल है, काटे पर आयी है, थोड़ा और गरम करो, इसकी शरम हटाओ तो चुदवाने को तैयार होगी। वैसे भी प्लैन के मुताबिक घर में सिर्फ़ हम दो हैं और उसकी रूम लॉक है जिससे उसे सिर्फ़ टॉवल में ही बाहर आना है। १०-१५ मिनट उस कमसिन जवानी का नंगा नज़ारा देख कर विक्की का लौड़ा एक दम गरम हो गया। अब उसने सबरीना को उठाया और जाने के लिये बोला। सबरीना समीना का रूम लॉक करके कहीं बाहर चली गयी। समीना का रूम बाथरूम के पास ही था, इसलिये वो नहाने जाते वक्त अपने बाकी सब कपड़े बिस्तर पर निकाल कर रख कर सिर्फ़ टॉवल में नहाने गयी थी। जैसे ही समीना का नहाना हुआ और उसने टॉवल लपेट लिया तो विक्की आ कर सोफ़े पर बैठ गया।
समीना जब बाथरूम से टॉवल लपेट कर बाहर आयी तो विक्की को देख कर शर्मा गयी पर फिर हल्की मुस्कुराहट दे कर अपने कमरे के पास गयी। कमरे का दरवाजा लॉक देख कर वो हॉल क्रॉस करके अपनी माँ के बेडरूम की तरफ़ गयी। जब वो विक्की के सामने से गुजरी तब विक्की उसका गीला जिस्म बड़े ध्यान से देखते हुए आँखों में भरने लगा। माँ को बेडरूम में ना पा कर समीना वहीं से चिल्लायी, “अम्मी... ओ... अम्मी मेरे कपड़े तो देना। कहाँ हो तुम अम्मी?”
आँखों के कोने से विक्की समीना को देखने लगा। गीले गोरे जिस्म पर लाल टॉवल लिपटा था, बाल और जिस्म भीगे हुए थे, गोरी टाँगें घुटनों के थोड़े ऊपर तक नंगी नज़र आयी उसे। पूरा हुस्न देख कर विक्की बोला, “क्या हुआ समीना? क्यों इतनी ज़ोर से चिल्ला कर अपनी अम्मी को बुला रही हो तुम?” विक्की को अपना भीगा जिस्म देखते देख कर समीना ज़रा शरमा कर कमरे में जा कर बोली, “अम्मी कहाँ है? उसको कहो ना मेरे रूम में आये।”
विक्की बोला, “अरे सबरीना तो कुछ काम से बाहर गयी है, वो बोली थी की एक घंटे में आऊँगी, तुम को क्या काम है बोलो?” यह सुन कर समीना धीरे से बोली, “ओफ्फ ओह उसको भी इसी वक्त जाना था? अब मेरे कपड़े? क्या करूँ मैं? क्या पूरा घंटा सिर्फ़ यह टॉवल लपेटे रहूँ?” विक्की अब उसके रूम में आ कर समीना को पूरी तरह देखते हुए बोला, “क्या हुआ तेरे कपड़ों को? क्यों परेशान है तू?”
विक्की को अचानक रूम में देख कर समीना पर्दे को अपने आप पर लपेट कर बोली, “ओहह आप क्यों आये यहाँ? मॉम ने आपको चाबियाँ दी हैं मेरे वार्डरोब की?” समीना की अदा पर मुस्कुराते हुए विक्की बोला, “अरे क्या हुआ? अब तेरी अम्मी मुझे चाबियाँ क्यों देगी? आखिर हुआ क्या है जो इतनी परेशान हो गयी है तू?”
“देखो ना... उससे बोला था कि वार्डरोब में से कपड़े निकाल कर जाओ। उसने कपड़े भी नहीं रखे और चाबियाँ भी नहीं हैं। अब क्या मैं ऐसे बैठूँ उसके आने तक?” विक्की ने समीना के माथे पर पसीना देखा। विक्की सबरीना के बिस्तर पे बैठ कर वहाँ पड़ी मैगज़ीन देखते हुए बोला, “अरे हाँ यह तो सही है, पर अब किया भी क्या जा सकता है? अब तेरी अम्मी आने तक तुझे ऐसे ही बैठना पड़ेगा।”
समीना सोच में डूब गयी और उसके हाथ से पर्दा छूट गया। विक्की अब एक दम पास से टॉवल में लिपटी समीना को देखने लगा। टॉवल काफी छोटा था, बड़ी मुश्किल से समीना की जाँघों से शुरू हो कर उसके मम्मों के ऊपर तक आया था। समीना का कमसिन गीला जिस्म, टॉवल के ऊपर से झाँक रहे मम्मे, उसकी गोरी टाँगें, उसका हुस्न देख कर विक्की का लंड लूँगी में उछलने लगा। समीना के सीने पे नज़र गड़ा कर वो बोला, “बोल मैं कैसे मदद करूँ तेरी? वार्डरोब तोड़ डालूँ क्या तेरे लिये?”
समीना को विक्की की बात और नज़र से ख्याल आया कि वो टॉवल में विक्की के सामने खड़ी है पर अब वो बिना झिझक उसी हाल में रूम में घूमते हुए सोचने लगी। कमरे में घूमते वक्त उसकी नज़र विक्की के तने हुए लौड़े पर पड़ी। वो विक्की के लंड की तरफ़ देख कर बोली, “नहीं... नहीं वार्डरोब ना तोड़ो… लेकिन कुछ सोचो ना।” समीना की नज़र अपने लंड पर देख कर अंजान बन कर विक्की अपने पैर थोड़े और खोलते हुए बोला, “एक काम कर सकते हैं अगर तू हाँ बोले तो। चाहे तो मेरी शॉट्र्स और बनियान पहन सकती है तू।” विक्की को अजीब नज़रों से देखते हुए समीना बोली, “क्या आपकी शॉट्र्स और बनियान पहनूँ मैं?”
समीना के पास जा कर विक्की बोला, “हाँ, क्यों? कोई प्रॉब्लम है तुझे? या तुझे इस टॉवल में ही रहना है समीना?” समीना ज़रा सोच कर बोली, “पर... वो मैं... ठीक है दे दो अपनी शॉट्र्स और बनियान मुझे।” समीना का हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले जा कर विक्की ने उसे एक दम छोटा बनियान और छोटी सी शॉट्र्स दी। समीना शॉट्र्स और बनियान देख कर दंग हो गयी। शॉट्र्स पे जगह-जगह दाग लगे थे और बनियान भी बड़ी छोटी साइज़ का था। दोनों कपड़े देख कर समीना बोली, “ये कपड़े? ये शॉट्र्स तो बिकिनी से भी छोटी है, बनियान कितना छोटा और टाइट है।”
विक्की समीना के हाथ से कपड़े ले कर बिस्तर पर फ़ैलाते हुए बोला, “अब हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है, देख कम से कम इससे तेरे बदन पे कपड़े तो होंगे ना? भले ये कपड़े छोटे हैं पर तेरी इस टॉवल से अच्छे हैं, चल वो शॉट्र्स और बनियान पहन ले जल्दी।”
और कोई रास्ता नहीं था तो समीना कपड़े उठाने के लिये झुकी। जैसे ही वो झुकी, उसका टॉवल खुल गया। समीना ने झट से टॉवल से वापस अपना जिस्म ढक लिया पर तब तक उसने विक्की को अपने नंगे जिस्म का पूरा नज़ारा दिखा दिया था। वो टॉवल बाँध कर, कपड़े उठा कर ज़रा शर्माते हुए बोली, “उफ्फ, इस टॉवल को भी अभी गिरना था क्या? पर अब ठीक है... क्या करें? ये कपड़े तो पहनने ही पड़ेंगे... नहीं तो टॉवल बार-बार खुलेगा। लेकिन यह दाग धब्बे कैसे हैं इस शॉट्र्स पर?” समीना के पूरे नंगे जिस्म की झलक देख कर विक्की का लंड और तन गया। होंठों पे जीभ घुमा कर मुस्कुराते हुए वो समीना के पास आ कर टॉवल की गाँठ पक्की करते हुए बोला, “वो दाग काहे के हैं... बाद में बताऊँगा तुझे, पर एक बात अभी सुन, तू बिना कपड़ों के बड़ी मस्त दिखती है, दिल करता है तेरा टॉवल बार-बार निकल जाये ।” विक्की की बात से समीना एक दम फीकी पड़ गयी और शरमा कर अपने रूम में कपड़े लेकर दौड़ गयी। दरवाज़ा बंद करके बिना लॉक किये वो टॉवल निकाल कर विक्की के दिये हुए कपड़े पहनने लगी। सिर्फ़ दो कपड़ों में वो खुद को आइने में देख कर शर्माते हुए फिर बाहर आयी।
समीना को उन कपड़ों में देख कर विक्की खुश हुआ। शॉट्र्स से सिर्फ उसकी गाँड ढकी थी, गोरी टाँगें साफ़ झलक रही थी, बनियान नाभि तक आया था और टाइट होने से मम्मे उभरे हुए दिख रहे थे और समीना के कड़क निप्पल भी विक्की को साफ़ दिख रहे थे। गोल घूम कर समीना का उन तंग कपड़ों में ढका जिस्म देख कर वो बोला, “वाह क्या अच्छी दिखती हो इन कपड़ों में तुम। कसम से... इतनी मस्त लड़की आज तक देखी नहीं मैंने।” समीना बार-बार बनियान नीचे खींचती हुई अपनी नाभि को ढकने की कोशिश कर रही थी।
सोफ़े पे बैठ कर वो बोली, “क्या आप भी ना? कैसी बात करते हो? मुझे शरम आ रही है आपकी बातों से।” समीना के सामने बैठ कर उसका कमसिन जिस्म निहारते हुए विक्की बोला, “समीना अगर तुझे लड़कों ने इस ड्रेस में देखा तो टूट पड़ेंगे तुझ पर, तेरी जैसी मस्त लड़की उन्होंने कभी देखी नहीं होगी और ना देखेंगे। मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ बेटी, ऐसी कमसिन लड़की को इतने तंग कपड़ों में लड़के देखेंगे तो ना जाने क्या करेंगे तेरे बदन के साथ।”
अब और भी शर्माते हुए समीना ने अपनी नाभि छुपाने के लिये बनियान नीचे खींची। पर इससे विक्की को उसका आधे से ज्यादा क्लीवेज दिखने लगा। दुविधा में फंसी समीना बोली, “हुम्म जाने दो ना... आज सुबह से आपको कोई मिला नहीं? ऐसे कपड़े पहन कर क्या कोई लड़की बाहर जायेगी? यह तो आज अम्मी बाहर गयी है... इसलिये मैंने पहने हैं घर में यह कपड़े... नहीं तो मैं कभी नहीं पहनुँगी यह कपड़े।”
विक्की अपनी टाँगें फ़ैला कर अंजान बनते हुए लंड को मसलता हुआ समीना का क्लीवेज देख कर बोला, “अरे समीना तेरी जैसी सैक्सी लड़की कसम से आज तक ना दिखी ना मिली। तेरी बात सच है कि तू बाहर नहीं जायेगी ऐसे कपड़े पहन कर पर घर में जो मर्द हैं वो अपने पर काबू कैसे रख पायेंगे तेरा यह कमसिन जिस्म इन कपड़ों में देख कर समीना?”
समीना ने शरमा कर बनियान अपने सीने पे खींचा जिससे उसकी नाभि नंगी हो गयी। असल में समीना को मर्द का साथ चाहिये था। जबसे उस पर जवानी आयी और जबसे मर्द उसको अजीब नज़रों से देखने लगे थे, तबसे वो मर्दों से अपनी तारीफ सुनने को लालियत हो गयी थी। जब कोई लड़का उस पर फिकरा कसता या भीड़ में कोई उसका बदन छूता तो उसे अच्छा लगता था। वो चुदाई के बारे में सब जानती थी। जब तक ज़हरा यहाँ थी वो दोनों बहनें अक्सर चुदाई की बातें करती थीं पर जबसे ज़हरा हॉस्टल गयी तबसे वो अकेली पड़ गयी थी। अब जबसे विक्की घर में आया था, उसकी नज़रों से समीना समझ गयी थी कि यह मर्द उसे चाहता है। वो भी विक्की पर पहली नज़र में फ़िदा हो गयी थी। इसलिये वो विक्की से खूब बातें करती और आज भी बिंदास हो कर वो सिर्फ़ शॉट्र्स और उस छोटी सी बनियान में उसके सामने बैठी थी। आज विक्की अगर कुछ करना चाहे तो समीना ने फ़ैसला किया था कि वो झूठा नाटक करेगी पर उसे सब करने देगी। आज उसकी अम्मी भी घर में नहीं थी तो उसे कोई डर भी नहीं था। अपनी नंगी टाँगें सहलाती हुई समीना बोली, “क्या आप भी ना? अब जाने दो मेरी बात, आपने इन धब्बों की वजह नहीं बतायी, कैसे लगे यह धब्बे यहाँ?” यह पूछते हुए समीना ने अपनी टाँगें खोल कर उँगली अपनी चूत के ऊपर शॉट्र्स पे लगे धब्बे पे रखी।
विक्की आ कर समीना के पास बैठ गया। समीना के जवाब और हर्कत से वो समझ गया कि समीना शर्माने वाली लड़की नहीं है। वो जवानी में कदम रखती हुई ऐसी लड़की है जो मर्द का साथ चाहती थी। समीना के कंधे पर हाथ रख कर नज़र उसकी चूत और मम्मों पर बारी-बारी घुमाते हुए विक्की बोला, “अरे इतनी क्या जल्दी है बेटा, सब होने के बाद बता दूँगा। मेरी बात का जवाब दे, तुझे ऐसे देख कर घर का यह मर्द अपने आप पे काबू कैसे रख सकता है? ऐसा कसा हुआ गोरा जिस्म इतने कम कपड़ों में देख कर मेरी तो हालत मस्त हो रही है ।”
विक्की के स्पर्श से समीना सिहर गयी। उसे मर्द का स्पर्श तो अच्छा लगा पर शर्माते हुए वो बोली, “क्या आप भी? मैं तो आपसे बहुत छोटी हूँ और आप यह कैसी बात कर रहे हैं मुझसे? यह सब बातें जाने दो, चलो टीवी देखते है हम।” समीना ने रिमोट ले कर टीवी ऑन किया। रिमोट लेने के बहाने समीना और विक्की में लड़ाई शुरू हुई। समीना ने घूम कर रिमोट छुपाया और विक्की पीछे से उसे दबोचते हुए रिमोट लेने की कोशिश करने लगा। समीना ने भी रिमोट नहीं छोड़ा तो विक्की रिमोट लेने के बहाने समीना का जिस्म अपनी बांहों में ले कर दबाने लगा। इससे समीना की गाँड पर उसका लंड रगड़ रहा था। इस खींचा तानी में उसने समीना के सीने पर भी हाथ फिराया। समीना के कड़क मम्मे छू कर विक्की खुश हो कर बोला, “बोला ना टीवी मत लगाओ, हम सिर्फ़ तेरी बात करेंगे। समीना माना मेरी उम्र सिर्फ २६ की है तो तू इतनी भी छोटी नहीं है मुझसे… लगभग हम-उम्र ही हैं हम?”
