by aries » Thu Jan 02, 2025 5:49 am
उस रात विक्की से चुदवाने के बाद सबरीना सहेली के घर जाने की बजाय वापस अपने घर गयी। उन फटे और गंदे कपड़ों में सहेली के घर जाती तो सहेली को पक्का शक हो जाता। फटे ब्लाउज़ में बिना ब्रा के सीने को गंदी साड़ी में लपेट कर, साड़ी बिना पेटीकोट के पैंटी पर बाँध कर वो घर आयी। विक्की सबरीना को घर तक छोड़ने गया था। सबरीना की बेटी सो रही थीं इसलिये उसे कुछ तकलीफ नहीं हुई घर में।
६-७ दिन के बाद वो विक्की से मिलने उसके घर गयी। चुदाई के बाद जब वो विक्की की बांहों में पड़ी थी तो विक्की ने उसकी बेटियों के बारे में पूछा। मुस्कुराते हुए सबरीना बोली, “तू मेरी बेटियों के बारे में जानने के लिये बेताब है... यह मैं जानती हूँ विक्की... तो सुन, मेरी एक बेटी हॉस्टल में पढ़ती है और दूसरी घर में रहती है। ज़हरा इंजीनियरिंग में है और समीना बी.कॉम कर रही है। मैंने तुझसे वादा किया था तो अब निभाने का वक्त आया है। बोल कैसे करना चाहता है तू चुदाई का खेल मेरी समीना के साथ?”
विक्की ने प्लैन पहले ही सोच कर रखा था। सबरीना के मम्मों से खेलते हुए वो बोला, “चल कोई बात नहीं, सिर्फ़ समीना भी मिली तो कोई गम नहीं, मौका मिला तो ज़हरा को भी चोदुँगा। सुन सबरीना तू एक काम कर, अपने घर में मुझे तू अपने मायके का फैमली फ्रेंड बना कर रख। २-३ दिन में घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व कर के प्लैन बनाऊँगा।”
सबरीना ने विक्की की यह बात मानी और कुछ ही दिनों में विक्की को अपने घर में मुँह बोला भाई बना के ले आयी। सबरीना के शौहर और बेटी ने सबरीना की बात मान कर विक्की का स्वागत किया। समीना को देखके ही विक्की का लंड उठने लगा। वो बीस साल की जवान लड़की एक दम उसकी माँ पर गयी थी। वहीं रंग, वहीं चेहरा, वहीं आँखें, वैसा ही गठीला जिस्म, बत्तीस के कड़क मम्मे, पतली कमर और गोल गाँड। सलवार कमीज़ और ऊँची हील की सैंडल में समीना का वो रूप देख कर विक्की उसे देखता ही रह गया। विक्की ने नोटिस किया कि समीना उसको अजीब नज़र से देख रही थी। उस नज़र से विक्की समझ गया कि समीना को अपनी जवानी का एहसास है और वो भी मर्द का साथ चाहती है।
इन दिनों में विक्की ने देखा कि समीना उसे कई बार ध्यान से देखती थी। वो जब वक्त मिले तब विक्की से बात करने बैठ जाती। विक्की भी यही चाहता था और वो भी दिल खोल कर समीना से बातें करता था। बात करते वक्त वो समीना का पूरा जिस्म निहारता और समीना भी बिना कोई डर या शरम के उसके सामने बैठ कर बात करती थी। प्लैन के मुताबिक विक्की ने घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व किया। सबरीना का शौहर सुबह जा कर रात में ही आता था और समीना का दोपहर का कॉलेज होता था इसलिये वो सुबह घर में ही रहती थी। यह सब देख कर विक्की ने प्लैन बनाया और सबरीना को बताया। विक्की का प्लैन सुन कर सबरीना खुश हुई और प्लैन के मुताबिक चलने का वादा किया। उन ५-६ दिनों में विक्की रोज़ दोपहर को सबरीना को चोदता था। समीना के कॉलेज जाने के बाद शाम तक यह मस्ती चलती रहती थी। विक्की ने सबरीना को शराब पीने की भी आदत डाल दी। शराब पी कर सबरीना नशे में और भी मादकता से चुदवाती थी।
दूसरे ही दिन सुबह शौहर के काम पर जाने के बाद जब समीना नहाने गयी तो सबरीना और विक्की एक दूसरे की बांहों में आ गये। लूँगी के ऊपर से विक्की का लंड पकड़ कर सबरीना ने कहा, “विक्की, आज तुझे मैं अपनी समीना दे रही हूँ। मुझे पता है कि मेरी बेटी गरम है। मुझे कई बार उसके बिस्तर के नीचे खीरा-काकड़ी मिली है। बाथरूम में अभी चूत में उँगली कर रही होगी। तू उसे अब खूब चोद और उसे भी जवानी का मज़ा दे।”
सबरीना को नीचे बिठा कर अपना लंड उसके होंठों पे रख कर विक्की बोला, “तू अब उसकी चिंता मत कर मेरी रंडी, उसे तो खूब मस्ती से चोदुँगा मैं। मुझे पता है तेरी बेटी है तो वो गरम चूत तो होगी है।”
बाथरूम के दरवाजे के बाहर नीचे बैठ कर सबरीना विक्की का लंड चूसने लगी और विक्की की-होल से बाथरूम में समीना को देखने लगा। समीना को नहाते देखने के ख्याल से और सबरीना द्वारा लंड चूसने से वो यह सोच कर गरम हुआ कि, है तो साली बीस साल की पर जिस्म एक भरी हुई औरत जैसा है। विक्की ने यह भी सोचा कि यह भी उसकी माँ जैसी ही गरम और नमकीन होगी बिस्तर में। की-होल से विक्की ने देखा कि कपड़े निकाल कर समीना अपना नंगा जिस्म आइने में देखती हुई सहला रही है। घूम कर अपनी गाँड, सीना और चूत को देख कर समीना उनको सहलाने लगी। विक्की का लंड नंगी समीना को देख कर और गरम हो गया जिसे सबरीना मस्ती से चूस रही थी। कितनी हरामी औरत थी यह सबरीना जो अपने यार को अपनी नंगी बेटी का जिस्म दिखा कर उसका लंड चूस रही थी। अब विक्की ने देखा कि समीना अपने मम्मे मसलते हुए साबून से अपनी चूत को भी सहलाने लगी। ऐसा करते वक्त वो अपनी आँखें बंद कर रही थी और अपने होंठों को अपने दाँतों से दबाती थी। समीना बार-बार अपनी चूत में उँगली भी कर रही थी। उसकी गुलाबी, बिना झाँटों वाली चूत गीली थी। उँगली से वो दाना दबा कर सिसकरियाँ भरती और दूसरे हाथ से मम्मे मसलती हुई आँखें बंद करके मस्ती कर रही थी।
यह सब देख कर विक्की ने सबरीना के मम्मे मसलते हुए उसका मुँह चोदना शुरू किया। उसने सोचा कि यह साली अपनी माँ पर गयी है, गरम माल है, काटे पर आयी है, थोड़ा और गरम करो, इसकी शरम हटाओ तो चुदवाने को तैयार होगी। वैसे भी प्लैन के मुताबिक घर में सिर्फ़ हम दो हैं और उसकी रूम लॉक है जिससे उसे सिर्फ़ टॉवल में ही बाहर आना है। १०-१५ मिनट उस कमसिन जवानी का नंगा नज़ारा देख कर विक्की का लौड़ा एक दम गरम हो गया। अब उसने सबरीना को उठाया और जाने के लिये बोला। सबरीना समीना का रूम लॉक करके कहीं बाहर चली गयी। समीना का रूम बाथरूम के पास ही था, इसलिये वो नहाने जाते वक्त अपने बाकी सब कपड़े बिस्तर पर निकाल कर रख कर सिर्फ़ टॉवल में नहाने गयी थी। जैसे ही समीना का नहाना हुआ और उसने टॉवल लपेट लिया तो विक्की आ कर सोफ़े पर बैठ गया।
समीना जब बाथरूम से टॉवल लपेट कर बाहर आयी तो विक्की को देख कर शर्मा गयी पर फिर हल्की मुस्कुराहट दे कर अपने कमरे के पास गयी। कमरे का दरवाजा लॉक देख कर वो हॉल क्रॉस करके अपनी माँ के बेडरूम की तरफ़ गयी। जब वो विक्की के सामने से गुजरी तब विक्की उसका गीला जिस्म बड़े ध्यान से देखते हुए आँखों में भरने लगा। माँ को बेडरूम में ना पा कर समीना वहीं से चिल्लायी, “अम्मी... ओ... अम्मी मेरे कपड़े तो देना। कहाँ हो तुम अम्मी?”
आँखों के कोने से विक्की समीना को देखने लगा। गीले गोरे जिस्म पर लाल टॉवल लिपटा था, बाल और जिस्म भीगे हुए थे, गोरी टाँगें घुटनों के थोड़े ऊपर तक नंगी नज़र आयी उसे। पूरा हुस्न देख कर विक्की बोला, “क्या हुआ समीना? क्यों इतनी ज़ोर से चिल्ला कर अपनी अम्मी को बुला रही हो तुम?” विक्की को अपना भीगा जिस्म देखते देख कर समीना ज़रा शरमा कर कमरे में जा कर बोली, “अम्मी कहाँ है? उसको कहो ना मेरे रूम में आये।”
विक्की बोला, “अरे सबरीना तो कुछ काम से बाहर गयी है, वो बोली थी की एक घंटे में आऊँगी, तुम को क्या काम है बोलो?” यह सुन कर समीना धीरे से बोली, “ओफ्फ ओह उसको भी इसी वक्त जाना था? अब मेरे कपड़े? क्या करूँ मैं? क्या पूरा घंटा सिर्फ़ यह टॉवल लपेटे रहूँ?” विक्की अब उसके रूम में आ कर समीना को पूरी तरह देखते हुए बोला, “क्या हुआ तेरे कपड़ों को? क्यों परेशान है तू?”
विक्की को अचानक रूम में देख कर समीना पर्दे को अपने आप पर लपेट कर बोली, “ओहह आप क्यों आये यहाँ? मॉम ने आपको चाबियाँ दी हैं मेरे वार्डरोब की?” समीना की अदा पर मुस्कुराते हुए विक्की बोला, “अरे क्या हुआ? अब तेरी अम्मी मुझे चाबियाँ क्यों देगी? आखिर हुआ क्या है जो इतनी परेशान हो गयी है तू?”
“देखो ना... उससे बोला था कि वार्डरोब में से कपड़े निकाल कर जाओ। उसने कपड़े भी नहीं रखे और चाबियाँ भी नहीं हैं। अब क्या मैं ऐसे बैठूँ उसके आने तक?” विक्की ने समीना के माथे पर पसीना देखा। विक्की सबरीना के बिस्तर पे बैठ कर वहाँ पड़ी मैगज़ीन देखते हुए बोला, “अरे हाँ यह तो सही है, पर अब किया भी क्या जा सकता है? अब तेरी अम्मी आने तक तुझे ऐसे ही बैठना पड़ेगा।”
समीना सोच में डूब गयी और उसके हाथ से पर्दा छूट गया। विक्की अब एक दम पास से टॉवल में लिपटी समीना को देखने लगा। टॉवल काफी छोटा था, बड़ी मुश्किल से समीना की जाँघों से शुरू हो कर उसके मम्मों के ऊपर तक आया था। समीना का कमसिन गीला जिस्म, टॉवल के ऊपर से झाँक रहे मम्मे, उसकी गोरी टाँगें, उसका हुस्न देख कर विक्की का लंड लूँगी में उछलने लगा। समीना के सीने पे नज़र गड़ा कर वो बोला, “बोल मैं कैसे मदद करूँ तेरी? वार्डरोब तोड़ डालूँ क्या तेरे लिये?”
समीना को विक्की की बात और नज़र से ख्याल आया कि वो टॉवल में विक्की के सामने खड़ी है पर अब वो बिना झिझक उसी हाल में रूम में घूमते हुए सोचने लगी। कमरे में घूमते वक्त उसकी नज़र विक्की के तने हुए लौड़े पर पड़ी। वो विक्की के लंड की तरफ़ देख कर बोली, “नहीं... नहीं वार्डरोब ना तोड़ो… लेकिन कुछ सोचो ना।” समीना की नज़र अपने लंड पर देख कर अंजान बन कर विक्की अपने पैर थोड़े और खोलते हुए बोला, “एक काम कर सकते हैं अगर तू हाँ बोले तो। चाहे तो मेरी शॉट्र्स और बनियान पहन सकती है तू।” विक्की को अजीब नज़रों से देखते हुए समीना बोली, “क्या आपकी शॉट्र्स और बनियान पहनूँ मैं?”