विक्की का लंड गाँड पे रगड़ने और मम्मे मसलने से समीना एक दम सिहर गयी। अपनी गाँड और मम्मों पे विक्की का कड़क लंड और उसके हाथ उसे अच्छे लगे। वो विक्की की बांहों से छूटने की कोई कोशिश ना करते हुए बोली, “पर हैं तो आप अम्मी के मुँह बोले भाई ना? वो सब जाने दो, देखो अब टीवी ऑन करो नहीं तो मैं आप से नहीं बोलूँगी और रूम में चली जाऊँगी।”
समीना की तरफ़ से कोई विरोध ना पा कर विक्की उसे और कस कर पकड़ कर लंड पर दबाते हुए और दूसरे हाथ से मम्मे मसलते हुए बोला, “हाँ मेरी और तेरी अम्मी की बात जाने दे, अब सिर्फ़ तेरी बात करेंगे हम। तुझे मैंने रूम में जाने दिया तभी तो जायेगी ना तू? वर्ना मेरी बांहों से कैसे निकल कर जा सकती है... बता मुझे? वैसे भी उस बेकार टीवी से अच्छा तो हमारा यह लाइव चैनल है समझी?” समीना को अपने जिस्म से हो रहा यह खिलवाड़ अच्छा लग रहा था। उसने रिमोट साइड में रख दिया पर फिर भी विक्की ने उसे छोड़ा नहीं। उसके मसलने से अब समीना के मम्मे और कड़क हो कर निप्पल भी तन गये। वो बिना कुछ किये बोली, “क्या? लाइव चैनल? वो कौनसा?”
विक्की अब बनियान में हाथ डाल कर समीना के नंगे मम्मे सहलाने लगा। उसके निप्पल आराम से सहलाना और गाँड पे लंड रगड़ना उसने जारी रखा। समीना के नंगे कड़क निप्पल से खेलते हुए विक्की बोला, “लाइव चैनल कौनसा है वो बताऊँगा तुझे समीना, सब्र कर। यह बता कि कितने लड़के तुझ पर मरते हैं? तेरा रूप देख कर मरने वालों की कमी नहीं होगी ना? कोई खास पीछे पड़ा है तेरे?” समीना अब और गरम हो गयी थी। वो जो चाहती थी वो मिल रहा था उसे। विक्की की बांहों में बिना हिले मस्त होती हुई वो बोली, “हाँ एक पूरा ग्रुप है लड़कों का, उसका लीडर है सबीर, सब के सब मुस्टंडे हैं, सबीर, केतन, कैलाश और नईम। पूरा ग्रुप पीछे पड़ा है मेरे और बहुत छेड़ता भी है।”
हल्के से दूसरा मम्मा भी मसलते हुए विक्की बोला, “ओह अच्छा... ४-४ लड़के पीछे पड़े हैं तेरे? वैसे भी तू है इतनी मस्त कि कोई भी तेरे पीछे पडेग़ा। समीना तू दिखती ही है इतनी मस्त है कि कोई भी लड़का तुझ पर मर मिटे। क्या छेड़ते हैं तुझे? उनमें से कोई पसंद है तुझे?” दोनों मम्मे मसलने से समीना बेहद गरम हो गयी पर अब उसे ज़रा शरम भी आ रही थी। विक्की की बांहों से छूटने का नाटक करती हुई वो बोली, “आप मुझे ऐसे मत छूयें। प्लीज़ मुझसे दूर बैठ कर बात करो। शी मुझे नहीं कोई पसंद कोई उन लड़कों में से, सबके सब मवाली जैसे हैं। पता नहीं कॉलेज वालों ने कैसे एडमिशन दिया उनको।”
समीना को और कस कर पकड़ कर एक हाथ मम्मों पे रख के दूसरे हाथ से समीना का नंगा पेट मसलते हुए विक्की बोला, “हा हा... अरे तेरी जैसी मस्त लड़की को छेड़ने के लिये ही एडमिशन लिया होगा उन्होंने। अच्छा यह बता कि क्या छेड़ते हैं तुझे वो लड़के?”
समीना को यह मस्ती अच्छी लगने लगी पर नाटक करते हुए वो झपट के विक्की के चुंगल से खुद को छुड़ा कर अब उसके सामने सोफ़े पे बैठ कर बोली, “जाओ मैं आपसे नहीं बोलती। आप भी उन लड़कों जैसे छेड़ रहे हो, वो लड़के मुँह से छेड़ते हैं और आप हाथ से। वो लोग तो बहुत गंदा-गंदा बोलते हैं, वो सुन कर तो कान का कचरा भी निकल जाये, ऐसा तो कोई बोल ही नहीं सकता।”
विक्की अब कहाँ मानने वाला था। वो उठ के समीना के पास आ कर बैठ कर उसकी गोरी नंगी टाँगों को सहलाते हुए बनियान में बंद मम्मे ऊपर से हल्के से मसलते हुए बोला, “अरे समीना हम मर्दों का काम ही होता है चिकनी मस्त लड़कियों को छेड़ना, अब देख तेरी अम्मी बाहर निकलती है तो कितने ही मर्द उसे छेड़ते हैं और मैं भी बहुत छेड़ता हूँ पर तेरी अम्मी कभी गुस्सा नहीं होती। बोल वो मवाली लड़के क्या छेड़ते हैं तुझे? क्या बोलते हैं तेरी यह गदरायी गोरी जवानी देख कर?”
समीना ने फिर विक्की का हाथ अपने जिस्म से हटाया। उसकी अम्मी को भी ऐसे छेड़ने की बात सुन कर समीना को अजीब फ़ीलिंग आयी। वो जानती थी कि उसकी अम्मी सुंदर है पर यह नहीं पता था कि मर्द उसे भी छेड़ते हैं। विक्की का हाथ हटा कर वो वहीं बैठ कर बोली, “क्या? आप अम्मी को छेड़ते हैं? आपसे तो उम्र में काफी बड़ी हैं अम्मी और आपकी बहन जैसी हैं! आप और दूसरे मर्द अम्मी को क्या छेड़ते हैं?”
विक्की फिर हाथ उसकी जाँघ पे रख कर बनियान के नीचे हाथ डाल कर बोला, “हाँ समीना तेरी अम्मी को बहुत छेड़ा है मैंने इसलिये तेरी अम्मी पहले मुझसे गुस्सा थी लेकिन अब नहीं। तू बता वो लड़के क्या बोलते हैं तुझे, मैं किसी को नहीं बताऊँगा समझी... और उसके बाद तुझे बताऊँगा कि मैं और दूसरे मर्द तेरी अम्मी को कैसे छेड़ते हैं।”
विक्की के हाथ को बिना रोके समीना बोली, “ना..मैं... वो लोग जो बोलते हैं वैसा कभी बोल ही नहीं सकती। आप सोचो वो लोग कैसा बोलते होंगे कि में आपको उनकी बात का एक भी अल्फाज़ नहीं बता सकती। बड़े गंदे और नालायक लड़के हैं वो।” समीना की जाँघ पकड़ कर उसे अपने पास खींच कर उसकी बनियान की नेक से उसके साफ़ दिख रहे मम्मों पे उँगली फेरते हुए विक्की बोला, “अब वो क्या बोलते हैं यह मुझे समझा तो ही मैं कह सकुँगा ना कि वो कितनी गंदी बात करते हैं तेरे बारे में। देख मैं तेरी अम्मी के छोटे भाई जैसा और तेरे दोस्त जैसा हूँ, तू बता मुझे दिल खोल कर वो क्या बोलते हैं तुझे, बिल्कुल शरमा मत मेरी समीना।”
समीना थोड़ी पीछे हटी लेकिन इतना भी नहीं कि विक्की का हाथ उसे छू ना सके। अपनी गोरी जाँघों पे खुद हाथ घुमाते हुए वो बोली, “नहीं ऐसा नहीं…, मैं नहीं बोल सकती। आप तो कह रहे थे कि आप अम्मी को छेड़ते हो... तो आप को तो पता होना ही चाहिये। आप और दूसरे लोग क्या बोल कर छेड़ते हो मेरी अम्मी को?”
विक्की जान गया था कि समीना यह सब चाहती है इसलिये उसे पकड़ कर अपनी गोद में बिठा कर विक्की लंड उसकी गाँड पे रगड़ते हुए बोला, “अरे समीना तेरी अम्मी को तो मैं और दूसरे लोग, ‘क्या माल है? आती क्या आज रात मरे घर? घोड़ा देखना है क्या मेरी पैंट में छुपा हुआ? आती क्या मेरे घोड़े पे सवारी करने? तेरा हॉर्न बजाने दे ना’ ऐसा बोलते थे। तेरी अम्मी तो बिना शर्माये लोगों को देख कर मुस्कुरा देती है... अब तू बोल वो लड़के क्या बोलते हैं तुझे?”
समीना की नंगी गोरी जाँघ मसलते हुए विक्की उसकी गर्दन किस करने लगा। इस बात पे समीना बड़ी मचली। उसका जिस्म मस्ती से भरने लगा। वो एक मादक अँगड़ायी ले कर बोली, “प्लीज़ छोड़ो मुझे, आप क्यों मेरा जिस्म सहला रहे हो। और यह जो आप और दूसरे लोग अम्मी को छेड़ते हो वो तो कुछ भी नहीं, वो लड़के इससे भी गंदा बोलते हैं।”
एक हाथ से समीना की गोरी जाँघें और दूसरे से सीना सहलाते हुए गर्दन किस करते हुए विक्की बोला, “देख समीना, जब तक तू मुझे नहीं बताती कि वो लड़के क्या छेड़ते हैं तुझे, मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा, ऐसे ही तेरा जिस्म सहलाता रहुँगा। तूने अगर मुझे सब बताया तो तेरी अम्मी को लोग और कैसे-कैसे मस्ती से छेड़ते हैं वो तुझे बताऊँगा।”
समीना फिर विक्की से दूर हो कर पास की सोफ़ा कुर्सी पर जाते हुए बोली, “उम्म्म… देखो मैं कहती हूँ मुझे मत छूना। मुझे अजीब सा लगता है आपका छूना। वो लोग बहुत गंदा बोलते हैं मेरे जिस्म के बारे में। वो मुझे देख कर बोलते हैं कि मैं कितनी गोरी हूँ, मेरी मक्खान जैसी टाँगें हैं, टाँगें ऐसी हैं तो जाँघें कैसी होंगी, और अगर जाँघों का यह हाल है तो अंदर की जन्नत तो कैसी होगी। ओह समीना रानी एक बार तेरी उस नंगी जन्नत की सैर करवा दे हमें। एक साथ ४-४ खंबे देंगे तुझे रानी, बोल आती है क्या हमारे साथ। यह सब बोलते हैं वो लड़के। छी, यह सब सुन कर मुझे बहुत शरम आती है।”
विक्की समीना के पास आ कर उसे खड़ी करके फिर मम्मे सहलाने लगा। समीना को उकसाने के लिये जिससे वो खुल कर सब बताये, विक्की बोला, “अरे तो इसमें क्या गंदा बोलते हैं? गोरी टाँगें और जाँघें क्या गंदा है? वैसे भी देख तू गोरी है तो गोरा तो बोलेंगे ही ना? मैंने तेरा बाकी जिस्म देखा है अब बस अंदर की जन्नत देखनी है तेरी। मुझे लगा कुछ और गंदा बोलते हैं जैसे तेरी अम्मी को लोग बोलते हैं, पर यह छेड़ छाड़ का बोलना तो बड़ा आम बोलना है।”
समीना ने फिर विक्की का हाथ अपने जिस्म से हटा कर सोफ़ पे आकर टीवी ऑन किया। टीवी पे अब उदिता गोसवामी और इमरान हशमी का गाना चल रहा था। गाना देखते हुए वो बोली, “नहीं-नहीं, वो लोग दूसरी लड़कियों को तो ऐसे नहीं छेड़ते। कभी भी अगर मैं टी-शर्ट पहन कर जाऊँ तो वो लोग मेरी साइज़ देख कर मेरे पास से गुजरते हुए मेरी ब्रा की साइज़ के बारे में ऊँचे सुर में बातें करते हैं, जैसे कि मेरी ब्रा के साइज़ के बारे में शर्त लगाते हैं और कई बार तो ऐसा बोलते हैं कि इतनी उम्र में इतने बड़े कैसे हो गये, कितनों ने मसला है तुम्हें?”
टीवी पे चल रहा सैक्सी गाना देख कर विक्की और गरम हो गया और अब पीछे से समीना को पकड़ कर वैसे ही किस करते हुए बोला, “तो तूने अपनी ब्रा का साइज़ बताया ना उनको? बेचारे कितने दिन से पूछ रहे हैं ना तेरा साइज़? वैसे समीना तुझे किसी ने मसला है क्या? मतलब तेरे इन मम्मों को मसला है कभी?” बनियान के नीचे हाथ डाल कर मम्मे सहलाते हुए विक्की आगे बोला, “यह बता उन लड़कों में कौनसा लड़का तुझे सबसे ज्यादा पसंद है और कौन सबसे ज्यादा छेड़ता है?”
विक्की का हाथ बनियान से खींचते हुए समीना बोली, “उफ़्फ़्फ़, प्लीज़ हाथ निकालो ना। मुझे उन लड़कों में से कोई पसंद नहीं है... सब के सब मवाली हैं साले पूरा दिन कॉलेज के बाहर सिगरेट या फिर गुटखा खाते रहते हैं। अपनी ब्रा की साइज़ थोड़ी किसी लड़के को बताऊँगी मैं? वो तो सिर्फ़ मेरा शौहर ही जानेगा शादी के बाद और अब मेरी अम्मी जानती है। मैंने तो किसी को नहीं बताया।”
विक्की का हाथ ज़ोर से खींचने के चक्कर में बनियान फट गया और समीना के दोनों मम्मे नंगे हो गये। समीना ने अपना सीना शरम से छुपा लिया। विक्की वैसे ही समीना को गोद में उठा कर उसका नंगा सीना और क्लीवेज किस करते हुए अपने बेडरूम में ले जाते हुए बोला, “क्या समीना, तूने इतना ज़ोर से हाथ खींचा कि बनियान फट गया, अब मैं कल क्या पहनुँगा? मुझे लगता है कि तू झूठ बोल रही है समीना, तुझे उन लड़कों में कोई एक तो पक्का पसंद है जो तू हर दिन उनके ताने सुन कर गुजरती है। वैसे शादी के पहले अम्मी और बाद में शौहर... इन दोनों के बीच में लड़की अपनी ब्रा का साइज़ अपने बॉय फ्रेंड को भी बताती है... समझी समीना?”
विक्की के मुँह से अपना सीना बचाते हुए समीना बोली, “आपको तो बाद में कल पहननी है, मैं अब क्या पहनूँ? क्या अम्मी के आने तक यह फटी बनियान पहनूँ?” समीना को बेड पे लिटा कर उसके हाथ हटा कर विक्की उसके पास लेट कर निप्पल से खेलते हुए बोला, “जाने दे समीना, तू यही फटी बनियान रहने दे, इससे तुझे लगेगा तेरे जिस्म पे कपड़े हैं और मुझे तेरा जिस्म दिखेगा भी। वैसे तूने बताया नहीं कि कितने लड़कों ने तेरा यह जिस्म सहलाया है और तुझे उन लड़कों को अपनी ब्रा का साइज़ बताने में क्यों शरम आती है?”
समीना को पहली बार मर्द के सामने अपना नंगा सीना दिखाने और निप्पल को मर्द से मसलवाने में मज़ा आने लगा था। वो विक्की को रोके बिना बोली, “तो क्या करूँ मैं? उनको सामने से जवाब दूँ? और दूँ भी तो क्या जवाब दूँ? कि मेरी ब्रा का साइज़ ३२ है और ब्रा के कप “बी” के हैं? प्लीज़ आप मेरे जिस्म को मत छूना, मुझे गुदगुदी होती है। और वो मेरे सीने का दाना ऐसे क्यों मसल रहे हो आप? आपने बताया नहीं कि अम्मी को लोग और कैसे-कैसे छेड़ते हैं?”
समीना के हाथ हटा कर उसका सीना पूरा नंगा देख कर विक्की झुक कर बारी-बारी उसके निप्पल खूब अच्छे से चूसते हुए बोला, “अरे वाह, यह अच्छा किया जो तूने कम से कम मुझे तो अपनी ब्रा और कप का साइज़ बता दिया समीना इसे जवानी का खेल बोलते हैं, हम जैसे मर्द तेरी जैसी गरम सैक्सी मस्त लड़की के साथ यह खेल खेल कर सिखाते हैं। बोल कि जब मैं तेरा यह सीने का दाना मतलब निप्पल किस करता हूँ तो अच्छा लगता है ना तुझे? तेरी अम्मी के साथ खेल कर मैंने इस खेल की बहुत प्रैक्टिस की है... तेरी अम्मी तो इस खेल में माहिर है । तेरी अम्मी की बात थोड़े वक्त के बाद बताऊँगा, पहले यह बोल कि कितने लड़कों ने तेरा यह जिस्म छुआ है रानी?”
पहली बार मर्द से निप्पल चुसवाने से समीना बड़ी गरम हो गयी। वो हल्की सिसकरियाँ भरते हुए बोली, “हाँ बड़ा अच्छा लगता है जब आप निप्पल चूसते हो तो...! प्लीज़ पूरा लो ना और पूरा, मेरी पूरी चूचियाँ चाटो ना। आज आप मुझे जवानी का पूरा खेल सिखा देना जैसे मेरी अम्मी को सिखाया है। मेरी चूंची चूसते हुए बता दो कि आपने अम्मी को यह खेल कैसे सिखाया। मुझे उन लड़कों में से कोई भी पसंद नहीं, वैसे उन लड़कों के साथ यह करने का मन कैसे हो? उन गुंडे मवालियों से क्या मुँह लगना? हाँ भीड़ का फायदा ले कर लड़के कभी-कभी मेरा जिस्म सहलाते हैं, मेरा सीना और पिछवाड़ा दबाते हैं और पिछवाड़े पे रगड़ते हैं... बस उतना ही लड़कों से ताल्लुक हुआ है और कुछ नहीं।”
उसकी पूरी चूचियाँ चाट कर और निप्पल चूसते हुए विक्की अब समीना के ऊपर बैठ गया। उसका लंड समीना की चूत पे था और समीना के निप्पल से खेलते हुए वो झूठी कहानी बताने लगा, “ओके समीना... अब सुन... तेरी अम्मी से ये खेल मैंने कैसे सीखा। कुछ साल पहले तेरी अम्मी अपने मायके आयी हुई थी। तब मेरी उम्र उन्नीस-बीस साल थी। जब वो रास्ते से गुजरती थी तो मैं और मेरे दोस्त उसे छेड़ते थे। तेरी अम्मी कभी नाराज़ नहीं होती थी और मुस्कुरा कर निकल जाती थी इसलिये हमारी हिम्मत बढ़ गयी थी। हम उसे देख कर गंदी-गंदी बातें बोलते और इशारे करते। फिर एक दिन ऐसे ही हम चार दोस्त उसे छेड़ रहे थे तो वो हमारे पास आकर खड़ी हो गयी। उसके चेहरे पर गुस्सा था इसलिये हम डर गये। वैसे भी वो उम्र में हमसे काफी बड़ी थी। तेरी अम्मी हमें डाँटते हुए बोली कि “सालों तुम्हें सिर्फ छेड़ना ही आता या हकीकत में भी कुछ करने की औकात है तुम्हारी!...तुम्हारे लौड़ों में दम है तो करके बताओ नहीं तो दफा हो जाओ मादरचोदों!” फिर वो हमें अपने साथ ले गयी और हमारे लौड़े चूसे और हमने भी उसे खूब मसला। अगले २-३ हफ्तों में तेरी अम्मी मौका देख कर हमें रोज़ बुलाती और हम चारों के साथ मज़े करती। पर आज तुझे लंड खिला कर तेरी चूत में घुसा के तुझे जवानी का पूरा खेल सिखाऊँगा।”
विक्की द्वारा अपनी अम्मी के बारे में बतायी बात सुन कर समीना जल्दी से वो फटी बनियान अपने जिस्म पे ओढ़ कर फटी आँखों से विक्की को देखने लगी। उसकी अम्मी ने जिस हिसाब से विक्की और उसके दोस्तों से खुद को मसल्वाया था वो सुन कर उसकी चूत और गीली हो गयी। बनियान को अपने सीने पर लपेटते हुए वो बोली, “क्या बात करते हो? अम्मी तो इतनी शरीफ हैं और और वो ऐसे कैसे कर सकती हैं? मेरी अम्मी किसी के साथ, शी... इतने गंदे ज़लील काम कैसे कर सकती हैं …।”
समीना के हाथ से फटी बनियान खींच कर उसे दूर फेंक कर अब समीना के नंगे मम्मे मसलते हुए विक्की बोला, “इसमें कैसी गंदगि समीना? तेरी माँ अम्मी आईटम थी तब भी और अब भी है, साली अब भी देख कैसे मेंटेंड रखा है उसने अपना जिस्म। एक बात है समीना तेरी अम्मी जैसे लंड आज तक किसी ने नहीं चूसा, क्या मस्ती और लगन से चूसती है सबरीना। अरे अगर वो शादीशुदा नहीं होती और मेरी उम्र की होती तो मैं भगा कर ले जाता उसे और तेरे बाप से भी ज्यादा चोदता रहता उस माल को।”
विक्की अब समीना को खींच कर अपनी गोद में बिठा कर उसके मम्मे मसलने लगा। समीना भी गरम हो कर अपनी गाँड उसके लंड पे दबाने लगी। अपनी अम्मी की बात सुन कर उसे बड़ा अच्छा लग रहा था। इसका मतलब था कि उसकी अम्मी जिसे वो एक अच्छी औरत मानती थी वो तो कई मर्दों से अपना जिस्म मसलवा चुकी थी और कितने ही लंड चूसे थे उसने। समीना को ज़रा भी शक नहीं हुआ कि विक्की झूठ बोल रहा था। अपनी अम्मी की रंगीन करतूत सुन कर समीना और गरम हुई और वो विक्की के गले में हाथ डाल कर विक्की का चेहरा किस करती हुई बोली, “गंदी और ज़लील बात तो है ही ना? कोई औरत या लड़की मस्त लगे तो उसका मतलब यह थोड़े ही है कि तुम्हें उसे छेड़ने लग जाओ… उम्र का तो लिहाज़ करना चाहिये…. और अम्मी ने भी अपनी इज़्ज़त का लिहाज़ किये बिना आप लोगों को लिफ्ट देकर सब कुछ करवाया। अब आप ही देखो ना, आपने कितनी बार मेरी बनियान उतार दी पर अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आप की निक्कर पर यह सब दाग कैसे हैं। वैसे क्या अम्मी का फिग्र वाकय में इतना मस्त है?”
एक हाथ से समीना के मम्मे मसलते हुए और दूसरे हाथ से पहले उसे कस कर अपने लंड पे दबाते हुए विक्की अब समीना की गोरी जाँघें सहलाता हुआ बोला, “समीना जब तेरी अम्मी जैसी गरम औरत हमारे सामने हिरोईन बन कर चलेगी तो हम उसके साथ ऐसे ही छेड़खानी करते हैं... हमें हमेशा तेरी अम्मी जैसे औरत चाहिये होती है… फिर चाहे उम्र में बड़ी हो या छोटी। देख अपनी सब बात होने के बाद तुझे बताऊँगा कि दाग कैसे लगे। तेरी अम्मी की फ़िगर देख अब कितनी अच्छी हुई है, साली के मम्मे और पिछवाड़ा एकदम उभर आया है। वैसे समीना तुने भी अभी तक मुझे खुल कर बताया नहीं कि वो लड़के क्या छेड़ते हैं और कहाँ टच करते हैं तेरा यह जिस्म?”
समीना भी अब गरम हो गयी थी और उसने विक्की का टी-शर्ट उतार दिया। वो विक्की की तरफ़ घूम कर उसकी गोद में बैठ गयी। अब वो दोनो सिर्फ़ शॉट्र्स में थे। उसकी बांहों में समीना बेशर्म हो कर बैठी थी। विक्की का पूरा चेहरा किस करते हुए समीना बोली, “हिरोईन बन कर चले मतलब कैसे चले? मैं कुछ समझी नहीं। फ़िगर अब अच्छी हुई मतलब क्या कुछ साल पहले अम्मी का सीना कैरम जैसा था? खुल कर बताओ ना। देखो मैंने आपको बताया कि वो लोग क्या बोल कर छेड़ते हैं, रही बात कहाँ टच करते हैं... वो तो मैं उनको करने नहीं देती। हाँ कॉलेज से छूटते वक्त वो लोग भीड़ का बहुत फायदा उठाते हैं... आगे पीछे मुझे कवर करके मेरी छाती और मेरी जाँघों को सहलाया करते हैं।”
विक्की अब समीना की चूत पे अपना लंड रगड़ने लगा। उसे लगा नहीं था कि यह कमसिन लड़की इतनी गरम माल होगी। यह तो साली अपनी अम्मी से भी गरम थी। आखिर एक गरम औरत की बेटी भी उसके जैसी गरम ही होगी... यह सोच कर विक्की समीना के कड़क मम्मे ज़रा मस्ती से मसलते हुए बोला, “हिरोईन बन कर मतलब... ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहन कर गाँड ठुमकाते हुए, नाक चढ़ा कर, हम लोगों को चूतिया समझ कर चलती थी...। कैरम बोर्ड नहीं... तेरी अम्मी तब भी मस्त माल थी, सीना काफी उभरा था... अब सीना ज्यादा बड़ा हुआ है पर उसके मम्मों में झुकाव नहीं है ज़रा भी। एक दम टाइट मम्मे हैं साली के और गाँड भी काफी भरी हुई है, लगता है तेरा बाप सबरीना की गाँड में पेलता होगा ज्यादा।। जब तेरी जाँघ और छाती मसलते है वो लड़के तो कैसा लगता है तुझे समीना?”