समीना के पास जा कर विक्की बोला, “हाँ, क्यों? कोई प्रॉब्लम है तुझे? या तुझे इस टॉवल में ही रहना है समीना?” समीना ज़रा सोच कर बोली, “पर... वो मैं... ठीक है दे दो अपनी शॉट्र्स और बनियान मुझे।” समीना का हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले जा कर विक्की ने उसे एक दम छोटा बनियान और छोटी सी शॉट्र्स दी। समीना शॉट्र्स और बनियान देख कर दंग हो गयी। शॉट्र्स पे जगह-जगह दाग लगे थे और बनियान भी बड़ी छोटी साइज़ का था। दोनों कपड़े देख कर समीना बोली, “ये कपड़े? ये शॉट्र्स तो बिकिनी से भी छोटी है, बनियान कितना छोटा और टाइट है।”
विक्की समीना के हाथ से कपड़े ले कर बिस्तर पर फ़ैलाते हुए बोला, “अब हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है, देख कम से कम इससे तेरे बदन पे कपड़े तो होंगे ना? भले ये कपड़े छोटे हैं पर तेरी इस टॉवल से अच्छे हैं, चल वो शॉट्र्स और बनियान पहन ले जल्दी।”
और कोई रास्ता नहीं था तो समीना कपड़े उठाने के लिये झुकी। जैसे ही वो झुकी, उसका टॉवल खुल गया। समीना ने झट से टॉवल से वापस अपना जिस्म ढक लिया पर तब तक उसने विक्की को अपने नंगे जिस्म का पूरा नज़ारा दिखा दिया था। वो टॉवल बाँध कर, कपड़े उठा कर ज़रा शर्माते हुए बोली, “उफ्फ, इस टॉवल को भी अभी गिरना था क्या? पर अब ठीक है... क्या करें? ये कपड़े तो पहनने ही पड़ेंगे... नहीं तो टॉवल बार-बार खुलेगा। लेकिन यह दाग धब्बे कैसे हैं इस शॉट्र्स पर?” समीना के पूरे नंगे जिस्म की झलक देख कर विक्की का लंड और तन गया। होंठों पे जीभ घुमा कर मुस्कुराते हुए वो समीना के पास आ कर टॉवल की गाँठ पक्की करते हुए बोला, “वो दाग काहे के हैं... बाद में बताऊँगा तुझे, पर एक बात अभी सुन, तू बिना कपड़ों के बड़ी मस्त दिखती है, दिल करता है तेरा टॉवल बार-बार निकल जाये ।” विक्की की बात से समीना एक दम फीकी पड़ गयी और शरमा कर अपने रूम में कपड़े लेकर दौड़ गयी। दरवाज़ा बंद करके बिना लॉक किये वो टॉवल निकाल कर विक्की के दिये हुए कपड़े पहनने लगी। सिर्फ़ दो कपड़ों में वो खुद को आइने में देख कर शर्माते हुए फिर बाहर आयी।
समीना को उन कपड़ों में देख कर विक्की खुश हुआ। शॉट्र्स से सिर्फ उसकी गाँड ढकी थी, गोरी टाँगें साफ़ झलक रही थी, बनियान नाभि तक आया था और टाइट होने से मम्मे उभरे हुए दिख रहे थे और समीना के कड़क निप्पल भी विक्की को साफ़ दिख रहे थे। गोल घूम कर समीना का उन तंग कपड़ों में ढका जिस्म देख कर वो बोला, “वाह क्या अच्छी दिखती हो इन कपड़ों में तुम। कसम से... इतनी मस्त लड़की आज तक देखी नहीं मैंने।” समीना बार-बार बनियान नीचे खींचती हुई अपनी नाभि को ढकने की कोशिश कर रही थी।
सोफ़े पे बैठ कर वो बोली, “क्या आप भी ना? कैसी बात करते हो? मुझे शरम आ रही है आपकी बातों से।” समीना के सामने बैठ कर उसका कमसिन जिस्म निहारते हुए विक्की बोला, “समीना अगर तुझे लड़कों ने इस ड्रेस में देखा तो टूट पड़ेंगे तुझ पर, तेरी जैसी मस्त लड़की उन्होंने कभी देखी नहीं होगी और ना देखेंगे। मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ बेटी, ऐसी कमसिन लड़की को इतने तंग कपड़ों में लड़के देखेंगे तो ना जाने क्या करेंगे तेरे बदन के साथ।”
अब और भी शर्माते हुए समीना ने अपनी नाभि छुपाने के लिये बनियान नीचे खींची। पर इससे विक्की को उसका आधे से ज्यादा क्लीवेज दिखने लगा। दुविधा में फंसी समीना बोली, “हुम्म जाने दो ना... आज सुबह से आपको कोई मिला नहीं? ऐसे कपड़े पहन कर क्या कोई लड़की बाहर जायेगी? यह तो आज अम्मी बाहर गयी है... इसलिये मैंने पहने हैं घर में यह कपड़े... नहीं तो मैं कभी नहीं पहनुँगी यह कपड़े।”
विक्की अपनी टाँगें फ़ैला कर अंजान बनते हुए लंड को मसलता हुआ समीना का क्लीवेज देख कर बोला, “अरे समीना तेरी जैसी सैक्सी लड़की कसम से आज तक ना दिखी ना मिली। तेरी बात सच है कि तू बाहर नहीं जायेगी ऐसे कपड़े पहन कर पर घर में जो मर्द हैं वो अपने पर काबू कैसे रख पायेंगे तेरा यह कमसिन जिस्म इन कपड़ों में देख कर समीना?”
समीना ने शरमा कर बनियान अपने सीने पे खींचा जिससे उसकी नाभि नंगी हो गयी। असल में समीना को मर्द का साथ चाहिये था। जबसे उस पर जवानी आयी और जबसे मर्द उसको अजीब नज़रों से देखने लगे थे, तबसे वो मर्दों से अपनी तारीफ सुनने को लालियत हो गयी थी। जब कोई लड़का उस पर फिकरा कसता या भीड़ में कोई उसका बदन छूता तो उसे अच्छा लगता था। वो चुदाई के बारे में सब जानती थी। जब तक ज़हरा यहाँ थी वो दोनों बहनें अक्सर चुदाई की बातें करती थीं पर जबसे ज़हरा हॉस्टल गयी तबसे वो अकेली पड़ गयी थी। अब जबसे विक्की घर में आया था, उसकी नज़रों से समीना समझ गयी थी कि यह मर्द उसे चाहता है। वो भी विक्की पर पहली नज़र में फ़िदा हो गयी थी। इसलिये वो विक्की से खूब बातें करती और आज भी बिंदास हो कर वो सिर्फ़ शॉट्र्स और उस छोटी सी बनियान में उसके सामने बैठी थी। आज विक्की अगर कुछ करना चाहे तो समीना ने फ़ैसला किया था कि वो झूठा नाटक करेगी पर उसे सब करने देगी। आज उसकी अम्मी भी घर में नहीं थी तो उसे कोई डर भी नहीं था। अपनी नंगी टाँगें सहलाती हुई समीना बोली, “क्या आप भी ना? अब जाने दो मेरी बात, आपने इन धब्बों की वजह नहीं बतायी, कैसे लगे यह धब्बे यहाँ?” यह पूछते हुए समीना ने अपनी टाँगें खोल कर उँगली अपनी चूत के ऊपर शॉट्र्स पे लगे धब्बे पे रखी।
विक्की आ कर समीना के पास बैठ गया। समीना के जवाब और हर्कत से वो समझ गया कि समीना शर्माने वाली लड़की नहीं है। वो जवानी में कदम रखती हुई ऐसी लड़की है जो मर्द का साथ चाहती थी। समीना के कंधे पर हाथ रख कर नज़र उसकी चूत और मम्मों पर बारी-बारी घुमाते हुए विक्की बोला, “अरे इतनी क्या जल्दी है बेटा, सब होने के बाद बता दूँगा। मेरी बात का जवाब दे, तुझे ऐसे देख कर घर का यह मर्द अपने आप पे काबू कैसे रख सकता है? ऐसा कसा हुआ गोरा जिस्म इतने कम कपड़ों में देख कर मेरी तो हालत मस्त हो रही है ।”
विक्की के स्पर्श से समीना सिहर गयी। उसे मर्द का स्पर्श तो अच्छा लगा पर शर्माते हुए वो बोली, “क्या आप भी? मैं तो आपसे बहुत छोटी हूँ और आप यह कैसी बात कर रहे हैं मुझसे? यह सब बातें जाने दो, चलो टीवी देखते है हम।” समीना ने रिमोट ले कर टीवी ऑन किया। रिमोट लेने के बहाने समीना और विक्की में लड़ाई शुरू हुई। समीना ने घूम कर रिमोट छुपाया और विक्की पीछे से उसे दबोचते हुए रिमोट लेने की कोशिश करने लगा। समीना ने भी रिमोट नहीं छोड़ा तो विक्की रिमोट लेने के बहाने समीना का जिस्म अपनी बांहों में ले कर दबाने लगा। इससे समीना की गाँड पर उसका लंड रगड़ रहा था। इस खींचा तानी में उसने समीना के सीने पर भी हाथ फिराया। समीना के कड़क मम्मे छू कर विक्की खुश हो कर बोला, “बोला ना टीवी मत लगाओ, हम सिर्फ़ तेरी बात करेंगे। समीना माना मेरी उम्र सिर्फ २६ की है तो तू इतनी भी छोटी नहीं है मुझसे… लगभग हम-उम्र ही हैं हम?”
विक्की का लंड गाँड पे रगड़ने और मम्मे मसलने से समीना एक दम सिहर गयी। अपनी गाँड और मम्मों पे विक्की का कड़क लंड और उसके हाथ उसे अच्छे लगे। वो विक्की की बांहों से छूटने की कोई कोशिश ना करते हुए बोली, “पर हैं तो आप अम्मी के मुँह बोले भाई ना? वो सब जाने दो, देखो अब टीवी ऑन करो नहीं तो मैं आप से नहीं बोलूँगी और रूम में चली जाऊँगी।”
समीना की तरफ़ से कोई विरोध ना पा कर विक्की उसे और कस कर पकड़ कर लंड पर दबाते हुए और दूसरे हाथ से मम्मे मसलते हुए बोला, “हाँ मेरी और तेरी अम्मी की बात जाने दे, अब सिर्फ़ तेरी बात करेंगे हम। तुझे मैंने रूम में जाने दिया तभी तो जायेगी ना तू? वर्ना मेरी बांहों से कैसे निकल कर जा सकती है... बता मुझे? वैसे भी उस बेकार टीवी से अच्छा तो हमारा यह लाइव चैनल है समझी?” समीना को अपने जिस्म से हो रहा यह खिलवाड़ अच्छा लग रहा था। उसने रिमोट साइड में रख दिया पर फिर भी विक्की ने उसे छोड़ा नहीं। उसके मसलने से अब समीना के मम्मे और कड़क हो कर निप्पल भी तन गये। वो बिना कुछ किये बोली, “क्या? लाइव चैनल? वो कौनसा?”
विक्की अब बनियान में हाथ डाल कर समीना के नंगे मम्मे सहलाने लगा। उसके निप्पल आराम से सहलाना और गाँड पे लंड रगड़ना उसने जारी रखा। समीना के नंगे कड़क निप्पल से खेलते हुए विक्की बोला, “लाइव चैनल कौनसा है वो बताऊँगा तुझे समीना, सब्र कर। यह बता कि कितने लड़के तुझ पर मरते हैं? तेरा रूप देख कर मरने वालों की कमी नहीं होगी ना? कोई खास पीछे पड़ा है तेरे?” समीना अब और गरम हो गयी थी। वो जो चाहती थी वो मिल रहा था उसे। विक्की की बांहों में बिना हिले मस्त होती हुई वो बोली, “हाँ एक पूरा ग्रुप है लड़कों का, उसका लीडर है सबीर, सब के सब मुस्टंडे हैं, सबीर, केतन, कैलाश और नईम। पूरा ग्रुप पीछे पड़ा है मेरे और बहुत छेड़ता भी है।”
हल्के से दूसरा मम्मा भी मसलते हुए विक्की बोला, “ओह अच्छा... ४-४ लड़के पीछे पड़े हैं तेरे? वैसे भी तू है इतनी मस्त कि कोई भी तेरे पीछे पडेग़ा। समीना तू दिखती ही है इतनी मस्त है कि कोई भी लड़का तुझ पर मर मिटे। क्या छेड़ते हैं तुझे? उनमें से कोई पसंद है तुझे?” दोनों मम्मे मसलने से समीना बेहद गरम हो गयी पर अब उसे ज़रा शरम भी आ रही थी। विक्की की बांहों से छूटने का नाटक करती हुई वो बोली, “आप मुझे ऐसे मत छूयें। प्लीज़ मुझसे दूर बैठ कर बात करो। शी मुझे नहीं कोई पसंद कोई उन लड़कों में से, सबके सब मवाली जैसे हैं। पता नहीं कॉलेज वालों ने कैसे एडमिशन दिया उनको।”
समीना को और कस कर पकड़ कर एक हाथ मम्मों पे रख के दूसरे हाथ से समीना का नंगा पेट मसलते हुए विक्की बोला, “हा हा... अरे तेरी जैसी मस्त लड़की को छेड़ने के लिये ही एडमिशन लिया होगा उन्होंने। अच्छा यह बता कि क्या छेड़ते हैं तुझे वो लड़के?”
समीना को यह मस्ती अच्छी लगने लगी पर नाटक करते हुए वो झपट के विक्की के चुंगल से खुद को छुड़ा कर अब उसके सामने सोफ़े पे बैठ कर बोली, “जाओ मैं आपसे नहीं बोलती। आप भी उन लड़कों जैसे छेड़ रहे हो, वो लड़के मुँह से छेड़ते हैं और आप हाथ से। वो लोग तो बहुत गंदा-गंदा बोलते हैं, वो सुन कर तो कान का कचरा भी निकल जाये, ऐसा तो कोई बोल ही नहीं सकता।”
विक्की अब कहाँ मानने वाला था। वो उठ के समीना के पास आ कर बैठ कर उसकी गोरी नंगी टाँगों को सहलाते हुए बनियान में बंद मम्मे ऊपर से हल्के से मसलते हुए बोला, “अरे समीना हम मर्दों का काम ही होता है चिकनी मस्त लड़कियों को छेड़ना, अब देख तेरी अम्मी बाहर निकलती है तो कितने ही मर्द उसे छेड़ते हैं और मैं भी बहुत छेड़ता हूँ पर तेरी अम्मी कभी गुस्सा नहीं होती। बोल वो मवाली लड़के क्या छेड़ते हैं तुझे? क्या बोलते हैं तेरी यह गदरायी गोरी जवानी देख कर?”
समीना ने फिर विक्की का हाथ अपने जिस्म से हटाया। उसकी अम्मी को भी ऐसे छेड़ने की बात सुन कर समीना को अजीब फ़ीलिंग आयी। वो जानती थी कि उसकी अम्मी सुंदर है पर यह नहीं पता था कि मर्द उसे भी छेड़ते हैं। विक्की का हाथ हटा कर वो वहीं बैठ कर बोली, “क्या? आप अम्मी को छेड़ते हैं? आपसे तो उम्र में काफी बड़ी हैं अम्मी और आपकी बहन जैसी हैं! आप और दूसरे मर्द अम्मी को क्या छेड़ते हैं?”
विक्की फिर हाथ उसकी जाँघ पे रख कर बनियान के नीचे हाथ डाल कर बोला, “हाँ समीना तेरी अम्मी को बहुत छेड़ा है मैंने इसलिये तेरी अम्मी पहले मुझसे गुस्सा थी लेकिन अब नहीं। तू बता वो लड़के क्या बोलते हैं तुझे, मैं किसी को नहीं बताऊँगा समझी... और उसके बाद तुझे बताऊँगा कि मैं और दूसरे मर्द तेरी अम्मी को कैसे छेड़ते हैं।”
विक्की के हाथ को बिना रोके समीना बोली, “ना..मैं... वो लोग जो बोलते हैं वैसा कभी बोल ही नहीं सकती। आप सोचो वो लोग कैसा बोलते होंगे कि में आपको उनकी बात का एक भी अल्फाज़ नहीं बता सकती। बड़े गंदे और नालायक लड़के हैं वो।” समीना की जाँघ पकड़ कर उसे अपने पास खींच कर उसकी बनियान की नेक से उसके साफ़ दिख रहे मम्मों पे उँगली फेरते हुए विक्की बोला, “अब वो क्या बोलते हैं यह मुझे समझा तो ही मैं कह सकुँगा ना कि वो कितनी गंदी बात करते हैं तेरे बारे में। देख मैं तेरी अम्मी के छोटे भाई जैसा और तेरे दोस्त जैसा हूँ, तू बता मुझे दिल खोल कर वो क्या बोलते हैं तुझे, बिल्कुल शरमा मत मेरी समीना।”
समीना थोड़ी पीछे हटी लेकिन इतना भी नहीं कि विक्की का हाथ उसे छू ना सके। अपनी गोरी जाँघों पे खुद हाथ घुमाते हुए वो बोली, “नहीं ऐसा नहीं…, मैं नहीं बोल सकती। आप तो कह रहे थे कि आप अम्मी को छेड़ते हो... तो आप को तो पता होना ही चाहिये। आप और दूसरे लोग क्या बोल कर छेड़ते हो मेरी अम्मी को?”