समीना अब खुद विक्की के लंड पे अपनी चूत रगड़ते हुए बोली, “आपको बहुत मज़ा आता होगा ना माँ को मसलने और उससे मस्ती करने में? लड़कों के सहलाने से तो मुझे अच्छा लगा पर उनका बोलने का ढंग जरा भी नहीं, एक दम जंगली हैं वो लड़के, लड़की को बस हवस की नज़र से देखते हैं। रही बात कि अम्मी और डैड क्या करते होंगे... यह पता नहीं... पर मैंने कहीं पढ़ा है कि प्रेगनेंनसी के बाद लेडीज़ की बैक साईड फ़ूल जाती है और अम्मी को तो टिवन्स हुई थीं... इसलिये उनका पिछवाड़ा इतना बड़ा हुआ होगा।”
समीना की कमर में हाथ डाल कर उसे अपने लंड पे दबाते हुए विक्की अब समीना के मम्मों को मसलते और निप्पलों से खेलते हुए बोला, “मुझे पता है कि प्रेगनेंनसी के बाद औरत की गाँड फूलती है लेकिन गाँड को बार-बार लंड से चोदने से भी गाँड फूलती है जैसे तेरी माँ की फूली है। अगर तेरा बाप नहीं तो मेरी तरह कोई और तेरी मस्त माल सबरीना की गाँड में लंड पेलता होगा, कुत्तिया बना कर चोदता होगा तेरी अम्मी को… वैसे भी सबरीना तो छिनाल है... लंड देखते ही मुँह और चूत में पानी आ जाता है उसकी। अब वो लड़के क्या बोलते हैं वो तूने बताया लेकिन इससे क्या ज्यादा गंदा बोलते हैं जिससे तू उनको जंगली कहती है... यह नहीं बताया, कुछ भी बोलते होंगे मुझे खुल कर बता सब समीना।”
समीना अब विक्की को ज़रा भी रोक नहीं रही थी। वो चाहती थी कि विक्की आज उसे चोद डालें। वो अपनी अम्मी के बारे में इतना गंदा सुनने के बाद और गरम हो गयी थी। अब पूरी बात बताने का फैसला करते हुए वो विक्की का मुँह अपने निप्पल पे दबाती हुई बोली, “वेल... मुझे शरम आती है बोलने में पर फिर भी बताती हूँ। वो लड़के जो बोलते हैं ना वो बहुत गंदा है। मेरे जिस्म के बारे में कहते हैं कि कितनी गोरी और मक्खन जैसी टाँगें हैं, टाँगें ऐसी हैं तो जाँघें कैसी होंगी और अगर जाँघों का यह हाल है तो अंदर की जन्नत तो कैसी होगी? वो यह भी बोलते हैं कि समीना की बहन और अम्मी भी एक दम मस्त हैं, इन तीनों को एक साथ नंगी करके मस्ती करनी चाहिये। वो और बोलते हैं कि समीना की अम्मी सबसे मस्त है, एक साथ उस चुदक्कड़ राँड को चोदना चाहिये, एक आगे से, एक पीछे से और तीसरा उसके मुँह में देना चाहिये। ज़हरा को भी ऐसे ही छेड़ते थे वो और अब वो हॉस्टल गयी तो मुझे अकेली को छेड़ते हैं। वो लड़के लोग तो यह भी कहते हैं कि इस अम्मी और मैं उनके मोहल्ले में जा कर उनके डाँडिया लेकर डाँडिया खेलें। यह सब सुन कर मुझे बहुत शरम आती है... पर यह सब सुन कर मैं गरम भी हो जाती हूँ। कई बार उन्होंने भीड़ में मेरा पूरा जिस्म मसला है, वो चारों एक साथ आगे पीछे और साईड में आते हैं और मेरे जिस्म का जो हिस्स जिसे मिले, वो मसलने लगते हैं। मुझे अच्छा लगता है उनसे मसलवाना इसलिये मैं भी रेज़िस्ट नहीं करती उनको।”
समीना के जवाब से विक्की का लंड और कड़क हो गया तो वो समीना की एक चूंची चूसने और दूसरी को मस्ती से मसलने लगा। समीना का नंगा जिस्म सहलाते हुए वो बोला, “अरे समीना, वो लड़के सच ही तो बोल रहे हैं। तेरी अम्मी और तुम दोनों बहनें हो ही इतनी मस्त कि हम मर्दों का लंड तुम्हें देखते ही खड़ा हो जाये। कसम से मेरी भी अब तमन्ना है कि सबरीना, तुझे और ज़हरा को एक साथ नंगी देखूँ। उफ़्फ़्फ़ बहनचोद साली देख तेरी यह जवानी देख कर मेरा लंड कैसे खड़ा है। यह अच्छी बात है कि चार-चार लड़के एक साथ तुझे मसलते हैं समीना... इससे तू ज्यादा से ज्यादा मर्दों के साथ चुदाई कर सकेगी।” समीना का हाथ अपने लंड पे दबाते हुए विक्की आगे बोला, “ले, तू भी अपनी अम्मी जैसे मेरा लौड़ा सहला। मेरा लंड सहला कर बता कि मेरा डाँडिया कैसा है रानी? खेलेगी इसके साथ? ज़हरा को भी खूब मसलते होंगे ना लड़के? कभी किसी लड़के का डाँडिया छुआ था तूने जान?”
विक्की का गरम लौड़ा सहलाना समीना को बड़ा अच्छा लगा। वो शॉट्र्स के ऊपर से लंड को खूब ज़ोरों से मसलते हुए सिसकरियाँ भरने लगी। विक्की के मुँह में अपनी चूंची और दबाते हुए वो बोली, “ऊँफ्फ़्फ़्फ़ कितना अच्छा लग रहा है आपका डाँडिया मसलने में। सच बोलो मेरे और अम्मी के जिस्म में सबसे अच्छा किसका जिस्म है? वेल... अम्मी के कईंयों के साथ पोस्ट मैरिटल लफड़े है... यह तो मैं मान नहीं सकती। सच बोलूँ तो आपका यह डाँडिया देख कर मुझे मेरी कॉलेज याद आ गयी। जब हम कॉलेज से छूटते थे तब बहुत भीड़ होती थी और यह मुस्टंडे मेरे आगे पीछे होते थे। जो पीछे वाला लड़का होता वो अपना लंड मुझसे सटा के रख कर पूछता था कि कैसा है मेरा लंड समीना? तो मैं भी जवाब देती थी कि बाहर निकाल कर दिखा तो सही... काला है कि गोरा। ऐसे एक बार उन लड़कों ने मुझे और ज़हरा को भीड़ में पकड़ कर वही सवाल किया तो मैंने भी वही जवाब दिया। मेरा जवाब सुन कर शाम को नुक्कड़ के एक कॉर्नर में ले कर उन तीनों ने अपने लौड़े बाहर निकाले। हाय अल्लाह, कितने काले और लंबे थे... उनके लंड मुँह पे गीले भी थे। उन्होंने हमे उनके लंड सहलाने को दिये और उस दिन हमें खूब मसला। मुझे तो बहुत मज़ा आया पर ज़हरा डर गयी थी अब भी यह लड़के मुझे देखते हैं और बुलाते हैं पर मैं कभी-कभी ही जाती हूँ और उनसे अपना जिस्म मसलवाती हूँ। अंकल उन लड़कों के लंड से आपका लंड बड़ा है और गरम भी ज्यादा है।”
समीना की कहानी सुन कर विक्की खुश हुआ। समीना को गोद में उठा कर वो खड़ा हुआ और अपनी शॉट्र्स निकाल दी। अब विक्की मादरजात नंगा था। समीना उसका लौड़ा देखती रही। इतना लंबा, मोटा और टाइट लंड वो पहली बार देख रही थी। विक्की शॉट्र्स के ऊपर से समीना की कमसिन चूत मसलते हुए उसका हाथ अपने लंड पर रख कर बोला, “बहनचोद तू बड़ी मस्त लड़की है, इतना मसलवाया अपना जिस्म उन लड़कों से और अब बता रही है। तेरी अम्मी हम चार दोस्तों के साथ मस्ती करती थी और तू ३ लड़कों के साथ करती है। मज़ा तो खूब मिलता होगा ना तुझे रानी? ज़हरा इतनी से बात से डर गयी? ज्यादा से ज्यादा क्या होता? वो लड़के लोग उसे चोदते ही ना और क्या करते? वैसे भी तू और तेरी बहन जैसी गरम लड़कियाँ हमारी रंडी बनने के लिये पैदा होती हैं, कुछ जल्दी बनती हैं जैसे तेरी अम्मी... कुछ लेट जैसे ज़हरा बनेगी। समीना, सच बोलूँ... जान तो तेरी अम्मी से अच्छी तू है क्योंकि तू कमसिन चूत है, तेरी अम्मी ने ना जाने कितने लंड लिये होंगे पर तू पहला लंड लेने वाली है... वो भी मेरा लंड। उन लड़कों को तूने अच्छा जवाब दिया रानी और यह भी अच्छा हुआ कि उन लड़कों ने तुम बहनों को अपने लौड़े दिखाये। समीना जब वो तेरी गाँड पे लंड रगड़ते या तू हाथ से उनके लंड मसलती तो तुझे इच्छा नहीं होती लंड चूत में लेने की? अपनी जवानी उनके हवाले क्यों नहीं की? अरे तेरी अम्मी के तो शादी बाहर कितने ही लफड़े चलते हैं । जवान लड़कों के लौड़ों की तो दीवानी है तेरी अम्मी! कई बार मैंने तेरी अम्मी को तुम्हारे नौकर के साथ बेडरूम में रंग रलियाँ मनाते देखा है। तेरी अम्मी बड़ी चुदक्कड़ है समझी? साली दारू पी कर मस्त हो कर चुदवाती है। साली समीना तू मेरी जान है, अब देख मैं नंगा हुआ हूँ... क्या तू अपना यह सैक्सी जिस्म नंगा करके नहीं दिखायेगी मुझे जान?”
समीना विक्की का लंड दोनों हाथों से मसलने लगी। विक्की ने उसे मस्त गरम किया था। वैसे भी वो किसी लड़के से चुदवा लेती लेकिन विक्की का लंड देख कर उसे यकीन हुआ कि उन लड़कों में किसी का भी लंड विक्की जितना नहीं था। विक्की का लंड मस्ती से मसलते हुए समीना बोली, “आपने इतनी औरतों को चोदा है तो आप जानते ही हैं कि हर जवान लड़की को अपना जिस्म मसलवाने का दिल करता है, सब चाहती हैं कि कोई उनकी जवानी की तारीफ करते हुए उसके साथ कोई मर्द खेले। आखिर यह जवानी सिर्फ आइने में देखने ले लिये तो है नहीं। मैं लंड तो लूँगी आपका लेकिन अभी थोड़ा रुको। मैं चाहती हूँ कि मेरी पहली चुदाई बड़े आराम से हो, आप मुझे और मैं आपको पूरा गरम करेंगे और बाद में आप मुझे चोदो। मैंने कई बार चाहा कि उन लड़कों में किसी से चुदवा लूँ पर फिर अम्मी और हम बहनों के बारे में वो इतनी गंदी बात करते थे कि मूड ऑफ हो जाता और मैं इरादा बदल देती। उसके बाद मैं कई दिन उनसे नहीं मिलती पर जब जिस्म नहीं मानता तो जा कर उनसे फिर मसलवा लेती हूँ। और वो जो नौकर की बात आप करते हैं... तो वो बड़ा हरामी है। मैं जानती हूँ कि अम्मी उससे चुदवाती है। मैंने भी कईं बार उनको चुदाई करते देखा है। एक बार जब अब्बू ने उनको रंगे हाथ पकड़ा तो अम्मी ने अब्बू को बताया कि नौकर का दिमाग फिरा है और वो ज़रा पागल है। बेचारे अब्बू, अम्मी की बात सच समझ बैठे और इज़्ज़त की वजह से बात दबा दी। इससे अब अम्मी को पूरी आज़ादी मिल गयी और वो अब भी उस नौकर से चुदवाती है।”
Re: सबरीना की बस की मस्ती
समीना से लंड सहलवाते हुए विक्की अब समीना की शॉट्र्स में हाथ डाल कर उसकी नंगी गाँड मसलने लगा। समीना के मुँह से उसकी अम्मी की सच्चाई जान कर विक्की को अच्छा लगा। अब एक हाथ समीना की गाँड पे और दूसरा उसकी नंगी चूत पे रख कर विक्की बोला, “हाँ समीना, मैं जानता हूँ कि औरत कितनी भी शरीफ हो पर किसी मर्द के मसलने से गरम हो कर अपनी टाँगें उसके सामने फ़ैला देती है जैसे तेरी अम्मी और अब तू। तुझे तो चोदने में बड़ा माज़ आयेगा। खूब गरम करके मस्ती से चोदुँगा तुझे। समीना तेरी अम्मी को एक-दो बार मैंने उस नौकर से चुदवाते देखा है। साली क्या मस्ती से लेती है उसको अपने ऊपर और दारू के नशे में कितनी मस्ती से चुदवाती है तेरी रंडी माँ उससे। कसम से समीना आज तुझे चोद कर बाद में ज़हरा को भी चोदुँगा। तुम बहनों को बड़ी बेरहमी से एक साथ चोदना चाहिये।”
अपनी नंगी चूत पे विक्की का हाथ समीना को बड़ा अच्छा लगा। अब सिर्फ़ नाम के लिये उसके जिस्म पे शॉट्र्स थी। विक्की शॉट्र्स में हाथ डाल कर उसकी चूत और गाँड सहला रहा था। वो भी जोश में आकर विक्की का लंड और गोटियाँ मसलते हुए बोली, “हाँ अम्मी तो बड़ी चुदक्कड़ है। जब अब्बू कभी काम से टूर पे जाते हैं तो अम्मी उस नौकर के साथ रात भर रहती है उनके बेडरूम में। आप आज मुझे और जब मौका मिले तो ज़हरा को भी ज़रूर चोदना। वो उन मवालीयो से डरती है पर आप जैसे मर्द से नहीं डरेगी... वैसे भी हॉस्टल में पता नहीं क्या गुल खिलाती होगी।”
विक्की ने अब जोश में आकर समीना की शॉट्र्स उतार दी। दोनों अब बिल्कुल नंगे थे। विक्की का लंड प्री-कम से गीला था और समीना की चूत भी गीली थी। विक्की समीना की गीली चूत को हाथ से मसलते हुए बोला, “हाँ साली समीना, मुझे तू, ज़हरा और सबरीना, तीनों पसंद हो। दो हफ्ते पहले जब से तेरी अम्मी मिली है तब से उसे तो खूब चोदा...., तुझे आज मसलके चोदुँगा... अब रही सिर्फ़ ज़हरा तो उसे भी चोदुँगा जब वो हॉस्टल से आयेगी छुट्टियों में।”
विक्की जोश-जोश में बोल गया कि सबरीन उसे दो हफ्ते पहले ही मिली है | विक्की के मुँह से सब बात सुनने के बाद समीना बड़ी बेताब हो गयी। वो खुद विक्की के बिना बोले नीचे बैठ कर एक बार उसका का लंड पूरा मुँह में ले कर चूसने के बाद नशीली आँखों से विक्की को देखते हुए बोली, “देखो मैं जानती हूँ कि आप जब से यहाँ आये हो तब से अम्मी आपसे चुदवा रही हैं पर ये नहीं जानती थी कि आप मेरी अम्मी को दो हफ्तों से ही जानते हो? बोलो ना? मैंने आपको सब बताया और अब आपसे चुदवाने वाली भी हूँ तो आप भी बताओ कि अम्मी को कैसे मिले और कब कहाँ और कैसे-कैसे? आपका लंड तो बहुत तन गया है, मेरी चूत भी गरम है, आप अम्मी की बात सच-सच बताओ और फिर मेरी चूत चोदो।”
विक्की समझ गया कि अब उसे पूरी बात बतानी होगी। वो समीना को बेड पर बिठा कर अपना लंड उसके होंठों पे रख कर बोला, “ठीक है समीना... मैं तुझे पूरी बात बताता हूँ पर तब तक तू मेरा लंड चूसती रह।” समीना ने मुँह खोल कर विक्की का लंड मुँह में लिया और उसे चूसने लगी। समीना के बालों पर हाथ फेरते हुए और उसका मुँह हल्के से चोदते हुए विक्की बोला, “हाँ समीना, यह सच है कि मैं तेरी अम्मी को १०-१२ दिन के पहले जानता भी नहीं था। मैंने उसे पहली बार कुछ ही दिन पहले बस में गरम करके चोदा था। उस चुदाई की कीमत में तेरी अम्मी मुझे उसके मायके का मुँह बोला भाई बना कर घर में लायी, तुझे चुदवाने के लिये। इसके लिये तेरी अम्मी ने मुझसे अपने पैर और सैंडलों के तलुवे तक चटवाये। हर दोपहर को मैं तेरी अम्मी को दारू पिला कर चोदता था।”
समीना ने लंड चूसते हुए आँख मरते हुए लंड को अच्छे से चूसते हुए वो बोली, “हाँ मैंने आपको आपको दो-तीन बार अम्मी को चोदते हुए देखा था। और जब आपका लंड देखा तब मैंने आप से चुदवाने का फ़ैसला किया। मैं यह भी जानती हूँ कि आज आप मुझे चोद सकें इसलिये ही अम्मी ने मेरा रूम लॉक किया और बाहर गयी जिससे मैं आपके सामने करीब-करीब नंगी रहूँ और आपसे चुदवाने में टेंशन ना हो मुझे। पर आपको बताना पड़ेगा कि आपने अम्मी को बस में कैसे छेड़ा था और फिर आपका कैसे आपसे चुदवाने के लिये तैयार हुई। बताओ ना अम्मी आपकी गिरफ़्त में कैसे आयी?”