विक्की जान गया था कि समीना यह सब चाहती है इसलिये उसे पकड़ कर अपनी गोद में बिठा कर विक्की लंड उसकी गाँड पे रगड़ते हुए बोला, “अरे समीना तेरी अम्मी को तो मैं और दूसरे लोग, ‘क्या माल है? आती क्या आज रात मरे घर? घोड़ा देखना है क्या मेरी पैंट में छुपा हुआ? आती क्या मेरे घोड़े पे सवारी करने? तेरा हॉर्न बजाने दे ना’ ऐसा बोलते थे। तेरी अम्मी तो बिना शर्माये लोगों को देख कर मुस्कुरा देती है... अब तू बोल वो लड़के क्या बोलते हैं तुझे?”
समीना की नंगी गोरी जाँघ मसलते हुए विक्की उसकी गर्दन किस करने लगा। इस बात पे समीना बड़ी मचली। उसका जिस्म मस्ती से भरने लगा। वो एक मादक अँगड़ायी ले कर बोली, “प्लीज़ छोड़ो मुझे, आप क्यों मेरा जिस्म सहला रहे हो। और यह जो आप और दूसरे लोग अम्मी को छेड़ते हो वो तो कुछ भी नहीं, वो लड़के इससे भी गंदा बोलते हैं।”
एक हाथ से समीना की गोरी जाँघें और दूसरे से सीना सहलाते हुए गर्दन किस करते हुए विक्की बोला, “देख समीना, जब तक तू मुझे नहीं बताती कि वो लड़के क्या छेड़ते हैं तुझे, मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा, ऐसे ही तेरा जिस्म सहलाता रहुँगा। तूने अगर मुझे सब बताया तो तेरी अम्मी को लोग और कैसे-कैसे मस्ती से छेड़ते हैं वो तुझे बताऊँगा।”
समीना फिर विक्की से दूर हो कर पास की सोफ़ा कुर्सी पर जाते हुए बोली, “उम्म्म… देखो मैं कहती हूँ मुझे मत छूना। मुझे अजीब सा लगता है आपका छूना। वो लोग बहुत गंदा बोलते हैं मेरे जिस्म के बारे में। वो मुझे देख कर बोलते हैं कि मैं कितनी गोरी हूँ, मेरी मक्खान जैसी टाँगें हैं, टाँगें ऐसी हैं तो जाँघें कैसी होंगी, और अगर जाँघों का यह हाल है तो अंदर की जन्नत तो कैसी होगी। ओह समीना रानी एक बार तेरी उस नंगी जन्नत की सैर करवा दे हमें। एक साथ ४-४ खंबे देंगे तुझे रानी, बोल आती है क्या हमारे साथ। यह सब बोलते हैं वो लड़के। छी, यह सब सुन कर मुझे बहुत शरम आती है।”
विक्की समीना के पास आ कर उसे खड़ी करके फिर मम्मे सहलाने लगा। समीना को उकसाने के लिये जिससे वो खुल कर सब बताये, विक्की बोला, “अरे तो इसमें क्या गंदा बोलते हैं? गोरी टाँगें और जाँघें क्या गंदा है? वैसे भी देख तू गोरी है तो गोरा तो बोलेंगे ही ना? मैंने तेरा बाकी जिस्म देखा है अब बस अंदर की जन्नत देखनी है तेरी। मुझे लगा कुछ और गंदा बोलते हैं जैसे तेरी अम्मी को लोग बोलते हैं, पर यह छेड़ छाड़ का बोलना तो बड़ा आम बोलना है।”
समीना ने फिर विक्की का हाथ अपने जिस्म से हटा कर सोफ़ पे आकर टीवी ऑन किया। टीवी पे अब उदिता गोसवामी और इमरान हशमी का गाना चल रहा था। गाना देखते हुए वो बोली, “नहीं-नहीं, वो लोग दूसरी लड़कियों को तो ऐसे नहीं छेड़ते। कभी भी अगर मैं टी-शर्ट पहन कर जाऊँ तो वो लोग मेरी साइज़ देख कर मेरे पास से गुजरते हुए मेरी ब्रा की साइज़ के बारे में ऊँचे सुर में बातें करते हैं, जैसे कि मेरी ब्रा के साइज़ के बारे में शर्त लगाते हैं और कई बार तो ऐसा बोलते हैं कि इतनी उम्र में इतने बड़े कैसे हो गये, कितनों ने मसला है तुम्हें?”
टीवी पे चल रहा सैक्सी गाना देख कर विक्की और गरम हो गया और अब पीछे से समीना को पकड़ कर वैसे ही किस करते हुए बोला, “तो तूने अपनी ब्रा का साइज़ बताया ना उनको? बेचारे कितने दिन से पूछ रहे हैं ना तेरा साइज़? वैसे समीना तुझे किसी ने मसला है क्या? मतलब तेरे इन मम्मों को मसला है कभी?” बनियान के नीचे हाथ डाल कर मम्मे सहलाते हुए विक्की आगे बोला, “यह बता उन लड़कों में कौनसा लड़का तुझे सबसे ज्यादा पसंद है और कौन सबसे ज्यादा छेड़ता है?”
विक्की का हाथ बनियान से खींचते हुए समीना बोली, “उफ़्फ़्फ़, प्लीज़ हाथ निकालो ना। मुझे उन लड़कों में से कोई पसंद नहीं है... सब के सब मवाली हैं साले पूरा दिन कॉलेज के बाहर सिगरेट या फिर गुटखा खाते रहते हैं। अपनी ब्रा की साइज़ थोड़ी किसी लड़के को बताऊँगी मैं? वो तो सिर्फ़ मेरा शौहर ही जानेगा शादी के बाद और अब मेरी अम्मी जानती है। मैंने तो किसी को नहीं बताया।”
विक्की का हाथ ज़ोर से खींचने के चक्कर में बनियान फट गया और समीना के दोनों मम्मे नंगे हो गये। समीना ने अपना सीना शरम से छुपा लिया। विक्की वैसे ही समीना को गोद में उठा कर उसका नंगा सीना और क्लीवेज किस करते हुए अपने बेडरूम में ले जाते हुए बोला, “क्या समीना, तूने इतना ज़ोर से हाथ खींचा कि बनियान फट गया, अब मैं कल क्या पहनुँगा? मुझे लगता है कि तू झूठ बोल रही है समीना, तुझे उन लड़कों में कोई एक तो पक्का पसंद है जो तू हर दिन उनके ताने सुन कर गुजरती है। वैसे शादी के पहले अम्मी और बाद में शौहर... इन दोनों के बीच में लड़की अपनी ब्रा का साइज़ अपने बॉय फ्रेंड को भी बताती है... समझी समीना?”
विक्की के मुँह से अपना सीना बचाते हुए समीना बोली, “आपको तो बाद में कल पहननी है, मैं अब क्या पहनूँ? क्या अम्मी के आने तक यह फटी बनियान पहनूँ?” समीना को बेड पे लिटा कर उसके हाथ हटा कर विक्की उसके पास लेट कर निप्पल से खेलते हुए बोला, “जाने दे समीना, तू यही फटी बनियान रहने दे, इससे तुझे लगेगा तेरे जिस्म पे कपड़े हैं और मुझे तेरा जिस्म दिखेगा भी। वैसे तूने बताया नहीं कि कितने लड़कों ने तेरा यह जिस्म सहलाया है और तुझे उन लड़कों को अपनी ब्रा का साइज़ बताने में क्यों शरम आती है?”
समीना को पहली बार मर्द के सामने अपना नंगा सीना दिखाने और निप्पल को मर्द से मसलवाने में मज़ा आने लगा था। वो विक्की को रोके बिना बोली, “तो क्या करूँ मैं? उनको सामने से जवाब दूँ? और दूँ भी तो क्या जवाब दूँ? कि मेरी ब्रा का साइज़ ३२ है और ब्रा के कप “बी” के हैं? प्लीज़ आप मेरे जिस्म को मत छूना, मुझे गुदगुदी होती है। और वो मेरे सीने का दाना ऐसे क्यों मसल रहे हो आप? आपने बताया नहीं कि अम्मी को लोग और कैसे-कैसे छेड़ते हैं?”
समीना के हाथ हटा कर उसका सीना पूरा नंगा देख कर विक्की झुक कर बारी-बारी उसके निप्पल खूब अच्छे से चूसते हुए बोला, “अरे वाह, यह अच्छा किया जो तूने कम से कम मुझे तो अपनी ब्रा और कप का साइज़ बता दिया समीना इसे जवानी का खेल बोलते हैं, हम जैसे मर्द तेरी जैसी गरम सैक्सी मस्त लड़की के साथ यह खेल खेल कर सिखाते हैं। बोल कि जब मैं तेरा यह सीने का दाना मतलब निप्पल किस करता हूँ तो अच्छा लगता है ना तुझे? तेरी अम्मी के साथ खेल कर मैंने इस खेल की बहुत प्रैक्टिस की है... तेरी अम्मी तो इस खेल में माहिर है । तेरी अम्मी की बात थोड़े वक्त के बाद बताऊँगा, पहले यह बोल कि कितने लड़कों ने तेरा यह जिस्म छुआ है रानी?”
पहली बार मर्द से निप्पल चुसवाने से समीना बड़ी गरम हो गयी। वो हल्की सिसकरियाँ भरते हुए बोली, “हाँ बड़ा अच्छा लगता है जब आप निप्पल चूसते हो तो...! प्लीज़ पूरा लो ना और पूरा, मेरी पूरी चूचियाँ चाटो ना। आज आप मुझे जवानी का पूरा खेल सिखा देना जैसे मेरी अम्मी को सिखाया है। मेरी चूंची चूसते हुए बता दो कि आपने अम्मी को यह खेल कैसे सिखाया। मुझे उन लड़कों में से कोई भी पसंद नहीं, वैसे उन लड़कों के साथ यह करने का मन कैसे हो? उन गुंडे मवालियों से क्या मुँह लगना? हाँ भीड़ का फायदा ले कर लड़के कभी-कभी मेरा जिस्म सहलाते हैं, मेरा सीना और पिछवाड़ा दबाते हैं और पिछवाड़े पे रगड़ते हैं... बस उतना ही लड़कों से ताल्लुक हुआ है और कुछ नहीं।”
उसकी पूरी चूचियाँ चाट कर और निप्पल चूसते हुए विक्की अब समीना के ऊपर बैठ गया। उसका लंड समीना की चूत पे था और समीना के निप्पल से खेलते हुए वो झूठी कहानी बताने लगा, “ओके समीना... अब सुन... तेरी अम्मी से ये खेल मैंने कैसे सीखा। कुछ साल पहले तेरी अम्मी अपने मायके आयी हुई थी। तब मेरी उम्र उन्नीस-बीस साल थी। जब वो रास्ते से गुजरती थी तो मैं और मेरे दोस्त उसे छेड़ते थे। तेरी अम्मी कभी नाराज़ नहीं होती थी और मुस्कुरा कर निकल जाती थी इसलिये हमारी हिम्मत बढ़ गयी थी। हम उसे देख कर गंदी-गंदी बातें बोलते और इशारे करते। फिर एक दिन ऐसे ही हम चार दोस्त उसे छेड़ रहे थे तो वो हमारे पास आकर खड़ी हो गयी। उसके चेहरे पर गुस्सा था इसलिये हम डर गये। वैसे भी वो उम्र में हमसे काफी बड़ी थी। तेरी अम्मी हमें डाँटते हुए बोली कि “सालों तुम्हें सिर्फ छेड़ना ही आता या हकीकत में भी कुछ करने की औकात है तुम्हारी!...तुम्हारे लौड़ों में दम है तो करके बताओ नहीं तो दफा हो जाओ मादरचोदों!” फिर वो हमें अपने साथ ले गयी और हमारे लौड़े चूसे और हमने भी उसे खूब मसला। अगले २-३ हफ्तों में तेरी अम्मी मौका देख कर हमें रोज़ बुलाती और हम चारों के साथ मज़े करती। पर आज तुझे लंड खिला कर तेरी चूत में घुसा के तुझे जवानी का पूरा खेल सिखाऊँगा।”
विक्की द्वारा अपनी अम्मी के बारे में बतायी बात सुन कर समीना जल्दी से वो फटी बनियान अपने जिस्म पे ओढ़ कर फटी आँखों से विक्की को देखने लगी। उसकी अम्मी ने जिस हिसाब से विक्की और उसके दोस्तों से खुद को मसल्वाया था वो सुन कर उसकी चूत और गीली हो गयी। बनियान को अपने सीने पर लपेटते हुए वो बोली, “क्या बात करते हो? अम्मी तो इतनी शरीफ हैं और और वो ऐसे कैसे कर सकती हैं? मेरी अम्मी किसी के साथ, शी... इतने गंदे ज़लील काम कैसे कर सकती हैं …।”
समीना के हाथ से फटी बनियान खींच कर उसे दूर फेंक कर अब समीना के नंगे मम्मे मसलते हुए विक्की बोला, “इसमें कैसी गंदगि समीना? तेरी माँ अम्मी आईटम थी तब भी और अब भी है, साली अब भी देख कैसे मेंटेंड रखा है उसने अपना जिस्म। एक बात है समीना तेरी अम्मी जैसे लंड आज तक किसी ने नहीं चूसा, क्या मस्ती और लगन से चूसती है सबरीना। अरे अगर वो शादीशुदा नहीं होती और मेरी उम्र की होती तो मैं भगा कर ले जाता उसे और तेरे बाप से भी ज्यादा चोदता रहता उस माल को।”
विक्की अब समीना को खींच कर अपनी गोद में बिठा कर उसके मम्मे मसलने लगा। समीना भी गरम हो कर अपनी गाँड उसके लंड पे दबाने लगी। अपनी अम्मी की बात सुन कर उसे बड़ा अच्छा लग रहा था। इसका मतलब था कि उसकी अम्मी जिसे वो एक अच्छी औरत मानती थी वो तो कई मर्दों से अपना जिस्म मसलवा चुकी थी और कितने ही लंड चूसे थे उसने। समीना को ज़रा भी शक नहीं हुआ कि विक्की झूठ बोल रहा था। अपनी अम्मी की रंगीन करतूत सुन कर समीना और गरम हुई और वो विक्की के गले में हाथ डाल कर विक्की का चेहरा किस करती हुई बोली, “गंदी और ज़लील बात तो है ही ना? कोई औरत या लड़की मस्त लगे तो उसका मतलब यह थोड़े ही है कि तुम्हें उसे छेड़ने लग जाओ… उम्र का तो लिहाज़ करना चाहिये…. और अम्मी ने भी अपनी इज़्ज़त का लिहाज़ किये बिना आप लोगों को लिफ्ट देकर सब कुछ करवाया। अब आप ही देखो ना, आपने कितनी बार मेरी बनियान उतार दी पर अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आप की निक्कर पर यह सब दाग कैसे हैं। वैसे क्या अम्मी का फिग्र वाकय में इतना मस्त है?”
एक हाथ से समीना के मम्मे मसलते हुए और दूसरे हाथ से पहले उसे कस कर अपने लंड पे दबाते हुए विक्की अब समीना की गोरी जाँघें सहलाता हुआ बोला, “समीना जब तेरी अम्मी जैसी गरम औरत हमारे सामने हिरोईन बन कर चलेगी तो हम उसके साथ ऐसे ही छेड़खानी करते हैं... हमें हमेशा तेरी अम्मी जैसे औरत चाहिये होती है… फिर चाहे उम्र में बड़ी हो या छोटी। देख अपनी सब बात होने के बाद तुझे बताऊँगा कि दाग कैसे लगे। तेरी अम्मी की फ़िगर देख अब कितनी अच्छी हुई है, साली के मम्मे और पिछवाड़ा एकदम उभर आया है। वैसे समीना तुने भी अभी तक मुझे खुल कर बताया नहीं कि वो लड़के क्या छेड़ते हैं और कहाँ टच करते हैं तेरा यह जिस्म?”
समीना भी अब गरम हो गयी थी और उसने विक्की का टी-शर्ट उतार दिया। वो विक्की की तरफ़ घूम कर उसकी गोद में बैठ गयी। अब वो दोनो सिर्फ़ शॉट्र्स में थे। उसकी बांहों में समीना बेशर्म हो कर बैठी थी। विक्की का पूरा चेहरा किस करते हुए समीना बोली, “हिरोईन बन कर चले मतलब कैसे चले? मैं कुछ समझी नहीं। फ़िगर अब अच्छी हुई मतलब क्या कुछ साल पहले अम्मी का सीना कैरम जैसा था? खुल कर बताओ ना। देखो मैंने आपको बताया कि वो लोग क्या बोल कर छेड़ते हैं, रही बात कहाँ टच करते हैं... वो तो मैं उनको करने नहीं देती। हाँ कॉलेज से छूटते वक्त वो लोग भीड़ का बहुत फायदा उठाते हैं... आगे पीछे मुझे कवर करके मेरी छाती और मेरी जाँघों को सहलाया करते हैं।”
विक्की अब समीना की चूत पे अपना लंड रगड़ने लगा। उसे लगा नहीं था कि यह कमसिन लड़की इतनी गरम माल होगी। यह तो साली अपनी अम्मी से भी गरम थी। आखिर एक गरम औरत की बेटी भी उसके जैसी गरम ही होगी... यह सोच कर विक्की समीना के कड़क मम्मे ज़रा मस्ती से मसलते हुए बोला, “हिरोईन बन कर मतलब... ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहन कर गाँड ठुमकाते हुए, नाक चढ़ा कर, हम लोगों को चूतिया समझ कर चलती थी...। कैरम बोर्ड नहीं... तेरी अम्मी तब भी मस्त माल थी, सीना काफी उभरा था... अब सीना ज्यादा बड़ा हुआ है पर उसके मम्मों में झुकाव नहीं है ज़रा भी। एक दम टाइट मम्मे हैं साली के और गाँड भी काफी भरी हुई है, लगता है तेरा बाप सबरीना की गाँड में पेलता होगा ज्यादा।। जब तेरी जाँघ और छाती मसलते है वो लड़के तो कैसा लगता है तुझे समीना?”
समीना अब खुद विक्की के लंड पे अपनी चूत रगड़ते हुए बोली, “आपको बहुत मज़ा आता होगा ना माँ को मसलने और उससे मस्ती करने में? लड़कों के सहलाने से तो मुझे अच्छा लगा पर उनका बोलने का ढंग जरा भी नहीं, एक दम जंगली हैं वो लड़के, लड़की को बस हवस की नज़र से देखते हैं। रही बात कि अम्मी और डैड क्या करते होंगे... यह पता नहीं... पर मैंने कहीं पढ़ा है कि प्रेगनेंनसी के बाद लेडीज़ की बैक साईड फ़ूल जाती है और अम्मी को तो टिवन्स हुई थीं... इसलिये उनका पिछवाड़ा इतना बड़ा हुआ होगा।”
समीना की कमर में हाथ डाल कर उसे अपने लंड पे दबाते हुए विक्की अब समीना के मम्मों को मसलते और निप्पलों से खेलते हुए बोला, “मुझे पता है कि प्रेगनेंनसी के बाद औरत की गाँड फूलती है लेकिन गाँड को बार-बार लंड से चोदने से भी गाँड फूलती है जैसे तेरी माँ की फूली है। अगर तेरा बाप नहीं तो मेरी तरह कोई और तेरी मस्त माल सबरीना की गाँड में लंड पेलता होगा, कुत्तिया बना कर चोदता होगा तेरी अम्मी को… वैसे भी सबरीना तो छिनाल है... लंड देखते ही मुँह और चूत में पानी आ जाता है उसकी। अब वो लड़के क्या बोलते हैं वो तूने बताया लेकिन इससे क्या ज्यादा गंदा बोलते हैं जिससे तू उनको जंगली कहती है... यह नहीं बताया, कुछ भी बोलते होंगे मुझे खुल कर बता सब समीना।”
समीना अब विक्की को ज़रा भी रोक नहीं रही थी। वो चाहती थी कि विक्की आज उसे चोद डालें। वो अपनी अम्मी के बारे में इतना गंदा सुनने के बाद और गरम हो गयी थी। अब पूरी बात बताने का फैसला करते हुए वो विक्की का मुँह अपने निप्पल पे दबाती हुई बोली, “वेल... मुझे शरम आती है बोलने में पर फिर भी बताती हूँ। वो लड़के जो बोलते हैं ना वो बहुत गंदा है। मेरे जिस्म के बारे में कहते हैं कि कितनी गोरी और मक्खन जैसी टाँगें हैं, टाँगें ऐसी हैं तो जाँघें कैसी होंगी और अगर जाँघों का यह हाल है तो अंदर की जन्नत तो कैसी होगी? वो यह भी बोलते हैं कि समीना की बहन और अम्मी भी एक दम मस्त हैं, इन तीनों को एक साथ नंगी करके मस्ती करनी चाहिये। वो और बोलते हैं कि समीना की अम्मी सबसे मस्त है, एक साथ उस चुदक्कड़ राँड को चोदना चाहिये, एक आगे से, एक पीछे से और तीसरा उसके मुँह में देना चाहिये। ज़हरा को भी ऐसे ही छेड़ते थे वो और अब वो हॉस्टल गयी तो मुझे अकेली को छेड़ते हैं। वो लड़के लोग तो यह भी कहते हैं कि इस अम्मी और मैं उनके मोहल्ले में जा कर उनके डाँडिया लेकर डाँडिया खेलें। यह सब सुन कर मुझे बहुत शरम आती है... पर यह सब सुन कर मैं गरम भी हो जाती हूँ। कई बार उन्होंने भीड़ में मेरा पूरा जिस्म मसला है, वो चारों एक साथ आगे पीछे और साईड में आते हैं और मेरे जिस्म का जो हिस्स जिसे मिले, वो मसलने लगते हैं। मुझे अच्छा लगता है उनसे मसलवाना इसलिये मैं भी रेज़िस्ट नहीं करती उनको।”
समीना के जवाब से विक्की का लंड और कड़क हो गया तो वो समीना की एक चूंची चूसने और दूसरी को मस्ती से मसलने लगा। समीना का नंगा जिस्म सहलाते हुए वो बोला, “अरे समीना, वो लड़के सच ही तो बोल रहे हैं। तेरी अम्मी और तुम दोनों बहनें हो ही इतनी मस्त कि हम मर्दों का लंड तुम्हें देखते ही खड़ा हो जाये। कसम से मेरी भी अब तमन्ना है कि सबरीना, तुझे और ज़हरा को एक साथ नंगी देखूँ। उफ़्फ़्फ़ बहनचोद साली देख तेरी यह जवानी देख कर मेरा लंड कैसे खड़ा है। यह अच्छी बात है कि चार-चार लड़के एक साथ तुझे मसलते हैं समीना... इससे तू ज्यादा से ज्यादा मर्दों के साथ चुदाई कर सकेगी।” समीना का हाथ अपने लंड पे दबाते हुए विक्की आगे बोला, “ले, तू भी अपनी अम्मी जैसे मेरा लौड़ा सहला। मेरा लंड सहला कर बता कि मेरा डाँडिया कैसा है रानी? खेलेगी इसके साथ? ज़हरा को भी खूब मसलते होंगे ना लड़के? कभी किसी लड़के का डाँडिया छुआ था तूने जान?”
विक्की का गरम लौड़ा सहलाना समीना को बड़ा अच्छा लगा। वो शॉट्र्स के ऊपर से लंड को खूब ज़ोरों से मसलते हुए सिसकरियाँ भरने लगी। विक्की के मुँह में अपनी चूंची और दबाते हुए वो बोली, “ऊँफ्फ़्फ़्फ़ कितना अच्छा लग रहा है आपका डाँडिया मसलने में। सच बोलो मेरे और अम्मी के जिस्म में सबसे अच्छा किसका जिस्म है? वेल... अम्मी के कईंयों के साथ पोस्ट मैरिटल लफड़े है... यह तो मैं मान नहीं सकती। सच बोलूँ तो आपका यह डाँडिया देख कर मुझे मेरी कॉलेज याद आ गयी। जब हम कॉलेज से छूटते थे तब बहुत भीड़ होती थी और यह मुस्टंडे मेरे आगे पीछे होते थे। जो पीछे वाला लड़का होता वो अपना लंड मुझसे सटा के रख कर पूछता था कि कैसा है मेरा लंड समीना? तो मैं भी जवाब देती थी कि बाहर निकाल कर दिखा तो सही... काला है कि गोरा। ऐसे एक बार उन लड़कों ने मुझे और ज़हरा को भीड़ में पकड़ कर वही सवाल किया तो मैंने भी वही जवाब दिया। मेरा जवाब सुन कर शाम को नुक्कड़ के एक कॉर्नर में ले कर उन तीनों ने अपने लौड़े बाहर निकाले। हाय अल्लाह, कितने काले और लंबे थे... उनके लंड मुँह पे गीले भी थे। उन्होंने हमे उनके लंड सहलाने को दिये और उस दिन हमें खूब मसला। मुझे तो बहुत मज़ा आया पर ज़हरा डर गयी थी अब भी यह लड़के मुझे देखते हैं और बुलाते हैं पर मैं कभी-कभी ही जाती हूँ और उनसे अपना जिस्म मसलवाती हूँ। अंकल उन लड़कों के लंड से आपका लंड बड़ा है और गरम भी ज्यादा है।”
समीना की कहानी सुन कर विक्की खुश हुआ। समीना को गोद में उठा कर वो खड़ा हुआ और अपनी शॉट्र्स निकाल दी। अब विक्की मादरजात नंगा था। समीना उसका लौड़ा देखती रही। इतना लंबा, मोटा और टाइट लंड वो पहली बार देख रही थी। विक्की शॉट्र्स के ऊपर से समीना की कमसिन चूत मसलते हुए उसका हाथ अपने लंड पर रख कर बोला, “बहनचोद तू बड़ी मस्त लड़की है, इतना मसलवाया अपना जिस्म उन लड़कों से और अब बता रही है। तेरी अम्मी हम चार दोस्तों के साथ मस्ती करती थी और तू ३ लड़कों के साथ करती है। मज़ा तो खूब मिलता होगा ना तुझे रानी? ज़हरा इतनी से बात से डर गयी? ज्यादा से ज्यादा क्या होता? वो लड़के लोग उसे चोदते ही ना और क्या करते? वैसे भी तू और तेरी बहन जैसी गरम लड़कियाँ हमारी रंडी बनने के लिये पैदा होती हैं, कुछ जल्दी बनती हैं जैसे तेरी अम्मी... कुछ लेट जैसे ज़हरा बनेगी। समीना, सच बोलूँ... जान तो तेरी अम्मी से अच्छी तू है क्योंकि तू कमसिन चूत है, तेरी अम्मी ने ना जाने कितने लंड लिये होंगे पर तू पहला लंड लेने वाली है... वो भी मेरा लंड। उन लड़कों को तूने अच्छा जवाब दिया रानी और यह भी अच्छा हुआ कि उन लड़कों ने तुम बहनों को अपने लौड़े दिखाये। समीना जब वो तेरी गाँड पे लंड रगड़ते या तू हाथ से उनके लंड मसलती तो तुझे इच्छा नहीं होती लंड चूत में लेने की? अपनी जवानी उनके हवाले क्यों नहीं की? अरे तेरी अम्मी के तो शादी बाहर कितने ही लफड़े चलते हैं । जवान लड़कों के लौड़ों की तो दीवानी है तेरी अम्मी! कई बार मैंने तेरी अम्मी को तुम्हारे नौकर के साथ बेडरूम में रंग रलियाँ मनाते देखा है। तेरी अम्मी बड़ी चुदक्कड़ है समझी? साली दारू पी कर मस्त हो कर चुदवाती है। साली समीना तू मेरी जान है, अब देख मैं नंगा हुआ हूँ... क्या तू अपना यह सैक्सी जिस्म नंगा करके नहीं दिखायेगी मुझे जान?”
समीना विक्की का लंड दोनों हाथों से मसलने लगी। विक्की ने उसे मस्त गरम किया था। वैसे भी वो किसी लड़के से चुदवा लेती लेकिन विक्की का लंड देख कर उसे यकीन हुआ कि उन लड़कों में किसी का भी लंड विक्की जितना नहीं था। विक्की का लंड मस्ती से मसलते हुए समीना बोली, “आपने इतनी औरतों को चोदा है तो आप जानते ही हैं कि हर जवान लड़की को अपना जिस्म मसलवाने का दिल करता है, सब चाहती हैं कि कोई उनकी जवानी की तारीफ करते हुए उसके साथ कोई मर्द खेले। आखिर यह जवानी सिर्फ आइने में देखने ले लिये तो है नहीं। मैं लंड तो लूँगी आपका लेकिन अभी थोड़ा रुको। मैं चाहती हूँ कि मेरी पहली चुदाई बड़े आराम से हो, आप मुझे और मैं आपको पूरा गरम करेंगे और बाद में आप मुझे चोदो। मैंने कई बार चाहा कि उन लड़कों में किसी से चुदवा लूँ पर फिर अम्मी और हम बहनों के बारे में वो इतनी गंदी बात करते थे कि मूड ऑफ हो जाता और मैं इरादा बदल देती। उसके बाद मैं कई दिन उनसे नहीं मिलती पर जब जिस्म नहीं मानता तो जा कर उनसे फिर मसलवा लेती हूँ। और वो जो नौकर की बात आप करते हैं... तो वो बड़ा हरामी है। मैं जानती हूँ कि अम्मी उससे चुदवाती है। मैंने भी कईं बार उनको चुदाई करते देखा है। एक बार जब अब्बू ने उनको रंगे हाथ पकड़ा तो अम्मी ने अब्बू को बताया कि नौकर का दिमाग फिरा है और वो ज़रा पागल है। बेचारे अब्बू, अम्मी की बात सच समझ बैठे और इज़्ज़त की वजह से बात दबा दी। इससे अब अम्मी को पूरी आज़ादी मिल गयी और वो अब भी उस नौकर से चुदवाती है।”
उस रात विक्की से चुदवाने के बाद सबरीना सहेली के घर जाने की बजाय वापस अपने घर गयी। उन फटे और गंदे कपड़ों में सहेली के घर जाती तो सहेली को पक्का शक हो जाता। फटे ब्लाउज़ में बिना ब्रा के सीने को गंदी साड़ी में लपेट कर, साड़ी बिना पेटीकोट के पैंटी पर बाँध कर वो घर आयी। विक्की सबरीना को घर तक छोड़ने गया था। सबरीना की बेटी सो रही थीं इसलिये उसे कुछ तकलीफ नहीं हुई घर में।
६-७ दिन के बाद वो विक्की से मिलने उसके घर गयी। चुदाई के बाद जब वो विक्की की बांहों में पड़ी थी तो विक्की ने उसकी बेटियों के बारे में पूछा। मुस्कुराते हुए सबरीना बोली, “तू मेरी बेटियों के बारे में जानने के लिये बेताब है... यह मैं जानती हूँ विक्की... तो सुन, मेरी एक बेटी हॉस्टल में पढ़ती है और दूसरी घर में रहती है। ज़हरा इंजीनियरिंग में है और समीना बी.कॉम कर रही है। मैंने तुझसे वादा किया था तो अब निभाने का वक्त आया है। बोल कैसे करना चाहता है तू चुदाई का खेल मेरी समीना के साथ?”