हल्के से निप्पल मसलते हुए विक्की ने शुरू से समीना को उसकी अम्मी की चुदाई की पूरी दास्तान सुनायी। विक्की की पूरी बात सुन कर समीना अब और गरम हो गयी। जिस हिसाब से विक्की ने उसकी अम्मी को बस की भीड़ में सहला कर गरम करके फिर चोदा... वो सुन कर समीना उसका लंड और मस्ती से चूसने लगी। विक्की आंहें भरते हुए, समीना के बालों में हाथ घुमाते हुए हल्के-हल्के उसका मुँह चोद रहा था। समीना की कमसिन जवानी मसलते हुए और उसे अपना लंड चुसवाने में विक्की को बड़ा अच्छा लग रहा था। समीना का चेहरा सहलाते और उसके बालों में हाथ घुमाते हुए विक्की उसका मुँह चोदते हुए बोला, “आहहहहहह साली... रंडी सबरीना की छिनाल बेटी, बड़ा अच्छा लग रहा है मुझे तेरा मुँह चोदना। खूब मस्त चूसती है तू लौड़े को समीना, ऐसा ही मज़ा आया था जब तेरी अम्मी ने मेरा लौड़ा चूसा था, पर तू कमसिन है, अनचुदी है... इसलिये और अच्छा लग रहा है मेरी रंडी समीना, ऐसे ही चूसती रह मेरा लौड़ा।” समीना एक हाथ से अपने बाल चेहेरे से हटाते हुए और दूसरे हाथ से विक्की के लंड को हिलाते हुए, लंड चूसती हुई वो बार-बार विक्की की तरफ़ ऊपर देखती और विक्की के चेहरे पर छायी खुशी देख कर और मस्ती से लंड चूसने लगती।
अपना लौड़ा अच्छे से चुसवाने के बाद विक्की ने समीना को खड़ा किया और उसे बांहों में भर कर उसके होंठ चूमने लगा। समीना के मम्मे विक्की के चौड़े सीने पर पूरी तरह दब गये थे और समीना का हाथ अब भी विक्की के लौड़े पर था। समीना के हाथ से अपना लौड़ा छुड़ाते हुए विक्की ने फिर समीना को बेड पे लिटाया। साँसों की तेज़ी से समीना का सीना उछल रहा था और इससे उसके मम्मे बड़ी मस्ती से ऊपर नीचे हो रहे थे। इतने टाइट और गोल मम्मे विक्की ने आज तक नहीं देखे थे। विक्की मन-ही-मन में ईशवर का शुक्रिया अदा कर रहा था कि उसने इतनी कमसिन लड़की को उसके सामने नंगी रखा था ताकि वो उसे चोद सके।
सामने लेटी नंगी समीना के पूरे जिस्म पे विक्की हाथ फेरने लगा। विक्की का हाथ समीना की आँखों, होंठ, गाल, गर्दन, मम्मों से भर सीना, नंगा पेट, समीना की गोल और गहरी नाभि सहलाते हुए अब समीना की बिना झाँटों की चिकनी चूत पर आया। विक्की के सहलाने से समीना अब मस्ती से आहें भरती हुई बोली, “उफ्फ़्फ़्फ़, कितना अच्छा लग रहा है आपका ऐसे मेरा नंगा जिस्म सहलाना। आहहहहहह ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ़्फ़ और सहलाते जाओ, जो मज़ा आपने अम्मी को दिया उससे ज्यादा मज़ा चाहिये मुझे।” यह कहते हुए समीना अपनी कमर उठा कर विक्की के हाथ पे अपनी चूत रगड़ने लगी। विक्की को भी मज़ा आ रहा था इस कमसिन लड़की के जिस्म से खिलवाड़ करने में। विक्की समीना को पूरी तरह गरम कर चुका था पर अभी समीना की चूत चोदने का वक्त नहीं आया था उसके हिसाब से। विक्की समीना के मुँह से चुदवाने की बात सुनना चाहता था।
फिर एक बार ऊपर होकर विक्की अब समीना के नंगे जिस्म को सहलते हुए चूमने लगा। समीना की आँखों से हो कर, गाल, होंठ, नेक, दोनों निप्पल चूमते हुए उसके मम्मे चाट कर समीना के पेट को चाटने के बाद विक्की जीभ समीना की नाभि में डाल कर, नाभि को जीभ से खोदने लगा। समीना एक दम गरम हो कर, ज़ोरों से साँसें लेती हुई और आहें भरती हुई खुद के मम्मे मसलने लगी। विक्की उसे ऐसा मज़ा दे रहा था जो उसने ख्वाब में भी नहीं सोचा था। समीना तो जैसे जन्नत में थी विक्की के खिलवाड़ से। समीना की नाभि चूस कर विक्की अब उसकी जाँघें सहलाते हुए धीरे-धीरे नीचे होने लगा। पूरी तरह नीचे जा कर विक्की अब समीना की टाँगें चाट कर ऊपर आने लगा। समीना ने अपनी जाँघें बंद कर रखी थीं तो विक्की वैसे ही उसकी जाँघें चाट कर समीना की चूत के तरफ़ बढ़ने लगा। समीना की चूत अपने पानी से पूरी गीली हो गयी थी।
समीना की टाँगों पे बैठ कर विक्की ने समीना के दोनों पैर खोल कर फिर समीना की चूत हल्के से चूमी। अपनी चूत पे ज़िंदगी में पहली बार जीभ लगने से समीना के जिस्म में और भी सरसराहट फ़ैल गयी और अब समीना और भी ज़ोर से सिसकरियाँ भरते हुए मम्मे मसलने लगी। समीना को खुद अपने जिस्म से करती हर्कत को देख कर विक्की ने मुस्कुराते हुए समीना के पैर थोड़े और खोल कर उसकी नंगी अनचुदी चूत का दर्शन किया। पूरी गीली गुलाबी चूत देख कर विक्की से रहा नहीं गया और उसने अपना मुँह समीना की चूत पे रख कर एक लंबा किस दिया। विक्की की इस अदा से समीना विक्की का सिर अपनी चूत पे दबाते हुए उत्तेजना से चिल्ला उठी, “आहहहहहहहह विक्की, ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ्फ़्फ़्फ़ आहहहहहह ऐसे ही चाटो मेरी चूत, बड़ा मज़ा आ रहा है।”
समीना की चूत को एक लंबा किस करके विक्की ने सिर उठा कर कहा, “अरे समीना, तू देख आगे-आगे और क्या-क्या मज़ा देता हूँ तुझे। मेरी सबरीना रंडी की बेटी, तुझे तो इतना मज़ा दूँगा कि तू हमेशा मेरे लौड़े के लिये बेताब रहेगी मेरी रंडी जान।” यह कहते हुए विक्की ने समीना की टाँगें खोलीं और उसकी चूत सहला कर नीचे झुका और समीना की चूत चाटने लगा। विक्की के चाटने के साथ समीना की सिसकरियाँ बढ़ रही थी। अपनी जीभ से समीना की चूत चाट कर, समीना की चूत का पूरा-पूरा मज़ा लेने के बाद समीना की चूत को उँगली से खोल कर अपनी जीभ समीना की चूत में डाल कर, विक्की जीभ से समीना की चूत चोदने लगा। विक्की की ज़ुबान अब समीना की चूत के अंदर बाहर हो रही थी और समीना की चूत से जो रस निकल रहा था उसका विक्की मज़ा लेने लगा।
समीना अब और भी ज़ोरों से सिस्करियाँ भरने लगी। अपनी कमर उठा कर, चूत विक्की के मुँह पे रगड़ते हुए वो चिल्लाने लगी, “आआआआआआ ऊऊऊफ्फ़्फ़्फ़, और चाटो, और अंदर डालो जीभ और मेरी चूत चोदो अपनी जीभ से। ऊफ्फ़्फ़्फ़ अहहहहहहह बड़ा मज़ा आ रहा है विक्की। और कुछ करो जिससे मुझे और मज़ा आये, कुछ भी करो पर और मज़ा दो मुझे।” समीना की सिसकरियाँ और बक-बक से ना जाने विक्की को क्या हुआ। विक्की समीना की चूत वैसे ही चाटते हुए कमर घुमा कर अब समीना के ऊपर आ गया। अब उसका मुँह समीना की चूत के पास था और उसका लंड समीना के मुँह पर था। अपनी जीभ समीना की चूत से निकाल कर विक्की बोला, “तेरी माँ की चूत, मेरी रंडी समीना, और कुछ चाहिये ना तुझे? साली बहुत बक-बक कर रही है, बहुत चिल्ला रही है तू, तेरी बक-बक बंद करने के लिये ले मेरा लौड़ा चूस रंडी समीना।” जैसे ही समीना ने विक्की का लंड पकड़ कर अपने मुँह में डाला, विक्की भी समीना की चूत और ज़ोर-ज़ोर से चाटते हुए अपना लंड समीना के मुँह में अंदर-बाहर-अंदर-बाहर करके उसका मुँह चोदने लगा। अब एक साथ समीना का मुँह और चूत विक्की चोद रहा था।
समीना अब विक्की का लंड चूसने लगी, पहले आराम से, फिर ज़ोर ज़ोर से और अपनी कमर उठा कर अपनी चूत विक्की के मुँह पे रगड़ने लगी। विक्की भी बड़ी मस्ती से चूत को जीभ से चोद कर समीना को बेहाल कर रहा था। विक्की का लंड खूब चूस कर समीना ने कमर उठाते हुए कहा, “हाआआआआयययय और चाटो... और चाटो। हाँ मेरा मुँह चोदोओओओओ विक्की, ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ़्फ़्फ़ अब कुछ करो विक्की... मेरा बदन टूट रहा है, देखो कैसे काँप रहा है मेरा जिस्म... विक्की । प्लीज़ अब जैसे अम्मी को चोदा था वैसे मुझे चोदो, अब रहा नहीं जा रहा मुझसे।”
विक्की ने समीना की गुहार सुनी पर उसे और तड़पाने के लिये समीना का मुँह अपने लंड से चोदते हुए, फिर समीना कि चूत में अपनी उँगली डालकर उसे अंदर बाहर करके समीना की चूत चोदते हुए उसे और बेहाल करने लगा। विक्की अब समीना का मुँह चोदते हुए चूत में उँगली करने लगा जिससे समीना और तड़पने लगी। समीना से अब रहा नहीं गया, तो उसने धक्का दे कर विक्की को अपने जिस्म से उतारा और फिर उससे लिपट कर तड़पते हुए बोली, “आहहहहहह विक्की, प्लीज़ अब रहा नहीं जाता, प्लीज़ मुझे चोद डालो नहीं तो मैं अपने ही जिस्म की गर्मी में जल जाऊँगी, हाय राजा अब मत तड़पाओ।”
अब विक्की ने और रुकना मुनासिब नहीं समझा। समीना को नीचे लिटा कर उसने, समीना की टाँगें खोलीं और एक हाथ उसकी चूत पे घुमाते हुए दूसरे से अपना खड़ा, कड़क, मोटा, गरम लंड पकड़ कर समीना की चूत पे रख कर बोला, “चल समीना, अब तैयार हो जा ज़िंदगी में पहली बार अपनी चूत चुदवाने के लिये। आज तेरी चूत फाड़ कर रखुँगा मेरी रंडी सबरीना की चिकनी बेटी। देखें तू और तेरी अम्मी में कौन ज्यादा मस्ती से चुदवाती है।” समीना को पता था कि पहली चुदाई में दर्द होगा पर वो अब किसी भी दर्द के लिये तैयार थी । एक हाथ से खुद के मम्मे मसलते हुए उसने दूसरे हाथ से विक्की का सिर नीचे झुकाया और वो विक्की को किस करने लगी। अपना लौड़ा ठीक से समीना की चूत के मुँह पे रख कर विक्की ने ज़ोर दिया। चूत का मुँह ज़रा सा खुला और विक्की के लौड़े की टोपी आधी अंदर घुस गयी।
समीना ने आँखें बंद कर लीं और विक्की का सीना सहलाने लगी। उस नंगी, कमसिन लड़की को इस हालत में देख कर विक्की को और गर्मी आ गयी और समीना की कमर पकड़ कर विक्की बोला, “समीना, मेरी रंडी, मेरी सबरीना राँड की मस्त बेटी, अब तैयार हो जा विक्की से अपनी चूत की सील तुड़वा कर चुदाई की दुनिया में कदम रखने को। आज तेरी सील तोड़ कर तुझे लड़की से औरत बनाऊँगा मेरी जान।”