विक्की ने प्लैन पहले ही सोच कर रखा था। सबरीना के मम्मों से खेलते हुए वो बोला, “चल कोई बात नहीं, सिर्फ़ समीना भी मिली तो कोई गम नहीं, मौका मिला तो ज़हरा को भी चोदुँगा। सुन सबरीना तू एक काम कर, अपने घर में मुझे तू अपने मायके का फैमली फ्रेंड बना कर रख। २-३ दिन में घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व कर के प्लैन बनाऊँगा।”
सबरीना ने विक्की की यह बात मानी और कुछ ही दिनों में विक्की को अपने घर में मुँह बोला भाई बना के ले आयी। सबरीना के शौहर और बेटी ने सबरीना की बात मान कर विक्की का स्वागत किया। समीना को देखके ही विक्की का लंड उठने लगा। वो बीस साल की जवान लड़की एक दम उसकी माँ पर गयी थी। वहीं रंग, वहीं चेहरा, वहीं आँखें, वैसा ही गठीला जिस्म, बत्तीस के कड़क मम्मे, पतली कमर और गोल गाँड। सलवार कमीज़ और ऊँची हील की सैंडल में समीना का वो रूप देख कर विक्की उसे देखता ही रह गया। विक्की ने नोटिस किया कि समीना उसको अजीब नज़र से देख रही थी। उस नज़र से विक्की समझ गया कि समीना को अपनी जवानी का एहसास है और वो भी मर्द का साथ चाहती है।
इन दिनों में विक्की ने देखा कि समीना उसे कई बार ध्यान से देखती थी। वो जब वक्त मिले तब विक्की से बात करने बैठ जाती। विक्की भी यही चाहता था और वो भी दिल खोल कर समीना से बातें करता था। बात करते वक्त वो समीना का पूरा जिस्म निहारता और समीना भी बिना कोई डर या शरम के उसके सामने बैठ कर बात करती थी। प्लैन के मुताबिक विक्की ने घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व किया। सबरीना का शौहर सुबह जा कर रात में ही आता था और समीना का दोपहर का कॉलेज होता था इसलिये वो सुबह घर में ही रहती थी। यह सब देख कर विक्की ने प्लैन बनाया और सबरीना को बताया। विक्की का प्लैन सुन कर सबरीना खुश हुई और प्लैन के मुताबिक चलने का वादा किया। उन ५-६ दिनों में विक्की रोज़ दोपहर को सबरीना को चोदता था। समीना के कॉलेज जाने के बाद शाम तक यह मस्ती चलती रहती थी। विक्की ने सबरीना को शराब पीने की भी आदत डाल दी। शराब पी कर सबरीना नशे में और भी मादकता से चुदवाती थी।
दूसरे ही दिन सुबह शौहर के काम पर जाने के बाद जब समीना नहाने गयी तो सबरीना और विक्की एक दूसरे की बांहों में आ गये। लूँगी के ऊपर से विक्की का लंड पकड़ कर सबरीना ने कहा, “विक्की, आज तुझे मैं अपनी समीना दे रही हूँ। मुझे पता है कि मेरी बेटी गरम है। मुझे कई बार उसके बिस्तर के नीचे खीरा-काकड़ी मिली है। बाथरूम में अभी चूत में उँगली कर रही होगी। तू उसे अब खूब चोद और उसे भी जवानी का मज़ा दे।”
सबरीना को नीचे बिठा कर अपना लंड उसके होंठों पे रख कर विक्की बोला, “तू अब उसकी चिंता मत कर मेरी रंडी, उसे तो खूब मस्ती से चोदुँगा मैं। मुझे पता है तेरी बेटी है तो वो गरम चूत तो होगी है।”
बाथरूम के दरवाजे के बाहर नीचे बैठ कर सबरीना विक्की का लंड चूसने लगी और विक्की की-होल से बाथरूम में समीना को देखने लगा। समीना को नहाते देखने के ख्याल से और सबरीना द्वारा लंड चूसने से वो यह सोच कर गरम हुआ कि, है तो साली बीस साल की पर जिस्म एक भरी हुई औरत जैसा है। विक्की ने यह भी सोचा कि यह भी उसकी माँ जैसी ही गरम और नमकीन होगी बिस्तर में। की-होल से विक्की ने देखा कि कपड़े निकाल कर समीना अपना नंगा जिस्म आइने में देखती हुई सहला रही है। घूम कर अपनी गाँड, सीना और चूत को देख कर समीना उनको सहलाने लगी। विक्की का लंड नंगी समीना को देख कर और गरम हो गया जिसे सबरीना मस्ती से चूस रही थी। कितनी हरामी औरत थी यह सबरीना जो अपने यार को अपनी नंगी बेटी का जिस्म दिखा कर उसका लंड चूस रही थी। अब विक्की ने देखा कि समीना अपने मम्मे मसलते हुए साबून से अपनी चूत को भी सहलाने लगी। ऐसा करते वक्त वो अपनी आँखें बंद कर रही थी और अपने होंठों को अपने दाँतों से दबाती थी। समीना बार-बार अपनी चूत में उँगली भी कर रही थी। उसकी गुलाबी, बिना झाँटों वाली चूत गीली थी। उँगली से वो दाना दबा कर सिसकरियाँ भरती और दूसरे हाथ से मम्मे मसलती हुई आँखें बंद करके मस्ती कर रही थी।
यह सब देख कर विक्की ने सबरीना के मम्मे मसलते हुए उसका मुँह चोदना शुरू किया। उसने सोचा कि यह साली अपनी माँ पर गयी है, गरम माल है, काटे पर आयी है, थोड़ा और गरम करो, इसकी शरम हटाओ तो चुदवाने को तैयार होगी। वैसे भी प्लैन के मुताबिक घर में सिर्फ़ हम दो हैं और उसकी रूम लॉक है जिससे उसे सिर्फ़ टॉवल में ही बाहर आना है। १०-१५ मिनट उस कमसिन जवानी का नंगा नज़ारा देख कर विक्की का लौड़ा एक दम गरम हो गया। अब उसने सबरीना को उठाया और जाने के लिये बोला। सबरीना समीना का रूम लॉक करके कहीं बाहर चली गयी। समीना का रूम बाथरूम के पास ही था, इसलिये वो नहाने जाते वक्त अपने बाकी सब कपड़े बिस्तर पर निकाल कर रख कर सिर्फ़ टॉवल में नहाने गयी थी। जैसे ही समीना का नहाना हुआ और उसने टॉवल लपेट लिया तो विक्की आ कर सोफ़े पर बैठ गया।
समीना जब बाथरूम से टॉवल लपेट कर बाहर आयी तो विक्की को देख कर शर्मा गयी पर फिर हल्की मुस्कुराहट दे कर अपने कमरे के पास गयी। कमरे का दरवाजा लॉक देख कर वो हॉल क्रॉस करके अपनी माँ के बेडरूम की तरफ़ गयी। जब वो विक्की के सामने से गुजरी तब विक्की उसका गीला जिस्म बड़े ध्यान से देखते हुए आँखों में भरने लगा। माँ को बेडरूम में ना पा कर समीना वहीं से चिल्लायी, “अम्मी... ओ... अम्मी मेरे कपड़े तो देना। कहाँ हो तुम अम्मी?”
आँखों के कोने से विक्की समीना को देखने लगा। गीले गोरे जिस्म पर लाल टॉवल लिपटा था, बाल और जिस्म भीगे हुए थे, गोरी टाँगें घुटनों के थोड़े ऊपर तक नंगी नज़र आयी उसे। पूरा हुस्न देख कर विक्की बोला, “क्या हुआ समीना? क्यों इतनी ज़ोर से चिल्ला कर अपनी अम्मी को बुला रही हो तुम?” विक्की को अपना भीगा जिस्म देखते देख कर समीना ज़रा शरमा कर कमरे में जा कर बोली, “अम्मी कहाँ है? उसको कहो ना मेरे रूम में आये।”
विक्की बोला, “अरे सबरीना तो कुछ काम से बाहर गयी है, वो बोली थी की एक घंटे में आऊँगी, तुम को क्या काम है बोलो?” यह सुन कर समीना धीरे से बोली, “ओफ्फ ओह उसको भी इसी वक्त जाना था? अब मेरे कपड़े? क्या करूँ मैं? क्या पूरा घंटा सिर्फ़ यह टॉवल लपेटे रहूँ?” विक्की अब उसके रूम में आ कर समीना को पूरी तरह देखते हुए बोला, “क्या हुआ तेरे कपड़ों को? क्यों परेशान है तू?”
विक्की को अचानक रूम में देख कर समीना पर्दे को अपने आप पर लपेट कर बोली, “ओहह आप क्यों आये यहाँ? मॉम ने आपको चाबियाँ दी हैं मेरे वार्डरोब की?” समीना की अदा पर मुस्कुराते हुए विक्की बोला, “अरे क्या हुआ? अब तेरी अम्मी मुझे चाबियाँ क्यों देगी? आखिर हुआ क्या है जो इतनी परेशान हो गयी है तू?”
“देखो ना... उससे बोला था कि वार्डरोब में से कपड़े निकाल कर जाओ। उसने कपड़े भी नहीं रखे और चाबियाँ भी नहीं हैं। अब क्या मैं ऐसे बैठूँ उसके आने तक?” विक्की ने समीना के माथे पर पसीना देखा। विक्की सबरीना के बिस्तर पे बैठ कर वहाँ पड़ी मैगज़ीन देखते हुए बोला, “अरे हाँ यह तो सही है, पर अब किया भी क्या जा सकता है? अब तेरी अम्मी आने तक तुझे ऐसे ही बैठना पड़ेगा।”
समीना सोच में डूब गयी और उसके हाथ से पर्दा छूट गया। विक्की अब एक दम पास से टॉवल में लिपटी समीना को देखने लगा। टॉवल काफी छोटा था, बड़ी मुश्किल से समीना की जाँघों से शुरू हो कर उसके मम्मों के ऊपर तक आया था। समीना का कमसिन गीला जिस्म, टॉवल के ऊपर से झाँक रहे मम्मे, उसकी गोरी टाँगें, उसका हुस्न देख कर विक्की का लंड लूँगी में उछलने लगा। समीना के सीने पे नज़र गड़ा कर वो बोला, “बोल मैं कैसे मदद करूँ तेरी? वार्डरोब तोड़ डालूँ क्या तेरे लिये?”
समीना को विक्की की बात और नज़र से ख्याल आया कि वो टॉवल में विक्की के सामने खड़ी है पर अब वो बिना झिझक उसी हाल में रूम में घूमते हुए सोचने लगी। कमरे में घूमते वक्त उसकी नज़र विक्की के तने हुए लौड़े पर पड़ी। वो विक्की के लंड की तरफ़ देख कर बोली, “नहीं... नहीं वार्डरोब ना तोड़ो… लेकिन कुछ सोचो ना।” समीना की नज़र अपने लंड पर देख कर अंजान बन कर विक्की अपने पैर थोड़े और खोलते हुए बोला, “एक काम कर सकते हैं अगर तू हाँ बोले तो। चाहे तो मेरी शॉट्र्स और बनियान पहन सकती है तू।” विक्की को अजीब नज़रों से देखते हुए समीना बोली, “क्या आपकी शॉट्र्स और बनियान पहनूँ मैं?”
समीना के पास जा कर विक्की बोला, “हाँ, क्यों? कोई प्रॉब्लम है तुझे? या तुझे इस टॉवल में ही रहना है समीना?” समीना ज़रा सोच कर बोली, “पर... वो मैं... ठीक है दे दो अपनी शॉट्र्स और बनियान मुझे।” समीना का हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले जा कर विक्की ने उसे एक दम छोटा बनियान और छोटी सी शॉट्र्स दी। समीना शॉट्र्स और बनियान देख कर दंग हो गयी। शॉट्र्स पे जगह-जगह दाग लगे थे और बनियान भी बड़ी छोटी साइज़ का था। दोनों कपड़े देख कर समीना बोली, “ये कपड़े? ये शॉट्र्स तो बिकिनी से भी छोटी है, बनियान कितना छोटा और टाइट है।”
विक्की समीना के हाथ से कपड़े ले कर बिस्तर पर फ़ैलाते हुए बोला, “अब हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है, देख कम से कम इससे तेरे बदन पे कपड़े तो होंगे ना? भले ये कपड़े छोटे हैं पर तेरी इस टॉवल से अच्छे हैं, चल वो शॉट्र्स और बनियान पहन ले जल्दी।”
और कोई रास्ता नहीं था तो समीना कपड़े उठाने के लिये झुकी। जैसे ही वो झुकी, उसका टॉवल खुल गया। समीना ने झट से टॉवल से वापस अपना जिस्म ढक लिया पर तब तक उसने विक्की को अपने नंगे जिस्म का पूरा नज़ारा दिखा दिया था। वो टॉवल बाँध कर, कपड़े उठा कर ज़रा शर्माते हुए बोली, “उफ्फ, इस टॉवल को भी अभी गिरना था क्या? पर अब ठीक है... क्या करें? ये कपड़े तो पहनने ही पड़ेंगे... नहीं तो टॉवल बार-बार खुलेगा। लेकिन यह दाग धब्बे कैसे हैं इस शॉट्र्स पर?” समीना के पूरे नंगे जिस्म की झलक देख कर विक्की का लंड और तन गया। होंठों पे जीभ घुमा कर मुस्कुराते हुए वो समीना के पास आ कर टॉवल की गाँठ पक्की करते हुए बोला, “वो दाग काहे के हैं... बाद में बताऊँगा तुझे, पर एक बात अभी सुन, तू बिना कपड़ों के बड़ी मस्त दिखती है, दिल करता है तेरा टॉवल बार-बार निकल जाये ।” विक्की की बात से समीना एक दम फीकी पड़ गयी और शरमा कर अपने रूम में कपड़े लेकर दौड़ गयी। दरवाज़ा बंद करके बिना लॉक किये वो टॉवल निकाल कर विक्की के दिये हुए कपड़े पहनने लगी। सिर्फ़ दो कपड़ों में वो खुद को आइने में देख कर शर्माते हुए फिर बाहर आयी।
समीना को उन कपड़ों में देख कर विक्की खुश हुआ। शॉट्र्स से सिर्फ उसकी गाँड ढकी थी, गोरी टाँगें साफ़ झलक रही थी, बनियान नाभि तक आया था और टाइट होने से मम्मे उभरे हुए दिख रहे थे और समीना के कड़क निप्पल भी विक्की को साफ़ दिख रहे थे। गोल घूम कर समीना का उन तंग कपड़ों में ढका जिस्म देख कर वो बोला, “वाह क्या अच्छी दिखती हो इन कपड़ों में तुम। कसम से... इतनी मस्त लड़की आज तक देखी नहीं मैंने।” समीना बार-बार बनियान नीचे खींचती हुई अपनी नाभि को ढकने की कोशिश कर रही थी।
सोफ़े पे बैठ कर वो बोली, “क्या आप भी ना? कैसी बात करते हो? मुझे शरम आ रही है आपकी बातों से।” समीना के सामने बैठ कर उसका कमसिन जिस्म निहारते हुए विक्की बोला, “समीना अगर तुझे लड़कों ने इस ड्रेस में देखा तो टूट पड़ेंगे तुझ पर, तेरी जैसी मस्त लड़की उन्होंने कभी देखी नहीं होगी और ना देखेंगे। मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ बेटी, ऐसी कमसिन लड़की को इतने तंग कपड़ों में लड़के देखेंगे तो ना जाने क्या करेंगे तेरे बदन के साथ।”
अब और भी शर्माते हुए समीना ने अपनी नाभि छुपाने के लिये बनियान नीचे खींची। पर इससे विक्की को उसका आधे से ज्यादा क्लीवेज दिखने लगा। दुविधा में फंसी समीना बोली, “हुम्म जाने दो ना... आज सुबह से आपको कोई मिला नहीं? ऐसे कपड़े पहन कर क्या कोई लड़की बाहर जायेगी? यह तो आज अम्मी बाहर गयी है... इसलिये मैंने पहने हैं घर में यह कपड़े... नहीं तो मैं कभी नहीं पहनुँगी यह कपड़े।”
विक्की अपनी टाँगें फ़ैला कर अंजान बनते हुए लंड को मसलता हुआ समीना का क्लीवेज देख कर बोला, “अरे समीना तेरी जैसी सैक्सी लड़की कसम से आज तक ना दिखी ना मिली। तेरी बात सच है कि तू बाहर नहीं जायेगी ऐसे कपड़े पहन कर पर घर में जो मर्द हैं वो अपने पर काबू कैसे रख पायेंगे तेरा यह कमसिन जिस्म इन कपड़ों में देख कर समीना?”
समीना ने शरमा कर बनियान अपने सीने पे खींचा जिससे उसकी नाभि नंगी हो गयी। असल में समीना को मर्द का साथ चाहिये था। जबसे उस पर जवानी आयी और जबसे मर्द उसको अजीब नज़रों से देखने लगे थे, तबसे वो मर्दों से अपनी तारीफ सुनने को लालियत हो गयी थी। जब कोई लड़का उस पर फिकरा कसता या भीड़ में कोई उसका बदन छूता तो उसे अच्छा लगता था। वो चुदाई के बारे में सब जानती थी। जब तक ज़हरा यहाँ थी वो दोनों बहनें अक्सर चुदाई की बातें करती थीं पर जबसे ज़हरा हॉस्टल गयी तबसे वो अकेली पड़ गयी थी। अब जबसे विक्की घर में आया था, उसकी नज़रों से समीना समझ गयी थी कि यह मर्द उसे चाहता है। वो भी विक्की पर पहली नज़र में फ़िदा हो गयी थी। इसलिये वो विक्की से खूब बातें करती और आज भी बिंदास हो कर वो सिर्फ़ शॉट्र्स और उस छोटी सी बनियान में उसके सामने बैठी थी। आज विक्की अगर कुछ करना चाहे तो समीना ने फ़ैसला किया था कि वो झूठा नाटक करेगी पर उसे सब करने देगी। आज उसकी अम्मी भी घर में नहीं थी तो उसे कोई डर भी नहीं था। अपनी नंगी टाँगें सहलाती हुई समीना बोली, “क्या आप भी ना? अब जाने दो मेरी बात, आपने इन धब्बों की वजह नहीं बतायी, कैसे लगे यह धब्बे यहाँ?” यह पूछते हुए समीना ने अपनी टाँगें खोल कर उँगली अपनी चूत के ऊपर शॉट्र्स पे लगे धब्बे पे रखी।
विक्की आ कर समीना के पास बैठ गया। समीना के जवाब और हर्कत से वो समझ गया कि समीना शर्माने वाली लड़की नहीं है। वो जवानी में कदम रखती हुई ऐसी लड़की है जो मर्द का साथ चाहती थी। समीना के कंधे पर हाथ रख कर नज़र उसकी चूत और मम्मों पर बारी-बारी घुमाते हुए विक्की बोला, “अरे इतनी क्या जल्दी है बेटा, सब होने के बाद बता दूँगा। मेरी बात का जवाब दे, तुझे ऐसे देख कर घर का यह मर्द अपने आप पे काबू कैसे रख सकता है? ऐसा कसा हुआ गोरा जिस्म इतने कम कपड़ों में देख कर मेरी तो हालत मस्त हो रही है ।”
विक्की के स्पर्श से समीना सिहर गयी। उसे मर्द का स्पर्श तो अच्छा लगा पर शर्माते हुए वो बोली, “क्या आप भी? मैं तो आपसे बहुत छोटी हूँ और आप यह कैसी बात कर रहे हैं मुझसे? यह सब बातें जाने दो, चलो टीवी देखते है हम।” समीना ने रिमोट ले कर टीवी ऑन किया। रिमोट लेने के बहाने समीना और विक्की में लड़ाई शुरू हुई। समीना ने घूम कर रिमोट छुपाया और विक्की पीछे से उसे दबोचते हुए रिमोट लेने की कोशिश करने लगा। समीना ने भी रिमोट नहीं छोड़ा तो विक्की रिमोट लेने के बहाने समीना का जिस्म अपनी बांहों में ले कर दबाने लगा। इससे समीना की गाँड पर उसका लंड रगड़ रहा था। इस खींचा तानी में उसने समीना के सीने पर भी हाथ फिराया। समीना के कड़क मम्मे छू कर विक्की खुश हो कर बोला, “बोला ना टीवी मत लगाओ, हम सिर्फ़ तेरी बात करेंगे। समीना माना मेरी उम्र सिर्फ २६ की है तो तू इतनी भी छोटी नहीं है मुझसे… लगभग हम-उम्र ही हैं हम?”
विक्की का लंड गाँड पे रगड़ने और मम्मे मसलने से समीना एक दम सिहर गयी। अपनी गाँड और मम्मों पे विक्की का कड़क लंड और उसके हाथ उसे अच्छे लगे। वो विक्की की बांहों से छूटने की कोई कोशिश ना करते हुए बोली, “पर हैं तो आप अम्मी के मुँह बोले भाई ना? वो सब जाने दो, देखो अब टीवी ऑन करो नहीं तो मैं आप से नहीं बोलूँगी और रूम में चली जाऊँगी।”
समीना की तरफ़ से कोई विरोध ना पा कर विक्की उसे और कस कर पकड़ कर लंड पर दबाते हुए और दूसरे हाथ से मम्मे मसलते हुए बोला, “हाँ मेरी और तेरी अम्मी की बात जाने दे, अब सिर्फ़ तेरी बात करेंगे हम। तुझे मैंने रूम में जाने दिया तभी तो जायेगी ना तू? वर्ना मेरी बांहों से कैसे निकल कर जा सकती है... बता मुझे? वैसे भी उस बेकार टीवी से अच्छा तो हमारा यह लाइव चैनल है समझी?” समीना को अपने जिस्म से हो रहा यह खिलवाड़ अच्छा लग रहा था। उसने रिमोट साइड में रख दिया पर फिर भी विक्की ने उसे छोड़ा नहीं। उसके मसलने से अब समीना के मम्मे और कड़क हो कर निप्पल भी तन गये। वो बिना कुछ किये बोली, “क्या? लाइव चैनल? वो कौनसा?”
विक्की अब बनियान में हाथ डाल कर समीना के नंगे मम्मे सहलाने लगा। उसके निप्पल आराम से सहलाना और गाँड पे लंड रगड़ना उसने जारी रखा। समीना के नंगे कड़क निप्पल से खेलते हुए विक्की बोला, “लाइव चैनल कौनसा है वो बताऊँगा तुझे समीना, सब्र कर। यह बता कि कितने लड़के तुझ पर मरते हैं? तेरा रूप देख कर मरने वालों की कमी नहीं होगी ना? कोई खास पीछे पड़ा है तेरे?” समीना अब और गरम हो गयी थी। वो जो चाहती थी वो मिल रहा था उसे। विक्की की बांहों में बिना हिले मस्त होती हुई वो बोली, “हाँ एक पूरा ग्रुप है लड़कों का, उसका लीडर है सबीर, सब के सब मुस्टंडे हैं, सबीर, केतन, कैलाश और नईम। पूरा ग्रुप पीछे पड़ा है मेरे और बहुत छेड़ता भी है।”
हल्के से दूसरा मम्मा भी मसलते हुए विक्की बोला, “ओह अच्छा... ४-४ लड़के पीछे पड़े हैं तेरे? वैसे भी तू है इतनी मस्त कि कोई भी तेरे पीछे पडेग़ा। समीना तू दिखती ही है इतनी मस्त है कि कोई भी लड़का तुझ पर मर मिटे। क्या छेड़ते हैं तुझे? उनमें से कोई पसंद है तुझे?” दोनों मम्मे मसलने से समीना बेहद गरम हो गयी पर अब उसे ज़रा शरम भी आ रही थी। विक्की की बांहों से छूटने का नाटक करती हुई वो बोली, “आप मुझे ऐसे मत छूयें। प्लीज़ मुझसे दूर बैठ कर बात करो। शी मुझे नहीं कोई पसंद कोई उन लड़कों में से, सबके सब मवाली जैसे हैं। पता नहीं कॉलेज वालों ने कैसे एडमिशन दिया उनको।”
समीना को और कस कर पकड़ कर एक हाथ मम्मों पे रख के दूसरे हाथ से समीना का नंगा पेट मसलते हुए विक्की बोला, “हा हा... अरे तेरी जैसी मस्त लड़की को छेड़ने के लिये ही एडमिशन लिया होगा उन्होंने। अच्छा यह बता कि क्या छेड़ते हैं तुझे वो लड़के?”
समीना को यह मस्ती अच्छी लगने लगी पर नाटक करते हुए वो झपट के विक्की के चुंगल से खुद को छुड़ा कर अब उसके सामने सोफ़े पे बैठ कर बोली, “जाओ मैं आपसे नहीं बोलती। आप भी उन लड़कों जैसे छेड़ रहे हो, वो लड़के मुँह से छेड़ते हैं और आप हाथ से। वो लोग तो बहुत गंदा-गंदा बोलते हैं, वो सुन कर तो कान का कचरा भी निकल जाये, ऐसा तो कोई बोल ही नहीं सकता।”
विक्की अब कहाँ मानने वाला था। वो उठ के समीना के पास आ कर बैठ कर उसकी गोरी नंगी टाँगों को सहलाते हुए बनियान में बंद मम्मे ऊपर से हल्के से मसलते हुए बोला, “अरे समीना हम मर्दों का काम ही होता है चिकनी मस्त लड़कियों को छेड़ना, अब देख तेरी अम्मी बाहर निकलती है तो कितने ही मर्द उसे छेड़ते हैं और मैं भी बहुत छेड़ता हूँ पर तेरी अम्मी कभी गुस्सा नहीं होती। बोल वो मवाली लड़के क्या छेड़ते हैं तुझे? क्या बोलते हैं तेरी यह गदरायी गोरी जवानी देख कर?”
समीना ने फिर विक्की का हाथ अपने जिस्म से हटाया। उसकी अम्मी को भी ऐसे छेड़ने की बात सुन कर समीना को अजीब फ़ीलिंग आयी। वो जानती थी कि उसकी अम्मी सुंदर है पर यह नहीं पता था कि मर्द उसे भी छेड़ते हैं। विक्की का हाथ हटा कर वो वहीं बैठ कर बोली, “क्या? आप अम्मी को छेड़ते हैं? आपसे तो उम्र में काफी बड़ी हैं अम्मी और आपकी बहन जैसी हैं! आप और दूसरे मर्द अम्मी को क्या छेड़ते हैं?”
विक्की फिर हाथ उसकी जाँघ पे रख कर बनियान के नीचे हाथ डाल कर बोला, “हाँ समीना तेरी अम्मी को बहुत छेड़ा है मैंने इसलिये तेरी अम्मी पहले मुझसे गुस्सा थी लेकिन अब नहीं। तू बता वो लड़के क्या बोलते हैं तुझे, मैं किसी को नहीं बताऊँगा समझी... और उसके बाद तुझे बताऊँगा कि मैं और दूसरे मर्द तेरी अम्मी को कैसे छेड़ते हैं।”
विक्की के हाथ को बिना रोके समीना बोली, “ना..मैं... वो लोग जो बोलते हैं वैसा कभी बोल ही नहीं सकती। आप सोचो वो लोग कैसा बोलते होंगे कि में आपको उनकी बात का एक भी अल्फाज़ नहीं बता सकती। बड़े गंदे और नालायक लड़के हैं वो।” समीना की जाँघ पकड़ कर उसे अपने पास खींच कर उसकी बनियान की नेक से उसके साफ़ दिख रहे मम्मों पे उँगली फेरते हुए विक्की बोला, “अब वो क्या बोलते हैं यह मुझे समझा तो ही मैं कह सकुँगा ना कि वो कितनी गंदी बात करते हैं तेरे बारे में। देख मैं तेरी अम्मी के छोटे भाई जैसा और तेरे दोस्त जैसा हूँ, तू बता मुझे दिल खोल कर वो क्या बोलते हैं तुझे, बिल्कुल शरमा मत मेरी समीना।”
समीना थोड़ी पीछे हटी लेकिन इतना भी नहीं कि विक्की का हाथ उसे छू ना सके। अपनी गोरी जाँघों पे खुद हाथ घुमाते हुए वो बोली, “नहीं ऐसा नहीं…, मैं नहीं बोल सकती। आप तो कह रहे थे कि आप अम्मी को छेड़ते हो... तो आप को तो पता होना ही चाहिये। आप और दूसरे लोग क्या बोल कर छेड़ते हो मेरी अम्मी को?”