समीना की कमर कस कर पकड़ कर विक्की ने लंड अंदर धकेला। अब चूत फ़ैला कर लंड की टोपी और एक-चौथाई लंड चूत में घुस गया। समीना ने दर्द से अपने होंठ दाँतों के नीचे दबा लिये और अब ज़रा घबराहट से विक्की को देखने लगी। समीना की चूत को अपने लंड का एहसास देने के लिये विक्की कुछ वक्त वैसे ही रहा और फिर अपनी कमर पीछे कर के, समीना को कस कर पकड़ कर पूरे ज़ोर से लंड चूत में घुसा दिया। इस हमले से विक्की का लंड समीना की कमसिन, अनचुदी चूत की सील की धज्जियाँ उड़ाते हुए पूरी रफ़्तार से घुस गया। विक्की के इस हमले से दर्द के कारण समीना, विक्की को अपने ऊपर से धकेलने की कोशिश करने लगी और अपनी चूत से विक्की का लंड निकालने की नाकाम कोशिश करते हुए ज़ोर से चिल्ला उठी, “आहहहहहहहह मैं मर गयीईईईईईई, ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ्फ़्फ़्फ़फ़्फ़ नहींईंईंईंईं, निकालो लंड मेरी चूत में से, मुझे नहीं करना कुछ।”
पर अब विक्की कहाँ उसकी बात माननेवाला था? उसे बहुत दिनों बाद सील पैक लड़की मिली थी तो आज वो पूरा जानवर बन कर चोदने वाला था। समीना के तड़पने पर ज़रा भी ध्यान ना देते हुए, विक्की ने समीना की कमर कस कर पकड़ी और फिर आधा लंड बाहर निकाल कर पूरी ताकत से चूत में घुसा दिया। इस बेरहम धक्के से समीना करीब-करीब बेहोश ही हो गयी, पर यह देख कर विक्की ज़रा रुका और समीना का एक निप्पल चूमते हुए प्यार से बोला, “अरे मेरी समीना रानी, अब तकलीफ वाला काम तो हो गया, ज़रा सब्र कर, दर्द अपने आप कम होगा और फिर तू भी मस्ती से मेरा लंड लेने लगेगी।” विक्की के रुकने से समीना की जान में जान आयी। उसे अपनी चूत से खून बहने का एहसास हुआ और उसका पूरा जिस्म पसीने से गीला हो गया था। समीना कुछ बोलने की हालत में नहीं थी, वो सिर्फ़ अपना हाथ चूत के पास घुमाते हुए दर्द से भरी चूत को आराम देने की कोशिश कर रही थी। यह सिलसिला पाँच-दस मिनट चलता रहा जिसमें विक्की समीना के मम्मे चूम रहा था, उसके जिस्म पे हाथ घुमा रहा था और समीना एक हाथ विक्की के जिम्स पे घुमाती हुई दूसरे हाथ से अपनी चूत के पास सहला रही थी।
जब विक्की को एहसास हुआ कि समीना की साँसें अब शाँत हो गयी हैं तो उसने हल्के से लंड दो-तीन बार आगे पीछे किया। पहले तो समीना दर्द से ‘आहहहहह, ओहहहहह’ कर रही थी पर जब और कुछ धक्कों के बाद समीना ने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ विक्की की तरफ़ देखा, तो विक्की समझ गया कि समीना की चूत का दर्द अब खतम हो गया है। विक्की ने लंड, टोपी तक बाहर निकाला और एक दम आराम से चूत में घुसा दिया। समीना की चूत ने जैसे विक्की के पूरे लौड़े को लपेट कर अपने अंदर ले लिया। आठ-दस बार ऐसा करने पर समीना ने सिर उठा कर विक्की को चूमते हुए कहा, “अब दर्द नहीं हो रहा, अब करो जो करना है। मैं अब पूरी तरह तैयार हूँ आपसे अपनी चूत चुदवाने के लिये। आज पूरी मस्ती से अपनी सबरीना रंडी की बेटी को चोदो विक्की।”
समीना की बात सुन कर खुश हो कर विक्की ने अपनी स्पीड ज़रा बढ़ाते हुए कहा, “अरे वाह समीना! बहुत जल्दी तेरा दर्द खतम हो गया, अब देख कैसे चोदता हूँ तुझे। अरे तेरी उस रंडी अम्मी से भी ज्यादा मज़ा मिलेगा तुझे क्योंकि तू कमसिन माल है, तुझे चोदने में बड़ा मज़ा आयेगा मेरी जान।”
विक्की अब मस्ती से समीना को चोदने लगा और समीना भी खुशी से चुदवा रही थी। इतने दिन उन हरामी लड़कों ने बहुत मसला था उसे, मम्मे खूब दबाये थे, चूत पे हाथ घुमाया था और उसे उनके लौड़े से खेलने में मज़ा भी आया था, पर चूत में लंड लेने का मज़ा कुछ और ही था। विक्की ने उसे क्या खूब गरम किया था और अब चोद रहा था । वो हरामी लड़के सिर्फ़ उसे गरम करना जानते थे पर विक्की को लड़की को गरम करना और फिर उसे चोदना बराबार मालूम था। विक्की के धक्कों से समीना का पूरा जिस्म हिल रहा था पर समीना खुशी-खुशी चुदवा रही थी।
समीना चुदाई का मज़ा ले रही है... यह देख, विक्की ने उसे तड़पाना चाहा और अपने लंड की टोपी अंदर रख कर बाकी लंड बाहर निकाल लिया। समीना विक्की के लौड़े के अगले धक्के के लिये तैयार थी पर विक्की उसे देख कर मुस्कुराता हुआ वैसे ही रुका रहा। विक्की की शरारत समझ कर समीना ने खुद अपनी कमर उठायी और विक्की का लंड अपनी चूत में घुसवा लिया और झूठे गुस्से से विक्की के सीने पर मुट्ठी से दो-तीन बार मारा।
समीना की इस अदा पर विक्की बड़ा खुश हुआ और कस कर समीना को दबोच कर लंड पूरे ज़ोरों से उसकी चूत में घुसा कर, उसे चोदते हुए बोला, “उम्म बहुत मज़ेदार हो तुम मेरी रानी, इतनी बेसब्री से तेरी अम्मी भी मेरा लौड़ा नहीं लेती। साली तुझे पहली बार चोद रहा हूँ पर अभी तक जो मज़ा मुझे मिला है वैसा मज़ा किसी को भी चोदने में नहीं आया था। साली तुझे खूब चोदुँगा मैं समीना, अब तो तुझे अपने घर ले जा कर चोदुँगा।” विक्की अब बड़ी तेज़ रफ़तार से समीना को चोद रहा था। समीना भी विक्की को पूरा सहयोग दे रही थी। विक्की का लौड़ा अपनी चूत में पूरा अंदर लेते हुए विक्की को बांहों में भर कर वो बोली, “हाँ, आज से मैं आपकी हूँ। आप जब कहोगे मैं आपके घर आऊँगी क्योंकि अब अम्मी का भी डर नहीं। मुझे भी आप जैसे माहिर मर्द के साथ चुदवाने में मज़ा आयेगा। हाँ विक्की, ऊऊऊऊफ्फ्फ आप तो मुझे जन्नत दिखा रहे हो, और चोदो, और ज़ोर से चोदो मुझे। फाड़ डालो मेरी चूत।”
चुदाई का शबाब अब पूरे ज़ोरों पर था। दोनों एक दूसरे को पूरा सहयोग देते हुए चुदाई का मज़ा ले रहे थे। विक्की पूरा का पूरा लौड़ा चूत में घुसा कर समीना को बहुत ज़ोर से चोदते हुए बोला, “नहीं मेरी जान, मैंने तुझे जन्नत नहीं दिखायी बल्कि जन्नत तो तूने मुझे दिखायी है। मेरे लिये जन्नत कहीं और नहीं... तेरी चूत में है, भगवान का शुक्र है जिसने मुझे तेरी चूत चोदने का मौका दिया और जिस वजह से मुझे जन्नत का दर्शन हुआ।”
समीना ने विक्की के होंठ चूमते हुए कहा, “ओहहह, कितना मज़ा आ रहा है मुझे आपसे चुदवा कर। अब मुझे कभी मत छोड़ कर जाना, मैं अब आपके बिना नहीं रह सकती हूँ।” जवाब में विक्की समीना को बहुत दबा कर ज़ोर ज़ोर से चोदते हुए और साथ-साथ उसकी चूचियाँ भी चूसते बोला, “नहीं मेरी जान... मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा, हमेशा इसी तरह चोदुँगा, मेरी जान।”
काफी वक्त यह चुदाई का सिलसिला चलता रहा जिसमें समीना दो बार झड़ गयी पर विक्की के तगड़े लौड़े ने उसे फिर चुदवाने के लिये मजबूर कर दिया। पर अब विक्की का वक्त आया था। विक्की ने ये समीना को बताया और समीना ज़िंदगी में पहली बार अपनी चूत में किसी मर्द के लौड़े का पानी लेने को तैयार हुई। समीना को कस कर दबोचते हुए, उसका एक निप्पल चूसते हुए विक्की बेरहमी से चोदने लगा। जैसे ही विक्की झड़ने लगा, उसने अपना लंड समीना की चूत में दबाया और वैसे ही दबा कर रख कर झड़ने लगा। समीना ने भी अपनी चूत विक्की के लंड पे दबा रही थी। समीना की कमसिन चूत, विक्की के गरम पानी से भरने लगी। दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ रखा था।
जब तूफ़ान शाँत हुआ तो दोनों ढीले पड़ गये। दोनों के जिस्म पसीने से लथपथ थे। धीरे-धीरे साँसें शाँत होने लगी। वो एक दूसरे से कुछ बोल नहीं रहे थे... बस हल्के किस करते हुए एक दूसरे का जिस्म सहला रहे थे। फिर विक्की ने अपना लंड समीना की चूत से निकाला और अपने बनियान से समीना की चूत साफ़ करके अपना लंड साफ़ किया। समीना दर्द से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी तो विक्की उसे खड़ा करके बाथरूम ले गया और गरम पानी से उसकी चूत सेंकी।
दोनों आ कर हॉल में बैठे तो विक्की ने समीना द्वारा पहनी उसकी शॉट्र्स उठा कर उसको देते हुए कहा, “समीना यह शॉट्र्स पे दाग कैसे... तू पूछ रही थी ना, तो सुन, जब तेरा बाप घर पर होता है तब तेरी अम्मी मेरा लौड़ा चूसती थी। एक-दो बार ऐसा हुआ कि ठीक झड़ने के वक्त तेरे बाप की आहट सुनने से तेरी अम्मी लौड़ा छोड़ देती और मैं लंड शॉट्र्स में डालने की कोशिश करता पर तब तक लंड झड़ जाता था। तेरी अम्मी भी इतनी चुदक्कड़ है कि मुझे कहा कि जब मैं शॉट्र्स में झड़ जाऊँ तब मैं शॉट्र्स ना धोऊँ ताकि बाद में तेरी माँ मेरी शॉट्र्स चाट सके और इसी वजह से यह दाग है।” अपनी अम्मी की करतूत सुन कर समीना भी खुश हुई और उसने विक्की कि शॉट्र्स पहन ली पर ऊपर नंगी ही थी।
करीब आधे घंटे बाद सबरीना घर आयी। दरवाजा खोल कर उसने देखा कि विक्की और समीना दोनों शॉट्र्स में बैठे बातें कर रहे थे। सबरीना समझ गयी कि विक्की ने समीना का काम तमाम कर दिया था। जैसे ही सबरीना उनके पास आयी, विक्की ने उसे खींच कर अपनी गोद में ले लिया और चुमने लगा। माँ-बेटी के सामने एक दूसरे का राज़ खुल गया था इसलिये दोनों बेशर्म बनी रहीं। सबरीना को चूमने के बाद विक्की उनके बीच में बैठ गया और माँ-बेटी के मम्मों से खेलते हुए बोला, “सबरीना अब तुझे और समीना को तो चोद डाला पर तेरी वो दूसरे बेटी और मेरी समीना जान की जुड़वाँ बहन को कब और कैसे चोदुँगा?”