विक्की जान गया था कि समीना यह सब चाहती है इसलिये उसे पकड़ कर अपनी गोद में बिठा कर विक्की लंड उसकी गाँड पे रगड़ते हुए बोला, “अरे समीना तेरी अम्मी को तो मैं और दूसरे लोग, ‘क्या माल है? आती क्या आज रात मरे घर? घोड़ा देखना है क्या मेरी पैंट में छुपा हुआ? आती क्या मेरे घोड़े पे सवारी करने? तेरा हॉर्न बजाने दे ना’ ऐसा बोलते थे। तेरी अम्मी तो बिना शर्माये लोगों को देख कर मुस्कुरा देती है... अब तू बोल वो लड़के क्या बोलते हैं तुझे?”
समीना की नंगी गोरी जाँघ मसलते हुए विक्की उसकी गर्दन किस करने लगा। इस बात पे समीना बड़ी मचली। उसका जिस्म मस्ती से भरने लगा। वो एक मादक अँगड़ायी ले कर बोली, “प्लीज़ छोड़ो मुझे, आप क्यों मेरा जिस्म सहला रहे हो। और यह जो आप और दूसरे लोग अम्मी को छेड़ते हो वो तो कुछ भी नहीं, वो लड़के इससे भी गंदा बोलते हैं।”
एक हाथ से समीना की गोरी जाँघें और दूसरे से सीना सहलाते हुए गर्दन किस करते हुए विक्की बोला, “देख समीना, जब तक तू मुझे नहीं बताती कि वो लड़के क्या छेड़ते हैं तुझे, मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा, ऐसे ही तेरा जिस्म सहलाता रहुँगा। तूने अगर मुझे सब बताया तो तेरी अम्मी को लोग और कैसे-कैसे मस्ती से छेड़ते हैं वो तुझे बताऊँगा।”
समीना फिर विक्की से दूर हो कर पास की सोफ़ा कुर्सी पर जाते हुए बोली, “उम्म्म… देखो मैं कहती हूँ मुझे मत छूना। मुझे अजीब सा लगता है आपका छूना। वो लोग बहुत गंदा बोलते हैं मेरे जिस्म के बारे में। वो मुझे देख कर बोलते हैं कि मैं कितनी गोरी हूँ, मेरी मक्खान जैसी टाँगें हैं, टाँगें ऐसी हैं तो जाँघें कैसी होंगी, और अगर जाँघों का यह हाल है तो अंदर की जन्नत तो कैसी होगी। ओह समीना रानी एक बार तेरी उस नंगी जन्नत की सैर करवा दे हमें। एक साथ ४-४ खंबे देंगे तुझे रानी, बोल आती है क्या हमारे साथ। यह सब बोलते हैं वो लड़के। छी, यह सब सुन कर मुझे बहुत शरम आती है।”
विक्की समीना के पास आ कर उसे खड़ी करके फिर मम्मे सहलाने लगा। समीना को उकसाने के लिये जिससे वो खुल कर सब बताये, विक्की बोला, “अरे तो इसमें क्या गंदा बोलते हैं? गोरी टाँगें और जाँघें क्या गंदा है? वैसे भी देख तू गोरी है तो गोरा तो बोलेंगे ही ना? मैंने तेरा बाकी जिस्म देखा है अब बस अंदर की जन्नत देखनी है तेरी। मुझे लगा कुछ और गंदा बोलते हैं जैसे तेरी अम्मी को लोग बोलते हैं, पर यह छेड़ छाड़ का बोलना तो बड़ा आम बोलना है।”
समीना ने फिर विक्की का हाथ अपने जिस्म से हटा कर सोफ़ पे आकर टीवी ऑन किया। टीवी पे अब उदिता गोसवामी और इमरान हशमी का गाना चल रहा था। गाना देखते हुए वो बोली, “नहीं-नहीं, वो लोग दूसरी लड़कियों को तो ऐसे नहीं छेड़ते। कभी भी अगर मैं टी-शर्ट पहन कर जाऊँ तो वो लोग मेरी साइज़ देख कर मेरे पास से गुजरते हुए मेरी ब्रा की साइज़ के बारे में ऊँचे सुर में बातें करते हैं, जैसे कि मेरी ब्रा के साइज़ के बारे में शर्त लगाते हैं और कई बार तो ऐसा बोलते हैं कि इतनी उम्र में इतने बड़े कैसे हो गये, कितनों ने मसला है तुम्हें?”
टीवी पे चल रहा सैक्सी गाना देख कर विक्की और गरम हो गया और अब पीछे से समीना को पकड़ कर वैसे ही किस करते हुए बोला, “तो तूने अपनी ब्रा का साइज़ बताया ना उनको? बेचारे कितने दिन से पूछ रहे हैं ना तेरा साइज़? वैसे समीना तुझे किसी ने मसला है क्या? मतलब तेरे इन मम्मों को मसला है कभी?” बनियान के नीचे हाथ डाल कर मम्मे सहलाते हुए विक्की आगे बोला, “यह बता उन लड़कों में कौनसा लड़का तुझे सबसे ज्यादा पसंद है और कौन सबसे ज्यादा छेड़ता है?”
विक्की का हाथ बनियान से खींचते हुए समीना बोली, “उफ़्फ़्फ़, प्लीज़ हाथ निकालो ना। मुझे उन लड़कों में से कोई पसंद नहीं है... सब के सब मवाली हैं साले पूरा दिन कॉलेज के बाहर सिगरेट या फिर गुटखा खाते रहते हैं। अपनी ब्रा की साइज़ थोड़ी किसी लड़के को बताऊँगी मैं? वो तो सिर्फ़ मेरा शौहर ही जानेगा शादी के बाद और अब मेरी अम्मी जानती है। मैंने तो किसी को नहीं बताया।”
विक्की का हाथ ज़ोर से खींचने के चक्कर में बनियान फट गया और समीना के दोनों मम्मे नंगे हो गये। समीना ने अपना सीना शरम से छुपा लिया। विक्की वैसे ही समीना को गोद में उठा कर उसका नंगा सीना और क्लीवेज किस करते हुए अपने बेडरूम में ले जाते हुए बोला, “क्या समीना, तूने इतना ज़ोर से हाथ खींचा कि बनियान फट गया, अब मैं कल क्या पहनुँगा? मुझे लगता है कि तू झूठ बोल रही है समीना, तुझे उन लड़कों में कोई एक तो पक्का पसंद है जो तू हर दिन उनके ताने सुन कर गुजरती है। वैसे शादी के पहले अम्मी और बाद में शौहर... इन दोनों के बीच में लड़की अपनी ब्रा का साइज़ अपने बॉय फ्रेंड को भी बताती है... समझी समीना?”
विक्की के मुँह से अपना सीना बचाते हुए समीना बोली, “आपको तो बाद में कल पहननी है, मैं अब क्या पहनूँ? क्या अम्मी के आने तक यह फटी बनियान पहनूँ?” समीना को बेड पे लिटा कर उसके हाथ हटा कर विक्की उसके पास लेट कर निप्पल से खेलते हुए बोला, “जाने दे समीना, तू यही फटी बनियान रहने दे, इससे तुझे लगेगा तेरे जिस्म पे कपड़े हैं और मुझे तेरा जिस्म दिखेगा भी। वैसे तूने बताया नहीं कि कितने लड़कों ने तेरा यह जिस्म सहलाया है और तुझे उन लड़कों को अपनी ब्रा का साइज़ बताने में क्यों शरम आती है?”
समीना को पहली बार मर्द के सामने अपना नंगा सीना दिखाने और निप्पल को मर्द से मसलवाने में मज़ा आने लगा था। वो विक्की को रोके बिना बोली, “तो क्या करूँ मैं? उनको सामने से जवाब दूँ? और दूँ भी तो क्या जवाब दूँ? कि मेरी ब्रा का साइज़ ३२ है और ब्रा के कप “बी” के हैं? प्लीज़ आप मेरे जिस्म को मत छूना, मुझे गुदगुदी होती है। और वो मेरे सीने का दाना ऐसे क्यों मसल रहे हो आप? आपने बताया नहीं कि अम्मी को लोग और कैसे-कैसे छेड़ते हैं?”
समीना के हाथ हटा कर उसका सीना पूरा नंगा देख कर विक्की झुक कर बारी-बारी उसके निप्पल खूब अच्छे से चूसते हुए बोला, “अरे वाह, यह अच्छा किया जो तूने कम से कम मुझे तो अपनी ब्रा और कप का साइज़ बता दिया समीना इसे जवानी का खेल बोलते हैं, हम जैसे मर्द तेरी जैसी गरम सैक्सी मस्त लड़की के साथ यह खेल खेल कर सिखाते हैं। बोल कि जब मैं तेरा यह सीने का दाना मतलब निप्पल किस करता हूँ तो अच्छा लगता है ना तुझे? तेरी अम्मी के साथ खेल कर मैंने इस खेल की बहुत प्रैक्टिस की है... तेरी अम्मी तो इस खेल में माहिर है । तेरी अम्मी की बात थोड़े वक्त के बाद बताऊँगा, पहले यह बोल कि कितने लड़कों ने तेरा यह जिस्म छुआ है रानी?”
पहली बार मर्द से निप्पल चुसवाने से समीना बड़ी गरम हो गयी। वो हल्की सिसकरियाँ भरते हुए बोली, “हाँ बड़ा अच्छा लगता है जब आप निप्पल चूसते हो तो...! प्लीज़ पूरा लो ना और पूरा, मेरी पूरी चूचियाँ चाटो ना। आज आप मुझे जवानी का पूरा खेल सिखा देना जैसे मेरी अम्मी को सिखाया है। मेरी चूंची चूसते हुए बता दो कि आपने अम्मी को यह खेल कैसे सिखाया। मुझे उन लड़कों में से कोई भी पसंद नहीं, वैसे उन लड़कों के साथ यह करने का मन कैसे हो? उन गुंडे मवालियों से क्या मुँह लगना? हाँ भीड़ का फायदा ले कर लड़के कभी-कभी मेरा जिस्म सहलाते हैं, मेरा सीना और पिछवाड़ा दबाते हैं और पिछवाड़े पे रगड़ते हैं... बस उतना ही लड़कों से ताल्लुक हुआ है और कुछ नहीं।”
उसकी पूरी चूचियाँ चाट कर और निप्पल चूसते हुए विक्की अब समीना के ऊपर बैठ गया। उसका लंड समीना की चूत पे था और समीना के निप्पल से खेलते हुए वो झूठी कहानी बताने लगा, “ओके समीना... अब सुन... तेरी अम्मी से ये खेल मैंने कैसे सीखा। कुछ साल पहले तेरी अम्मी अपने मायके आयी हुई थी। तब मेरी उम्र उन्नीस-बीस साल थी। जब वो रास्ते से गुजरती थी तो मैं और मेरे दोस्त उसे छेड़ते थे। तेरी अम्मी कभी नाराज़ नहीं होती थी और मुस्कुरा कर निकल जाती थी इसलिये हमारी हिम्मत बढ़ गयी थी। हम उसे देख कर गंदी-गंदी बातें बोलते और इशारे करते। फिर एक दिन ऐसे ही हम चार दोस्त उसे छेड़ रहे थे तो वो हमारे पास आकर खड़ी हो गयी। उसके चेहरे पर गुस्सा था इसलिये हम डर गये। वैसे भी वो उम्र में हमसे काफी बड़ी थी। तेरी अम्मी हमें डाँटते हुए बोली कि “सालों तुम्हें सिर्फ छेड़ना ही आता या हकीकत में भी कुछ करने की औकात है तुम्हारी!...तुम्हारे लौड़ों में दम है तो करके बताओ नहीं तो दफा हो जाओ मादरचोदों!” फिर वो हमें अपने साथ ले गयी और हमारे लौड़े चूसे और हमने भी उसे खूब मसला। अगले २-३ हफ्तों में तेरी अम्मी मौका देख कर हमें रोज़ बुलाती और हम चारों के साथ मज़े करती। पर आज तुझे लंड खिला कर तेरी चूत में घुसा के तुझे जवानी का पूरा खेल सिखाऊँगा।”
विक्की द्वारा अपनी अम्मी के बारे में बतायी बात सुन कर समीना जल्दी से वो फटी बनियान अपने जिस्म पे ओढ़ कर फटी आँखों से विक्की को देखने लगी। उसकी अम्मी ने जिस हिसाब से विक्की और उसके दोस्तों से खुद को मसल्वाया था वो सुन कर उसकी चूत और गीली हो गयी। बनियान को अपने सीने पर लपेटते हुए वो बोली, “क्या बात करते हो? अम्मी तो इतनी शरीफ हैं और और वो ऐसे कैसे कर सकती हैं? मेरी अम्मी किसी के साथ, शी... इतने गंदे ज़लील काम कैसे कर सकती हैं …।”
समीना के हाथ से फटी बनियान खींच कर उसे दूर फेंक कर अब समीना के नंगे मम्मे मसलते हुए विक्की बोला, “इसमें कैसी गंदगि समीना? तेरी माँ अम्मी आईटम थी तब भी और अब भी है, साली अब भी देख कैसे मेंटेंड रखा है उसने अपना जिस्म। एक बात है समीना तेरी अम्मी जैसे लंड आज तक किसी ने नहीं चूसा, क्या मस्ती और लगन से चूसती है सबरीना। अरे अगर वो शादीशुदा नहीं होती और मेरी उम्र की होती तो मैं भगा कर ले जाता उसे और तेरे बाप से भी ज्यादा चोदता रहता उस माल को।”
विक्की अब समीना को खींच कर अपनी गोद में बिठा कर उसके मम्मे मसलने लगा। समीना भी गरम हो कर अपनी गाँड उसके लंड पे दबाने लगी। अपनी अम्मी की बात सुन कर उसे बड़ा अच्छा लग रहा था। इसका मतलब था कि उसकी अम्मी जिसे वो एक अच्छी औरत मानती थी वो तो कई मर्दों से अपना जिस्म मसलवा चुकी थी और कितने ही लंड चूसे थे उसने। समीना को ज़रा भी शक नहीं हुआ कि विक्की झूठ बोल रहा था। अपनी अम्मी की रंगीन करतूत सुन कर समीना और गरम हुई और वो विक्की के गले में हाथ डाल कर विक्की का चेहरा किस करती हुई बोली, “गंदी और ज़लील बात तो है ही ना? कोई औरत या लड़की मस्त लगे तो उसका मतलब यह थोड़े ही है कि तुम्हें उसे छेड़ने लग जाओ… उम्र का तो लिहाज़ करना चाहिये…. और अम्मी ने भी अपनी इज़्ज़त का लिहाज़ किये बिना आप लोगों को लिफ्ट देकर सब कुछ करवाया। अब आप ही देखो ना, आपने कितनी बार मेरी बनियान उतार दी पर अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आप की निक्कर पर यह सब दाग कैसे हैं। वैसे क्या अम्मी का फिग्र वाकय में इतना मस्त है?”
एक हाथ से समीना के मम्मे मसलते हुए और दूसरे हाथ से पहले उसे कस कर अपने लंड पे दबाते हुए विक्की अब समीना की गोरी जाँघें सहलाता हुआ बोला, “समीना जब तेरी अम्मी जैसी गरम औरत हमारे सामने हिरोईन बन कर चलेगी तो हम उसके साथ ऐसे ही छेड़खानी करते हैं... हमें हमेशा तेरी अम्मी जैसे औरत चाहिये होती है… फिर चाहे उम्र में बड़ी हो या छोटी। देख अपनी सब बात होने के बाद तुझे बताऊँगा कि दाग कैसे लगे। तेरी अम्मी की फ़िगर देख अब कितनी अच्छी हुई है, साली के मम्मे और पिछवाड़ा एकदम उभर आया है। वैसे समीना तुने भी अभी तक मुझे खुल कर बताया नहीं कि वो लड़के क्या छेड़ते हैं और कहाँ टच करते हैं तेरा यह जिस्म?”
समीना भी अब गरम हो गयी थी और उसने विक्की का टी-शर्ट उतार दिया। वो विक्की की तरफ़ घूम कर उसकी गोद में बैठ गयी। अब वो दोनो सिर्फ़ शॉट्र्स में थे। उसकी बांहों में समीना बेशर्म हो कर बैठी थी। विक्की का पूरा चेहरा किस करते हुए समीना बोली, “हिरोईन बन कर चले मतलब कैसे चले? मैं कुछ समझी नहीं। फ़िगर अब अच्छी हुई मतलब क्या कुछ साल पहले अम्मी का सीना कैरम जैसा था? खुल कर बताओ ना। देखो मैंने आपको बताया कि वो लोग क्या बोल कर छेड़ते हैं, रही बात कहाँ टच करते हैं... वो तो मैं उनको करने नहीं देती। हाँ कॉलेज से छूटते वक्त वो लोग भीड़ का बहुत फायदा उठाते हैं... आगे पीछे मुझे कवर करके मेरी छाती और मेरी जाँघों को सहलाया करते हैं।”
विक्की अब समीना की चूत पे अपना लंड रगड़ने लगा। उसे लगा नहीं था कि यह कमसिन लड़की इतनी गरम माल होगी। यह तो साली अपनी अम्मी से भी गरम थी। आखिर एक गरम औरत की बेटी भी उसके जैसी गरम ही होगी... यह सोच कर विक्की समीना के कड़क मम्मे ज़रा मस्ती से मसलते हुए बोला, “हिरोईन बन कर मतलब... ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहन कर गाँड ठुमकाते हुए, नाक चढ़ा कर, हम लोगों को चूतिया समझ कर चलती थी...। कैरम बोर्ड नहीं... तेरी अम्मी तब भी मस्त माल थी, सीना काफी उभरा था... अब सीना ज्यादा बड़ा हुआ है पर उसके मम्मों में झुकाव नहीं है ज़रा भी। एक दम टाइट मम्मे हैं साली के और गाँड भी काफी भरी हुई है, लगता है तेरा बाप सबरीना की गाँड में पेलता होगा ज्यादा।। जब तेरी जाँघ और छाती मसलते है वो लड़के तो कैसा लगता है तुझे समीना?”
समीना अब खुद विक्की के लंड पे अपनी चूत रगड़ते हुए बोली, “आपको बहुत मज़ा आता होगा ना माँ को मसलने और उससे मस्ती करने में? लड़कों के सहलाने से तो मुझे अच्छा लगा पर उनका बोलने का ढंग जरा भी नहीं, एक दम जंगली हैं वो लड़के, लड़की को बस हवस की नज़र से देखते हैं। रही बात कि अम्मी और डैड क्या करते होंगे... यह पता नहीं... पर मैंने कहीं पढ़ा है कि प्रेगनेंनसी के बाद लेडीज़ की बैक साईड फ़ूल जाती है और अम्मी को तो टिवन्स हुई थीं... इसलिये उनका पिछवाड़ा इतना बड़ा हुआ होगा।”
समीना की कमर में हाथ डाल कर उसे अपने लंड पे दबाते हुए विक्की अब समीना के मम्मों को मसलते और निप्पलों से खेलते हुए बोला, “मुझे पता है कि प्रेगनेंनसी के बाद औरत की गाँड फूलती है लेकिन गाँड को बार-बार लंड से चोदने से भी गाँड फूलती है जैसे तेरी माँ की फूली है। अगर तेरा बाप नहीं तो मेरी तरह कोई और तेरी मस्त माल सबरीना की गाँड में लंड पेलता होगा, कुत्तिया बना कर चोदता होगा तेरी अम्मी को… वैसे भी सबरीना तो छिनाल है... लंड देखते ही मुँह और चूत में पानी आ जाता है उसकी। अब वो लड़के क्या बोलते हैं वो तूने बताया लेकिन इससे क्या ज्यादा गंदा बोलते हैं जिससे तू उनको जंगली कहती है... यह नहीं बताया, कुछ भी बोलते होंगे मुझे खुल कर बता सब समीना।”
समीना अब विक्की को ज़रा भी रोक नहीं रही थी। वो चाहती थी कि विक्की आज उसे चोद डालें। वो अपनी अम्मी के बारे में इतना गंदा सुनने के बाद और गरम हो गयी थी। अब पूरी बात बताने का फैसला करते हुए वो विक्की का मुँह अपने निप्पल पे दबाती हुई बोली, “वेल... मुझे शरम आती है बोलने में पर फिर भी बताती हूँ। वो लड़के जो बोलते हैं ना वो बहुत गंदा है। मेरे जिस्म के बारे में कहते हैं कि कितनी गोरी और मक्खन जैसी टाँगें हैं, टाँगें ऐसी हैं तो जाँघें कैसी होंगी और अगर जाँघों का यह हाल है तो अंदर की जन्नत तो कैसी होगी? वो यह भी बोलते हैं कि समीना की बहन और अम्मी भी एक दम मस्त हैं, इन तीनों को एक साथ नंगी करके मस्ती करनी चाहिये। वो और बोलते हैं कि समीना की अम्मी सबसे मस्त है, एक साथ उस चुदक्कड़ राँड को चोदना चाहिये, एक आगे से, एक पीछे से और तीसरा उसके मुँह में देना चाहिये। ज़हरा को भी ऐसे ही छेड़ते थे वो और अब वो हॉस्टल गयी तो मुझे अकेली को छेड़ते हैं। वो लड़के लोग तो यह भी कहते हैं कि इस अम्मी और मैं उनके मोहल्ले में जा कर उनके डाँडिया लेकर डाँडिया खेलें। यह सब सुन कर मुझे बहुत शरम आती है... पर यह सब सुन कर मैं गरम भी हो जाती हूँ। कई बार उन्होंने भीड़ में मेरा पूरा जिस्म मसला है, वो चारों एक साथ आगे पीछे और साईड में आते हैं और मेरे जिस्म का जो हिस्स जिसे मिले, वो मसलने लगते हैं। मुझे अच्छा लगता है उनसे मसलवाना इसलिये मैं भी रेज़िस्ट नहीं करती उनको।”
समीना के जवाब से विक्की का लंड और कड़क हो गया तो वो समीना की एक चूंची चूसने और दूसरी को मस्ती से मसलने लगा। समीना का नंगा जिस्म सहलाते हुए वो बोला, “अरे समीना, वो लड़के सच ही तो बोल रहे हैं। तेरी अम्मी और तुम दोनों बहनें हो ही इतनी मस्त कि हम मर्दों का लंड तुम्हें देखते ही खड़ा हो जाये। कसम से मेरी भी अब तमन्ना है कि सबरीना, तुझे और ज़हरा को एक साथ नंगी देखूँ। उफ़्फ़्फ़ बहनचोद साली देख तेरी यह जवानी देख कर मेरा लंड कैसे खड़ा है। यह अच्छी बात है कि चार-चार लड़के एक साथ तुझे मसलते हैं समीना... इससे तू ज्यादा से ज्यादा मर्दों के साथ चुदाई कर सकेगी।” समीना का हाथ अपने लंड पे दबाते हुए विक्की आगे बोला, “ले, तू भी अपनी अम्मी जैसे मेरा लौड़ा सहला। मेरा लंड सहला कर बता कि मेरा डाँडिया कैसा है रानी? खेलेगी इसके साथ? ज़हरा को भी खूब मसलते होंगे ना लड़के? कभी किसी लड़के का डाँडिया छुआ था तूने जान?”
विक्की का गरम लौड़ा सहलाना समीना को बड़ा अच्छा लगा। वो शॉट्र्स के ऊपर से लंड को खूब ज़ोरों से मसलते हुए सिसकरियाँ भरने लगी। विक्की के मुँह में अपनी चूंची और दबाते हुए वो बोली, “ऊँफ्फ़्फ़्फ़ कितना अच्छा लग रहा है आपका डाँडिया मसलने में। सच बोलो मेरे और अम्मी के जिस्म में सबसे अच्छा किसका जिस्म है? वेल... अम्मी के कईंयों के साथ पोस्ट मैरिटल लफड़े है... यह तो मैं मान नहीं सकती। सच बोलूँ तो आपका यह डाँडिया देख कर मुझे मेरी कॉलेज याद आ गयी। जब हम कॉलेज से छूटते थे तब बहुत भीड़ होती थी और यह मुस्टंडे मेरे आगे पीछे होते थे। जो पीछे वाला लड़का होता वो अपना लंड मुझसे सटा के रख कर पूछता था कि कैसा है मेरा लंड समीना? तो मैं भी जवाब देती थी कि बाहर निकाल कर दिखा तो सही... काला है कि गोरा। ऐसे एक बार उन लड़कों ने मुझे और ज़हरा को भीड़ में पकड़ कर वही सवाल किया तो मैंने भी वही जवाब दिया। मेरा जवाब सुन कर शाम को नुक्कड़ के एक कॉर्नर में ले कर उन तीनों ने अपने लौड़े बाहर निकाले। हाय अल्लाह, कितने काले और लंबे थे... उनके लंड मुँह पे गीले भी थे। उन्होंने हमे उनके लंड सहलाने को दिये और उस दिन हमें खूब मसला। मुझे तो बहुत मज़ा आया पर ज़हरा डर गयी थी अब भी यह लड़के मुझे देखते हैं और बुलाते हैं पर मैं कभी-कभी ही जाती हूँ और उनसे अपना जिस्म मसलवाती हूँ। अंकल उन लड़कों के लंड से आपका लंड बड़ा है और गरम भी ज्यादा है।”
समीना की कहानी सुन कर विक्की खुश हुआ। समीना को गोद में उठा कर वो खड़ा हुआ और अपनी शॉट्र्स निकाल दी। अब विक्की मादरजात नंगा था। समीना उसका लौड़ा देखती रही। इतना लंबा, मोटा और टाइट लंड वो पहली बार देख रही थी। विक्की शॉट्र्स के ऊपर से समीना की कमसिन चूत मसलते हुए उसका हाथ अपने लंड पर रख कर बोला, “बहनचोद तू बड़ी मस्त लड़की है, इतना मसलवाया अपना जिस्म उन लड़कों से और अब बता रही है। तेरी अम्मी हम चार दोस्तों के साथ मस्ती करती थी और तू ३ लड़कों के साथ करती है। मज़ा तो खूब मिलता होगा ना तुझे रानी? ज़हरा इतनी से बात से डर गयी? ज्यादा से ज्यादा क्या होता? वो लड़के लोग उसे चोदते ही ना और क्या करते? वैसे भी तू और तेरी बहन जैसी गरम लड़कियाँ हमारी रंडी बनने के लिये पैदा होती हैं, कुछ जल्दी बनती हैं जैसे तेरी अम्मी... कुछ लेट जैसे ज़हरा बनेगी। समीना, सच बोलूँ... जान तो तेरी अम्मी से अच्छी तू है क्योंकि तू कमसिन चूत है, तेरी अम्मी ने ना जाने कितने लंड लिये होंगे पर तू पहला लंड लेने वाली है... वो भी मेरा लंड। उन लड़कों को तूने अच्छा जवाब दिया रानी और यह भी अच्छा हुआ कि उन लड़कों ने तुम बहनों को अपने लौड़े दिखाये। समीना जब वो तेरी गाँड पे लंड रगड़ते या तू हाथ से उनके लंड मसलती तो तुझे इच्छा नहीं होती लंड चूत में लेने की? अपनी जवानी उनके हवाले क्यों नहीं की? अरे तेरी अम्मी के तो शादी बाहर कितने ही लफड़े चलते हैं । जवान लड़कों के लौड़ों की तो दीवानी है तेरी अम्मी! कई बार मैंने तेरी अम्मी को तुम्हारे नौकर के साथ बेडरूम में रंग रलियाँ मनाते देखा है। तेरी अम्मी बड़ी चुदक्कड़ है समझी? साली दारू पी कर मस्त हो कर चुदवाती है। साली समीना तू मेरी जान है, अब देख मैं नंगा हुआ हूँ... क्या तू अपना यह सैक्सी जिस्म नंगा करके नहीं दिखायेगी मुझे जान?”
समीना विक्की का लंड दोनों हाथों से मसलने लगी। विक्की ने उसे मस्त गरम किया था। वैसे भी वो किसी लड़के से चुदवा लेती लेकिन विक्की का लंड देख कर उसे यकीन हुआ कि उन लड़कों में किसी का भी लंड विक्की जितना नहीं था। विक्की का लंड मस्ती से मसलते हुए समीना बोली, “आपने इतनी औरतों को चोदा है तो आप जानते ही हैं कि हर जवान लड़की को अपना जिस्म मसलवाने का दिल करता है, सब चाहती हैं कि कोई उनकी जवानी की तारीफ करते हुए उसके साथ कोई मर्द खेले। आखिर यह जवानी सिर्फ आइने में देखने ले लिये तो है नहीं। मैं लंड तो लूँगी आपका लेकिन अभी थोड़ा रुको। मैं चाहती हूँ कि मेरी पहली चुदाई बड़े आराम से हो, आप मुझे और मैं आपको पूरा गरम करेंगे और बाद में आप मुझे चोदो। मैंने कई बार चाहा कि उन लड़कों में किसी से चुदवा लूँ पर फिर अम्मी और हम बहनों के बारे में वो इतनी गंदी बात करते थे कि मूड ऑफ हो जाता और मैं इरादा बदल देती। उसके बाद मैं कई दिन उनसे नहीं मिलती पर जब जिस्म नहीं मानता तो जा कर उनसे फिर मसलवा लेती हूँ। और वो जो नौकर की बात आप करते हैं... तो वो बड़ा हरामी है। मैं जानती हूँ कि अम्मी उससे चुदवाती है। मैंने भी कईं बार उनको चुदाई करते देखा है। एक बार जब अब्बू ने उनको रंगे हाथ पकड़ा तो अम्मी ने अब्बू को बताया कि नौकर का दिमाग फिरा है और वो ज़रा पागल है। बेचारे अब्बू, अम्मी की बात सच समझ बैठे और इज़्ज़त की वजह से बात दबा दी। इससे अब अम्मी को पूरी आज़ादी मिल गयी और वो अब भी उस नौकर से चुदवाती है।”