सबरीना के कुछ जवाब देने के पहले समीना ने विक्की का लंड पकड़ते हुए कहा, “विक्की, ज़हरा को घर आने में अभी २ महीने हैं, तब तक हम कोई प्लैन सोच लेंगे। लेकिन तब तक आप अम्मी को और मुझे चोदो ना, ज़हरा जब आयेगी तब देखेंगे क्या करना है।”
समीना की हर्कत पर खुश हो कर विक्की ने उसे बांहों में ले लिया और माँ-बेटी के साथ खेलने लगा।
अपनी नंगी चूत पे विक्की का हाथ समीना को बड़ा अच्छा लगा। अब सिर्फ़ नाम के लिये उसके जिस्म पे शॉट्र्स थी। विक्की शॉट्र्स में हाथ डाल कर उसकी चूत और गाँड सहला रहा था। वो भी जोश में आकर विक्की का लंड और गोटियाँ मसलते हुए बोली, “हाँ अम्मी तो बड़ी चुदक्कड़ है। जब अब्बू कभी काम से टूर पे जाते हैं तो अम्मी उस नौकर के साथ रात भर रहती है उनके बेडरूम में। आप आज मुझे और जब मौका मिले तो ज़हरा को भी ज़रूर चोदना। वो उन मवालीयो से डरती है पर आप जैसे मर्द से नहीं डरेगी... वैसे भी हॉस्टल में पता नहीं क्या गुल खिलाती होगी।”
विक्की ने अब जोश में आकर समीना की शॉट्र्स उतार दी। दोनों अब बिल्कुल नंगे थे। विक्की का लंड प्री-कम से गीला था और समीना की चूत भी गीली थी। विक्की समीना की गीली चूत को हाथ से मसलते हुए बोला, “हाँ साली समीना, मुझे तू, ज़हरा और सबरीना, तीनों पसंद हो। दो हफ्ते पहले जब से तेरी अम्मी मिली है तब से उसे तो खूब चोदा...., तुझे आज मसलके चोदुँगा... अब रही सिर्फ़ ज़हरा तो उसे भी चोदुँगा जब वो हॉस्टल से आयेगी छुट्टियों में।”
विक्की जोश-जोश में बोल गया कि सबरीन उसे दो हफ्ते पहले ही मिली है | विक्की के मुँह से सब बात सुनने के बाद समीना बड़ी बेताब हो गयी। वो खुद विक्की के बिना बोले नीचे बैठ कर एक बार उसका का लंड पूरा मुँह में ले कर चूसने के बाद नशीली आँखों से विक्की को देखते हुए बोली, “देखो मैं जानती हूँ कि आप जब से यहाँ आये हो तब से अम्मी आपसे चुदवा रही हैं पर ये नहीं जानती थी कि आप मेरी अम्मी को दो हफ्तों से ही जानते हो? बोलो ना? मैंने आपको सब बताया और अब आपसे चुदवाने वाली भी हूँ तो आप भी बताओ कि अम्मी को कैसे मिले और कब कहाँ और कैसे-कैसे? आपका लंड तो बहुत तन गया है, मेरी चूत भी गरम है, आप अम्मी की बात सच-सच बताओ और फिर मेरी चूत चोदो।”
विक्की समझ गया कि अब उसे पूरी बात बतानी होगी। वो समीना को बेड पर बिठा कर अपना लंड उसके होंठों पे रख कर बोला, “ठीक है समीना... मैं तुझे पूरी बात बताता हूँ पर तब तक तू मेरा लंड चूसती रह।” समीना ने मुँह खोल कर विक्की का लंड मुँह में लिया और उसे चूसने लगी। समीना के बालों पर हाथ फेरते हुए और उसका मुँह हल्के से चोदते हुए विक्की बोला, “हाँ समीना, यह सच है कि मैं तेरी अम्मी को १०-१२ दिन के पहले जानता भी नहीं था। मैंने उसे पहली बार कुछ ही दिन पहले बस में गरम करके चोदा था। उस चुदाई की कीमत में तेरी अम्मी मुझे उसके मायके का मुँह बोला भाई बना कर घर में लायी, तुझे चुदवाने के लिये। इसके लिये तेरी अम्मी ने मुझसे अपने पैर और सैंडलों के तलुवे तक चटवाये। हर दोपहर को मैं तेरी अम्मी को दारू पिला कर चोदता था।”
समीना ने लंड चूसते हुए आँख मरते हुए लंड को अच्छे से चूसते हुए वो बोली, “हाँ मैंने आपको आपको दो-तीन बार अम्मी को चोदते हुए देखा था। और जब आपका लंड देखा तब मैंने आप से चुदवाने का फ़ैसला किया। मैं यह भी जानती हूँ कि आज आप मुझे चोद सकें इसलिये ही अम्मी ने मेरा रूम लॉक किया और बाहर गयी जिससे मैं आपके सामने करीब-करीब नंगी रहूँ और आपसे चुदवाने में टेंशन ना हो मुझे। पर आपको बताना पड़ेगा कि आपने अम्मी को बस में कैसे छेड़ा था और फिर आपका कैसे आपसे चुदवाने के लिये तैयार हुई। बताओ ना अम्मी आपकी गिरफ़्त में कैसे आयी?”
हल्के से निप्पल मसलते हुए विक्की ने शुरू से समीना को उसकी अम्मी की चुदाई की पूरी दास्तान सुनायी। विक्की की पूरी बात सुन कर समीना अब और गरम हो गयी। जिस हिसाब से विक्की ने उसकी अम्मी को बस की भीड़ में सहला कर गरम करके फिर चोदा... वो सुन कर समीना उसका लंड और मस्ती से चूसने लगी। विक्की आंहें भरते हुए, समीना के बालों में हाथ घुमाते हुए हल्के-हल्के उसका मुँह चोद रहा था। समीना की कमसिन जवानी मसलते हुए और उसे अपना लंड चुसवाने में विक्की को बड़ा अच्छा लग रहा था। समीना का चेहरा सहलाते और उसके बालों में हाथ घुमाते हुए विक्की उसका मुँह चोदते हुए बोला, “आहहहहहह साली... रंडी सबरीना की छिनाल बेटी, बड़ा अच्छा लग रहा है मुझे तेरा मुँह चोदना। खूब मस्त चूसती है तू लौड़े को समीना, ऐसा ही मज़ा आया था जब तेरी अम्मी ने मेरा लौड़ा चूसा था, पर तू कमसिन है, अनचुदी है... इसलिये और अच्छा लग रहा है मेरी रंडी समीना, ऐसे ही चूसती रह मेरा लौड़ा।” समीना एक हाथ से अपने बाल चेहेरे से हटाते हुए और दूसरे हाथ से विक्की के लंड को हिलाते हुए, लंड चूसती हुई वो बार-बार विक्की की तरफ़ ऊपर देखती और विक्की के चेहरे पर छायी खुशी देख कर और मस्ती से लंड चूसने लगती।
अपना लौड़ा अच्छे से चुसवाने के बाद विक्की ने समीना को खड़ा किया और उसे बांहों में भर कर उसके होंठ चूमने लगा। समीना के मम्मे विक्की के चौड़े सीने पर पूरी तरह दब गये थे और समीना का हाथ अब भी विक्की के लौड़े पर था। समीना के हाथ से अपना लौड़ा छुड़ाते हुए विक्की ने फिर समीना को बेड पे लिटाया। साँसों की तेज़ी से समीना का सीना उछल रहा था और इससे उसके मम्मे बड़ी मस्ती से ऊपर नीचे हो रहे थे। इतने टाइट और गोल मम्मे विक्की ने आज तक नहीं देखे थे। विक्की मन-ही-मन में ईशवर का शुक्रिया अदा कर रहा था कि उसने इतनी कमसिन लड़की को उसके सामने नंगी रखा था ताकि वो उसे चोद सके।
सामने लेटी नंगी समीना के पूरे जिस्म पे विक्की हाथ फेरने लगा। विक्की का हाथ समीना की आँखों, होंठ, गाल, गर्दन, मम्मों से भर सीना, नंगा पेट, समीना की गोल और गहरी नाभि सहलाते हुए अब समीना की बिना झाँटों की चिकनी चूत पर आया। विक्की के सहलाने से समीना अब मस्ती से आहें भरती हुई बोली, “उफ्फ़्फ़्फ़, कितना अच्छा लग रहा है आपका ऐसे मेरा नंगा जिस्म सहलाना। आहहहहहह ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ़्फ़ और सहलाते जाओ, जो मज़ा आपने अम्मी को दिया उससे ज्यादा मज़ा चाहिये मुझे।” यह कहते हुए समीना अपनी कमर उठा कर विक्की के हाथ पे अपनी चूत रगड़ने लगी। विक्की को भी मज़ा आ रहा था इस कमसिन लड़की के जिस्म से खिलवाड़ करने में। विक्की समीना को पूरी तरह गरम कर चुका था पर अभी समीना की चूत चोदने का वक्त नहीं आया था उसके हिसाब से। विक्की समीना के मुँह से चुदवाने की बात सुनना चाहता था।
फिर एक बार ऊपर होकर विक्की अब समीना के नंगे जिस्म को सहलते हुए चूमने लगा। समीना की आँखों से हो कर, गाल, होंठ, नेक, दोनों निप्पल चूमते हुए उसके मम्मे चाट कर समीना के पेट को चाटने के बाद विक्की जीभ समीना की नाभि में डाल कर, नाभि को जीभ से खोदने लगा। समीना एक दम गरम हो कर, ज़ोरों से साँसें लेती हुई और आहें भरती हुई खुद के मम्मे मसलने लगी। विक्की उसे ऐसा मज़ा दे रहा था जो उसने ख्वाब में भी नहीं सोचा था। समीना तो जैसे जन्नत में थी विक्की के खिलवाड़ से। समीना की नाभि चूस कर विक्की अब उसकी जाँघें सहलाते हुए धीरे-धीरे नीचे होने लगा। पूरी तरह नीचे जा कर विक्की अब समीना की टाँगें चाट कर ऊपर आने लगा। समीना ने अपनी जाँघें बंद कर रखी थीं तो विक्की वैसे ही उसकी जाँघें चाट कर समीना की चूत के तरफ़ बढ़ने लगा। समीना की चूत अपने पानी से पूरी गीली हो गयी थी।
समीना की टाँगों पे बैठ कर विक्की ने समीना के दोनों पैर खोल कर फिर समीना की चूत हल्के से चूमी। अपनी चूत पे ज़िंदगी में पहली बार जीभ लगने से समीना के जिस्म में और भी सरसराहट फ़ैल गयी और अब समीना और भी ज़ोर से सिसकरियाँ भरते हुए मम्मे मसलने लगी। समीना को खुद अपने जिस्म से करती हर्कत को देख कर विक्की ने मुस्कुराते हुए समीना के पैर थोड़े और खोल कर उसकी नंगी अनचुदी चूत का दर्शन किया। पूरी गीली गुलाबी चूत देख कर विक्की से रहा नहीं गया और उसने अपना मुँह समीना की चूत पे रख कर एक लंबा किस दिया। विक्की की इस अदा से समीना विक्की का सिर अपनी चूत पे दबाते हुए उत्तेजना से चिल्ला उठी, “आहहहहहहहह विक्की, ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ्फ़्फ़्फ़ आहहहहहह ऐसे ही चाटो मेरी चूत, बड़ा मज़ा आ रहा है।”
समीना की चूत को एक लंबा किस करके विक्की ने सिर उठा कर कहा, “अरे समीना, तू देख आगे-आगे और क्या-क्या मज़ा देता हूँ तुझे। मेरी सबरीना रंडी की बेटी, तुझे तो इतना मज़ा दूँगा कि तू हमेशा मेरे लौड़े के लिये बेताब रहेगी मेरी रंडी जान।” यह कहते हुए विक्की ने समीना की टाँगें खोलीं और उसकी चूत सहला कर नीचे झुका और समीना की चूत चाटने लगा। विक्की के चाटने के साथ समीना की सिसकरियाँ बढ़ रही थी। अपनी जीभ से समीना की चूत चाट कर, समीना की चूत का पूरा-पूरा मज़ा लेने के बाद समीना की चूत को उँगली से खोल कर अपनी जीभ समीना की चूत में डाल कर, विक्की जीभ से समीना की चूत चोदने लगा। विक्की की ज़ुबान अब समीना की चूत के अंदर बाहर हो रही थी और समीना की चूत से जो रस निकल रहा था उसका विक्की मज़ा लेने लगा।
समीना अब और भी ज़ोरों से सिस्करियाँ भरने लगी। अपनी कमर उठा कर, चूत विक्की के मुँह पे रगड़ते हुए वो चिल्लाने लगी, “आआआआआआ ऊऊऊफ्फ़्फ़्फ़, और चाटो, और अंदर डालो जीभ और मेरी चूत चोदो अपनी जीभ से। ऊफ्फ़्फ़्फ़ अहहहहहहह बड़ा मज़ा आ रहा है विक्की। और कुछ करो जिससे मुझे और मज़ा आये, कुछ भी करो पर और मज़ा दो मुझे।” समीना की सिसकरियाँ और बक-बक से ना जाने विक्की को क्या हुआ। विक्की समीना की चूत वैसे ही चाटते हुए कमर घुमा कर अब समीना के ऊपर आ गया। अब उसका मुँह समीना की चूत के पास था और उसका लंड समीना के मुँह पर था। अपनी जीभ समीना की चूत से निकाल कर विक्की बोला, “तेरी माँ की चूत, मेरी रंडी समीना, और कुछ चाहिये ना तुझे? साली बहुत बक-बक कर रही है, बहुत चिल्ला रही है तू, तेरी बक-बक बंद करने के लिये ले मेरा लौड़ा चूस रंडी समीना।” जैसे ही समीना ने विक्की का लंड पकड़ कर अपने मुँह में डाला, विक्की भी समीना की चूत और ज़ोर-ज़ोर से चाटते हुए अपना लंड समीना के मुँह में अंदर-बाहर-अंदर-बाहर करके उसका मुँह चोदने लगा। अब एक साथ समीना का मुँह और चूत विक्की चोद रहा था।
समीना अब विक्की का लंड चूसने लगी, पहले आराम से, फिर ज़ोर ज़ोर से और अपनी कमर उठा कर अपनी चूत विक्की के मुँह पे रगड़ने लगी। विक्की भी बड़ी मस्ती से चूत को जीभ से चोद कर समीना को बेहाल कर रहा था। विक्की का लंड खूब चूस कर समीना ने कमर उठाते हुए कहा, “हाआआआआयययय और चाटो... और चाटो। हाँ मेरा मुँह चोदोओओओओ विक्की, ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ़्फ़्फ़ अब कुछ करो विक्की... मेरा बदन टूट रहा है, देखो कैसे काँप रहा है मेरा जिस्म... विक्की । प्लीज़ अब जैसे अम्मी को चोदा था वैसे मुझे चोदो, अब रहा नहीं जा रहा मुझसे।”
विक्की ने समीना की गुहार सुनी पर उसे और तड़पाने के लिये समीना का मुँह अपने लंड से चोदते हुए, फिर समीना कि चूत में अपनी उँगली डालकर उसे अंदर बाहर करके समीना की चूत चोदते हुए उसे और बेहाल करने लगा। विक्की अब समीना का मुँह चोदते हुए चूत में उँगली करने लगा जिससे समीना और तड़पने लगी। समीना से अब रहा नहीं गया, तो उसने धक्का दे कर विक्की को अपने जिस्म से उतारा और फिर उससे लिपट कर तड़पते हुए बोली, “आहहहहहह विक्की, प्लीज़ अब रहा नहीं जाता, प्लीज़ मुझे चोद डालो नहीं तो मैं अपने ही जिस्म की गर्मी में जल जाऊँगी, हाय राजा अब मत तड़पाओ।”
अब विक्की ने और रुकना मुनासिब नहीं समझा। समीना को नीचे लिटा कर उसने, समीना की टाँगें खोलीं और एक हाथ उसकी चूत पे घुमाते हुए दूसरे से अपना खड़ा, कड़क, मोटा, गरम लंड पकड़ कर समीना की चूत पे रख कर बोला, “चल समीना, अब तैयार हो जा ज़िंदगी में पहली बार अपनी चूत चुदवाने के लिये। आज तेरी चूत फाड़ कर रखुँगा मेरी रंडी सबरीना की चिकनी बेटी। देखें तू और तेरी अम्मी में कौन ज्यादा मस्ती से चुदवाती है।” समीना को पता था कि पहली चुदाई में दर्द होगा पर वो अब किसी भी दर्द के लिये तैयार थी । एक हाथ से खुद के मम्मे मसलते हुए उसने दूसरे हाथ से विक्की का सिर नीचे झुकाया और वो विक्की को किस करने लगी। अपना लौड़ा ठीक से समीना की चूत के मुँह पे रख कर विक्की ने ज़ोर दिया। चूत का मुँह ज़रा सा खुला और विक्की के लौड़े की टोपी आधी अंदर घुस गयी।
समीना ने आँखें बंद कर लीं और विक्की का सीना सहलाने लगी। उस नंगी, कमसिन लड़की को इस हालत में देख कर विक्की को और गर्मी आ गयी और समीना की कमर पकड़ कर विक्की बोला, “समीना, मेरी रंडी, मेरी सबरीना राँड की मस्त बेटी, अब तैयार हो जा विक्की से अपनी चूत की सील तुड़वा कर चुदाई की दुनिया में कदम रखने को। आज तेरी सील तोड़ कर तुझे लड़की से औरत बनाऊँगा मेरी जान।”
समीना की कमर कस कर पकड़ कर विक्की ने लंड अंदर धकेला। अब चूत फ़ैला कर लंड की टोपी और एक-चौथाई लंड चूत में घुस गया। समीना ने दर्द से अपने होंठ दाँतों के नीचे दबा लिये और अब ज़रा घबराहट से विक्की को देखने लगी। समीना की चूत को अपने लंड का एहसास देने के लिये विक्की कुछ वक्त वैसे ही रहा और फिर अपनी कमर पीछे कर के, समीना को कस कर पकड़ कर पूरे ज़ोर से लंड चूत में घुसा दिया। इस हमले से विक्की का लंड समीना की कमसिन, अनचुदी चूत की सील की धज्जियाँ उड़ाते हुए पूरी रफ़्तार से घुस गया। विक्की के इस हमले से दर्द के कारण समीना, विक्की को अपने ऊपर से धकेलने की कोशिश करने लगी और अपनी चूत से विक्की का लंड निकालने की नाकाम कोशिश करते हुए ज़ोर से चिल्ला उठी, “आहहहहहहहह मैं मर गयीईईईईईई, ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ्फ़्फ़्फ़फ़्फ़ नहींईंईंईंईं, निकालो लंड मेरी चूत में से, मुझे नहीं करना कुछ।”
पर अब विक्की कहाँ उसकी बात माननेवाला था? उसे बहुत दिनों बाद सील पैक लड़की मिली थी तो आज वो पूरा जानवर बन कर चोदने वाला था। समीना के तड़पने पर ज़रा भी ध्यान ना देते हुए, विक्की ने समीना की कमर कस कर पकड़ी और फिर आधा लंड बाहर निकाल कर पूरी ताकत से चूत में घुसा दिया। इस बेरहम धक्के से समीना करीब-करीब बेहोश ही हो गयी, पर यह देख कर विक्की ज़रा रुका और समीना का एक निप्पल चूमते हुए प्यार से बोला, “अरे मेरी समीना रानी, अब तकलीफ वाला काम तो हो गया, ज़रा सब्र कर, दर्द अपने आप कम होगा और फिर तू भी मस्ती से मेरा लंड लेने लगेगी।” विक्की के रुकने से समीना की जान में जान आयी। उसे अपनी चूत से खून बहने का एहसास हुआ और उसका पूरा जिस्म पसीने से गीला हो गया था। समीना कुछ बोलने की हालत में नहीं थी, वो सिर्फ़ अपना हाथ चूत के पास घुमाते हुए दर्द से भरी चूत को आराम देने की कोशिश कर रही थी। यह सिलसिला पाँच-दस मिनट चलता रहा जिसमें विक्की समीना के मम्मे चूम रहा था, उसके जिस्म पे हाथ घुमा रहा था और समीना एक हाथ विक्की के जिम्स पे घुमाती हुई दूसरे हाथ से अपनी चूत के पास सहला रही थी।
जब विक्की को एहसास हुआ कि समीना की साँसें अब शाँत हो गयी हैं तो उसने हल्के से लंड दो-तीन बार आगे पीछे किया। पहले तो समीना दर्द से ‘आहहहहह, ओहहहहह’ कर रही थी पर जब और कुछ धक्कों के बाद समीना ने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ विक्की की तरफ़ देखा, तो विक्की समझ गया कि समीना की चूत का दर्द अब खतम हो गया है। विक्की ने लंड, टोपी तक बाहर निकाला और एक दम आराम से चूत में घुसा दिया। समीना की चूत ने जैसे विक्की के पूरे लौड़े को लपेट कर अपने अंदर ले लिया। आठ-दस बार ऐसा करने पर समीना ने सिर उठा कर विक्की को चूमते हुए कहा, “अब दर्द नहीं हो रहा, अब करो जो करना है। मैं अब पूरी तरह तैयार हूँ आपसे अपनी चूत चुदवाने के लिये। आज पूरी मस्ती से अपनी सबरीना रंडी की बेटी को चोदो विक्की।”
समीना की बात सुन कर खुश हो कर विक्की ने अपनी स्पीड ज़रा बढ़ाते हुए कहा, “अरे वाह समीना! बहुत जल्दी तेरा दर्द खतम हो गया, अब देख कैसे चोदता हूँ तुझे। अरे तेरी उस रंडी अम्मी से भी ज्यादा मज़ा मिलेगा तुझे क्योंकि तू कमसिन माल है, तुझे चोदने में बड़ा मज़ा आयेगा मेरी जान।”
विक्की अब मस्ती से समीना को चोदने लगा और समीना भी खुशी से चुदवा रही थी। इतने दिन उन हरामी लड़कों ने बहुत मसला था उसे, मम्मे खूब दबाये थे, चूत पे हाथ घुमाया था और उसे उनके लौड़े से खेलने में मज़ा भी आया था, पर चूत में लंड लेने का मज़ा कुछ और ही था। विक्की ने उसे क्या खूब गरम किया था और अब चोद रहा था । वो हरामी लड़के सिर्फ़ उसे गरम करना जानते थे पर विक्की को लड़की को गरम करना और फिर उसे चोदना बराबार मालूम था। विक्की के धक्कों से समीना का पूरा जिस्म हिल रहा था पर समीना खुशी-खुशी चुदवा रही थी।
समीना चुदाई का मज़ा ले रही है... यह देख, विक्की ने उसे तड़पाना चाहा और अपने लंड की टोपी अंदर रख कर बाकी लंड बाहर निकाल लिया। समीना विक्की के लौड़े के अगले धक्के के लिये तैयार थी पर विक्की उसे देख कर मुस्कुराता हुआ वैसे ही रुका रहा। विक्की की शरारत समझ कर समीना ने खुद अपनी कमर उठायी और विक्की का लंड अपनी चूत में घुसवा लिया और झूठे गुस्से से विक्की के सीने पर मुट्ठी से दो-तीन बार मारा।
समीना की इस अदा पर विक्की बड़ा खुश हुआ और कस कर समीना को दबोच कर लंड पूरे ज़ोरों से उसकी चूत में घुसा कर, उसे चोदते हुए बोला, “उम्म बहुत मज़ेदार हो तुम मेरी रानी, इतनी बेसब्री से तेरी अम्मी भी मेरा लौड़ा नहीं लेती। साली तुझे पहली बार चोद रहा हूँ पर अभी तक जो मज़ा मुझे मिला है वैसा मज़ा किसी को भी चोदने में नहीं आया था। साली तुझे खूब चोदुँगा मैं समीना, अब तो तुझे अपने घर ले जा कर चोदुँगा।” विक्की अब बड़ी तेज़ रफ़तार से समीना को चोद रहा था। समीना भी विक्की को पूरा सहयोग दे रही थी। विक्की का लौड़ा अपनी चूत में पूरा अंदर लेते हुए विक्की को बांहों में भर कर वो बोली, “हाँ, आज से मैं आपकी हूँ। आप जब कहोगे मैं आपके घर आऊँगी क्योंकि अब अम्मी का भी डर नहीं। मुझे भी आप जैसे माहिर मर्द के साथ चुदवाने में मज़ा आयेगा। हाँ विक्की, ऊऊऊऊफ्फ्फ आप तो मुझे जन्नत दिखा रहे हो, और चोदो, और ज़ोर से चोदो मुझे। फाड़ डालो मेरी चूत।”
चुदाई का शबाब अब पूरे ज़ोरों पर था। दोनों एक दूसरे को पूरा सहयोग देते हुए चुदाई का मज़ा ले रहे थे। विक्की पूरा का पूरा लौड़ा चूत में घुसा कर समीना को बहुत ज़ोर से चोदते हुए बोला, “नहीं मेरी जान, मैंने तुझे जन्नत नहीं दिखायी बल्कि जन्नत तो तूने मुझे दिखायी है। मेरे लिये जन्नत कहीं और नहीं... तेरी चूत में है, भगवान का शुक्र है जिसने मुझे तेरी चूत चोदने का मौका दिया और जिस वजह से मुझे जन्नत का दर्शन हुआ।”
समीना ने विक्की के होंठ चूमते हुए कहा, “ओहहह, कितना मज़ा आ रहा है मुझे आपसे चुदवा कर। अब मुझे कभी मत छोड़ कर जाना, मैं अब आपके बिना नहीं रह सकती हूँ।” जवाब में विक्की समीना को बहुत दबा कर ज़ोर ज़ोर से चोदते हुए और साथ-साथ उसकी चूचियाँ भी चूसते बोला, “नहीं मेरी जान... मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा, हमेशा इसी तरह चोदुँगा, मेरी जान।”
काफी वक्त यह चुदाई का सिलसिला चलता रहा जिसमें समीना दो बार झड़ गयी पर विक्की के तगड़े लौड़े ने उसे फिर चुदवाने के लिये मजबूर कर दिया। पर अब विक्की का वक्त आया था। विक्की ने ये समीना को बताया और समीना ज़िंदगी में पहली बार अपनी चूत में किसी मर्द के लौड़े का पानी लेने को तैयार हुई। समीना को कस कर दबोचते हुए, उसका एक निप्पल चूसते हुए विक्की बेरहमी से चोदने लगा। जैसे ही विक्की झड़ने लगा, उसने अपना लंड समीना की चूत में दबाया और वैसे ही दबा कर रख कर झड़ने लगा। समीना ने भी अपनी चूत विक्की के लंड पे दबा रही थी। समीना की कमसिन चूत, विक्की के गरम पानी से भरने लगी। दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ रखा था।
जब तूफ़ान शाँत हुआ तो दोनों ढीले पड़ गये। दोनों के जिस्म पसीने से लथपथ थे। धीरे-धीरे साँसें शाँत होने लगी। वो एक दूसरे से कुछ बोल नहीं रहे थे... बस हल्के किस करते हुए एक दूसरे का जिस्म सहला रहे थे। फिर विक्की ने अपना लंड समीना की चूत से निकाला और अपने बनियान से समीना की चूत साफ़ करके अपना लंड साफ़ किया। समीना दर्द से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी तो विक्की उसे खड़ा करके बाथरूम ले गया और गरम पानी से उसकी चूत सेंकी।
दोनों आ कर हॉल में बैठे तो विक्की ने समीना द्वारा पहनी उसकी शॉट्र्स उठा कर उसको देते हुए कहा, “समीना यह शॉट्र्स पे दाग कैसे... तू पूछ रही थी ना, तो सुन, जब तेरा बाप घर पर होता है तब तेरी अम्मी मेरा लौड़ा चूसती थी। एक-दो बार ऐसा हुआ कि ठीक झड़ने के वक्त तेरे बाप की आहट सुनने से तेरी अम्मी लौड़ा छोड़ देती और मैं लंड शॉट्र्स में डालने की कोशिश करता पर तब तक लंड झड़ जाता था। तेरी अम्मी भी इतनी चुदक्कड़ है कि मुझे कहा कि जब मैं शॉट्र्स में झड़ जाऊँ तब मैं शॉट्र्स ना धोऊँ ताकि बाद में तेरी माँ मेरी शॉट्र्स चाट सके और इसी वजह से यह दाग है।” अपनी अम्मी की करतूत सुन कर समीना भी खुश हुई और उसने विक्की कि शॉट्र्स पहन ली पर ऊपर नंगी ही थी।
करीब आधे घंटे बाद सबरीना घर आयी। दरवाजा खोल कर उसने देखा कि विक्की और समीना दोनों शॉट्र्स में बैठे बातें कर रहे थे। सबरीना समझ गयी कि विक्की ने समीना का काम तमाम कर दिया था। जैसे ही सबरीना उनके पास आयी, विक्की ने उसे खींच कर अपनी गोद में ले लिया और चुमने लगा। माँ-बेटी के सामने एक दूसरे का राज़ खुल गया था इसलिये दोनों बेशर्म बनी रहीं। सबरीना को चूमने के बाद विक्की उनके बीच में बैठ गया और माँ-बेटी के मम्मों से खेलते हुए बोला, “सबरीना अब तुझे और समीना को तो चोद डाला पर तेरी वो दूसरे बेटी और मेरी समीना जान की जुड़वाँ बहन को कब और कैसे चोदुँगा?”
सबरीना के कुछ जवाब देने के पहले समीना ने विक्की का लंड पकड़ते हुए कहा, “विक्की, ज़हरा को घर आने में अभी २ महीने हैं, तब तक हम कोई प्लैन सोच लेंगे। लेकिन तब तक आप अम्मी को और मुझे चोदो ना, ज़हरा जब आयेगी तब देखेंगे क्या करना है।”
समीना की हर्कत पर खुश हो कर विक्की ने उसे बांहों में ले लिया और माँ-बेटी के साथ खेलने लगा।
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